किसी को खाना देना इंसानियत का सबसे निर्दोष और प्यारा काम होता है, और इसमें सिर्फ एक प्लेट चावल या दाल नहीं होती, बल्कि प्यार, अपनापन और यह जज्बा होता है कि कोई भूखा न सोए। किसी की मेहनत पर टिप्पणी करना, खासकर जब वह किसी की मदद कर रहा हो, न केवल गलत है बल्कि दिल को ठेस पहुंचाने वाला भी है।
खाने की कीमत उसके साधारण या महंगा होने से नहीं होती, बल्कि उस इंसान की नीयत और दर्द समझने की कोशिश में होती है। सोचो, जो इंसान 'सिंपल खिचड़ी' या 'दाल चावल' खा रहा है, उसके लिए शायद यह ज़िंदगी का सहारा हो, उम्मीद हो, या बस यह तसल्ली हो कि कोई है जो उनकी परवाह करता है। और जो देने वाला है, उसके लिए यह एक दयालु काम है, जो कभी भी मजाक का विषय नहीं होना चाहिए। टिप्पणी करने के बजाय, उस मेहनत और दिल को समझने की कोशिश करो। दुनिया को जजमेंट नहीं, ज्यादा अपनापन और दयालुता की जरूरत है।
ओम नमः शिवाय
Om namah shivaye guru ji ♥️♥️♥️♥️♥️♥️
भगवान भोलेनाथ आपका भंडार भरे रखे
मैं सेक्टर 6 में यहां प्रसाद का आनंद लिया
बहुत बहुत धन्यवाद
Om namah shivay
Om namah shivaye
Jai baba good jop 🎉🎉
Om namah Shivay har har Mahadev
Accha laga🙏
Om namah shivaya
10 hazar daily khate hain vo bhi khicdi ya dal chawal chawal ak dum kharab
किसी को खाना देना इंसानियत का सबसे निर्दोष और प्यारा काम होता है, और इसमें सिर्फ एक प्लेट चावल या दाल नहीं होती, बल्कि प्यार, अपनापन और यह जज्बा होता है कि कोई भूखा न सोए। किसी की मेहनत पर टिप्पणी करना, खासकर जब वह किसी की मदद कर रहा हो, न केवल गलत है बल्कि दिल को ठेस पहुंचाने वाला भी है।
खाने की कीमत उसके साधारण या महंगा होने से नहीं होती, बल्कि उस इंसान की नीयत और दर्द समझने की कोशिश में होती है। सोचो, जो इंसान 'सिंपल खिचड़ी' या 'दाल चावल' खा रहा है, उसके लिए शायद यह ज़िंदगी का सहारा हो, उम्मीद हो, या बस यह तसल्ली हो कि कोई है जो उनकी परवाह करता है। और जो देने वाला है, उसके लिए यह एक दयालु काम है, जो कभी भी मजाक का विषय नहीं होना चाहिए।
टिप्पणी करने के बजाय, उस मेहनत और दिल को समझने की कोशिश करो। दुनिया को जजमेंट नहीं, ज्यादा अपनापन और दयालुता की जरूरत है।
किसी को भोजन देना कितना पुण्य है कभी किसी अंजान को देके देखो