हनुमान जी महाराज अखण्ड ब्रम्हचारी हैं, गौस्वामी तुलसीदास जी महाराज द्वारा रचित समस्त ग्रंथों में अखण्ड ब्रम्हचर्य और राम भक्त रूद्रावतार ही प्रमाणित हुऐ हैं, भ्रांन्तियां जो बनी हैं वे तत्थ्यो की गहन जानकारी का अभाव ही सिद्ध होता हैं,😊नारायण💐💐💐💐💐
श्रीमत परमहंस परिव्राजकाचार्य राजराजेंद्र सेवित चरणारविंद सर्वतंत्र स्वतंत्र अनंतश्रीविभूषित श्रीमद जगतगुरू शंकराचार्य ऋग्वेदिय पूर्वान्मय गोवर्धनमठ पुरीपीठाधिश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज की जय । श्री चरणोमे दंडवत प्रणाम। 🙏🙏🙏
*पराशरसंहिता* को अप्रामाणिक कहने की शीघ्रता न की जाय। पराशरसंहिता का मूलान्वेषण करके ही प्रसङ्ग स्पष्ट किया जाना उचित होगा। किसी विद्या की प्राप्ति के लिये हनुमान् जी को विवाहित होना अनिवार्य था, एतदर्थ सूर्य की आज्ञा से हनुमान् जी ने सुवर्चला को स्वीकार किया परन्तु वर-शापानुसार सुवर्चला शीघ्र ही पर्वत पर तपस्या करने चली गयी और हनुमान् जी का ब्रह्मचर्य भी व्यवस्थित ही रहा। पुनः ब्रह्मचारी के अनेक प्रकार हैं, जिनकी सङ्गति होनी चाहिये। पराशरसंहिता को अप्रामाणिक कहने से पहले अधिकारी के द्वारा ही उसके बहिरन्तरङ्ग प्रमाण-परीक्षणों को साधना आवश्यक है। दक्षिण भारत में सपत्नीक हनुमान् जी के कतिपय प्राचीन विग्रह और मन्दिर भी हैं। जय शिव *शक्तिसहितहनुमद्ध्यानम्* *माता सुवर्चलादेवी पिता मे वायुनन्दनः । बान्धवा हनुमद्भक्ताः स्वदेशो भुवनत्रयम् ॥ भक्तकल्पतरुं सौम्यं लोकोत्तरगुणाकरम् । सुवर्चलापतिं वन्दे मारुतिं वरदं सदा ॥ सुवर्चलाधिष्ठितवामभागं वीरासनस्थं कपिवृन्दसेव्यम् । स्वपादमूले शरणागतानामभीष्टदं श्रीहनुमन्तमीडे ।।*
Gangadhar pathak एसे ध्यान तो कोय भी बनासकते है किसि शास्त्र से प्रमाण होतो बात बनें एवम् सुर्य कि पुत्री सुवर्चला हुइ ही नहि आज तक किसि पुराणमें सुर्य की सुवर्चला नामक पुत्री का वर्णन नहि है
Kabhi kabhi kisi granth me Milawat ho jati hai. To kabhi kabhi Poora granth hi fake bana diya jata hai. Hame kya dekhna chahiye? Granth Apramanik hai ya nahi. Agar Pramanik nahi hai to Kitne Praman me. Katha Pramanik hai ya nahi wo dekhna chahiye. Baki grantho se references lekar dekhna chahiye ke koi Katha kitne level tak sahi hai. Aur sabse Imp SATYA, NYAAY aur DHARM ka adhar hai ya nahiwo dekhna chahiye. Kyonki Bhagwan Satya Dharm ka Ullanghan kabhi nahi karte. Udaharan ke taur pe Agar Bhishma ji ne Pratigya li hai ke wo kabhi nahi tutegi. Atleast us KALP ya Timeline me ghadi Mahabharat me to bilkul nahi.
Isi Parampara ke karn toh Kuru aur Yadu Vansh ka Vinash hua tha Mahabharat padiye toh pta chalega kaise ku riti ne Adharma ko badawa diya tha. Fir Upanishad ko samjiye
हनुमान का विवाह हुआ था या नहीं ? यह तो नहीं पता। लेकिन आंध्र प्रदेश में हनुमान जी का एक मंदिर है जिसमें वे अपनी इस कथित पत्नी के साथ विराजमान हैं। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ऐसा माना जाता है जब सूर्य देव हनुमान जी को शिक्षा दे तो कुछ ऐसी शिशाएं भी थी जिन्हें केवल विवाहित को ही दिया जा सकता था। इसलिए सूर्य देव ने अपनी पुत्री का विवाह हनुमान जी से करवाया था। मैं इसकी पुष्टि नहीं कर रहा केवल मान्यता बता रहा हूं। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
यह कहानी ही गलत है क्यूंकि उसमे व्याकरण सम्बन्धी शिक्षा की बात है जिसमे विवाह का प्रश्न नहीं है वैसे भी पहले ब्राह्मचार्य पालन करने के बाद ही विवाह होता था जब शिक्षा पूरी हो जाती थी
भगवान ऋषभदेव, भगवान श्रीराम, भगवान श्री कृष्ण, भगवान महावीर, भगवान बुद्ध,श्री गुरु गोविंद सिंह जी ,यह सब अहिंसा के पुजारी थे उन्होंने हिंसा नही सिखाइ लेकिन हम हिंसा के मार्ग पर चलकर धर्म के विरोध में खड़े होते है।
@@VivekMishra jaise agr ap pet bharne ke liye fal khate hain toh ap us per ke sath bhi hinsa kr rhe hain lekin agr na khaye toh apne sarir ko dukh dekar uske sath hinsa kr rhe hain aur dharm sankat mein ja re hain isiliye esa krna hinsa nhi mana ja skta kyunki jiwah jiwasya bhojanam
महाराज जी ब्रह्मचारी खंडित की बात नहीं है बात है हनुमान जी का विवाह हुआ है पाराशर संगीता में दिया हुआ है प्रमाणित है या नहीं पराशर संहिता यह स्पष्ट करो
विवाह संस्कार हुआ था हनुमानजी का ये सत्य हैं..पराशर संहिता के अनुसार हनुमानजी को "सिद्धियों" व "निद्धियों" की प्राप्ति हेतुं सपत्नीक बैठना आवश्यक था.. इसके तोड़ के लिए सूर्यदेव ने अपनी पुत्री से विवाह का प्रस्ताव रख के इस समस्या का समाधान किया..वैसे भी उनकी पुत्री को श्राप था पति द्वारा त्यागने का..
विधि अर्थात किसी कार्य के निष्पादन की रीति या नियम..विधा अर्थात किसी कार्य को करने की रीति अथवा नियम का ज्ञान... आप विधि के स्थान पर विधा शब्द का प्रयोग कर के देखिए..सहज ही लगेगा..🙏
उतंक मुनि ने ऋषि गौतम की पुत्री से विवाह किया था ,जो की ऋषि गौतम ने ऋषि उतंक की सेवा और शिष्यत्व से प्रसन्न होकर उन्हें पाणिग्रहण में प्रदान की थी . अतः यहाँ गुरुपुत्री विवाह होना संभव है ऐसा स्पष्ट होता है ।।
हनुमान जी महाराज अखण्ड ब्रम्हचारी हैं, गौस्वामी तुलसीदास जी महाराज द्वारा रचित समस्त ग्रंथों में अखण्ड ब्रम्हचर्य और राम भक्त रूद्रावतार ही प्रमाणित हुऐ हैं, भ्रांन्तियां जो बनी हैं वे तत्थ्यो की गहन जानकारी का अभाव ही सिद्ध होता हैं,😊नारायण💐💐💐💐💐
जगतगुरु शंकराचार्य जी भगवान की जय 🙏🙏🕉⚔🚩🚩🚩🚩
जगतगुरुशंकराचायॅभगवनकीजयहो शतशतनमन नमनहै दंडवत है जयशंकर जी नमोनमः जी हर हर महादेव जी नमोनमः जी ।
मेरी शंका दूर करने के लिए बहुत बहुत आभार धन्यवाद 🙏
बहुत ही उत्तम सामाधान किया आपने..
कोटि कोटि नमन प्रभु....
परम श्रद्धेय जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी जी,
आपके श्री चरणों मे कोटि-कोटि-कोटि वन्दन है ।।
जय श्री राम
Millions of foot salutations of Shankaracharya Ji 🚩🕉️🙏😍
श्रीमत परमहंस परिव्राजकाचार्य राजराजेंद्र सेवित चरणारविंद सर्वतंत्र स्वतंत्र अनंतश्रीविभूषित श्रीमद जगतगुरू शंकराचार्य ऋग्वेदिय पूर्वान्मय गोवर्धनमठ पुरीपीठाधिश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज की जय । श्री चरणोमे दंडवत प्रणाम। 🙏🙏🙏
सत्य सनातन धर्म की जय हो
प्रणाम शङ्कराचार्य जी साष्टांग दण्डवत् प्रणाम निवेदन !
गुरु देव भगवान शंकराचार्य स्वामी श्री को नमन
आप परम ज्ञानी है आप को सादर 🙏🙏🙏
हे परम पूज्य महात्म्न,
आपके श्री चरणों मे कोटि-कोटि-कोटि नमन है ।।
🙏 नारायण नारायण नारायण 🙏
हनुमान का विवाह नहीं हुआ था सुरेश कुमार दीक्षित ने
Radha Radhe krishna
जय जगन्नाथ
क्वचित् क्वचित् पुराणेषु विरोधो यदि लभ्यते।
कल्पभेदेन तत्सर्वं समाधेयं मनीषिभि:।।🙏🚩🙏
*पराशरसंहिता* को अप्रामाणिक कहने की शीघ्रता न की जाय। पराशरसंहिता का मूलान्वेषण करके ही प्रसङ्ग स्पष्ट किया जाना उचित होगा। किसी विद्या की प्राप्ति के लिये हनुमान् जी को विवाहित होना अनिवार्य था, एतदर्थ सूर्य की आज्ञा से हनुमान् जी ने सुवर्चला को स्वीकार किया परन्तु वर-शापानुसार सुवर्चला शीघ्र ही पर्वत पर तपस्या करने चली गयी और हनुमान् जी का ब्रह्मचर्य भी व्यवस्थित ही रहा। पुनः ब्रह्मचारी के अनेक प्रकार हैं, जिनकी सङ्गति होनी चाहिये। पराशरसंहिता को अप्रामाणिक कहने से पहले अधिकारी के द्वारा ही उसके बहिरन्तरङ्ग प्रमाण-परीक्षणों को साधना आवश्यक है। दक्षिण भारत में सपत्नीक हनुमान् जी के कतिपय प्राचीन विग्रह और मन्दिर भी हैं। जय शिव
*शक्तिसहितहनुमद्ध्यानम्*
*माता सुवर्चलादेवी पिता मे वायुनन्दनः । बान्धवा हनुमद्भक्ताः स्वदेशो भुवनत्रयम् ॥ भक्तकल्पतरुं सौम्यं लोकोत्तरगुणाकरम् । सुवर्चलापतिं वन्दे मारुतिं वरदं सदा ॥ सुवर्चलाधिष्ठितवामभागं वीरासनस्थं कपिवृन्दसेव्यम् । स्वपादमूले शरणागतानामभीष्टदं श्रीहनुमन्तमीडे ।।*
उत्तर देने में सिघ्रता एवं अधूरा ज्ञान आप के विवेक को भवन्नवो से लिल गया!🙏😂👎
Gangadhar pathak एसे ध्यान तो कोय भी बनासकते है किसि शास्त्र से प्रमाण होतो बात बनें एवम् सुर्य कि पुत्री सुवर्चला हुइ ही नहि आज तक किसि पुराणमें सुर्य की सुवर्चला नामक पुत्री का वर्णन नहि है
कल्प भेद है, जैसे
जलंधर एक जन्म में रावण तो प्रत्पभानु एक दूसरे कल्प में।
Kabhi kabhi kisi granth me Milawat ho jati hai.
To kabhi kabhi Poora granth hi fake bana diya jata hai.
Hame kya dekhna chahiye?
Granth Apramanik hai ya nahi.
Agar Pramanik nahi hai to Kitne Praman me.
Katha Pramanik hai ya nahi wo dekhna chahiye.
Baki grantho se references lekar dekhna chahiye ke koi Katha kitne level tak sahi hai.
Aur sabse Imp SATYA, NYAAY aur DHARM ka adhar hai ya nahiwo dekhna chahiye.
Kyonki Bhagwan Satya Dharm ka Ullanghan kabhi nahi karte.
Udaharan ke taur pe Agar Bhishma ji ne Pratigya li hai ke wo kabhi nahi tutegi.
Atleast us KALP ya Timeline me ghadi Mahabharat me to bilkul nahi.
बहुत सुन्दर, विशेष धन्यवाद महाराज श्री
अति उत्तम । अनमोल ज्ञान।
बहुत ही अच्छा ज्ञान है
पूज्य चरणों में सादर प्रणाम
🙏🙏🙏 चरण कमलों में वंदन 🙏🙏🙏
बहुत सुंदर
Very good and apt explanation
पूज्य गुरु देव भगवान की जय हो
JAI HO GURU JI KI 🙏
!! JAY SHREE RAM !! !! JAY HANUMAN !!
गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏
Very nicely answered.
Very nice ly explained
Jai Shree Ram
दंडवत प्रणाम
Guru Dev Ji Bhagwan Ke Sri Carno Me Barmbar Bandan Namn Swikar Ho
Jai siya ram 💐🌺🌿 prabhu ji pranam 🌹🙏🌹
Jai shree ram
Har Har Mahadeo 🚩🔱🙏
SADAR PRANAM GURUVERJI...
गूरू शरणम...
Jai ho parvo
Har Har mahadev 🙏jai shree guru Maharaj ji ki koti koti parnam 🙏
Shri pujniya Gurudev Shri Anant vibhushit Rigvediya purvamanay Goverdhan math Puri Pithadhishwar Shrimad Jagadguru Shankaracharya ji mahabhag ke Shri Kamal charnon mein dandwat vandan.
Hindu Nagar Sheoganj (Rajasthan).
Achi baat he samay sadh kaam me lega rehe he koti koti vandan
जयश्रीराम
Drsno Ki hardik abhilasha
Juruji ke charno me das ka pranam
गुरुदेव भगवान जी की जय
Har Har Mahadev
Jai Guru dev 🙏🚩
Guruji parnam
🙏🙏🙏🙏🌷🌷🌷jai shree laxmi Narayan gurudev bhagwan ji
जय श्री राम
Sader pernam gurudev
Charan asparsh prabhu.
Shri pujniya Gurudev Shri Anant vibhushit Rigvediya purvamanay Goverdhan math Puri Pithadhishwar Shrimad Jagadguru Shankaracharya ji mahabhag ke Shri Kamal charnon mein dandwat vandan.
Sheoganj(Rajasthan).
Jai guru Dev
🙏🙏🙏
हरि ॐ शिव 🙏🙏🙏
jai Jaganaath
जय जग्गानाथ
jai sri ram.jai mahabir hanuman.har har mahadev.
🙏🌹🌻🙏
सूर्यदेव कैसे मर्यादा विरूद्ध आदेश देते।
🌹🌹🌹🙏🙏🙏🌹🌹🌹
Mafi
🙏🙏
बहुत सुंदर🙏
Shashank Chaturvedi
Pranam Pujjya gurudev
🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳
🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙏
jai gurudev
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Where we get such erudite speakers gurus after him?
सुवर्चा माने दिव्य वचन ज्ञान आदि जो हनुमान को सूर्य ने दिया यही देना ज्ञान रूपी बेटी देना है।
ये कौन व्यक्ति है जो कुर्सी पर बैठे हैं जो शंकराचार्य भगवान के समक्ष बैठे हैं
Naman
*_अच्युत अनन्त गोविन्द_*
जय हो
manoj morya
देवी-देवताओं यथारूपस्वीकारनेमेहीभलाईहै
जाकीरहीभावनाजैसी। प्रभु मूरतदेखीतिनतैसी।।
द
कमभोजदेस, thailand आदि के रामायणों में हनुमानजी विवाहित है।
🕉️🔱🇮🇳🔱🕉️
Kanya gift dena kaunsi good parampara thee?
Isi Parampara ke karn toh Kuru aur Yadu Vansh ka Vinash hua tha
Mahabharat padiye toh pta chalega kaise ku riti ne Adharma ko badawa diya tha.
Fir Upanishad ko samjiye
गलत बात है कि हनुमानजी का विवाह हुआ था । वस्तुतः हनुमानजी का विवाह हुआ ही नही था ।
हनुमान का विवाह हुआ था या नहीं ? यह तो नहीं पता।
लेकिन आंध्र प्रदेश में हनुमान जी का एक मंदिर है जिसमें वे अपनी इस कथित पत्नी के साथ विराजमान हैं।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ऐसा माना जाता है
जब सूर्य देव हनुमान जी को शिक्षा दे तो कुछ ऐसी शिशाएं भी थी जिन्हें केवल विवाहित को ही दिया जा सकता था। इसलिए सूर्य देव ने अपनी पुत्री का विवाह हनुमान जी से करवाया था।
मैं इसकी पुष्टि नहीं कर रहा केवल मान्यता बता रहा हूं।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
शायद वो मंदिर सुग्रीव भगवान का हो सकता है
यह कहानी ही गलत है क्यूंकि उसमे व्याकरण सम्बन्धी शिक्षा की बात है जिसमे विवाह का प्रश्न नहीं है वैसे भी पहले ब्राह्मचार्य पालन करने के बाद ही विवाह होता था जब शिक्षा पूरी हो जाती थी
Guru ke sisya se bibaha karna mana he.
Fir Brahma ne apni beti sarswati se kaise kiya?
Hanuman ki shadi ye mahatma ji ne dekha hai kya?
PHD कहाँ से आया भाई?????😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
तो फिर भगवान कृष्ण ने अर्जुन (जो उनके बुआ कुंती के लड़के थे) से अपनी बहन सुभद्रा का विवाह क्यों कराया? अर्जुन और सुभद्रा भी तो भाई बहन ही हुए?
ispe inka video hai
भगवान ऋषभदेव, भगवान श्रीराम, भगवान श्री कृष्ण, भगवान महावीर, भगवान बुद्ध,श्री गुरु गोविंद सिंह जी ,यह सब अहिंसा के पुजारी थे उन्होंने हिंसा नही सिखाइ लेकिन हम हिंसा के मार्ग पर चलकर धर्म के विरोध में खड़े होते है।
सर्वथा असत्य।
धर्म की रक्षा के लिए, अपने कर्तव्य के लिए इत्यादि अवसरों पर नीतिगत हिंसा सनातन धर्म मे अनुमत है।
@@VivekMishra ahinsa ka arth hi hai ki bina karan ke hinsa na karna
@@VivekMishra agr pran bachane ki baat aye toh woh hinsa nhi kyunki isme hinsa krne ka karan nihit hai
@@VivekMishra agr ap acche wajah se kisi ke sath hinsa kar rhe hain toh wo hinsa nhi ho skta
@@VivekMishra jaise agr ap pet bharne ke liye fal khate hain toh ap us per ke sath bhi hinsa kr rhe hain lekin agr na khaye toh apne sarir ko dukh dekar uske sath hinsa kr rhe hain aur dharm sankat mein ja re hain isiliye esa krna hinsa nhi mana ja skta kyunki jiwah jiwasya bhojanam
स्वेदज प्राणी क्या उस व्यक्ति के सदृश्य होता है?
अर्थों में विपरीतता हो ने पर भी थोड़ा बदल कर ठीक कर लेगें,लेकिन.दोनों में से एक असत्य है।
मकरध्वज तो मगरमच्छ था मेरे भाई..हनुमानजी के सदृश्य प्राणी कैसे हो गया..?
महाराज जी ब्रह्मचारी खंडित की बात नहीं है बात है हनुमान जी का विवाह हुआ है पाराशर संगीता में दिया हुआ है प्रमाणित है या नहीं पराशर संहिता यह स्पष्ट करो
विवाह संस्कार हुआ था हनुमानजी का ये सत्य हैं..पराशर संहिता के अनुसार हनुमानजी को "सिद्धियों" व "निद्धियों" की प्राप्ति हेतुं सपत्नीक बैठना आवश्यक था.. इसके तोड़ के लिए सूर्यदेव ने अपनी पुत्री से विवाह का प्रस्ताव रख के इस समस्या का समाधान किया..वैसे भी उनकी पुत्री को श्राप था पति द्वारा त्यागने का..
क्या विधा और विधि एक ही शब्द हैं? नहीं। लेकिन महाराज जी हर जगह विधा शब्द का ही प्रयोग करते हैं वहाँ भी जहाँ विधि बोलना चाहिए। क्षमा याचना है।
Dono ka Arth bataye
विधि अर्थात किसी कार्य के निष्पादन की रीति या नियम..विधा अर्थात किसी कार्य को करने की रीति अथवा नियम का ज्ञान...
आप विधि के स्थान पर विधा शब्द का प्रयोग कर के देखिए..सहज ही लगेगा..🙏
उतंक मुनि ने ऋषि गौतम की पुत्री से विवाह किया था ,जो की ऋषि गौतम ने ऋषि उतंक की सेवा और शिष्यत्व से प्रसन्न होकर उन्हें पाणिग्रहण में प्रदान की थी . अतः यहाँ गुरुपुत्री विवाह होना संभव है ऐसा स्पष्ट होता है ।।
पराशर संहिता प्रमाणित है या नहीं ....स्पष्ट नहीं किया ....
प्रश्न पूछा क्या है उसका ठीक ठीक जवाब न देते हुऐ आदरणीय गुमाफिरा रहें हैं बात को।
बाबाजी आप लोगों को बातो में उलझा देते हो... आप झूठ बोलते हो confidently
🤣🤣🤣🤣🤣🤣 तुन सच है न
Kutark baba
Pagal baba
अपनी मर्यादा में रहो, ये शंकराचार्य हैं कोई और नहीं
भगवान को नहीं जानते क्या
Are gadhe bolne se pahle dekh to leta k kisko pagal bol Raha h..
Mahan Sankracharya hn wo..
सूअर ओकात मै बोल वरना मुह तोड़ दूंगा।
जय गुरु शंकराचार्य।
सुनील राम तु बेवकुफ का औलाद है क्या।
शंकराचार्य जी की जय हो
गुरु देव भगवान शंकराचार्य स्वामी श्री को नमन
Millions of foot salutations of Shankaracharya Ji 🚩🕉️🙏😍
🙏
🙏🙇