वस्तुनिष्ठ प्रश्न अभ्यास भाग 4। साहित्य शास्त्र यूजीसी इकाई 3

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  • Опубліковано 9 лис 2024
  • वस्तुनिष्ठ प्रश्न अभ्यास भाग 4। साहित्य शास्त्र यूजीसी इकाई 3।
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    काव्य की परिभाषा। काव्य एवं साहित्य में संबंध।
    वस्तुनिष्ठ प्रश्न अभ्यास।
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    केशवदास. कविप्रिया एवं रसिक प्रिया
    जदपि सुजाति सुलक्षिणी सुबरन सरस सुवृत।
    भूषण बिनु न बिराजईए कविताए वनिता मित।।
    चिन्तामणि .सगुनालंकारन सहितए दोष रहित जो होई।
    शब्द अर्थ ताको कहत विबुध सब कोई। काव्य विवेकए काव्यकल्प तरू
    मम्मट की भाँति.दोषरहित गुणयुक्त और अलंकारवान् तथा अर्थ सहित मानते हैंद्ध।
    कुलपति . जग हैं अद्‌भुत सुख सदनए शब्द रूप अर्थ कवित्त।
    यह लच्छन मैंने कियोए समुझि ग्रन्थ बहु चित्त ।। रस रहस्य
    अलौकिक आनन्द को देने वाले शब्द और अर्थ को काव्य कहते हैं।
    सोमनाथ . सगुन पदारथ दोष बिनुए पिंगल मत अविरुद्ध ।
    भूषण जुत कवि कर्म जोए सो कवित्त कहि सुद्ध ।। रस पीयूष निधि
    ;अर्थात् काव्य वह कवि.कर्म हैए जिसमें शब्द और अर्थ सगुणए दोषरहित और पिंगल ;छन्दद्ध के अनुसार हो। सोमनाथ पहले आचार्य हैंए जिन्होंने काव्य में छन्द का समावेश किया है। यह काव्य को कवि.कर्म मानते हैं।
    भिखारीदास. जाने पदारथ भूषन मूलए रसांग.परांग मैं मति झाकी।
    सो धुनि अर्थए वाक्यश् ले गुनए शब्द अलंकृत रति पाकी ।। काव्य निर्णय
    काव्य वह शब्दार्थ हैए जो अलंकारए ध्वनिए रसए गुण और अलंकारों से युक्त हो।
    गुलाबराय. जहाँ शब्द और अर्थए विचार और भाव का परम्परानुकूलता के साथ सहभाव होए वही साहित्य है। . काव्य के रूप
    डॉण् नगेन्द्र साहित्य आत्माभिव्यक्त जीवन की अभिव्यक्ति है। भारतीय काव्यशास्त्र की भूमिका
    प्रेमचंद ष्साहित्य की बहुत.सी परिभाषाएँ की गई हैं पर मेरे विचार से उसकी सर्वोत्तम परिभाषा ष्जीवन की आलोचनाष् है। ऐसा ही विचार मैथ्यू ऑर्नल्ल्ड का है।
    प्रेमचंद कहते हैं कि. ष्साहित्य उसी रचना को कहेंगेए जिसमें कोई सच्चाई प्रकट की गई हो
    साहित्य का उद्देश्य लखनउ में प्रगतिशील लेखक संघ
    जयशंकर प्रसाद. काव्य आत्मा की संकल्पात्मक अनुभूति हैए जिसका सम्वन्ध विश्लेषणएविकल्य या विज्ञान से नहीं है। वह एक श्रयमयी प्रथ रचनात्मक ज्ञान.धारा है। . यह सत्यं शिवं सुन्दरम्ए सार्वजनीनता चिरन्तनताए अनुभूति और आवर्श को समष्टि है।श् .
    श्काव्य तो प्रकृत मानव अनुभूतियों का नैसगिक कल्पना के सहारे ऐसा सौन्दर्यमय चित्रण हैए जो मनुष्य मात्र में स्वभावतः अनुरूप भायोच्छ्‌वास उत्पन्न करता है।श् . आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी
    अरस्तू.शब्दों के माध्यम से प्रस्तुत अनुकृति काव्य या साहित्य है।
    सिडनी .काव्य या साहित्य वह अनुकरणात्मक कला हैए जिसका लक्ष्य शिक्षा और आनंद प्रदान करना है।
    वर्डस्वर्थ.शान्ति के क्षणों में एकत्रित संवेगों से उत्पन्न सशक्त अनुभूतियों का स्वाभाविक प्रवाह ही काव्य है। जान स्टुअर्ट मिल. काव्य क्या है घ् केवल वे विचार और शब्द जिनमें संवेग स्वतः मूर्तिमान है। हैजलिट . वासना और कल्पना की भाषा ही काव्य है। हडसन ;भाव और कल्पना के माध्यम से जीवन की व्याख्या काव्य है। कॉलरिज.काव्य विज्ञान का विलोम हैए जिसका निकटतम उद्देश्य आनन्द हैए सत्य नहीं।
    शेली.सामान्यतः कल्पना की अभिव्यक्ति को ही हम काव्य कह सकते हैं।
    जॉनसन . बुद्धि की सहायिका के रूप में कल्पना को लेकर आनन्द के साथ सत्य को अनुबन्धित करने की कला काव्य है।
    फ्रायड . साहित्य या कला.सृजन के मूल में दमित काम वासना है।. रामचंद्र शुक्ल - 'साहित्य के अंतर्गत वह सारा वाड्मय लिया जा सकता है. जिसमें अर्थबोध के अतिरिक्त भावोन्मेष अथवा चमत्कारपूर्ण अनुरंजन हो तथा जिसमें ऐसे वाड्मय की विचारात्मक समीक्षा या व्याख्या हो।
    डॉ. श्यामसुंदर दास 'किसी पुस्तक को हम साहित्य या काव्य की उपाधि तभी दे सकते हैं जब जो कुछ उसमें लिखा गया है, वह कला के उद्देश्यों की पूर्ति करता हो। यही एकमात्र उचित कसौटी है। साहित्य के अंतर्गत कविता, नाटक, चम्पू, उपन्यास, आख्यायिकाएँ इत्यादि सभी आ जाते हैं।
    3. डॉ. नगेन्द्र साहित्य आत्माभिव्यक्त जीवन की अभिव्यक्ति है। 4. महावीर प्रसाद द्विवेदी है।" ज्ञानराशि के चिरसंचित कोश का नाम साहित्य
    5. बालकृष्ण भट्ट साहित्य जनसमूह के हृदय का विकास है। 12
    6. गुलाबराय जहाँ शब्द और अर्थ, विचार और भाव का परम्परानुकूलता के साथ सहभाव हो, वही साहित्य है। 13
    7. प्रेमचंद 'साहित्य की बहुत-सी परिभाषाएँ की गई हैं पर मेरे विचार से उसकी सर्वोत्तम परिभाषा 'जीवन की आलोचना' है। चाहे वह निबंध के रूप में हो, चाहे कहानियों के या काव्य के, उसे हमारे जीवन की आलोचना और व्याख्या करनी चाहिए। 14 अन्यत्र प्रेमचंद कहते हैं कि- 'साहित्य उसी रचना को कहेंगे, जिसमें कोई सच्चाई प्रकट की गई हो. जिसकी भाषा प्रौढ़ परिमार्जित, सुंदर हो और जिसमें दिल व दिमाग पर असर डालने का गुण हो। 15
    पाश्चात्य-मत
    . 2. अरस्तू - शब्दों के माध्यम से प्रस्तुत अनुकृति काव्य या साहित्य है। शेली - काब्य सर्वाधिक सुखी और श्रेष्ठतम हृदयों के श्रेष्ठतम क्षणों का लेखा-जोखा है।
    3. सिडनी काव्य या साहित्य वह अनुकरणात्मक कला है, जिसका लक्ष्य शिक्षा और आनंद प्रदान करना है।
    4. कालरिज - साहित्य रचना का वह विशिष्ट प्रकार है, जिसका तात्कालिक लक्ष्य प्रसन्नता प्रदान करना होता है।
    साहित्य एवं साहित्य का उद्देश्य
    5. एडसन - विभिन्न साधनों में साहित्य ही एक ऐसा साधन है, जिसमें किसी विशिष्ट काल की स्फूर्ति की अभिव्यक्ति होती है। यही स्फूर्ति परिपक्व होकर राजनीतिक आंदोलन, धार्मिक विचार, दार्शनिक वादों और कला के रूप में प्रकट होती है।
    6. प्रो. माटे साहित्य आत्मा का संगीत है, जो मानव के अन्तःस्तल से निसृत होता है और भाषा के माध्यम से अभिव्यक्त होकर जीवन के साथ सामंजस्य स्थापित करता है।

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