बद्रीनाथ धाम| Chamoli uttrakgand|Eyes of uttrakhand|rajurawat
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- Опубліковано 14 вер 2023
- badrenath#utrakhand#devbhumi #village #chamoli पौराणिक कथाओं के अनुसार, बद्रीनाथ जिसे बद्री विशाल भी कहा जाता है, को आदिगुरु श्री शंकराचार्य ने हिन्दू धर्म की खोई प्रतिष्ठा को पुनः वापस पाने और राष्ट्र को एक बंधन में एकजुट करने के उद्देश्य से फिर से स्थापित किया था । बद्रीनाथ धाम एक प्राचीन भूमि है जिसका कई पवित्र ग्रंथो में उल्लेख किया गया। इसके साथ कई पौराणिक कहानियां भी जुडी है जिनमे से पांडव भाइयों की द्रौपदी के साथ, बद्रीनाथ के पास एक चोटी की ढलानों पर चढ़कर स्वर्गोहिनी या ‘चढ़ाई के स्वर्ग’ की कहानी सबसे महतवपूर्ण मानी जाती है. इनमे से कुछ और कहानियां है की भगवान् कृष्ण और अन्य महान संत तीर्थ यात्रा के दौरान अपनी आखिरी तीर्थ यात्रा के लिए बद्रीनाथ ही आये थे. ये कुछ कहानियां ऐसी है जिन्हें इस पवित्र तीर्थ स्थान से जोड़ा जाता है।
वामन पुराण के अनुसार, ऋषि नर और नारायण (भगवान विष्णु का पांचवां अवतार) बद्रीनाथ धाम में आकर तपस्या करते हैं।
ऐसा कहा जाता है की, कपिल मुनी, गौतम, कश्यप जैसे महान ऋषि मुनियों ने बद्रीनाथ धाम में तपस्या की है जबकि भक्त नारद ने यहाँ मोक्ष प्राप्त किया और भगवान कृष्ण ने इस क्षेत्र को प्यार किया. मध्ययुग के धार्मिक विद्वान, आदि शंकराचार्य, रामानुजचार्य, श्री माधवचार्य, श्री नित्यानंद बद्रीनाथ धाम में शांत चिंतन और ज्ञान की प्राप्ति के लिए यहाँ आया करते थे जिसे आज भी बहुत से लोग जारी रखे हुए है।
जय श्री बद्री विशाल
सुपर
Jay Badri Vishal
Jaybaadribesal
जय बद्री विशाल की