हिंदी साहित्य | संपूर्ण साहित्य -30 | RPSC 1st & 2nd ग्रेड, Ass.Prof. DSSSB | UP(TGT,PGT)
Вставка
- Опубліковано 13 тра 2024
- हिंदी साहित्य | संपूर्ण साहित्य -29 | RPSC 1st & 2nd ग्रेड, Ass.Prof. DSSSB | UP(TGT,PGT) #sumanlata #rpsc #हिंदी #sumanlata #mcq
आपकी RPSC 1st & 2nd grade, DSSSB,SET, NET की तैयारी को सफल बनाने हेतु , सुमन मेम अब हर सप्ताह में एकबार आयेंगी हिंदी साहित्य Topic wise Test . आपकी तैयारी परख करने हेतु। तो तैयार हो जाइये इस विजयी पथ पर साथ चलने को।
Video पसंद आने पर like व Share जरूर करें एवं channel को Subscribe करना ना भूले।
Online Course से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए Whatsapp ( 7838536541 ) या 9375777911 पर Contact कर सकते |
Preponline सरकारी नौकरी वेबसाइट पर विजिट करे - bit.ly/3ucEopt
PrepOnline सरकारी नौकरी UA-cam Channel को Subscribe करे - bit.ly/3Nxfico
Download the App Preponline सरकारी नौकरी - bit.ly/3l8bNeW
Follow me on Telegram - t.me/slyhindi7
Follow me on Instagram - bit.ly/3ypDfeS
Follow me on Facebook - bit.ly/3lX7LaY
__________________________________
साहित्य,मैराथन,हिंदी,2nd ग्रेड हिंदी,rpsc,rpsc 1st grade result,DSSSB,SET,NET,RPSC 1st & 2nd grade,सुमन लता यादव,सुमन लता यादव हिंदी classes,सुमन मेम,hindi by suman lata yadav,suman lata yadav hindi classes,suman lata yadav test series,suman lata yadav hindi,hindi sahitya test series,hindi sahitya test suman lata yadav,सम्पूर्ण साहित्य टेस्ट सीरीज,सम्पूर्ण साहित्य,हिंदी टेस्ट सीरीज,सुमन मेम हिंदी MCQ,प्रगतिवाद,प्रयोगवाद,नई कविता - Розваги
7.हिंदी नाटक और रंगमंच के प्रवर्तक
मौलिक और अनूदित मिला कर कुल सत्रह नाटकों की रचना की।
8.घनानंद मूलतः प्रेम की पीड़ा के कवि हैं। वियोग वर्णन में उनका मन अधिक रमा है। रीतिकाल के रीतिमुक्त या स्वच्छंद काव्यधारा के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं।
9.शिवाजी और छत्रसाल की वीरता के वर्णनों को कोई कवियों की झूठी खुशामद नहीं कह सकता।शुक्ल जी भूषण हजारा अलंकारी ग्रंथ,
11. भाषा भूषण एक अलंकारी ग्रंथ है..
24. शत हम, नाम जले, ट्रिक
25. प्रभु जी मेरे अवगुण चित न धरो,,,, सूरदास
26. जायसी प्रेमाश्रयी काव्यधारा के प्रतिनिधि कवि
C
16a
Good afternoon ji mam
12.अष्टछाप की स्थापना 1565 ई० में हुई थी। कुम्भनदास,सूरदास, परमानन्ददास, व कृष्णदास, जबकि विट्ठलनाथ के शिष्योें में, गोविन्ददास, छीतस्वामी चथरभुज, नन्ददास शामिल हैं
13. दशश्लोकी - निंबार्क संप्रदाय, निम्बार्काचार्य पीठ सलेमाबाद (अजमेर) में स्थित है। राधा कृष्ण के युगल जोड़ी
14. शब्दानुशासन एक व्याकरण ग्रंथ है जिसे जैन आचार्य हेमचंद्राचार्य ने लिखा था। इस पुस्तक में सात अध्याय हैं, तथा छह प्रकृति भाषाएं शामिल है।
15.ढोला नरवर के राजा नल का पुत्र था। उमर 3 वर्ष,
बीकानेर के पूंगल नामक पंवार राजा पिंगल की पुत्री मारवणी के साथ हुआ था ।उम्र - डेढ़ वर्ष थी।
2
16.उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण दामोदर शर्मा द्वारा रचित एक व्याकरण ग्रंथ है।
17.आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने 12 ग्रंथों (विजयपाल रासो, हम्मीर रासो, कीर्तिलता, कीर्तिपताका, खुमान रासो, बीसलदेव रासो, पृथ्वीराज रासो, जयचंद प्रकाश, जयमयंक-जस-चंद्रिका, परमाल रासो, खुसरो की पहेलियाँ और विद्यापति पदावली) के आधार पर इस काल को वीरगाथा काल नाम दिया था। आरंभिक 4 ग्रंथो की भाषा अपभ्रंश है
18.दूसरा ग्रन्थ जीवदयारास की रचना आगसु कवि ने संवत् 1257 वि. में की थी
19. रुक्मणी मंगल-रहीम और मीरा जी,नन्द दास,
21.मदुमालती - मंजन,1545 अन्तिम रचना,
1. जयशंकर प्रसाद, ऐतिहासिक नाटककार,स्कंदगुप्त
चंद्रगुप्त,ध्रुवस्वामिनी,जन्मेजय का नाग,राज्यश्री,कामना,एक घुट
2. रसवादी आलोचक, कबीर पर कलम कम चलाई , प्रिय कवि तुलसीदास12रचनाए मानी , हिंदी साहित्य इतिहास 1929,
3. पोती पढी -पढी जग भैया, पंडित भया न कोई, कबीर की उलटवासिया, एक अचंबा देखा रे भाई, थाड़ा सिंह चराए गाई।
कबीर की साखी के 59 अंग है, निर्गुण मार्ग के प्रतिनिधि कवि।
4.साकेत महाकवि' मैथिलीशरण गुप्त का लिखा महाकाव्य है जो 12 सर्गों में लिखा गया है।निबंध-काव्य : भारत-भारती (1912), हिंदू (1927), राजा-प्रजा (1956), विजय पर्व (1963)
6. प्रदीप पत्रिका के संपादक, शुक्ला जी ने इसके निबंधों को लेकर स्टील कहा, प्रताप नारायण को एडिशन, प्रताप नारायण की पत्रिका ब्राह्मण
1 question glt huwa h mem
Mere 3 galt huye
Mam se call pr baat kue nhi hoti h
C
15a
C