"अब है तो है" - मेरी मनपसंद रचना (manpasand rachna)

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  • Опубліковано 15 жов 2024
  • SearchTag- मनपसंद रचना, Manpasand rachna
    हर आदमी की अपनी फितरत होती है, आप उसे बदल नहीं सकते। इसी पृष्ठभूमि में है मेरी आज की ये रचना। आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
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КОМЕНТАРІ • 20

  • @chitrawadhwa1471
    @chitrawadhwa1471 3 роки тому +1

    वाक़ई खूबसूरत रचना👌👌

  • @MsJyotsnasharma
    @MsJyotsnasharma 3 роки тому +2

    बहुत सुंदर रचना सर। स्वाभिमान से जीने वालों का मन चंदन वन जैसा ही है, जो सर्पों से लिपटा हुआ भी सदा सर्वदा महकता है।

    • @rajeshsrivastava802
      @rajeshsrivastava802  3 роки тому

      धन्यवाद ज्योत्सना। आपने कविता के मर्म को पकड़ लिया है।

  • @heeravallabhsharma7288
    @heeravallabhsharma7288 3 роки тому +2

    क्या बात, अब है तो है.......बेहतरीन रचना और प्रस्तुति "अब है तो है"

  • @ManishKumar-nm2pv
    @ManishKumar-nm2pv 3 роки тому +2

    Very beautiful poem in simple words

  • @RajeevKumar-xt5ri
    @RajeevKumar-xt5ri 3 роки тому +1

    सच की शख्सियत मर न जाए!!
    बहुत सुंदर रचना सर जी 👍👍👍👍👍

  • @rashmikaushik8192
    @rashmikaushik8192 3 роки тому +1

    बहुत बढिय़ा सर

  • @PraveenKumarPranay
    @PraveenKumarPranay 3 роки тому +1

    Bahut sundar

  • @iragupta4691
    @iragupta4691 3 роки тому

    आदरणीय आपकी रचनाओं को देख सुनकर ऐसा प्रतीत होता है कि सत्य अभी जीवित है । भावनाओं को शब्दों में बहुत ही सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया है । आपको साधुवाद ।

    • @rajeshsrivastava802
      @rajeshsrivastava802  3 роки тому

      धन्यवाद इरा जीआपकी टिप्पणियां बहुत मार्मिक हैं।

  • @mohanlalwadhwani1968
    @mohanlalwadhwani1968 3 роки тому +1

    राजेश लगता है दिल से लिखी गई कविता है। मुझे काफी अच्छी लगी। मेरे दिल को भी छू गई

    • @rajeshsrivastava802
      @rajeshsrivastava802  3 роки тому

      बहुत बहुत धन्यवाद सर। आपकी प्रशंसा के ये शब्द मेरे लिए बहुत अमूल्य हैं।

  • @vikasverma4790
    @vikasverma4790 3 роки тому +1

    एक अच्छी कविता वही है जो दिल के तारों को झंकृत कर दे, मन के भाव को जगा दे। आपकी कविता का असर कुछ ऐसा ही है। कविता के प्रवाह में एक लहर मेरी ओर से भी..…..
    "एक तरफ तो रोकती हैं बन्दिशें,
    और एक तरफ बेताब है उड़ने को दिल,
    तोड़ देना चाहता है सारे बंधन...
    एक तरफ तो ये एकाकीपन,
    और उस पर चोट खाया मन..
    अब है तो है, अब है तो है....।"☺️💐

    • @rajeshsrivastava802
      @rajeshsrivastava802  3 роки тому

      वाह क्या कहने विकास जी, बड़ी अच्छी पंक्तियाँ हैं। मेरे दिमाग में पहले से ऐसा कुछ गूँजता तो शायद इन्हें कविता में शामिल कर चुका होता। धन्यवाद।

  • @surenshukla7905
    @surenshukla7905 3 роки тому +1

    एक और बहुत सुंदर रचना...👌👌👌 'अब है तो है' .........जैसे व्यक्तित्व विरले ही देखने को मिलते हैं.......इन आदर्श और दृढ़-निश्चय वाले व्यक्तित्वों को किस तरह आज के नाटकीय परिवेश में जूझना पड़ता हैं...... उनकी तकलीफ का बख़ूबी चित्रण किया है.....👍👍
    इस सुंदर रचना के लिए बधाई...💐💐🙏

    • @rajeshsrivastava802
      @rajeshsrivastava802  3 роки тому

      बहुत बहुत धन्यवाद शुक्ला जी।

  • @manjulasaxena4784
    @manjulasaxena4784 3 роки тому

    जो है जैसा है शुभ है सुंदर है मंगल है है तो है 👍👍

    • @rajeshsrivastava802
      @rajeshsrivastava802  3 роки тому +1

      बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया। आपकी संक्षिप्त टिप्पणी मेरे लिए अनमोल है।

  • @ganeshsrivastava6570
    @ganeshsrivastava6570 3 роки тому

    चोट खाए मन का एकाकीपन भी बड़ा विशिष्ट होता है.उस पर कवि का यह स्वाभाविक रूप से स्वीकार कर लेना कि जो है सो है इस बात की पुष्टि भी करता है कि वह इस एकाकीपन से हताश और निराश नहीं है अपितु वह उल्टे चेतावनी देता है कि ये हिमाकत जिसने की देर तक वह बचता नहीं और कवि का चोट खाया मन अंततः चंदन वन की भांति है...सुंदर कविता बहुत-बहुत बधाई🙏🙏🌹🌹🙏🙏

    • @rajeshsrivastava802
      @rajeshsrivastava802  3 роки тому

      आपकी प्रतिक्रिया कविता के मर्म और उसकी गहराई तक पहुंचने की सच्ची अभिव्यक्ति है। बहुत-बहुत धन्यवाद गणेश जी।