sukh aur aanand mein antar || कामवासना और फिर ग्लानि क्यों || swayam se satya tak | Achintya

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  • Опубліковано 12 січ 2025

КОМЕНТАРІ • 7

  • @aslamnijami6731
    @aslamnijami6731 Місяць тому

    मैं noida मे रहता हूं और आपसे मिलना चाहता हूं

    • @SwayamSeSatyaTak
      @SwayamSeSatyaTak  Місяць тому

      फॉर्म भर सकते हैं...
      docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSev-i5FI_NE5ydS495cak5-zBLkZPnj1iR4bv6G4UrEvi_OmA/viewform?usp=sf_link

  • @AnkitGupta-lv6pb
    @AnkitGupta-lv6pb Місяць тому

    Dhanyawad ji 🙏

  • @virendrahantal1399
    @virendrahantal1399 22 години тому

    ❤👍👍🌺💐

  • @एम.के.आजाद
    @एम.के.आजाद Місяць тому +3

    भाई साहब..आपकी vdos के जरिए काफी कुछ आध्यात्मिक जानकारी मिलती है...लेकिन ये जानकारी अनुभूति के स्तर पर कैसे उतरे, कृपया इसके सम्बंध में मार्गदर्शन करें

  • @nirmalthapar6349
    @nirmalthapar6349 Місяць тому

    जब तक हम बाहर ही बाहर रहेंगे,अंदर नहीं जायेंगे अर्थात अपने ध्यान को एकाग्र करके
    भीतर के प्रकाश और अनाहत नाद के संपर्क
    में नहीं आयेंगे तब तक सच्चे आनंद की अनुभूति असम्भव है।इसको बाहर ढूंढते हैं जो
    कभी मिल नहीं पायेगा।

  • @PremGeet12
    @PremGeet12 Місяць тому

    सुख और आनंद में अंतर होता है