विश्व के सभी सद्गृहंथो में प्रमाण है कि कबीर साहेब ही पूर्ण ब्रह्म परमात्मा है जो कि वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी के चोले में इस धरती पर आए हुए हैं इनसे नाम दीक्षा लेकर अपना मानव जीवन सफल बनाएं।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में आज स्वच्छ समाज तैयार हो रहा है सर्व बुराइयों को छोड़ रहा है यह केवल संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से ही संभव हो रहा है
#भगवद्गीता_का_अमृतज्ञान अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘ 📙पवित्र गीता जी के ज्ञान को यदि श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रकट हुआ हूँ। 📙श्री कृष्ण जी काल नहीं थे, उनके दर्शन मात्र से मनुष्य, पशु (गाय आदि) प्रसन्न होकर श्री कृष्ण जी के पास आकर प्यार पाते थे। 📙काल कोई और शक्ति है। वह श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रेतवत प्रवेश करके पवित्र श्रीमद्भगवत गीता जी के ज्ञान रूप में चारों पवित्र वेदों का सार बोल गया। 📙काल की एक हजार भुजाऐं हैं। श्री कृष्ण जी श्री विष्णु जी के अवतार थे, जिनकी चार भुजाऐं हैं। 📙अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन् ! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान कर रहे हैं। हे सहस्त्राबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान ! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं कर पा रहा हूँ। 📙अध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाला प्रभु काल कह रहा है कि ‘हे अर्जुन यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था।‘ 📙कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा यहाँ युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था। 📙पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योंकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथा बाद में कभी नहीं कहा कll 📙गीता अध्याय 15 श्लोक 17 में काल ने कहा है कि वास्तव में अविनाशी परमात्मा तो इन दोनों (क्षर पुरूष तथा अक्षर पुरूष) से दूसरा ही है वही तीनों लोकों में प्रवेश करके सर्व का धारण पोषण करता है वही वास्तव में परमात्मा कहा जाता है। 📙गीता ज्ञान दाता काल गीता अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5, अध्याय 10 श्लोक 2 में अपने को नाशवान यानि जन्म-मरण के चक्र में सदा रहने वाला बताया है। कहा है कि हे अर्जुन! तेरे और मेरे बहुत जन्म हो चुके हैं। तू नहीं जानता, मैं जानता हूँ। 📙गीता अध्याय 3 श्लोक 14 से 15 में भी स्पष्ट है कि ब्रह्म काल की उत्पत्ति परम अक्षर पुरूष से हुई वही परम अक्षर ब्रह्म ही यज्ञों में पूज्य है। 📙गीता सार वास्तविक भक्ति विधि के लिए गीता ज्ञान दाता प्रभु काल ब्रह्म किसी तत्वदर्शी की खोज करने को कहता है (गीता अध्याय 4 श्लोक 34) इस से सिद्ध है गीता ज्ञान दाता (ब्रह्म) द्वारा बताई गई भक्ति विधि पूर्ण नहीं है। 📙गीता अध्याय 8 श्लोक 5 तथा 7 में काल अपनी भक्ति करने को कहा है तथा युद्ध भी कर, निःसंदेह मुझे प्राप्त होगा, परंतु जन्म-मृत्यु दोनों की बनी रहेगी। अपनी भक्ति का मंत्र अध्याय 8 के श्लोक 13 में बताया है कि मुझ ब्रह्म की भक्ति का केवल एक ओम अक्षर है। इस नाम का जाप अंतिम श्वांस तक करने वाले को इससे मिलने वाली गति यानि ब्रह्मलोक प्राप्त होता है। 📙अध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाला प्रभु काल कह रहा है कि ‘हे अर्जुन यह मेरा वास्तविक काल रूप है'। #KabirIsGod #SaintRampalJi 📙गीता अध्याय 8 श्लोक 20 से 22 में काल ब्रह्म किसी अन्य पूर्ण परमात्मा के विषय में कहा है जो वास्तव में अविनाशी है। 📙गीता अध्याय 15 के श्लोक 4 में कहा है कि उस तत्वदर्शी संत के मिल जाने के पश्चात् उस परमेश्वर के परम पद की खोज करनी चाहिए अर्थात् उस तत्वदर्शी संत के बताए अनुसार साधना करनी चाहिए जिससे पूर्ण मोक्ष(अनादि मोक्ष) प्राप्त होता है। गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि मैं भी उसी की शरण में हूँ। 📙गीता अध्याय 15 श्लोक 1 गीता का ज्ञान सुनाने वाले प्रभु काल ने कहा कि ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला नीचे को शाखा वाला अविनाशी विस्त्तारित, पीपल का वृक्ष रूप संसार है जिसके छोटे-छोटे हिस्से या टहनियाँ पत्ते कहे हैं उस संसार रूप वृक्ष को जो सर्वांगों सहित जानता है वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी है
🌛पूर्ण परमात्मा ही भक्ति की आस्था बनाए रखने के लिए स्वयं प्रकट होता है। पूर्ण परमात्मा ने ही ईसा जी की मृत्यु के पश्चात् ईसा जी का रूप धारण करके प्रकट होकर ईसाईयों के विश्वास को प्रभु भक्ति पर दृढ़ रखा।
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⭕Sant Rampal Ji Maharaj Explains That Those Who Consumes Alcohol, Makes Angry To Gods Residing In The Chakras In Our Body. & In This Way Closes His Path Of Salvation. Sant Rampal Ji Maharaj नशा करता नाश.
पवित्र वेदों को बोलने वाला ब्रह्म कह रहा है कि सनातन परमेश्वर ने स्वयं अनामय लोक से सत्यलोक में प्रकट होकर अपनी सूझ-बूझ से कपड़े की तरह रचना करके ऊपर के सतलोक आदि को सीमा रहित स्वप्रकाशित अजर - अमर अर्थात अविनाशी ठहराए तथा नीचे के परब्रह्म के सात संख ब्रह्माण्ड तथा ब्रह्म के 21 ब्रह्माण्ड व इनमें छोटी-से छोटी रचना भी उसी परमात्मा ने अस्थाई की है। जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
Stop Drinking Alcohol 👉नशा करता है नाश🙅 💁🏻यदि आप शराब की लत नहीं छोड़ पा रहे हैं और नशा मुक्ति केंद्र से भी आपको इस बारे में सफलता नहीं मिली है। तो निराश न हों। 💦संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर आप इसे बड़ी आसानी से छोड़ सकते हैं। - संत रामपाल जी महाराज
विश्व के सभी सद्गृहंथो में प्रमाण है कि कबीर साहेब ही पूर्ण ब्रह्म परमात्मा है जो कि वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी के चोले में इस धरती पर आए हुए हैं इनसे नाम दीक्षा लेकर अपना मानव जीवन सफल बनाएं।
Real decisive spiritual knowledge by Sant Rampal Ji Maharaj"
जगत गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज की जय
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में आज स्वच्छ समाज तैयार हो रहा है सर्व बुराइयों को छोड़ रहा है यह केवल संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से ही संभव हो रहा है
बन्दी छोड़ संत रामपाल जी भगवान की जय 🙏
Sat saheb ji bandi chhod satsukrat Maharaj ki Jay ho🙏🏼🌹🥀🌷🌻🌺🌼💐🌸🙏🏼🥝🍑🥭🍓🥥🍊🍍🍌🍐🍋🍎🍒🍏🍇🍈🍉🙏🏼🙏🏼🚔🚔🚔🚔
सत साहिब बंदी छोड़ रामपाल जी महाराज की जय
🙏🙏सत साहेब जी 🙏🙏
जय हो बन्दी छोड़ की जय हो
Kabir saheb is superim god
Sat saheb Guru ji
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है 🌷🙏🌷
जय हो बंदी छोड़ सतगुरू रामपाल जी भगवान पूर्ण परमात्मा के चरणों में अनंत कोटि दंडवत प्रणाम।
जय हो बन्दी छोड़ की 🙏🌹
Saheb bandagi saheb sat saheb
Jay Ho mere Malik aapke Charan kamlon mein das ka barnbar da note pranam Jay Ho bandi chhod ki
#भगवद्गीता_का_अमृतज्ञान
अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘
📙पवित्र गीता जी के ज्ञान को यदि श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रकट हुआ हूँ।
📙श्री कृष्ण जी काल नहीं थे, उनके दर्शन मात्र से मनुष्य, पशु (गाय आदि) प्रसन्न होकर श्री कृष्ण जी के पास आकर प्यार पाते थे।
📙काल कोई और शक्ति है। वह श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रेतवत प्रवेश करके पवित्र श्रीमद्भगवत गीता जी के ज्ञान रूप में चारों पवित्र वेदों का सार बोल गया।
📙काल की एक हजार भुजाऐं हैं। श्री कृष्ण जी श्री विष्णु जी के अवतार थे, जिनकी चार भुजाऐं हैं।
📙अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन् ! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान कर रहे हैं। हे सहस्त्राबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान ! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं कर पा रहा हूँ।
📙अध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाला प्रभु काल कह रहा है कि ‘हे अर्जुन यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था।‘
📙कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा यहाँ युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था।
📙पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योंकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथा बाद में कभी नहीं कहा कll
📙गीता अध्याय 15 श्लोक 17 में काल ने कहा है कि वास्तव में अविनाशी परमात्मा तो इन दोनों (क्षर पुरूष तथा अक्षर पुरूष) से दूसरा ही है वही तीनों लोकों में प्रवेश करके सर्व का धारण पोषण करता है वही वास्तव में परमात्मा कहा जाता है।
📙गीता ज्ञान दाता काल गीता अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5, अध्याय 10 श्लोक 2 में अपने को नाशवान यानि जन्म-मरण के चक्र में सदा रहने वाला बताया है। कहा है कि हे अर्जुन! तेरे और मेरे बहुत जन्म हो चुके हैं। तू नहीं जानता, मैं जानता हूँ।
📙गीता अध्याय 3 श्लोक 14 से 15 में भी स्पष्ट है कि ब्रह्म काल की उत्पत्ति परम अक्षर पुरूष से हुई वही परम अक्षर ब्रह्म ही यज्ञों में पूज्य है।
📙गीता सार
वास्तविक भक्ति विधि के लिए गीता ज्ञान दाता प्रभु काल ब्रह्म किसी तत्वदर्शी की खोज करने को कहता है (गीता अध्याय 4 श्लोक 34) इस से सिद्ध है गीता ज्ञान दाता (ब्रह्म) द्वारा बताई गई भक्ति विधि पूर्ण नहीं है।
📙गीता अध्याय 8 श्लोक 5 तथा 7 में काल अपनी भक्ति करने को कहा है तथा युद्ध भी कर, निःसंदेह मुझे प्राप्त होगा, परंतु जन्म-मृत्यु दोनों की बनी रहेगी। अपनी भक्ति का मंत्र अध्याय 8 के श्लोक 13 में बताया है कि मुझ ब्रह्म की भक्ति का केवल एक ओम अक्षर है। इस नाम का जाप अंतिम श्वांस तक करने वाले को इससे मिलने वाली गति यानि ब्रह्मलोक प्राप्त होता है।
📙अध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाला प्रभु काल कह रहा है कि ‘हे अर्जुन यह मेरा वास्तविक काल रूप है'।
#KabirIsGod
#SaintRampalJi
📙गीता अध्याय 8 श्लोक 20 से 22 में काल ब्रह्म किसी अन्य पूर्ण परमात्मा के विषय में कहा है जो वास्तव में अविनाशी है।
📙गीता अध्याय 15 के श्लोक 4 में कहा है कि उस तत्वदर्शी संत के मिल जाने के पश्चात् उस परमेश्वर के परम पद की खोज करनी चाहिए अर्थात् उस तत्वदर्शी संत के बताए अनुसार साधना करनी चाहिए जिससे पूर्ण मोक्ष(अनादि मोक्ष) प्राप्त होता है। गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि मैं भी उसी की शरण में हूँ।
📙गीता अध्याय 15 श्लोक 1
गीता का ज्ञान सुनाने वाले प्रभु काल ने कहा कि ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला नीचे को शाखा वाला अविनाशी विस्त्तारित, पीपल का वृक्ष रूप संसार है जिसके
छोटे-छोटे हिस्से या टहनियाँ पत्ते कहे हैं उस संसार रूप वृक्ष को जो सर्वांगों सहित जानता है वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी है
Amazing spiritual knowledge
Sat shaheb ❤❤❤❤❤❤
Saty saheb
Sat saheb ji🙏🙏
Kabir is real supreme god🙏🙏🙏
कबीरहीभगवानहॅ
❤ sat saheb bandagi saheb
Dandwat parnam mere malik🙏🏻🤗
❤day❤malik❤charno❤meri guru❤dav❤ji❤das❤ko❤sat❤saheb❤😂🎉😢😮😅😊
Sat gurudev ki jai ho
Awesome knowledge
Jai bandi chor ki hme bhi raksha kro pramatma sat saheb
Satguru rampal Ji Maharaj ki Jay ho
Bandi chhod sant rampal ji maharaj ki jai ho sat shaheb ❤❤❤❤❤❤
Satsahib ji
Sat sahib
Sat saheb ji
sat saheb ji jjjsss
सत साहेब
Kabir sahebji puran prmatma h
Jay Ho Bandi chhod 🪷🙏 sat saheb ji 🙏🙏🪷🙏🏻
Bandi chhod satgururampal ji Maharaj ki jay ho
Sat saheb ji 🙏🏻🪷🙏🙏🏻 Jay Ho Bandi chhod 🪷
सतगुरु की संगत करते,सकल कर्म कट जाती।
अमरपुरी पर आसन होते, जहां धुप न छायी।।
Sat sahebji guruji
🙏🙏🙏🙏
🌛पूर्ण परमात्मा ही भक्ति की आस्था बनाए रखने के लिए स्वयं प्रकट होता है। पूर्ण परमात्मा ने ही ईसा जी की मृत्यु के पश्चात् ईसा जी का रूप धारण करके प्रकट होकर ईसाईयों के विश्वास को प्रभु भक्ति पर दृढ़ रखा।
Bandi chhod satguru rampal ji bhagwan ki jay ho saraswati❤❤❤❤❤😅😅
संत साहेव जी ❤
Satsaheb ❤
Sat Saheb ji 🙏🙏🙏🙏🙏
💖💖
Parmatma k charno me das ka koti koti dandvat prnam
Sat Sahib Ji
sat saheb ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ sat saheb ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ sat saheb ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Mann kaal roopi hai
Nice satsang
सत साहेब जी
Sat sahib ji 🙏 🎉
संत रामपाल जी महाराज जी को नमः
Bahut Achha gyan
Kabir is real God 🙏
Shiva Shiva kya hoga sab ka Kahan le ja ega
Kabir is true God
वर्मा विष्णु महेश है सृष्टि रसीयता
So how could KAAL touched you & parmeshwar Kabir😢
Aapke kahe anusaar aap amar ho gaye kyoki satnaam jaap rahe hai na aur ha satlok brahma lok ko kahte hai
साईं विजय बंदी छोड की सत साहेब भगत जी
Niranjan kal kaun hai uska naam kya hai yah to batao
⭕Sant Rampal Ji Maharaj Explains That Those Who Consumes Alcohol, Makes Angry To Gods Residing In The Chakras In Our Body. & In This Way Closes His Path Of Salvation.
Sant Rampal Ji Maharaj
नशा करता नाश.
पवित्र वेदों को बोलने वाला ब्रह्म कह रहा है कि सनातन परमेश्वर ने स्वयं अनामय लोक से सत्यलोक में प्रकट होकर अपनी सूझ-बूझ से कपड़े की तरह रचना करके ऊपर के सतलोक आदि को सीमा रहित स्वप्रकाशित अजर - अमर अर्थात अविनाशी ठहराए तथा नीचे के परब्रह्म के सात संख ब्रह्माण्ड तथा ब्रह्म के 21 ब्रह्माण्ड व इनमें छोटी-से छोटी रचना भी उसी परमात्मा ने अस्थाई की है।
जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
Stop Drinking Alcohol
👉नशा करता है नाश🙅
💁🏻यदि आप शराब की लत नहीं छोड़ पा रहे हैं और नशा मुक्ति केंद्र से भी आपको इस बारे में सफलता नहीं मिली है। तो निराश न हों।
💦संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर आप इसे बड़ी आसानी से छोड़ सकते हैं।
- संत रामपाल जी महाराज
🌹🙏🙇बंदी छोड़ सत्गुरू रामपाल जी माहाराज की जय🙇🙏🌹
Dya karna is das p malik
जगत गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज की जय
Sat guru dev ji ki jai ho
Satguru bhagban ki charno me Laxmi dasi ka parnam
Awesome knowledge
Nice satsang
🙏🙏सत साहेब जी 🙏🙏
सत साहेब
Saty saheb
Sat saheb ji
Nice satsang
सत साहेब