आरक्षण तत्काल बिल्कुल समाप्त होना चाहिए। क्योंकि इससे दलित जनजाति सब वही के वहीं रह गये है। एक परिवार में एक व्यक्ति को ही आरक्षण मिलना चाहिए। इससे समाज में असमानता समाप्त होगी और भारत मजबूत होगा।😮😮😮😮😮😮😮😮
Jaati Pratha khatm karne ke baare me kya khyal hai???? No caste system no caste based reservation. But caste system rahega to reservation to kisi se samapt nahi hoga, chahe koi v government ho.
Collegium per bhi boliyega hramkhor ho 75 sal Ho Gaye dhokhe se jaj banae Ja Rahe Hain Bharat mein aur Bharat ke SC ST OBC ko nyaay Sahi tarike Se nahin milta
Mai v yadav hu bhai Lekin colezium khatm nhi hona chahiye. Sc st khud obc khud ko genral samjhne Lage hai rahne do bhai . Yadav hi sab ja virodh q krega
75 वर्षों में रिजर्वेशन का कितना कोटा पूरा हुआ है इसका भी आंकलन किया जाना चाहिए । क्या अमीरी और गरीबी के बीच की खाई समाप्त हो चुकी है, क्या जाति भेद और छुआछूत समाप्त हो गया है..? क्या दलित, शोषित और वंचितों को उनकी योग्यता के आधार पर उनके सारे अधिकार मिल गए ..? यदि नहीं तो आरक्षण चलता रहेगा । इसे कोई भी संसद समाप्त नहीं कर सकती । यदि करें तो यह सरासर तानाशाही और एक तरफ राजतंत्र ही समझा जाएगा ।
Today caste is alive only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. From school to college, university to job exams everywhere people are asked about their cast because of reservation. Today anybody from any caste can discriminate against anyone from any caste. There is law against caste based discrimination. Reservation added in the constitution for a temporary basis not permanent but politicians are continuing it for political benefits. Today everyone has equal opportunities so let people get everything based on their merits only. Much needed issue raised by SC.
जातियां समाप्त होना चाहिए , कोई ऊपर कास्ट नहीं कोई लोवर कास्ट नहीं सब बराबर, आरक्षण समाप्त करो, योग्यता के आधा,र पर सब आगे बढ़े और देशभी आगे,बढ़े । किसी भी क्षेत्र मे कोई आरक्षण नहीं, केवल गरीबी और जेंडर आधारित आरक्षण होना चाहिए।
SC se nai puchti sarkar, itna knowledge rakha karo. SC se puchne ka koi niyam nahi. Sarkar manmani kari hai, vaise hi judges bhi apne courts me manmani karte hai.
जाति तो युगो से चल रही है. परन्तु छुआ छोट तो समाप्त हो गया है. राजनैतिक पार्टियां और जाति का ठेका लेने वाले इसको उछाल रहे है. मै राजपूत हूँ मेरे परिवार और रिश्ते दारों ने इंटर कास्ट शादिया की है
SC के जजों को एक लंबी छुट्टी ले कर भारत के सभी राज्य,जिला,गांव के दलित और आदिवासी को स्वयं चलकर देखना और समझना चाहिए उसके बाद उनको स्वयं के विचार पर अफसोस हो सकता है।🙏
Today caste is alive only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. From school to college, university to job exams everywhere people are asked about their cast because of reservation. Today anybody from any caste can discriminate against anyone from any caste. There is law against caste based discrimination. Reservation added in the constitution for a temporary basis not permanent but politicians are continuing it for political benefits. Today everyone has equal opportunities so let people get everything based on their merits only. Much needed issue raised by SC.
guru hm obc walo ka reservation hatne se fayada hi hoga , waise bhi aajkal obc ka cutoff and general ka cutoff are almost same and jyadatar obc wale hi general me jaate hi jinke marks jyada hote h.
1-Jati Khatam kar Dena Chahiye 2-.Sampatti Sub me Brabar Brabar Batana Chahiye 3-Har Gher me Sarkari naukari Milana Chahiye 4-Jamin bhi Barabar batana chahiye
Caste is alive today only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. With power and money today people from sc,st,obc can discriminate and torture general category as well! There is law against such discrimination!
Today caste is alive only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. From school to college, university to job exams everywhere people are asked about their cast because of reservation. Today anybody from any caste can discriminate against anyone from any caste. There is law against caste based discrimination. Reservation added in the constitution for a temporary basis not permanent but politicians are continuing it for political benefits. Today everyone has equal opportunities so let people get everything based on their merits only. Much needed issue raised by SC.
@@namastescience_Indiaचलो मान लिया कि आरक्षण के कारण जाती खत्म नहीं हो रहा है। लेकिन एक बात जिस स्तर से मैं अपना जीवन यापन कर रहा हूं उस स्तर से कम स्तर वाला सवर्ण समाज का कोई भी व्यक्ति मेरे से बेटी रोटी का सम्बन्ध स्थापित करेगा। मैं गारंटी के साथ लिखित में दूंगा कि जिस स्तर का जीवन यापन अपने समाज में कर रही होगी उससे बेहतर जीवन दूंगा।
75 वर्ष हो चुके हैं अब हायरजूडियसरी कमीशन बनना चाहिए । न्यायिक व्यवस्था में कब तक भाई-भतीजावाद चलता रहेगा, केन्द्र सरकार को इस पर जल्द निर्णय लेना चाहिए। यह देश सबका है संख्या के आधार पर देश के संसाधनों और नौकरियों में उसी अनुपात में प्रतिनिधित्व होना चाहिए जितनी उनकी संख्या है।
सबसे पहले 2025 में जो जनगणना हो रहा है उसमें जातिगत जनगणना करायें और इसके साथ ही आर्थिक सर्वे भी करायें जिससे पता चले कि किस जाति के पास कितना जमीन जायदाद और सम्पत्ति है, उसके बाद जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें जिसकी जितनी जनसंख्या उसके उतनी अनुपात में आरक्षण लागू करें उसमें आर्थिक आधार पर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के आधार पर क्रीमी लेयर बना कर आरक्षण लागू करें। जिसमें गुरुप A पोस्ट, गुरुप B, गुरुप C तथा गुरुप D पोस्ट के लिए आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर बना कर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के लिए आरक्षण लागू करें इसमें एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को कोई आपत्ती नही होगा परन्तु हम अपना हक इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को क्यों दें? ये 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हजारों वर्षों से मलाई खाते आ रहें थे और आज भी जाति और मेरिट के नाम मलाई चाभ रहे हैं और मेरिट निर्धारित करने वाले भी इन्हीं लोगों आदमी बैठे हुए हैं, इन लोगो पर जरा भी एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को भरोसा नहीं है। 2014 से अब तक इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार बनी है तब से इन हरामखोरो को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इनके पेट में दर्द हो रहा है, दर्द तो इन हरामखोरो को आजादी के बाद से ही होने लगा था परंतु देश इनकी सरकार नहीं बन पा रही थी क्योंकि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का सरकार बनता आ रहा था तो 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय कुछ कर नहीं सकते थे, नहीं तो इन हरामखोरो लोगों एस सी, एस टी के आरक्षण से इनके पेट में बहुत पहले से था। इसी लिए जब से इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार 2014 से बनी है तब से देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों तथा देश के तमाम सम्पत्ति को निजीकरण करके एक तरह एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण को खत्म करते जा रहा है। इसी लिए इन हरामखोरो ने 2014 से एक अनपढ़ जाहिल गंवार हरामखोर व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना रखा है और उसको अपने इसारो पर बंदर की तरह नचा रहा है क्योंकि इस हरामखोर प्रधानमंत्री के जितने भी परशनल सचिव तथा सलाहकार हैं वो सब के सब आर एस एस और बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हैं। देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों में यही तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और अपने जेनरल कास्ट को ध्यान में रखते हुए पोलिसी बनाते हैं। हमारा आबादी देश में लगभग 90% है जिसमें लगभग 20% आबादी एस सी कटैगरी के लोगों का है, एस टी कटैगरी वाले लोगों की आबादी लगभग 8% है तथा ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और जेनरल कटैगरी वाले लोगों की आबादी सिर्फ 10 % है तो किस आधार पर इन तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को 10% ई डब्ल्यू एस आरक्षण पास करवाया बिना किसी जातिगत जनगणना करायें जबकि पूरे देश में ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और आरक्षण सिर्फ 27% है। जब बिहार के बी पी मंडल, लालू यादव, रामबिलास पासवान, कर्पूरी ठाकुर, नीतीश कुमार, मोलायम सिंह यादव, कांसीराम, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राममनोहर लोहिया तथा बहुत से सामाजिक कार्यकर्ता ने आंदोलन किया था तो बहुत मुश्किल से 27% ओ बी सी के लिए आरक्षण लागू कराया था जिसमें बोला गया था कि 50% आरक्षण के लिमिट को नहीं तोड़ा जा सकता है जबकि आजादी से पहले के जातिगत जनगणना के आधार पर ओ बी सी की आबादी 52% था इस तरह देश में कुल आरक्षण 49.50% लागू था ( एस सी कटैगरी की 15% + एस टी कटैगरी की 7.5% + ओ बी सी कटैगरी की 27% = कुल आरक्षण 49.50%था बाकी 50.50% जेनरल सीट) । जब मंडल कमीशन लागू कराया जा रहा था तो इसका विरोध प्रदर्शन कोई मुसलमान नहीं कर रहा था, कोई पाकिस्तान नहीं कर रहा था, कोई सिख नहीं कर रहा था, कोई ईसाई नहीं कर रहा था बल्कि यही 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले हरामखोर लोगों ने किया था जबकि ई डब्ल्यू एस आरक्षण इन हरामखोरो ने बिना किसी जातिगत जनगणना करायें पूरे देश में लागू किया इसके लिए संसद में संविधान संशोधन कराया। अरे हरामखोर लोग तुम लोगों को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इतना क्यों दर्द हो रहा है ?
Desh ko azad hoye 75 saal ho Gaye hai ab jati ko samapt kr dena chahiye ab thakur baniye bharaman me education level pehle se zyada ho chuka vo virodh nahi karenge
Agr upr baithe logo ki mansikta hi kharab ho to hard work krk bhi kya milega ya to fir interview bhi khatam krdo sbse jada shoshan to whi hota h @@GeoShubh
आज हमारे देश में आरक्षण अराजकता का मूल कारण बनता जा रहा है!. यदि समय रहते इसका ईलाज नहीं किया गया तो यह एक बड़ी अराजकता को जन्म दे सकता है और देश को गृहयुद्ध की आग में झोंक भी सकता है!. जय हिन्द
माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि आरक्षण व्यवस्था में सुधार हो लेकिन जातिगत भेदभाव को खत्म करने पर भी विचार करना चाहिए जो 75 वर्ष पूर्ण होने पर परिस्थितियों में कोई ज्यादा सुधार देखने को नहीं मिलता।
A suggestion, if not suggested, is creamy layer of SCs STs etc and including other oors irrespective of castes. I got only one promotion in 37 years 4 months service while recruited through competetive examinations; neglected for promotion where my juniors got 3 or 4 promotions. The faultline has been delay in decisions. Unreserved have losing power but Reserved categories population increasing.
04:30 i'm misra.. मेरे पूर्वज उच्च वर्ग के थे। उन्होंने निम्न वर्ग वालो पर अत्याचार किया होगा। Ye aapki baten hai. Aapko teacher kisne bnaya ? मोहतरमा इसी बात की तो लडाई है की तुमने और तुम जैसे लोगो ने खुद को उच्च वर्ग का घोषित कर रखा है। ये किसने तय किया की कोन उच्च वर्ग है कोन निम्न वर्ग है ? मेरी नजर में मंदिरों में बैठ कर लोगो की दान दक्षिणा पर पलने वाले लोग sbse निम्न है।
Maidam ji Manuvaadi Soch ki hai Brahman log kitne bhi Padhe likhe ho jaye inki Mansikta kbhi vikshit nahi hogi ye dusro ko apne se Neecha aur khud ko sabse uncha mante hi rahenge... Isiliye Hindu Dharam log chhod rahe h raho akele aaye bade Hindu Ekta banane pahle Samanta to lao Sab mein... Mandir mein baith ke bhikh mangne Wale Jahil log
कागज का पुलिंदा ही शिक्षा मान लिया गया है,,,,,, जबकि,,,,पहली से डिग्री तक पढ़ाया कुछ जाता है,,,, प्रतियोगिता में कुछ अलग पूछा जाता है, इंटरव्यू में कुछ अलग ही,,,,,,, नौकरी कुछ और ही,,,, कहीं ताल -मेल नहीं,,,,,, आगे पाठ पीछे सपाट,,,,,, किसी को याद है,,,, पहली से डिग्री तक,,,,,,,!!!,,,,, बजाओ ताली,,,,,,,,
सुप्रीम कोर्ट में बैठे जज की तरह सभी लोगों को नहीं 2.50 लाख महीना तनख्वाह पाते हैं, न ही जातिवादी समाज की ऊंच- नीच भेदभाव ऐसे लोग क्या जाने आरक्षण कब तक चाहिए।
Collegium bhle hi khatam na ho pr reservation harur khatam hona chahiye..sarkar pe bozz bane bethe he garib log..unko kaam karvana chahiye..muft ki roti ab desh k paas nahi bachi bhikhmango k liye..
Desh ko azad hoye 75 saal ho Gaye hai ab jati ko samapt kr dena chahiye ab thakur baniye bharaman me education level pehle se zyada ho chuka vo virodh nahi karenge
5000 हजार साल तक खून चुसने वाले आज 75 साल मे ही परेशान हो गये... कैसे जिये होगे वो लोग... 5000साल तक नीच और तूच समज कर.. जनावर से भी बुरे हालात थे.... ऊस जमाने मे.. ये तो भीम कि मेहरबानी..
800 sal Bharat gulam Raha yah bhi kisi Ko yad hai. Fir se Aarakshan dwara Bhartiya samaj Ko jaati mein Banta ja Raha hai jaatiyon mein Banta ja raha hai kya fir se gulam hone ka irada hai
Today caste is alive only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. From school to college, university to job exams everywhere people are asked about their cast because of reservation. Today anybody from any caste can discriminate against anyone from any caste. There is law against caste based discrimination. Reservation added in the constitution for a temporary basis not permanent but politicians are continuing it for political benefits. Today everyone has equal opportunities so let people get everything based on their merits only. Much needed issue raised by SC.
To tumko kya dikkat hai Sabhi koi Bina knowledge hi paida hota hai fir ek naukri ke liye equal sabhi ko equal mauka milna chahiye Kam padhe likhe walo ko naukari bilkul nhi milna chahiye Ha jiske paas padhne likhne ke liye Paisa nhi hai bas use hi paise Diya Jaye padhne ke liye Lekin ek job ke liye sabhi ko equal mauka milna chahiye 100% general means no discrimination,all are equal,and opportunities
मेरी गुजारिश है जातिवाद जनगणना करके किसने कितना आरक्षण खाया है कौन कितने नौकरियों पर बैठा है इसमें कौन कितने कंपनी का फैक्ट्री का स्कूलों का मालिक है कि पर कितनी जमीन है इसकी जांच होनी चाहिए और आयकर विभाग को ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने धन संपदा देश और विदेशों में जमा कर रखी है उसको सबको बराबर बांट देना चाहिए
@@devendraprasad427 भाई अब जनरल के लोग कहा मंत्री बन रहे है सीट बंटवारे में हर पार्टी से सुना है कि sc का इतना सीट st का इतना सीट obc को इतना सीट कभी सुना है जनरल की कितनी सीट
गांव में आकर देखो अभी कितना भेदभाव किया जाता है उच्च वर्ग के लोगों द्वारा मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थान पर . जब तक भेदभाव बिल्कुल समाप्त नहीं हो जाता तब तक जातिगत आरक्षण बना रहना चाहिए
सबसे पहले 2025 में जो जनगणना हो रहा है उसमें जातिगत जनगणना करायें और इसके साथ ही आर्थिक सर्वे भी करायें जिससे पता चले कि किस जाति के पास कितना जमीन जायदाद और सम्पत्ति है, उसके बाद जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें जिसकी जितनी जनसंख्या उसके उतनी अनुपात में आरक्षण लागू करें उसमें आर्थिक आधार पर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के आधार पर क्रीमी लेयर बना कर आरक्षण लागू करें। जिसमें गुरुप A पोस्ट, गुरुप B, गुरुप C तथा गुरुप D पोस्ट के लिए आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर बना कर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के लिए आरक्षण लागू करें इसमें एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को कोई आपत्ती नही होगा परन्तु हम अपना हक इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को क्यों दें? ये 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हजारों वर्षों से मलाई खाते आ रहें थे और आज भी जाति और मेरिट के नाम मलाई चाभ रहे हैं और मेरिट निर्धारित करने वाले भी इन्हीं लोगों आदमी बैठे हुए हैं, इन लोगो पर जरा भी एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को भरोसा नहीं है। 2014 से अब तक इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार बनी है तब से इन हरामखोरो को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इनके पेट में दर्द हो रहा है, दर्द तो इन हरामखोरो को आजादी के बाद से ही होने लगा था परंतु देश इनकी सरकार नहीं बन पा रही थी क्योंकि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का सरकार बनता आ रहा था तो 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय कुछ कर नहीं सकते थे, नहीं तो इन हरामखोरो लोगों एस सी, एस टी के आरक्षण से इनके पेट में बहुत पहले से था। इसी लिए जब से इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार 2014 से बनी है तब से देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों तथा देश के तमाम सम्पत्ति को निजीकरण करके एक तरह एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण को खत्म करते जा रहा है। इसी लिए इन हरामखोरो ने 2014 से एक अनपढ़ जाहिल गंवार हरामखोर व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना रखा है और उसको अपने इसारो पर बंदर की तरह नचा रहा है क्योंकि इस हरामखोर प्रधानमंत्री के जितने भी परशनल सचिव तथा सलाहकार हैं वो सब के सब आर एस एस और बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हैं। देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों में यही तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और अपने जेनरल कास्ट को ध्यान में रखते हुए पोलिसी बनाते हैं। हमारा आबादी देश में लगभग 90% है जिसमें लगभग 20% आबादी एस सी कटैगरी के लोगों का है, एस टी कटैगरी वाले लोगों की आबादी लगभग 8% है तथा ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और जेनरल कटैगरी वाले लोगों की आबादी सिर्फ 10 % है तो किस आधार पर इन तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को 10% ई डब्ल्यू एस आरक्षण पास करवाया बिना किसी जातिगत जनगणना करायें जबकि पूरे देश में ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और आरक्षण सिर्फ 27% है। जब बिहार के बी पी मंडल, लालू यादव, रामबिलास पासवान, कर्पूरी ठाकुर, नीतीश कुमार, मोलायम सिंह यादव, कांसीराम, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राममनोहर लोहिया तथा बहुत से सामाजिक कार्यकर्ता ने आंदोलन किया था तो बहुत मुश्किल से 27% ओ बी सी के लिए आरक्षण लागू कराया था जिसमें बोला गया था कि 50% आरक्षण के लिमिट को नहीं तोड़ा जा सकता है जबकि आजादी से पहले के जातिगत जनगणना के आधार पर ओ बी सी की आबादी 52% था इस तरह देश में कुल आरक्षण 49.50% लागू था ( एस सी कटैगरी की 15% + एस टी कटैगरी की 7.5% + ओ बी सी कटैगरी की 27% = कुल आरक्षण 49.50%था बाकी 50.50% जेनरल सीट) । जब मंडल कमीशन लागू कराया जा रहा था तो इसका विरोध प्रदर्शन कोई मुसलमान नहीं कर रहा था, कोई पाकिस्तान नहीं कर रहा था, कोई सिख नहीं कर रहा था, कोई ईसाई नहीं कर रहा था बल्कि यही 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले हरामखोर लोगों ने किया था जबकि ई डब्ल्यू एस आरक्षण इन हरामखोरो ने बिना किसी जातिगत जनगणना करायें पूरे देश में लागू किया इसके लिए संसद में संविधान संशोधन कराया। अरे हरामखोर लोग तुम लोगों को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इतना क्यों दर्द हो रहा है ?
वो तो होगा ही गृह युद्ध। और युद्ध इतना भयंकर होगा आने वाले कई सौ साल तक आरक्षण हटाने की नहीं सोचेंगे। एक तरह से ही हो सकता है अगर जातियां समाप्त हो जाए तो। आरक्षण खत्म होगा तो sc,st,obc,gen का कॉलम हटाया जाए
हमको अभी तक समझ में नहीं आ रहा है जनरल कास्ट रिजर्वेशन नहीं लेते फिर भी उनकी सरकारी नौकरीयो में भागीदारी 90 परसेंट कैसे है। मतलब उनको जन्म से ही रिजर्वेशन प्राप्त है।🤔
इन्सान खुद ही खत्म हो जाता है हम किसे किसे खत्म करेंगे खुद ही समय पर खत्म होना तय है सभी को। ये सब हमारे और मानव के मन और उसके विचार धारा का प्रभाव होता है। राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
@@amansinghrajawat9206 Jiske baap maa angrej ki dalai karnege unke pass to property jyda hi hoga na.. Jiske pass koi right nahi tha..na education ka , na property ka uske pass kaha se aayega...?? Is desh me sabse jyda income tax middle class log dete hai.. Upper Class 3% tax dete hai..
मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि जिन वर्ग के लोगों को हजारों साल तक पूर्ण रूप 100% आरक्षण मिला और उस वर्ग में कुछ लोग अगर प्रोग्रेस नही कर पाए तो गलती उनकी है और उसके बावजूद आप उस वर्ग के पिछड़े लोगों को EWS के तहत् 10% आरक्षण दे दिए , जब आप ये मान रहे है कि जिस वर्ग के लोगों को हजारों साल तक पूर्ण रूप से 100% आरक्षण मिलने पर भी पिछड़े हो सकते है तो आप ये कैसे कह सकते है सदियों से शोषित,दमित वर्ग के लोग जिन्हे आरक्षण मिला वे 75 वर्ष में ही उनके बराबरी में आ खड़े हुए हैं
Mat comment kar bhai dikhai nhi dega inko. Reservation ke sath sath resources bhi de dena chahiye tha suruaat me hi tab jake kuch sudhar hota. Kanoon lagu hone se achank parivartan nhi aa jata. Time lgta h. Jinke purkho ke paas angrez ke time se hi property ko usko maintain rakhne ka knowledge ho jahir si Baat h wo age badhega hi. Bahut sare Garib ghar ke logo ko to aaj tak pta bhi nhi hi kya padhna kitna padhna h . Bs bher chaal me h. Abhi bhi village me jo general category ke logo ko government job nhi milti wo property ke karan business me lg jata hai aur aish karte hain.
बिलकुल सटीक कमेंट ,पर ये दोगले लोग है इनको समझ में सब आता है पर ये मानेंगे नहीं क्योंकि इनको हम पर शासन करना है इसका एक ही हल है खुद की सरकार खुद की न्याय व्यवस्था और खुद के लोग एक जुट हो।
Yes madam,,, I am Garima kumari,,, I am belongs to sc cast,,, Bilkul saamapat hona chahiye,,, Log galat fayeda le rhe hai Aur kuch log isko bhugt Rahe hai Please khtm kijiye
पहले जातिवाद खत्म करिए bhedam भगवान सबको 1ही रूप में भेजते हे किसके माथे पे कोई सिक्का नहीं ठोका हे भारत में जातिवाद किसने फैलाया उस पापी को दंड देना आवश्यक #तरी sory पुत्री....
Today caste is alive only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. From school to college, university to job exams everywhere people are asked about their cast because of reservation. Today anybody from any caste can discriminate against anyone from any caste. There is law against caste based discrimination. Reservation added in the constitution for a temporary basis not permanent but politicians are continuing it for political benefits. Today everyone has equal opportunities so let people get everything based on their merits only. Much needed issue raised by SC.
आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए और जिसको एक बार मिल गया उसको आगे नहीं देना चाहिए लेकिन सबसे पहले MP और MLA की पेंशन बन्द होना चाहिए ये जनता की सेवा के लिए आते हैं तो फिर सेवा करे पैसे क्यों ले, ये जितनी बार जीतते है उतनी बार इनकी सैलरी बढ़ जाती हैं
Aur discrimination kis basis pe honi chaiye ye bhi bata do. Discrimination karoge caste ke basis pe reservation chahiye economic basis pe waah 👏🏻 Economic basis pe to sudama quota to mil hi raha hai tumko fir bhi rona dona machaye ho 😂 sudhar jao 😡
भाई हम तुम्हारे दामाद हैं पहले तो आप सब ये सोच लो कि तुम्हारी 7पीढ़ियां भी। आरक्षण खत्म ना कर सकती हैं तो बस आप इतना सोच कर सबर कर लो कि हम इन्हें नहीं अपनी बेटी को आरक्षण दे रहे हैं
Reservation mai sub classification hona chahiye sc st mai kuchh esi jaatiya hai jo pure reservation ka faayda utha rahe hai jinko reservation ki jarurat hai unko nhi mil raha hai 😢😢
To tum ho to khush raho yha kaha chale aye ...tanatani... hum hindustani hain aur samvidhan ko pehle mante hain aur usk baad kisi bhagwan ko@@arbindsharma7390
आरक्षण की अवधि पूरी होने पर बँद हों जाना चाहिए क्योंकि जो आरक्षण ले रहे वहीं परिवार एक से अधिक बार लाभ लेते रहे और जिनकी आरक्षण नहीं मिला वह वहीं है आरक्षण के कारण परिवार के समस्त मेंबर नोकरी में लगे हैं। एक परिवार एक बार आरक्षण मिलना था जो ऐसा नहीं हुआ।अब भारत में आरक्षण की आवश्यकता महसूस नहीं होती है।।
@@Prithviraj-x8mभाई अंग्रेजों के अंश है आज भी तुम्हारे अंदर शेष,क्योंकि अंग्रेज english बोलते थे पर वो भूल गए कि हिंदी वाले भारतीय कम नहीं होते गूगल तक नहीं छोड़ते,, अंग्रेज,,
@@बेरोजगार-004-f3v beta papa se ijjat se baate karte h. Tu mera hi khoon h.mai tujhe ab kya gaali du. Galti meri h tere jaise najayaj ko इस दुनिया में ला कर. Sorry beta, maa ka khayal rakhna,वैसे मैं aata रहूँगा उनकी jawani ka आग बुझाने. Beta good night.
कोई बात नही आरक्षण खतम कर दो पर जिस संपत्ति पर हमारा अधिकार था अर्थात जमीन को हमारे समाज मे बराबर भाग मे बाट jiya jaye , हमे आरक्षण से जादा इस जमीन की जरूरत है जिस पर हमारा हक है, पर इस हक को हमसे छीना गया है, इस पर कोई बात नही करता है, aur ye jameen jo सवर्ण समाज को मिला है वो आरक्षण से 1000 गुना जादा जरूरी है, और आरक्षण का फायदा तो kabhi कभी कुछ ही लोग को मिल पता है पर जमीन का फायदा सवर्ण समाज के एक एक व्यक्ति को milta है, और उसी जमीं न मे हमारे समाज के लोग apna पेट palane k liye kheti karne jate hai, aur उसका फायदा सवर्ण समाज को milta hai, aur sc/st/obc ko kya milta hai आरक्षण jiski वैल्यू नाम मात्र की है और kuchh log tak सीमित है, नही चाहिए आरक्षण हमारा जो असली अधिकार है उसे दे दो,
देश में कितने प्रतिशत पिछड़े और दलित धनवान है, उद्योगपतियों मैं किसका नाम सबसे पहले आता है ,मंदिरों में सिर्फ पंडितों का अधिकार, शोषण किसका होता है, जमीनी स्तर पर क्या जातिवाद खत्म हुआ ,इन सब चीजों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है तब आप आरक्षण समाप्त कर सकते हैं ❤❤
मैम चाहे 75 साल हो गए हो या 200 साल हो गए हो सरकार को इस बात पर ध्यान दें कर फैसला करना चाहिए कि जो आरक्षण दिया गया उससे कितना समाज में बदलाव आया है कि सिर्फ साल ही बढ़े हैं । इसकी जमीनी स्तर पर जांच पहले हो
सबसे पहले 2025 में जो जनगणना हो रहा है उसमें जातिगत जनगणना करायें और इसके साथ ही आर्थिक सर्वे भी करायें जिससे पता चले कि किस जाति के पास कितना जमीन जायदाद और सम्पत्ति है, उसके बाद जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें जिसकी जितनी जनसंख्या उसके उतनी अनुपात में आरक्षण लागू करें उसमें आर्थिक आधार पर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के आधार पर क्रीमी लेयर बना कर आरक्षण लागू करें। जिसमें गुरुप A पोस्ट, गुरुप B, गुरुप C तथा गुरुप D पोस्ट के लिए आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर बना कर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के लिए आरक्षण लागू करें इसमें एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को कोई आपत्ती नही होगा परन्तु हम अपना हक इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को क्यों दें? ये 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हजारों वर्षों से मलाई खाते आ रहें थे और आज भी जाति और मेरिट के नाम मलाई चाभ रहे हैं और मेरिट निर्धारित करने वाले भी इन्हीं लोगों आदमी बैठे हुए हैं, इन लोगो पर जरा भी एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को भरोसा नहीं है। 2014 से अब तक इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार बनी है तब से इन हरामखोरो को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इनके पेट में दर्द हो रहा है, दर्द तो इन हरामखोरो को आजादी के बाद से ही होने लगा था परंतु देश इनकी सरकार नहीं बन पा रही थी क्योंकि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का सरकार बनता आ रहा था तो 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय कुछ कर नहीं सकते थे, नहीं तो इन हरामखोरो लोगों एस सी, एस टी के आरक्षण से इनके पेट में बहुत पहले से था। इसी लिए जब से इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार 2014 से बनी है तब से देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों तथा देश के तमाम सम्पत्ति को निजीकरण करके एक तरह एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण को खत्म करते जा रहा है। इसी लिए इन हरामखोरो ने 2014 से एक अनपढ़ जाहिल गंवार हरामखोर व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना रखा है और उसको अपने इसारो पर बंदर की तरह नचा रहा है क्योंकि इस हरामखोर प्रधानमंत्री के जितने भी परशनल सचिव तथा सलाहकार हैं वो सब के सब आर एस एस और बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हैं। देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों में यही तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और अपने जेनरल कास्ट को ध्यान में रखते हुए पोलिसी बनाते हैं। हमारा आबादी देश में लगभग 90% है जिसमें लगभग 20% आबादी एस सी कटैगरी के लोगों का है, एस टी कटैगरी वाले लोगों की आबादी लगभग 8% है तथा ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और जेनरल कटैगरी वाले लोगों की आबादी सिर्फ 10 % है तो किस आधार पर इन तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को 10% ई डब्ल्यू एस आरक्षण पास करवाया बिना किसी जातिगत जनगणना करायें जबकि पूरे देश में ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और आरक्षण सिर्फ 27% है। जब बिहार के बी पी मंडल, लालू यादव, रामबिलास पासवान, कर्पूरी ठाकुर, नीतीश कुमार, मोलायम सिंह यादव, कांसीराम, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राममनोहर लोहिया तथा बहुत से सामाजिक कार्यकर्ता ने आंदोलन किया था तो बहुत मुश्किल से 27% ओ बी सी के लिए आरक्षण लागू कराया था जिसमें बोला गया था कि 50% आरक्षण के लिमिट को नहीं तोड़ा जा सकता है जबकि आजादी से पहले के जातिगत जनगणना के आधार पर ओ बी सी की आबादी 52% था इस तरह देश में कुल आरक्षण 49.50% लागू था ( एस सी कटैगरी की 15% + एस टी कटैगरी की 7.5% + ओ बी सी कटैगरी की 27% = कुल आरक्षण 49.50%था बाकी 50.50% जेनरल सीट) । जब मंडल कमीशन लागू कराया जा रहा था तो इसका विरोध प्रदर्शन कोई मुसलमान नहीं कर रहा था, कोई पाकिस्तान नहीं कर रहा था, कोई सिख नहीं कर रहा था, कोई ईसाई नहीं कर रहा था बल्कि यही 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले हरामखोर लोगों ने किया था जबकि ई डब्ल्यू एस आरक्षण इन हरामखोरो ने बिना किसी जातिगत जनगणना करायें पूरे देश में लागू किया इसके लिए संसद में संविधान संशोधन कराया। अरे हरामखोर लोग तुम लोगों को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इतना क्यों दर्द हो रहा है ?
क्या लाभ मिले हैं आज भी गरीब शोषित है, छोटी जात को अभी भी सिर उठाने नहीं दिया जाता, महिलाओं को आज भी अकेले निकलने में डर लगता है शूद्रों की क्या हालत है जग जाहिर है आरक्षण हटाओ तो समाज में सबको बराबर का दर्जा दिलाओ अच्छे पदों पे उनको भी चयनित करो
भारत देश की संपत्ति पर सभी देशवासियों का बराबर हक है एक जनगणना करो कैटिगरी वाइज किसके पास कितनी संपत्ति है सभी कैटिगिरीयो मे बराबर संपत्ति आवंटित कर दो (जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी)और फिर सभी जातियां समाप्त कर दो l जातिवादियों सुनो जब तक जातिवाद रहेगा तब तक आरक्षण आबाद रहेगा l
सबसे पहले 2025 में जो जनगणना हो रहा है उसमें जातिगत जनगणना करायें और इसके साथ ही आर्थिक सर्वे भी करायें जिससे पता चले कि किस जाति के पास कितना जमीन जायदाद और सम्पत्ति है, उसके बाद जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें जिसकी जितनी जनसंख्या उसके उतनी अनुपात में आरक्षण लागू करें उसमें आर्थिक आधार पर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के आधार पर क्रीमी लेयर बना कर आरक्षण लागू करें। जिसमें गुरुप A पोस्ट, गुरुप B, गुरुप C तथा गुरुप D पोस्ट के लिए आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर बना कर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के लिए आरक्षण लागू करें इसमें एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को कोई आपत्ती नही होगा परन्तु हम अपना हक इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को क्यों दें? ये 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हजारों वर्षों से मलाई खाते आ रहें थे और आज भी जाति और मेरिट के नाम मलाई चाभ रहे हैं और मेरिट निर्धारित करने वाले भी इन्हीं लोगों आदमी बैठे हुए हैं, इन लोगो पर जरा भी एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को भरोसा नहीं है। 2014 से अब तक इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार बनी है तब से इन हरामखोरो को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इनके पेट में दर्द हो रहा है, दर्द तो इन हरामखोरो को आजादी के बाद से ही होने लगा था परंतु देश इनकी सरकार नहीं बन पा रही थी क्योंकि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का सरकार बनता आ रहा था तो 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय कुछ कर नहीं सकते थे, नहीं तो इन हरामखोरो लोगों एस सी, एस टी के आरक्षण से इनके पेट में बहुत पहले से था। इसी लिए जब से इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार 2014 से बनी है तब से देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों तथा देश के तमाम सम्पत्ति को निजीकरण करके एक तरह एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण को खत्म करते जा रहा है। इसी लिए इन हरामखोरो ने 2014 से एक अनपढ़ जाहिल गंवार हरामखोर व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना रखा है और उसको अपने इसारो पर बंदर की तरह नचा रहा है क्योंकि इस हरामखोर प्रधानमंत्री के जितने भी परशनल सचिव तथा सलाहकार हैं वो सब के सब आर एस एस और बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हैं। देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों में यही तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और अपने जेनरल कास्ट को ध्यान में रखते हुए पोलिसी बनाते हैं। हमारा आबादी देश में लगभग 90% है जिसमें लगभग 20% आबादी एस सी कटैगरी के लोगों का है, एस टी कटैगरी वाले लोगों की आबादी लगभग 8% है तथा ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और जेनरल कटैगरी वाले लोगों की आबादी सिर्फ 10 % है तो किस आधार पर इन तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को 10% ई डब्ल्यू एस आरक्षण पास करवाया बिना किसी जातिगत जनगणना करायें जबकि पूरे देश में ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और आरक्षण सिर्फ 27% है। जब बिहार के बी पी मंडल, लालू यादव, रामबिलास पासवान, कर्पूरी ठाकुर, नीतीश कुमार, मोलायम सिंह यादव, कांसीराम, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राममनोहर लोहिया तथा बहुत से सामाजिक कार्यकर्ता ने आंदोलन किया था तो बहुत मुश्किल से 27% ओ बी सी के लिए आरक्षण लागू कराया था जिसमें बोला गया था कि 50% आरक्षण के लिमिट को नहीं तोड़ा जा सकता है जबकि आजादी से पहले के जातिगत जनगणना के आधार पर ओ बी सी की आबादी 52% था इस तरह देश में कुल आरक्षण 49.50% लागू था ( एस सी कटैगरी की 15% + एस टी कटैगरी की 7.5% + ओ बी सी कटैगरी की 27% = कुल आरक्षण 49.50%था बाकी 50.50% जेनरल सीट) । जब मंडल कमीशन लागू कराया जा रहा था तो इसका विरोध प्रदर्शन कोई मुसलमान नहीं कर रहा था, कोई पाकिस्तान नहीं कर रहा था, कोई सिख नहीं कर रहा था, कोई ईसाई नहीं कर रहा था बल्कि यही 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले हरामखोर लोगों ने किया था जबकि ई डब्ल्यू एस आरक्षण इन हरामखोरो ने बिना किसी जातिगत जनगणना करायें पूरे देश में लागू किया इसके लिए संसद में संविधान संशोधन कराया। अरे हरामखोर लोग तुम लोगों को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इतना क्यों दर्द हो रहा है ? जितने भी शारीरिक मेहनत वाले काम होता है जिसमें खून पसीना भी बहाना पड़ता है वो सभी कार्य सिर्फ एस सी, एस टी और ओ बी सी के लोग करते हैं और इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय जिसमें इनके मां बहने, बहु बेटियों तथा इनके बाल बच्चे सब के सब हराम के खाते हैं!
अगर Reservation को 75 साल हो गए हैं, तो फिर सभी सरकारी नौकरियों में और Bureaucracy में 22.5% SC/ST और 27% OBC क्यों नहीं हैं ये परसेंट अभी 0-5% के बीच क्यों है फिर???? इसका मतलब Reservation को सही तरह से लागू ही नहीं किया गया है|
@@thedksingh इसी का तो विश्लेषण करने पर आया है कि जनरल के लोग मेहनत करके नौकरी पा रहे है लेकिन हर जगह आरक्षण है फिर भी तुम जैसे लोग सिर्फ राजनीति करने में लगे है इसको खत किया जाए
आरक्षण एक व्यक्ति के परिवार को एक ही बार देना चाहिए। लागू रहें पर उनको मिले जिसको आवश्यकता है। एक ही परिवार में सभी अधिकारी है आरक्षण का लाभ ऐसे ही ले रहे हैं।
जातिगत आरक्षण का मूल उद्देश्य ही हिंदू समाज में जाति व्यवस्था को समाप्त करना है! जब तक जाति व्यवस्था समाप्त नहीं होती तब तक आरक्षण समाप्त नही हो सकता। न्यायालय को जाति निरस्तीकरण अभियान सरकार से चलवाने का कड़ा आदेश देना चाहिए था।
@@shivprakashmishra742 Jaati hain tabhi toh lete hain kyuki jaati se hi toh pratibandh lagge huye hain manushyo par... jaatiya khatam karo aur ek hindu samaaj rakho naa koi brahmann naa koi shudra toh phir jaati ke naam par koi kya le sakega?
@@shivprakashmishra742 हाँ तो भाई जाति खतम कर दो आरक्षण भी खतम हो जाऐगा रोटी बेटी का संबंध स्थापित करो समाज मे तब कोई जातिया ही नही बचेगी समाज मे और नही आरक्षण होगा बताओ कब से शुरु कर रहे हो हमलोग तैयार है
Iski kya guarantee hai ki aage sahi logo tak pahuchegi ??? Pehle arakshan khatam karna chahiye uske baad 10 saal ka gap dena chahiye.....fir dekhna chahiye ki hakikat me kon kon pichda hai .....
@CareerProblemSolver प्रधानमंत्री आवास योजना कैसे अच्छे से पहचान कर सही लोगों तक पहुंच जाती हैं, चुनाव के दौरान कैसे बूथ एक एक जनता के पास पहुंच जाती हैं ,, आशा है आप भी इस बात को समझेंगे🙏
@@p.l.dharmatma1462 bhai mere, pradhan mantri awas yojna alag scheme hai. Usme ghar ke liye subsidy lene ke liye karj lena compulsory hai aur reservation me free ki bheek zabardasti ameero ko di jaa rahi hai. Upar se apko kisne bataya ki pmay aur chunavo ke time voter id card jaise cheeze sahi tareeko se hoti hai. Pmay scam google karke dekh lijiye, voter id card bangladeshiyo aur rohingya ko kisne baate ?? Iss desh me corruption itna hai ki jo haqdar hai wahi pista chala jayega. Har rajya me dadagiri aur gundagardi hai. Sab politicians ke paas hathiyaar hai aam aadmi ko darane ke liye aur reservation ka andhadhun laabh lene ke liye. Isse achcha hai ki reservation aur freebees ko khatam kiya jaaye.
भारत में जाति आधारित आरक्षण दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में शुरू हुआ। मनुस्मृति ब्राह्मणों की कानून की किताब में सभी कानून जाति पर आधारित थे और किसी भी मेरिट पर कभी विचार नहीं किया गया था। इसने लोगों को उनके जन्म के आधार पर उच्च और निम्न जातियों में विभाजित किया, न कि मेरिट के आधार पर धन, राजनीतिक शक्ति, आध्यात्मिक नेतृत्व, शिक्षा, भूमि का स्वामित्व, व्यापार और सभी आकर्षक पहलू शुद्ध रूप से उच्च जातियों के लिए आरक्षित थे।
सबसे पहले 2025 में जो जनगणना हो रहा है उसमें जातिगत जनगणना करायें और इसके साथ ही आर्थिक सर्वे भी करायें जिससे पता चले कि किस जाति के पास कितना जमीन जायदाद और सम्पत्ति है, उसके बाद जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें जिसकी जितनी जनसंख्या उसके उतनी अनुपात में आरक्षण लागू करें उसमें आर्थिक आधार पर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के आधार पर क्रीमी लेयर बना कर आरक्षण लागू करें। जिसमें गुरुप A पोस्ट, गुरुप B, गुरुप C तथा गुरुप D पोस्ट के लिए आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर बना कर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के लिए आरक्षण लागू करें इसमें एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को कोई आपत्ती नही होगा परन्तु हम अपना हक इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को क्यों दें? ये 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हजारों वर्षों से मलाई खाते आ रहें थे और आज भी जाति और मेरिट के नाम मलाई चाभ रहे हैं और मेरिट निर्धारित करने वाले भी इन्हीं लोगों आदमी बैठे हुए हैं, इन लोगो पर जरा भी एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को भरोसा नहीं है। 2014 से अब तक इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार बनी है तब से इन हरामखोरो को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इनके पेट में दर्द हो रहा है, दर्द तो इन हरामखोरो को आजादी के बाद से ही होने लगा था परंतु देश इनकी सरकार नहीं बन पा रही थी क्योंकि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का सरकार बनता आ रहा था तो 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय कुछ कर नहीं सकते थे, नहीं तो इन हरामखोरो लोगों एस सी, एस टी के आरक्षण से इनके पेट में बहुत पहले से था। इसी लिए जब से इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार 2014 से बनी है तब से देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों तथा देश के तमाम सम्पत्ति को निजीकरण करके एक तरह एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण को खत्म करते जा रहा है। इसी लिए इन हरामखोरो ने 2014 से एक अनपढ़ जाहिल गंवार हरामखोर व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना रखा है और उसको अपने इसारो पर बंदर की तरह नचा रहा है क्योंकि इस हरामखोर प्रधानमंत्री के जितने भी परशनल सचिव तथा सलाहकार हैं वो सब के सब आर एस एस और बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हैं। देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों में यही तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और अपने जेनरल कास्ट को ध्यान में रखते हुए पोलिसी बनाते हैं। हमारा आबादी देश में लगभग 90% है जिसमें लगभग 20% आबादी एस सी कटैगरी के लोगों का है, एस टी कटैगरी वाले लोगों की आबादी लगभग 8% है तथा ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और जेनरल कटैगरी वाले लोगों की आबादी सिर्फ 10 % है तो किस आधार पर इन तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को 10% ई डब्ल्यू एस आरक्षण पास करवाया बिना किसी जातिगत जनगणना करायें जबकि पूरे देश में ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और आरक्षण सिर्फ 27% है। जब बिहार के बी पी मंडल, लालू यादव, रामबिलास पासवान, कर्पूरी ठाकुर, नीतीश कुमार, मोलायम सिंह यादव, कांसीराम, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राममनोहर लोहिया तथा बहुत से सामाजिक कार्यकर्ता ने आंदोलन किया था तो बहुत मुश्किल से 27% ओ बी सी के लिए आरक्षण लागू कराया था जिसमें बोला गया था कि 50% आरक्षण के लिमिट को नहीं तोड़ा जा सकता है जबकि आजादी से पहले के जातिगत जनगणना के आधार पर ओ बी सी की आबादी 52% था इस तरह देश में कुल आरक्षण 49.50% लागू था ( एस सी कटैगरी की 15% + एस टी कटैगरी की 7.5% + ओ बी सी कटैगरी की 27% = कुल आरक्षण 49.50%था बाकी 50.50% जेनरल सीट) । जब मंडल कमीशन लागू कराया जा रहा था तो इसका विरोध प्रदर्शन कोई मुसलमान नहीं कर रहा था, कोई पाकिस्तान नहीं कर रहा था, कोई सिख नहीं कर रहा था, कोई ईसाई नहीं कर रहा था बल्कि यही 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले हरामखोर लोगों ने किया था जबकि ई डब्ल्यू एस आरक्षण इन हरामखोरो ने बिना किसी जातिगत जनगणना करायें पूरे देश में लागू किया इसके लिए संसद में संविधान संशोधन कराया। अरे हरामखोर लोग तुम लोगों को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इतना क्यों दर्द हो रहा है ? जितने भी शारीरिक मेहनत वाले काम होता है जिसमें खून पसीना भी बहाना पड़ता है वो सभी कार्य सिर्फ एस सी, एस टी और ओ बी सी के लोग करते हैं और इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय जिसमें इनके मां बहने, बहु बेटियों तथा इनके बाल बच्चे सब के सब हराम के खाते हैं
जब तक जाती है जब तक आरक्षण रहेगा जाती हटा दीजिए आरक्षण अपने आप हट जाएगा। 😮। जातीय जनगणना बिहार में आंकड़ा देख लीजिए क्या हालत है। आरक्षण के अभी और जरूरत है देश व राज्य में जब तक लोग एक समान नहीं हो जाते हैं जब तक आरक्षण को कोई हाथ नहीं लग सकता। 3000 वर्षों की गुलामी। 75 वर्ष में कैसे सामान्य होगा। होगा भी तो क्या हालत है IIT IIM मैं क्या हालत है इसका भी आंकड़ा आना चाहिए। जय भीम जय संविधान❤
raat ko 8pm neend puri karke.. jati ko amanya ghoshit kardunga, bana do mujhe PM. sabko ek naya hi surname lagana hoga jo ki existing jatiyo me se nahi honga, ek pariwar ko ek naya surname diya jayega jo hazaro options me se hoga, jaise phone number hote hai. - "Kiran s0891" kaisa laga. lekin yeh sab par lagu hoga, Amdebkar bhi nahi hoga aur Mishra bhi nahi, naa hi Singh yaa Patil.
ये सिर्फ बकवास है.......सुप्रीम कोर्ट की Reservation ही लोकतंत्र है.......जब आरक्षण समाप्त हो जाएगा तो फिर गरीबों को उसकी भगदारी कैसे मिलेगी......कर दो आरक्षण ख़त्म ......प्रतिनिधित्व का अधिकार जब तक रहेगा ......तब तक आरक्षण रहेगा
murkh ho tum reservation economical condition ke hisaab se milna chahiye kon sa jaatiwaad ho rha hai bataooo kya karne se tumko roka ja rha hai yeah batooo
@@A_R1111 Beta yogyata decide krne vale log bhi fair enough descision krna chahiye na ki cast dekha kar... Aj bhi civil service ke interviews marks dekha lijiye apko Bramhin ke marks overall jada hi milenge as compared to other cast... ❓ because jo board Me log baithe hai vo log khud bramhin hai... That's the harsh truth....Ye discrimination aur Fact dono hai... Chahe to proof bhi hai iska😂
Brahmin Bania Judiciary mai bhi 90% OBC SC ST jab ho jayenge, Tab socha jayega ✊✊ OBC SC ST Want Representation in Judiciary, Media, Legislation and Executive 🙏🏻🙏🏻
@@pradeepbisht7346 hmm 10% 👉 ब्राह्मण बनिया राजपूत ek number ke nitthele hai. Inse padhayi nahi hoti isaliye 10% EWS leke baithe hai. Kaam chor kahike. Sun 10% hai ab OBC ka 60% hoga ✊✊
@@pradeepbisht7346 पढ़ने की तुम्हें जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट में कॉलेजियम सिस्टम है भाई, जिसमें कॉलेजियम सिस्टम हटे बिना अन्य परिवार के लोग नहीं जा सकते।
मेरी कस्ट से आज तक कोई mp mla या आईएएस आईपीएस नही बना आज के टाइम गवमेंट स्कूल सिर्फ हमरे लिए रही जहा पढ़ाई नही रही कितने बचे जर्नल कस्ट के गवमेंट स्कूल मे जाते है सिर्फ sc st तो प्लीज पहले धरातल पर चेक करो फिर प्रस्ताव परित करवाना धन्यवाद जय हिंद
@@Harinaarayanतो फिर जातिवाद कर कयो रहे है सरकार जयादातर समय किसका रहा हैकिस जाति के लोग सांसद विधायक मंत्री रहै है | जयादा किस जाति के लोग शासन प्रशासन मे है समाज मे कौन जाति के लोग नियम बनाता है किसका बात मानता है समाज किस जाति से पूछता है समाज ये भी तो देखो आखिर बो जाति खतम करने छुआछूत खतम करने के लिऐ कुछ कयो नही कर रहा है | आज भी समाज मे लगभग लोग एक जाति से पूछते है और उनके वताऐ अनुसार सबकुछ करते है पैदा होने से लेकर श्राद्ध तक | बो नही चाहते है कि जाति खतम हो उनकी इजजत कम हो जाऐगी सब बराबर हो जाऐगा तब 😂😂😂
@@Sanaya.singh12 जी आपका कहना बिलकुल सही है जाति जातिवाद भेदभाब के कारण ही तो आरक्षण दिया गया है और ये जातिबाद खतम होने तक रहेगा और अंतरजातीय विवाह के बिना ये खतम भी नही हो सकता जब तक अपनापन नही आऐगा तब तक समाज नही जुड सकता और न ही जातिवाद खतम हो सकता | आज समाज मे हर जाति के लिऐ एक closed eco syystem बनाया गया है उसी मे उसको रहना है और बाकियो से खुद को अलग समझना है जबतक ये टूटेगा नही तब तक जाति खतम नही हो सकती , देखिऐ आगे होता किया है आरक्षण समापत होगी या जाति या फिर कुछ भी नही ऐसा ही चलता रहेगा .........
हजारों सालों से शोषण करने के बावजूद 75 सालों में ही इतना विकास कैसे हो सकता है सरकार को जनगणना करना चाहिए और जो रियल में गरीब है चाहे वह दलित हुए दूसरे लोग हैं उनका विकास के लिए नए रास्ते अपनाने चाहिए ना की जिनको आरक्षण के सहारे जो विकास की प्रक्रिया की गई है उसे समाप्त करना चाहिए
Today caste is alive only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. From school to college, university to job exams everywhere people are asked about their cast because of reservation. Today anybody from any caste can discriminate against anyone from any caste. There is law against caste based discrimination. Reservation added in the constitution for a temporary basis not permanent but politicians are continuing it for political benefits. Today everyone has equal opportunities so let people get everything based on their merits only. Much needed issue raised by SC.
में गोरखपुर के एक कालेज में पढ़ता था, SC होने के कारण मुझे आगे की सीट पर नहीं वैठने दिया जाता था जो बजीफा मिलता था उसमें से 500 रूपए कुछ भिखारियों को देना पड़ता था जो साथ में ही पढ़ते थे, हम अकेले थे, दूर जिले से थे डर से शिकायत भी नहीं कर सकते थे ऐसा क्लास के सभी ,SC के साथ होता था, ये दर्द ये बेबसी, हम भूल थोडे जाएगे
सुप्रीम कोर्ट दूसरों के विषय में तो खूब फैसला देता है लेकिन वह अपने विषय में कभी यह नियम लागू करेगा कि वहां पर भर्ती योग्यता के आधार पर की जाएगी ना कि कॉलेजियम सिस्टम के आधार पर
सबसे पहले 2025 में जो जनगणना हो रहा है उसमें जातिगत जनगणना करायें और इसके साथ ही आर्थिक सर्वे भी करायें जिससे पता चले कि किस जाति के पास कितना जमीन जायदाद और सम्पत्ति है, उसके बाद जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें जिसकी जितनी जनसंख्या उसके उतनी अनुपात में आरक्षण लागू करें उसमें आर्थिक आधार पर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के आधार पर क्रीमी लेयर बना कर आरक्षण लागू करें। जिसमें गुरुप A पोस्ट, गुरुप B, गुरुप C तथा गुरुप D पोस्ट के लिए आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर बना कर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के लिए आरक्षण लागू करें इसमें एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को कोई आपत्ती नही होगा परन्तु हम अपना हक इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को क्यों दें? ये 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हजारों वर्षों से मलाई खाते आ रहें थे और आज भी जाति और मेरिट के नाम मलाई चाभ रहे हैं और मेरिट निर्धारित करने वाले भी इन्हीं लोगों आदमी बैठे हुए हैं, इन लोगो पर जरा भी एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को भरोसा नहीं है। 2014 से अब तक इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार बनी है तब से इन हरामखोरो को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इनके पेट में दर्द हो रहा है, दर्द तो इन हरामखोरो को आजादी के बाद से ही होने लगा था परंतु देश इनकी सरकार नहीं बन पा रही थी क्योंकि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का सरकार बनता आ रहा था तो 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय कुछ कर नहीं सकते थे, नहीं तो इन हरामखोरो लोगों एस सी, एस टी के आरक्षण से इनके पेट में बहुत पहले से था। इसी लिए जब से इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार 2014 से बनी है तब से देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों तथा देश के तमाम सम्पत्ति को निजीकरण करके एक तरह एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण को खत्म करते जा रहा है। इसी लिए इन हरामखोरो ने 2014 से एक अनपढ़ जाहिल गंवार हरामखोर व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना रखा है और उसको अपने इसारो पर बंदर की तरह नचा रहा है क्योंकि इस हरामखोर प्रधानमंत्री के जितने भी परशनल सचिव तथा सलाहकार हैं वो सब के सब आर एस एस और बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हैं। देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों में यही तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और अपने जेनरल कास्ट को ध्यान में रखते हुए पोलिसी बनाते हैं। हमारा आबादी देश में लगभग 90% है जिसमें लगभग 20% आबादी एस सी कटैगरी के लोगों का है, एस टी कटैगरी वाले लोगों की आबादी लगभग 8% है तथा ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और जेनरल कटैगरी वाले लोगों की आबादी सिर्फ 10 % है तो किस आधार पर इन तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को 10% ई डब्ल्यू एस आरक्षण पास करवाया बिना किसी जातिगत जनगणना करायें जबकि पूरे देश में ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और आरक्षण सिर्फ 27% है। जब बिहार के बी पी मंडल, लालू यादव, रामबिलास पासवान, कर्पूरी ठाकुर, नीतीश कुमार, मोलायम सिंह यादव, कांसीराम, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राममनोहर लोहिया तथा बहुत से सामाजिक कार्यकर्ता ने आंदोलन किया था तो बहुत मुश्किल से 27% ओ बी सी के लिए आरक्षण लागू कराया था जिसमें बोला गया था कि 50% आरक्षण के लिमिट को नहीं तोड़ा जा सकता है जबकि आजादी से पहले के जातिगत जनगणना के आधार पर ओ बी सी की आबादी 52% था इस तरह देश में कुल आरक्षण 49.50% लागू था ( एस सी कटैगरी की 15% + एस टी कटैगरी की 7.5% + ओ बी सी कटैगरी की 27% = कुल आरक्षण 49.50%था बाकी 50.50% जेनरल सीट) । जब मंडल कमीशन लागू कराया जा रहा था तो इसका विरोध प्रदर्शन कोई मुसलमान नहीं कर रहा था, कोई पाकिस्तान नहीं कर रहा था, कोई सिख नहीं कर रहा था, कोई ईसाई नहीं कर रहा था बल्कि यही 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले हरामखोर लोगों ने किया था जबकि ई डब्ल्यू एस आरक्षण इन हरामखोरो ने बिना किसी जातिगत जनगणना करायें पूरे देश में लागू किया इसके लिए संसद में संविधान संशोधन कराया। अरे हरामखोर लोग तुम लोगों को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इतना क्यों दर्द हो रहा है ? जितने भी शारीरिक मेहनत वाले काम होता है जिसमें खून पसीना भी बहाना पड़ता है वो सभी कार्य सिर्फ एस सी, एस टी और ओ बी सी के लोग करते हैं और इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय जिसमें इनके मां बहने, बहु बेटियों तथा इनके बाल बच्चे सब के सब हराम के खाते हैं
पहले जाती खत्म कीजिए। वर्षों से शोषित, प्रताड़ित, को 75 वर्षों में कैसे पूरा हो गया।😢😢😢😢😢 ऐसे सोच ओ भी SC का ओ भी SC/ST के प्रति बहुत ही बेशर्म बाली सोच को दिखा रहे हैं। संविधान को खत्म करने का कोशिश कर रहे हैं।ये सब मिलकर😢😢😢😢
बात आरक्षण खत्म करने की नहीं हो रही है बात उन लोगों को कोटे से बाहर करने की बात हो रही है जो पहले इसका लाभ उठा चुके हैं जो अब जनरल कैटेगरी के साथ कंपटीशन के लिए तैयार है|
मेडम जी क्या भारत से दलित जातिगत व्यवस्था, भेदभाव, ऊंच-नीच, समाप्त हो चुकी है और इसके अतिरिक्त महिला सशक्तिकरण व्यवस्था ओर समान शिक्षा पद्धति, ठीक हो चुकी है और धर्म के प्रति मानसिक गुलामी समाप्त हो चुकी है तो हां निश्चित ही आरक्षण समाप्त होना चाहिये और फिर एक नई पहचान मिलनी चाहिये भारत में कोई जाति व्यवस्था नहीं होनी चाहिये, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र कोई नहीं केवल भारतीय कोई धर्म नहीं होगा, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,जैन, बौद्ध कोई भी धर्म नहीं होगा केवल ओर केवल भारतीय जय भीम, जय भारत, जय संविधान,जय मूलनिवासी ❤❤
मै सोच रहा था कि 75 साल हो गए देश आजाद हुए अब जाति को समाप्त कर देना चाहिए, सुप्रीत को ये बात भी बोलना चाहिए था
मामला ये है कि जिसके साथ जातिवाद हो रहा है उसे आरक्षण का फायदा मिल ही नहीं रहा ✅️
Apne naam k pichhe lagawo Tiwari 😂 roka kisne h
Jaati ka hi to aarkshan hai aarkshan khatam jaatiwad khatm
Kuch nhi hoga,,, supreme court ko yh q nhi dikhta,,,ki 75 sal bad bhi jativad jinda H....
Nice thought
कर दो
पर उससे पहले जीरो percent paper leak,0% रिश्वतखोरी सरकारी भारतीयों में,
100% निष्पक्ष न्याय
100% जातिभेदभाव का अंत
इन सबको लागू करो
100%right
Right bro
Bilkul sahi
Bilkul sahi
आरक्षण खत्म होते भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा क्योंकि आरक्षण बाले ही भ्रष्टाचार करते हैं
हमे आरक्षण नहीं चाहिए लेकिन जाति व्यवस्था भी नही चाहिए जब चाहो आरक्षण समाप्त कर सकते हो।
Apni jaati pr garv kro. Ydi koi aapko km samjhta h. To aap bhi usko km smjho
Rona dhona kaise hoga@@goldybharatfirst9079
@@goldybharatfirst9079 It's not the matter pf one individual it's a matter of a whole society
Budhisam me jaana pdega.fir batti bana lena apne jaativaad ki😂😂😂
@@Naastik-pz1iuअरे जिसमें जाना है जाओ न कौन रोक रहा है 😂
आरक्षण तत्काल बिल्कुल समाप्त होना चाहिए।
क्योंकि इससे दलित जनजाति सब वही के वहीं रह गये है।
एक परिवार में एक व्यक्ति को ही आरक्षण मिलना चाहिए।
इससे समाज में असमानता समाप्त होगी और भारत मजबूत होगा।😮😮😮😮😮😮😮😮
Genral sc st sabhi ke ghar se 1 ko naukri mil ni chahiye,uske baad sab khud ki naukari kare
Daliton ka shoshan nahi rukta hai jab tak arakshan samapt nahi ho sakta hai
Jaati Pratha khatm karne ke baare me kya khyal hai????
No caste system no caste based reservation.
But caste system rahega to reservation to kisi se samapt nahi hoga, chahe koi v government ho.
Collegium per bhi boliyega hramkhor ho 75 sal Ho Gaye dhokhe se jaj banae Ja Rahe Hain Bharat mein aur Bharat ke SC ST OBC ko nyaay Sahi tarike Se nahin milta
कॉलेजियम सिस्टम को लागू हुए भी 75 वर्ष से ज़्यादा टाइम हो गया है इसको भी समाप्त कर देना चाहिए
कॉलेजियम सिस्टम अगर खत्म हो जाएगा न तब SC सरकार के इशारे पर चलेगी 😂
@@Frustrated_Gandhi_G abhi bhi to manuvadi soch ke log baithe hai
Katuwa wala chahiye tha kya wha pr 😅😅@@saurabhpatel2280
😂 bilkul sahi
Mai v yadav hu bhai Lekin colezium khatm nhi hona chahiye.
Sc st khud obc khud ko genral samjhne Lage hai rahne do bhai .
Yadav hi sab ja virodh q krega
75 वर्षों में रिजर्वेशन का कितना कोटा पूरा हुआ है इसका भी आंकलन किया जाना चाहिए । क्या अमीरी और गरीबी के बीच की खाई समाप्त हो चुकी है, क्या जाति भेद और छुआछूत समाप्त हो गया है..? क्या दलित, शोषित और वंचितों को उनकी योग्यता के आधार पर उनके सारे अधिकार मिल गए ..? यदि नहीं तो आरक्षण चलता रहेगा । इसे कोई भी संसद समाप्त नहीं कर सकती । यदि करें तो यह सरासर तानाशाही और एक तरफ राजतंत्र ही समझा जाएगा ।
Pahli bat reservation 75 salo se kewal brahmano aur thakuro ko milta chala aa rha hai
💯💯
अरे आजकल तो sc st वाले ही अत्याचार कर रहे मुआवजा लेने के लिए फर्जी sc st act में सवर्णों और ओबीसी को फसाते हैं।
बिलकुल आपने सही कहा
Reservation ko ab khatam kar dena chahiye
देश के लिए सबसे जरूरी कॉलेजियम सिस्टम को बंद होना चाहिए जिससे निष्पक्षता बड़े न्यायपालिका की.
Udhar aarakshan nhi milega 😢 sorry Babu - Baba saheb
Today caste is alive only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. From school to college, university to job exams everywhere people are asked about their cast because of reservation. Today anybody from any caste can discriminate against anyone from any caste. There is law against caste based discrimination. Reservation added in the constitution for a temporary basis not permanent but politicians are continuing it for political benefits. Today everyone has equal opportunities so let people get everything based on their merits only. Much needed issue raised by SC.
सबको समान अधिकार और अवसर मिले गरीब का ध्यान रखा जाना चाहिए
क्या सरकार जाती समाप्त करने के लिए भी कोई बिल ला सकती है
अगर इंटरकास्ट मैरिज मेंडेटरी कर दे तो रिजर्वेशन अपने आप ही खत्म हो जाएगा
Kisse जबरदस्ती शादी करेगा भाई लड़की ही तुझे पसंद नहीं करता तो
और पसंद करता है तो कोर्ट खुला है जाके के कर ले शादी 😂😂😂😂
👍👍👍👍👍👍
Me gen cast ka hu koi pesewale ladki sc st hai to me sadhi ke liy tayar hu
@@mukesh150-x1w tera bahen se sadhi kar le, ghar ka paisa bahar me nehi jayega.🤪🤪🤪
सिर्फ पैसे वाले से ही शादी करोगे 😡@@mukesh150-x1w
75 साल बहुत लग रहा
और जो लोग 1000 साल से पढाई लिखाई और समाज की बराबरी से वंचित रह गए ये सब नही दिख रहा।
आज भी लोग छुत अछूट मानते है।
Are bhai utna aasan nahi hai..😂😂
Bolne se kuchh nahi hota pure desh me babal ho jayega...desh me danga ho jayega.
अछूत को अछूत् हि कहेगे भीम्ते
अछूत को अछूत् हि कहेगे भीम्ते
Khatm hona चाहिए ❤🎉Khatm hona चाहिए ❤🎉Khatm hona चाहिए ❤🎉Khatm hona चाहिए ❤🎉Khatm hona चाहिए ❤🎉
@@vikasawasthi2698 sahi tadi par ko tadi par hi kaha jayega
जाति धर्म से ऊपर उठकर गरीबी को प्राथ्मीक्ता देते हुए आरक्षण होना चाहिए
Aarakshan garibi hatao sammelan nahi hai
जातियां समाप्त होना चाहिए , कोई ऊपर कास्ट नहीं कोई लोवर कास्ट नहीं सब बराबर, आरक्षण समाप्त करो, योग्यता के आधा,र पर सब आगे बढ़े और देशभी आगे,बढ़े । किसी भी क्षेत्र मे कोई आरक्षण नहीं, केवल गरीबी और जेंडर आधारित आरक्षण होना चाहिए।
Jati ke aadhar par aarkshan nahi aarthik aadhar par aarkshaan hona chahiye
आरक्षण समाप्त करनेसे देश तरक्की करेगा .कोई भी भारतीय खुद को पिछडा या दलित ये मनमे एहसास नही रहेगा .सुप्रिम कोर्ट को धन्यवाद देता हू.🙏
आरक्षण।समाप्त होना चाहिये इसे आर्थिक आधार पर लागू करे हर समाज गरीव और अमीर है ।जो आर्थिक रूप से मजबूत है उन्हे संवेम रिजर्बेसन छोड देना चाहिये
जब आरक्षण से इतनी परेशानी थी तो 75 साल बाद नया आरक्षण EWS क्यूं लायी सरकार?
तब Supreme Court सो रहा था क्या ???
SC se nai puchti sarkar, itna knowledge rakha karo. SC se puchne ka koi niyam nahi. Sarkar manmani kari hai, vaise hi judges bhi apne courts me manmani karte hai.
Kyo ki swaran varg ab garib ho chukahe
70 saal baad ews aaya hai 70 75 fark hai 5 saal ka
Yes, agrre with you. Caste system khatam karba chahiye. Sirf ek hi caste honi chahiye.
Ews khatam ho 😮
रिजर्वेशन ख़त्म होने से कोई एतराज नहीं लेकिन जातिवाद को ख़त्म करने की राह क्यों नहीं देख रही माननीय सुप्रीम कोर्ट ....
Right
Desh ko azad hoye 75 saal ho Gaye hai ab jati ko samapt kr dena chahiye ab logo ko utna bura nahi lagega jitna phle lgta tha
Jis din log aapke surname ko gaali ki tarah use krnge usdin aapko smjh aayga
Jativad whi krte h jinko iska profit mil rha h
@priya-e3t9l ek political party ka naam btao jo profit nahi dekhta ??
75 वर्ष हो गए है जाति को अब इसे समाप्त कर देना चाहिए
जाति तो युगो से चल रही है. परन्तु छुआ छोट तो समाप्त हो गया है. राजनैतिक पार्टियां और जाति का ठेका लेने वाले इसको उछाल रहे है. मै राजपूत हूँ मेरे परिवार और रिश्ते दारों ने इंटर कास्ट शादिया की है
सवर्ण नहीं स्वर्ण है।
Sambidhar hi jati bhed karta hai
Bharat ko berbad ker rha hai reservation.
Arkchan khatam nhi karna chahiy lekin Arkchan jati ke nhi pristhiti ke Anusara hona chahiy
सभी एक level पर काम करते हैं और एक ही तरह की सभी के लिए व्यवस्था होनी चाहिए
SC के जजों को एक लंबी छुट्टी ले कर भारत के सभी राज्य,जिला,गांव के दलित और आदिवासी को स्वयं चलकर देखना और समझना चाहिए उसके बाद उनको स्वयं के विचार पर अफसोस हो सकता है।🙏
Supreme court ki jitni bhi jaj Hai vah sabhi Brahman hai naak ki ST SC category ke jaj baithe Hain
You are right
@@amit-raj-143Bustard jis judge nei ye statement diya hai o khud SC category se hai.
Today caste is alive only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. From school to college, university to job exams everywhere people are asked about their cast because of reservation. Today anybody from any caste can discriminate against anyone from any caste. There is law against caste based discrimination. Reservation added in the constitution for a temporary basis not permanent but politicians are continuing it for political benefits. Today everyone has equal opportunities so let people get everything based on their merits only. Much needed issue raised by SC.
👍
2 हजारों की गुलामी पर सुप्रीम कोर्ट का क्या कहना है। SC ST OBC थोड़ा आगे क्या बढ़े सब को आरक्षण दिखने लगा।
Obc kyu jod Raha murkh 😂😂obc baad me aaya wo shoshan k aadhar par nhi 😂😂 pichda aadhar par h jaati aadhar par bhi nhi h
Toda khol ke bata 2000 sal ka itihaas
guru hm obc walo ka reservation hatne se fayada hi hoga ,
waise bhi aajkal obc ka cutoff and general ka cutoff are almost same and jyadatar obc wale hi general me jaate hi jinke marks jyada hote h.
Tumlog obc ko ku samil kar dete ho apna me obc kavi gulam nahi rahe obc me bare bare raja hua,obc ek apna history ha..
Sabsa jayda obc ka larka sc,st act me jail jate ha
अब सुप्रीम कोर्ट को ही समाप्त कर देनाचाहिए।
क्योंकि अपराध कम हो गया है😂😂😂😂
Sahi Bole bhai taki ye log Jo pidhi dar pidhi jadge bank Malai Kha Rhe Hai Ye To Takal Band ho jana Chahiye 😂😂😂
😂😂😂😂
सही है
@@VikasKKR 😂😂😂😂
😂
1-Jati Khatam kar Dena Chahiye 2-.Sampatti Sub me Brabar Brabar Batana Chahiye 3-Har Gher me Sarkari naukari Milana Chahiye 4-Jamin bhi Barabar batana chahiye
जब तक जाति भेदभाव और शोषण समाप्त नहीं होता तब तक कोई संसद और कोर्ट इसे समाप्त नहीं कर सकता 🇮🇳🙏
Caste is alive today only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. With power and money today people from sc,st,obc can discriminate and torture general category as well! There is law against such discrimination!
Today caste is alive only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. From school to college, university to job exams everywhere people are asked about their cast because of reservation. Today anybody from any caste can discriminate against anyone from any caste. There is law against caste based discrimination. Reservation added in the constitution for a temporary basis not permanent but politicians are continuing it for political benefits. Today everyone has equal opportunities so let people get everything based on their merits only. Much needed issue raised by SC.
Reservation ensures REPRESENTATION for ST SC OBC
@@namastescience_Indiaचलो मान लिया कि आरक्षण के कारण जाती खत्म नहीं हो रहा है। लेकिन एक बात जिस स्तर से मैं अपना जीवन यापन कर रहा हूं उस स्तर से कम स्तर वाला सवर्ण समाज का कोई भी व्यक्ति मेरे से बेटी रोटी का सम्बन्ध स्थापित करेगा। मैं गारंटी के साथ लिखित में दूंगा कि जिस स्तर का जीवन यापन अपने समाज में कर रही होगी उससे बेहतर जीवन दूंगा।
Sab bakwas hai .....jinko reservation milna tha unko kabhi Mila hi nhi ......lekin reservation hona hi nhi chahiye abhi
75 वर्ष हो चुके हैं अब हायरजूडियसरी कमीशन बनना चाहिए । न्यायिक व्यवस्था में कब तक भाई-भतीजावाद चलता रहेगा, केन्द्र सरकार को इस पर जल्द निर्णय लेना चाहिए। यह देश सबका है संख्या के आधार पर देश के संसाधनों और नौकरियों में उसी अनुपात में प्रतिनिधित्व होना चाहिए जितनी उनकी संख्या है।
सबसे पहले 2025 में जो जनगणना हो रहा है उसमें जातिगत जनगणना करायें और इसके साथ ही आर्थिक सर्वे भी करायें जिससे पता चले कि किस जाति के पास कितना जमीन जायदाद और सम्पत्ति है, उसके बाद जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें जिसकी जितनी जनसंख्या उसके उतनी अनुपात में आरक्षण लागू करें उसमें आर्थिक आधार पर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के आधार पर क्रीमी लेयर बना कर आरक्षण लागू करें। जिसमें गुरुप A पोस्ट, गुरुप B, गुरुप C तथा गुरुप D पोस्ट के लिए आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर बना कर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के लिए आरक्षण लागू करें इसमें एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को कोई आपत्ती नही होगा परन्तु हम अपना हक इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को क्यों दें? ये 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हजारों वर्षों से मलाई खाते आ रहें थे और आज भी जाति और मेरिट के नाम मलाई चाभ रहे हैं और मेरिट निर्धारित करने वाले भी इन्हीं लोगों आदमी बैठे हुए हैं, इन लोगो पर जरा भी एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को भरोसा नहीं है। 2014 से अब तक इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार बनी है तब से इन हरामखोरो को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इनके पेट में दर्द हो रहा है, दर्द तो इन हरामखोरो को आजादी के बाद से ही होने लगा था परंतु देश इनकी सरकार नहीं बन पा रही थी क्योंकि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का सरकार बनता आ रहा था तो 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय कुछ कर नहीं सकते थे, नहीं तो इन हरामखोरो लोगों एस सी, एस टी के आरक्षण से इनके पेट में बहुत पहले से था। इसी लिए जब से इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार 2014 से बनी है तब से देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों तथा देश के तमाम सम्पत्ति को निजीकरण करके एक तरह एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण को खत्म करते जा रहा है। इसी लिए इन हरामखोरो ने 2014 से एक अनपढ़ जाहिल गंवार हरामखोर व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना रखा है और उसको अपने इसारो पर बंदर की तरह नचा रहा है क्योंकि इस हरामखोर प्रधानमंत्री के जितने भी परशनल सचिव तथा सलाहकार हैं वो सब के सब आर एस एस और बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हैं। देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों में यही तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और अपने जेनरल कास्ट को ध्यान में रखते हुए पोलिसी बनाते हैं। हमारा आबादी देश में लगभग 90% है जिसमें लगभग 20% आबादी एस सी कटैगरी के लोगों का है, एस टी कटैगरी वाले लोगों की आबादी लगभग 8% है तथा ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और जेनरल कटैगरी वाले लोगों की आबादी सिर्फ 10 % है तो किस आधार पर इन तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को 10% ई डब्ल्यू एस आरक्षण पास करवाया बिना किसी जातिगत जनगणना करायें जबकि पूरे देश में ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और आरक्षण सिर्फ 27% है। जब बिहार के बी पी मंडल, लालू यादव, रामबिलास पासवान, कर्पूरी ठाकुर, नीतीश कुमार, मोलायम सिंह यादव, कांसीराम, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राममनोहर लोहिया तथा बहुत से सामाजिक कार्यकर्ता ने आंदोलन किया था तो बहुत मुश्किल से 27% ओ बी सी के लिए आरक्षण लागू कराया था जिसमें बोला गया था कि 50% आरक्षण के लिमिट को नहीं तोड़ा जा सकता है जबकि आजादी से पहले के जातिगत जनगणना के आधार पर ओ बी सी की आबादी 52% था इस तरह देश में कुल आरक्षण 49.50% लागू था ( एस सी कटैगरी की 15% + एस टी कटैगरी की 7.5% + ओ बी सी कटैगरी की 27% = कुल आरक्षण 49.50%था बाकी 50.50% जेनरल सीट) । जब मंडल कमीशन लागू कराया जा रहा था तो इसका विरोध प्रदर्शन कोई मुसलमान नहीं कर रहा था, कोई पाकिस्तान नहीं कर रहा था, कोई सिख नहीं कर रहा था, कोई ईसाई नहीं कर रहा था बल्कि यही 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले हरामखोर लोगों ने किया था जबकि ई डब्ल्यू एस आरक्षण इन हरामखोरो ने बिना किसी जातिगत जनगणना करायें पूरे देश में लागू किया इसके लिए संसद में संविधान संशोधन कराया। अरे हरामखोर लोग तुम लोगों को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इतना क्यों दर्द हो रहा है ?
Iss hisab se to desh me 🐷 ro ka raaj ho jaega 😂😂😂
Desh ko azad hoye 75 saal ho Gaye hai ab jati ko samapt kr dena chahiye ab thakur baniye bharaman me education level pehle se zyada ho chuka vo virodh nahi karenge
@@anubhavsharma2261 Vishnu avtar 🐷
Right 👍
Supreme court on reservation : 😡
Supreme court on castism : 🤐
Even Chhakas have more self respect than you. They work hard instead of begging and playing victim.
Nicely state ……….. 👍
आरक्षण मुर्दाबाद 🤬
Agr upr baithe logo ki mansikta hi kharab ho to hard work krk bhi kya milega ya to fir interview bhi khatam krdo sbse jada shoshan to whi hota h @@GeoShubh
Hn bhai panel wala gmaja phuk ke baithe hai ...sale ek ke pass jaunga toh km number dusre kai pass jao jayad no ....😂😂bakwas interview@@amol-zs3yr
आज हमारे देश में आरक्षण अराजकता का मूल कारण बनता जा रहा है!. यदि समय रहते इसका ईलाज नहीं किया गया तो यह एक बड़ी अराजकता को जन्म दे सकता है और देश को गृहयुद्ध की आग में झोंक भी सकता है!. जय हिन्द
माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि आरक्षण व्यवस्था में सुधार हो लेकिन जातिगत भेदभाव को खत्म करने पर भी विचार करना चाहिए जो 75 वर्ष पूर्ण होने पर परिस्थितियों में कोई ज्यादा सुधार देखने को नहीं मिलता।
Right 👍
A suggestion, if not suggested, is creamy layer of SCs STs etc and including other oors irrespective of castes. I got only one promotion in 37 years 4 months service while recruited through competetive examinations; neglected for promotion where my juniors got 3 or 4 promotions. The faultline has been delay in decisions. Unreserved have losing power but Reserved categories population increasing.
04:30 i'm misra.. मेरे पूर्वज उच्च वर्ग के थे। उन्होंने निम्न वर्ग वालो पर अत्याचार किया होगा। Ye aapki baten hai. Aapko teacher kisne bnaya ?
मोहतरमा इसी बात की तो लडाई है की तुमने और तुम जैसे लोगो ने खुद को उच्च वर्ग का घोषित कर रखा है। ये किसने तय किया की कोन उच्च वर्ग है कोन निम्न वर्ग है ? मेरी नजर में मंदिरों में बैठ कर लोगो की दान दक्षिणा पर पलने वाले लोग sbse निम्न है।
Mujhse shaadi karogi, mai dalit samaj se ata hu
correct
Maidam ji Manuvaadi Soch ki hai Brahman log kitne bhi Padhe likhe ho jaye inki Mansikta kbhi vikshit nahi hogi ye dusro ko apne se Neecha aur khud ko sabse uncha mante hi rahenge... Isiliye Hindu Dharam log chhod rahe h raho akele aaye bade Hindu Ekta banane pahle Samanta to lao Sab mein...
Mandir mein baith ke bhikh mangne Wale Jahil log
To aap reservation unhi nimn logo ko de dijiye.
You are right 😎
कागज का पुलिंदा ही शिक्षा मान लिया गया है,,,,,, जबकि,,,,पहली से डिग्री तक पढ़ाया कुछ जाता है,,,, प्रतियोगिता में कुछ अलग पूछा जाता है, इंटरव्यू में कुछ अलग ही,,,,,,, नौकरी कुछ और ही,,,, कहीं ताल -मेल नहीं,,,,,, आगे पाठ पीछे सपाट,,,,,, किसी को याद है,,,, पहली से डिग्री तक,,,,,,,!!!,,,,, बजाओ ताली,,,,,,,,
Aarakshan ko lagu karne ka faisla liya ja sakta hai to usko samapt karne ka faisla bhi liya jana chahiye . Supreme court ka sujhav swagat yogya hai .
भारत से आरक्षण समाप्त किया जाना चाहिए यदि आरक्षण राजनेताओं की राजनीतिक रोटी सेकना की मशीन बन गया है तो फिर से नए दिशा पर ध्यान दिया जाना चाहिए ❤
सभी निजी विद्दालय बंद करा दे supream Court reservation 10sal bad khatm kar de
निजी स्कूल कॉलेज शैक्षणिक संस्था सभी निजी कंपनी हो का शासकीय कंपनी मे रूपांतर होना चाहिए और उसमे भी आरक्षण होना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट में बैठे जज की तरह सभी लोगों को नहीं 2.50 लाख महीना तनख्वाह पाते हैं, न ही जातिवादी समाज की ऊंच- नीच भेदभाव ऐसे लोग क्या जाने आरक्षण कब तक चाहिए।
Court me araxan je collejim sistem bandh honi chaiye judge ki parixa se Banana chahiye
सुप्रीम कोर्ट का फैशला बहुत सराहनीय है!
जाति खत्म नहीं होनी चाहिए।
3000 साल से जाति व्यवस्था खत्म नहीं कर कर पाए।
कॉलेजियम सिस्टम कब खत्म होना चाहिए।
जाति तुम्हारे बुद्ध नही खत्म कर तो कया करोगे जाति प्रमाण पत्र तुम्हारा संविधान देता है।
Collegium bhle hi khatam na ho pr reservation harur khatam hona chahiye..sarkar pe bozz bane bethe he garib log..unko kaam karvana chahiye..muft ki roti ab desh k paas nahi bachi bhikhmango k liye..
@@hardikparmar1114aur jo sc st ki zameen forwards ne looti h uska kya
@@hardikparmar1114 पंडित बीरबल शर्मा और पंडित विजय माल्या
Desh ko azad hoye 75 saal ho Gaye hai ab jati ko samapt kr dena chahiye ab thakur baniye bharaman me education level pehle se zyada ho chuka vo virodh nahi karenge
सर्वोच्च न्यायालय को सबसे पहले यह तर्क सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर लागू करना चाहिए क्योंकि वे तथाकथित श्रेष्ठ समाज से आते हैं।
75 वर्षों में रिजर्वेशन का कितना कोटा पूरा हुआ है उसका भी आकलन करना चाहिए आज भी भेदभाव छुआछूत उच्च नीचका भावदेश में विद्यमान है
ये तो जब तक नाम के आगे जाति लिखी जाएगी और आरक्षण जाति आधारित होगा जब तक नही मिटेगी
**अभी केंद्रीय सेवाओं में आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व 26% के लगभग है यानी 3.5% सामान्य पदों पर आरक्षित वर्ग के लोग नियोजित है**
जाति व्यवस्था कैसे खत्म हो उसपर सुप्रीम कोर्ट,राज्य सरकारें तथा केन्द्रीय सर्कार को मिलकर कानून बनाना चाहिए जिससे आरक्षण खत्म हो सके
आरक्षण जातीव्यवस्था पर नही चाहिये. जात जाती नही क्योंकी आरक्षण है.
मैं जनरल कैटिगरी से हूं लेकिन मेरा मानना है आरक्षण रहना चाहिए क्योंकि अभी भी बहुत सारे जाति के लोग। बेहद गरीब अशिक्षित बिना रोजगार के है।
बिना बैसाखी के चलने दो देश को खत्म करना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट सही बोले है❤
❤❤❤❤❤
Bat sahi hai
Kya sabhi general pde likhe h
Unhe avbv labh milne me 30-40 varsh lgenge ...kyonk uper wale hi peedhi dar peedhi malayi chate ja rhe ....actually needed logon ko kv nhi milne wala
5000 हजार साल तक खून चुसने वाले आज 75 साल मे ही परेशान हो गये... कैसे जिये होगे वो लोग... 5000साल तक नीच और तूच समज कर.. जनावर से भी बुरे हालात थे.... ऊस जमाने मे.. ये तो भीम कि मेहरबानी..
उसे समय जाति व्यवस्था नहीं थी
बिलकुल सही
ये शब्द सरकार ने सु😮प्रेम कोठे के मुंह में डाले हैं।
5000 saal piche Jake dekh kar aa
800 sal Bharat gulam Raha yah bhi kisi Ko yad hai. Fir se Aarakshan dwara Bhartiya samaj Ko jaati mein Banta ja Raha hai jaatiyon mein Banta ja raha hai kya fir se gulam hone ka irada hai
हजारो साल तक हुआ शोषण और अब ७५ सालो में ही आपत्ति जताने लगे ।
Today everyone has equal opportunities so let people get what they deserve only based on their merits.
Today caste is alive only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. From school to college, university to job exams everywhere people are asked about their cast because of reservation. Today anybody from any caste can discriminate against anyone from any caste. There is law against caste based discrimination. Reservation added in the constitution for a temporary basis not permanent but politicians are continuing it for political benefits. Today everyone has equal opportunities so let people get everything based on their merits only. Much needed issue raised by SC.
To tumko kya dikkat hai
Sabhi koi Bina knowledge hi paida hota hai fir ek naukri ke liye equal sabhi ko equal mauka milna chahiye
Kam padhe likhe walo ko naukari bilkul nhi milna chahiye
Ha jiske paas padhne likhne ke liye Paisa nhi hai bas use hi paise Diya Jaye padhne ke liye
Lekin ek job ke liye sabhi ko equal mauka milna chahiye
100% general means no discrimination,all are equal,and opportunities
To kya tumhe bhi sosan karna hai
Kuchh log shoshan ka rote rahenge ki 5000 years se jabki innko 5 generation k logo ko jante tak Nahi hai
मेरी गुजारिश है जातिवाद जनगणना करके किसने कितना आरक्षण खाया है कौन कितने नौकरियों पर बैठा है इसमें कौन कितने कंपनी का फैक्ट्री का स्कूलों का मालिक है कि पर कितनी जमीन है इसकी जांच होनी चाहिए और आयकर विभाग को ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने धन संपदा देश और विदेशों में जमा कर रखी है उसको सबको बराबर बांट देना चाहिए
जनरल में जो व्यक्ति एक बार सांसद बन गया है, मंत्री बन गया, वह दोबारा नहीं चढ़ाना चाहिए।
@@devendraprasad427 भाई अब जनरल के लोग कहा मंत्री बन रहे है सीट बंटवारे में हर पार्टी से सुना है कि sc का इतना सीट st का इतना सीट obc को इतना सीट कभी सुना है जनरल की कितनी सीट
75 साल तक 😅
Bhai sahi se padhai Kiya kro boss 15% 7% hi reservation hai 50% general Wale khate hai @@Amitkumar-ok6ky
@@Amitkumar-ok6kyreservation kabhi khatam nhi hoga agar hua to caste system hoga
आरछण कोई भी पार्टी नहीं खत्म कर सकती 😂 क्यूँ की उस पार्टी को विलुप्त होने में देर नहीं लगेगी 😂
Aisa nhi h constitution me likha h jab sc aur st me sudhar hoga tab nhi rahega
Kyu bhai jo reservation pate h obc to bjp ko kbhi dege nhi and sc st to aur bhi nhi dege
@@ShivaniSingh-z4sKis Article Me Likha Aur Jiski Ap bat kar rhi ho wo kis Reservation k bare me likha hai Wo political Reservation k bare me hai
@@ShivaniSingh-z4sआंबेडकर ने स्वयं बोला है आरक्षण सिर्फ 10 साल के लिए रहेगा करके
अभी आंबेडकर जिंदा होते तो कबका आरक्षण खत्म कर दिए होते
Vo party Jitegi jo arakshan khtam kregi..
ये बात 101 प्रतिशत सही है। अब इस आरक्षण को समाप्त हो ही जाना चाहिये। क्योंकि इस आरक्षण को देखर हम किसी एक वर्ग को निरंन्तर पंगू बनाते जा रहे हैं।
गांव में आकर देखो अभी कितना भेदभाव किया जाता है उच्च वर्ग के लोगों द्वारा मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थान पर . जब तक भेदभाव बिल्कुल समाप्त नहीं हो जाता तब तक जातिगत आरक्षण बना रहना चाहिए
सबसे पहले 2025 में जो जनगणना हो रहा है उसमें जातिगत जनगणना करायें और इसके साथ ही आर्थिक सर्वे भी करायें जिससे पता चले कि किस जाति के पास कितना जमीन जायदाद और सम्पत्ति है, उसके बाद जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें जिसकी जितनी जनसंख्या उसके उतनी अनुपात में आरक्षण लागू करें उसमें आर्थिक आधार पर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के आधार पर क्रीमी लेयर बना कर आरक्षण लागू करें। जिसमें गुरुप A पोस्ट, गुरुप B, गुरुप C तथा गुरुप D पोस्ट के लिए आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर बना कर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के लिए आरक्षण लागू करें इसमें एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को कोई आपत्ती नही होगा परन्तु हम अपना हक इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को क्यों दें? ये 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हजारों वर्षों से मलाई खाते आ रहें थे और आज भी जाति और मेरिट के नाम मलाई चाभ रहे हैं और मेरिट निर्धारित करने वाले भी इन्हीं लोगों आदमी बैठे हुए हैं, इन लोगो पर जरा भी एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को भरोसा नहीं है। 2014 से अब तक इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार बनी है तब से इन हरामखोरो को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इनके पेट में दर्द हो रहा है, दर्द तो इन हरामखोरो को आजादी के बाद से ही होने लगा था परंतु देश इनकी सरकार नहीं बन पा रही थी क्योंकि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का सरकार बनता आ रहा था तो 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय कुछ कर नहीं सकते थे, नहीं तो इन हरामखोरो लोगों एस सी, एस टी के आरक्षण से इनके पेट में बहुत पहले से था। इसी लिए जब से इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार 2014 से बनी है तब से देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों तथा देश के तमाम सम्पत्ति को निजीकरण करके एक तरह एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण को खत्म करते जा रहा है। इसी लिए इन हरामखोरो ने 2014 से एक अनपढ़ जाहिल गंवार हरामखोर व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना रखा है और उसको अपने इसारो पर बंदर की तरह नचा रहा है क्योंकि इस हरामखोर प्रधानमंत्री के जितने भी परशनल सचिव तथा सलाहकार हैं वो सब के सब आर एस एस और बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हैं। देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों में यही तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और अपने जेनरल कास्ट को ध्यान में रखते हुए पोलिसी बनाते हैं। हमारा आबादी देश में लगभग 90% है जिसमें लगभग 20% आबादी एस सी कटैगरी के लोगों का है, एस टी कटैगरी वाले लोगों की आबादी लगभग 8% है तथा ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और जेनरल कटैगरी वाले लोगों की आबादी सिर्फ 10 % है तो किस आधार पर इन तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को 10% ई डब्ल्यू एस आरक्षण पास करवाया बिना किसी जातिगत जनगणना करायें जबकि पूरे देश में ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और आरक्षण सिर्फ 27% है। जब बिहार के बी पी मंडल, लालू यादव, रामबिलास पासवान, कर्पूरी ठाकुर, नीतीश कुमार, मोलायम सिंह यादव, कांसीराम, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राममनोहर लोहिया तथा बहुत से सामाजिक कार्यकर्ता ने आंदोलन किया था तो बहुत मुश्किल से 27% ओ बी सी के लिए आरक्षण लागू कराया था जिसमें बोला गया था कि 50% आरक्षण के लिमिट को नहीं तोड़ा जा सकता है जबकि आजादी से पहले के जातिगत जनगणना के आधार पर ओ बी सी की आबादी 52% था इस तरह देश में कुल आरक्षण 49.50% लागू था ( एस सी कटैगरी की 15% + एस टी कटैगरी की 7.5% + ओ बी सी कटैगरी की 27% = कुल आरक्षण 49.50%था बाकी 50.50% जेनरल सीट) । जब मंडल कमीशन लागू कराया जा रहा था तो इसका विरोध प्रदर्शन कोई मुसलमान नहीं कर रहा था, कोई पाकिस्तान नहीं कर रहा था, कोई सिख नहीं कर रहा था, कोई ईसाई नहीं कर रहा था बल्कि यही 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले हरामखोर लोगों ने किया था जबकि ई डब्ल्यू एस आरक्षण इन हरामखोरो ने बिना किसी जातिगत जनगणना करायें पूरे देश में लागू किया इसके लिए संसद में संविधान संशोधन कराया। अरे हरामखोर लोग तुम लोगों को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इतना क्यों दर्द हो रहा है ?
Tum pehle gaw jaker dekho her mandir me log pooja karne jate hai
Kuch bhi mat bolo
भाई सही बात है मैं पहले MP में देखा था अब up में भी देख रहा हूं
Bilkul sahi @@ramsiyajanakpur
Sb gav me equal ho gye ab bdlav jaruri h
अब गृहयुद्ध होना भारत में तय है
Paper leak
अब रिजर्वेशन
😂
😂😂😂😂
Sahi kaha
वो तो होगा ही गृह युद्ध। और युद्ध इतना भयंकर होगा आने वाले कई सौ साल तक आरक्षण हटाने की नहीं सोचेंगे। एक तरह से ही हो सकता है अगर जातियां समाप्त हो जाए तो। आरक्षण खत्म होगा तो sc,st,obc,gen का कॉलम हटाया जाए
Reservation must end. Everyone has equal opportunities so people who deserve will get what they want.
हमको अभी तक समझ में नहीं आ रहा है जनरल कास्ट रिजर्वेशन नहीं लेते फिर भी उनकी सरकारी नौकरीयो में भागीदारी 90 परसेंट कैसे है। मतलब उनको जन्म से ही रिजर्वेशन प्राप्त है।🤔
अरे भाई दिन रात मेहनत करते है जिस दिन आरक्षण खत्म होगी उस दिन से केवल जनरल ही होगे
Kyuki genral log padhte hi na ki reservation ke bhroshe rhte
Kyuki general log k paas hard work karne k alawa koi option nhi hai.
@@manishdubey903😂❤
Waah ise kehte hosiyar banda
50%se bhi jada hone ke bavjud 90% general vale he
Kaha se aate he ye log
Bhai tughe to pakka award miliga
इन्सान खुद ही खत्म हो जाता है हम किसे किसे खत्म करेंगे खुद ही समय पर खत्म होना तय है सभी को। ये सब हमारे और मानव के मन और उसके विचार धारा का प्रभाव होता है। राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
जातिगत जनगणना कराओ किसके पास कितना क्या है ताकि सबको मालूम हो ?
Jiski jitni mehnat uske paas utna hi h
फिर इसके बाद आरक्षण बढ़ाने की बात राखी जाएगी कि जो आरक्षण बढ़ाएगा उसे वोट देंगे या देश का सत्य नाश होगा
Bangladeshi pakistani lake shankhyabal dikhao 😂😂😂😂😂 or satta pao
@@amansinghrajawat9206
Jiske baap maa angrej ki dalai karnege unke pass to property jyda hi hoga na..
Jiske pass koi right nahi tha..na education ka , na property ka uske pass kaha se aayega...??
Is desh me sabse jyda income tax middle class log dete hai..
Upper Class 3% tax dete hai..
@@amansinghrajawat9206befitting reply bro.
मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि जिन वर्ग के लोगों को हजारों साल तक पूर्ण रूप 100% आरक्षण मिला और उस वर्ग में कुछ लोग अगर प्रोग्रेस नही कर पाए तो गलती उनकी है और उसके बावजूद आप उस वर्ग के पिछड़े लोगों को EWS के तहत् 10% आरक्षण दे दिए , जब आप ये मान रहे है कि जिस वर्ग के लोगों को हजारों साल तक पूर्ण रूप से 100% आरक्षण मिलने पर भी पिछड़े हो सकते है तो आप ये कैसे कह सकते है सदियों से शोषित,दमित वर्ग के लोग जिन्हे आरक्षण मिला वे 75 वर्ष में ही उनके बराबरी में आ खड़े हुए हैं
Mat comment kar bhai dikhai nhi dega inko. Reservation ke sath sath resources bhi de dena chahiye tha suruaat me hi tab jake kuch sudhar hota. Kanoon lagu hone se achank parivartan nhi aa jata. Time lgta h. Jinke purkho ke paas angrez ke time se hi property ko usko maintain rakhne ka knowledge ho jahir si Baat h wo age badhega hi. Bahut sare Garib ghar ke logo ko to aaj tak pta bhi nhi hi kya padhna kitna padhna h . Bs bher chaal me h. Abhi bhi village me jo general category ke logo ko government job nhi milti wo property ke karan business me lg jata hai aur aish karte hain.
Apka ground field knowledge Ki bohut Kami hai....Ap pagal ta nehi hai
👌👌👌👌
बिलकुल सटीक कमेंट ,पर ये दोगले लोग है इनको समझ में सब आता है पर ये मानेंगे नहीं क्योंकि इनको हम पर शासन करना है इसका एक ही हल है खुद की सरकार खुद की न्याय व्यवस्था और खुद के लोग एक जुट हो।
Pahle Mandir Mein Aarakshan khatm karo
Yes madam,,,
I am Garima kumari,,,
I am belongs to sc cast,,,
Bilkul saamapat hona chahiye,,,
Log galat fayeda le rhe hai
Aur kuch log isko bhugt Rahe hai
Please khtm kijiye
Aap ke ghar me kitne log government service me hain our aap ke ghar ki G D. P kya hai
पहले जातिवाद खत्म करिए bhedam
भगवान सबको 1ही रूप में भेजते हे किसके माथे पे कोई सिक्का नहीं ठोका हे भारत में जातिवाद किसने फैलाया उस पापी को दंड देना आवश्यक #तरी sory पुत्री....
@Dr.KamleshKumarDr.KamleshKumar GDP nill,
No any type of job
Garima ji
Aap apni jagah theek h.
End Caste Discrimination ❌
End Reservation ✔️
जब तक जाति है,तब तक आरक्षण रहेगा. जय संविधान,
Aarakshan na ho to samvidhan ki jay bhi na bolenge😂
Caste is alive today only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation!!!
Today caste is alive only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. From school to college, university to job exams everywhere people are asked about their cast because of reservation. Today anybody from any caste can discriminate against anyone from any caste. There is law against caste based discrimination. Reservation added in the constitution for a temporary basis not permanent but politicians are continuing it for political benefits. Today everyone has equal opportunities so let people get everything based on their merits only. Much needed issue raised by SC.
Tum bhimtes anpad Bhikmange hi rahoge 😂😂😂😊
Supreme court के भेष में कौन बोल रहा है.....क्यूँकि ये बात चुनाव के पहले भी किसी नेता कही गयी थी.... सब बिक चुका है 😢
Reservation hatao constitution bachao
आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए और जिसको एक बार मिल गया उसको आगे नहीं देना चाहिए लेकिन सबसे पहले MP और MLA की पेंशन बन्द होना चाहिए ये जनता की सेवा के लिए आते हैं तो फिर सेवा करे पैसे क्यों ले, ये जितनी बार जीतते है उतनी बार इनकी सैलरी बढ़ जाती हैं
Bhai jisko ek baar mil gya usko kha milta next generation ko milta hai
Ab ews milta hai na tumko
Aur discrimination kis basis pe honi chaiye ye bhi bata do. Discrimination karoge caste ke basis pe reservation chahiye economic basis pe waah 👏🏻 Economic basis pe to sudama quota to mil hi raha hai tumko fir bhi rona dona machaye ho 😂 sudhar jao 😡
Hame justice for arachhad kar ke group bnana chahiye aur bhir mil kar andolan kare ge agar arachhadh htate hai to
भेदभाव जाती के आधार पर है फिर आरक्षण आर्थिक आधार पर क्यू
Jo arthik roop se garib ho use hi aarakshan milna chahiye
भाई हम तुम्हारे दामाद हैं पहले तो आप सब ये सोच लो कि तुम्हारी 7पीढ़ियां भी। आरक्षण खत्म ना कर सकती हैं तो बस आप इतना सोच कर सबर कर लो कि हम इन्हें नहीं अपनी बेटी को आरक्षण दे रहे हैं
50 સાલ કે બાદ ભી એસટી એસી ઓબીસી કે લોગો કો રોટી કપડા ઔર મકાન કે લિયે અભી ભી તરસ રહે હૈ જબ તક ઇસ જાતિઓ સમાન ધારા મેં નહિ આયેગી તબ તક આરક્ષણ જરૂરી હૈ
आरक्षण पर सबको मिर्ची लग रही है ❤ 😢
अगर आरक्षण हटाना है तो मंदिर और जमीनों में भी आरक्षण हटा दो 😢😢
Reservation mai sub classification hona chahiye sc st mai kuchh esi jaatiya hai jo pure reservation ka faayda utha rahe hai jinko reservation ki jarurat hai unko nhi mil raha hai 😢😢
Cast system htao phle
कुछ लोग सनातन धर्म, मंदिर जाति की बात कर रहे है वो स्वयं सनातनी नहीं है। ऐसे लोग अपने बुद्ध की ही बात करें
To tum ho to khush raho yha kaha chale aye ...tanatani... hum hindustani hain aur samvidhan ko pehle mante hain aur usk baad kisi bhagwan ko@@arbindsharma7390
Desh ma arakshan desh ka liya tumer jaise hi ha gariv or Amir sabhi cast ma ha esliya arakshan ko samapt karna chahiyea
जब से पिछड़े दलित बैकवर्ड लोग पढ़ लिख कर कंपटीशन में आने लगे तभी से पेपर आउट होने लगा है
Yes bhai jaan
Bhai ik dum baat sahi hai kuki sij din sc/st financial strong ho jayega na to sabse pehle inki maar lega
@@provisionacademy6359 हमारे गांव में तो ओबीसी और sc वाले ही पैसा दे दे कर अपना करा रहे है नौकरी में
Sai bat
@@provisionacademy6359 तुम्हारा कहने का मतलब है कि जो दलित और पिछड़े लोग नौकरी पा रहे है वहीं पेपर आउट करवा रहे है
आरक्षण की अवधि पूरी होने पर बँद हों जाना चाहिए क्योंकि जो आरक्षण ले रहे वहीं परिवार एक से अधिक बार लाभ लेते रहे और जिनकी आरक्षण नहीं मिला वह वहीं है आरक्षण के कारण परिवार के समस्त मेंबर नोकरी में लगे हैं। एक परिवार एक बार आरक्षण मिलना था जो ऐसा नहीं हुआ।अब भारत में आरक्षण की आवश्यकता महसूस नहीं होती है।।
Removed casteism ✅
Removed reservation ❌
Because of ur this casteism behaviour ur unemployed.May God give u sense so that u will nt be nonsense .😂
Reservation must be abolished because NEED would never come to an end.
@@Prithviraj-x8mभाई अंग्रेजों के अंश है आज भी तुम्हारे अंदर शेष,क्योंकि अंग्रेज english बोलते थे पर वो भूल गए कि हिंदी वाले भारतीय कम नहीं होते गूगल तक नहीं छोड़ते,,
अंग्रेज,,
@@बेरोजगार-004-f3v beta papa se ijjat se baate karte h. Tu mera hi khoon h.mai tujhe ab kya gaali du. Galti meri h tere jaise najayaj ko इस दुनिया में ला कर. Sorry beta, maa ka khayal rakhna,वैसे मैं aata रहूँगा उनकी jawani ka आग बुझाने. Beta good night.
कोई बात नही आरक्षण खतम कर दो पर जिस संपत्ति पर हमारा अधिकार था अर्थात जमीन को हमारे समाज मे बराबर भाग मे बाट jiya jaye , हमे आरक्षण से जादा इस जमीन की जरूरत है जिस पर हमारा हक है, पर इस हक को हमसे छीना गया है, इस पर कोई बात नही करता है, aur ye jameen jo सवर्ण समाज को मिला है वो आरक्षण से 1000 गुना जादा जरूरी है, और आरक्षण का फायदा तो kabhi कभी कुछ ही लोग को मिल पता है पर जमीन का फायदा सवर्ण समाज के एक एक व्यक्ति को milta है, और उसी जमीं न मे हमारे समाज के लोग apna पेट palane k liye kheti karne jate hai, aur उसका फायदा सवर्ण समाज को milta hai, aur sc/st/obc ko kya milta hai आरक्षण jiski वैल्यू नाम मात्र की है और kuchh log tak सीमित है, नही चाहिए आरक्षण हमारा जो असली अधिकार है उसे दे दो,
Right 👍
Right 👍
देश में कितने प्रतिशत पिछड़े और दलित धनवान है, उद्योगपतियों मैं किसका नाम सबसे पहले आता है ,मंदिरों में सिर्फ पंडितों का अधिकार, शोषण किसका होता है, जमीनी स्तर पर क्या जातिवाद खत्म हुआ ,इन सब चीजों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है तब आप आरक्षण समाप्त कर सकते हैं ❤❤
Reservation 5000 years tak nahi kaham hona chahiye because sc ,st,obc ne 5000 years tak gulami sahan ki hai Baba Sahab amar rahe
मैम चाहे 75 साल हो गए हो या 200 साल हो गए हो सरकार को इस बात पर ध्यान दें कर फैसला करना चाहिए कि जो आरक्षण दिया गया उससे कितना समाज में बदलाव आया है कि सिर्फ साल ही बढ़े हैं ।
इसकी जमीनी स्तर पर जांच पहले हो
Cast khatam hona chiye
भाजपा सरकार की फट रही है जाति जनगणना कराने में ताकि पता चल सके आरक्षण से कितनी जाति ऊपर उठी है 😂
मैडम आपको एक बात बता दूं आप भी सहमत है कि आरक्षण हटे लेकिन आप ये नहीं कहेंगे कि सबको समानता मिले
Kya bat kahi aapne bilkul sahi bola aapne kyuki ma'am bhi janral se hai
Sabko Jalan ho raha h aab लेकिन ye sabko aabhi nhi दिख raha h ki aabhi भी लोगों से ghin kiya jata h or sosan kiya jata h 😢😢😢😢😢
सबसे पहले 2025 में जो जनगणना हो रहा है उसमें जातिगत जनगणना करायें और इसके साथ ही आर्थिक सर्वे भी करायें जिससे पता चले कि किस जाति के पास कितना जमीन जायदाद और सम्पत्ति है, उसके बाद जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें जिसकी जितनी जनसंख्या उसके उतनी अनुपात में आरक्षण लागू करें उसमें आर्थिक आधार पर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के आधार पर क्रीमी लेयर बना कर आरक्षण लागू करें। जिसमें गुरुप A पोस्ट, गुरुप B, गुरुप C तथा गुरुप D पोस्ट के लिए आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर बना कर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के लिए आरक्षण लागू करें इसमें एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को कोई आपत्ती नही होगा परन्तु हम अपना हक इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को क्यों दें? ये 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हजारों वर्षों से मलाई खाते आ रहें थे और आज भी जाति और मेरिट के नाम मलाई चाभ रहे हैं और मेरिट निर्धारित करने वाले भी इन्हीं लोगों आदमी बैठे हुए हैं, इन लोगो पर जरा भी एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को भरोसा नहीं है। 2014 से अब तक इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार बनी है तब से इन हरामखोरो को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इनके पेट में दर्द हो रहा है, दर्द तो इन हरामखोरो को आजादी के बाद से ही होने लगा था परंतु देश इनकी सरकार नहीं बन पा रही थी क्योंकि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का सरकार बनता आ रहा था तो 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय कुछ कर नहीं सकते थे, नहीं तो इन हरामखोरो लोगों एस सी, एस टी के आरक्षण से इनके पेट में बहुत पहले से था। इसी लिए जब से इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार 2014 से बनी है तब से देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों तथा देश के तमाम सम्पत्ति को निजीकरण करके एक तरह एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण को खत्म करते जा रहा है। इसी लिए इन हरामखोरो ने 2014 से एक अनपढ़ जाहिल गंवार हरामखोर व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना रखा है और उसको अपने इसारो पर बंदर की तरह नचा रहा है क्योंकि इस हरामखोर प्रधानमंत्री के जितने भी परशनल सचिव तथा सलाहकार हैं वो सब के सब आर एस एस और बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हैं। देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों में यही तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और अपने जेनरल कास्ट को ध्यान में रखते हुए पोलिसी बनाते हैं। हमारा आबादी देश में लगभग 90% है जिसमें लगभग 20% आबादी एस सी कटैगरी के लोगों का है, एस टी कटैगरी वाले लोगों की आबादी लगभग 8% है तथा ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और जेनरल कटैगरी वाले लोगों की आबादी सिर्फ 10 % है तो किस आधार पर इन तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को 10% ई डब्ल्यू एस आरक्षण पास करवाया बिना किसी जातिगत जनगणना करायें जबकि पूरे देश में ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और आरक्षण सिर्फ 27% है। जब बिहार के बी पी मंडल, लालू यादव, रामबिलास पासवान, कर्पूरी ठाकुर, नीतीश कुमार, मोलायम सिंह यादव, कांसीराम, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राममनोहर लोहिया तथा बहुत से सामाजिक कार्यकर्ता ने आंदोलन किया था तो बहुत मुश्किल से 27% ओ बी सी के लिए आरक्षण लागू कराया था जिसमें बोला गया था कि 50% आरक्षण के लिमिट को नहीं तोड़ा जा सकता है जबकि आजादी से पहले के जातिगत जनगणना के आधार पर ओ बी सी की आबादी 52% था इस तरह देश में कुल आरक्षण 49.50% लागू था ( एस सी कटैगरी की 15% + एस टी कटैगरी की 7.5% + ओ बी सी कटैगरी की 27% = कुल आरक्षण 49.50%था बाकी 50.50% जेनरल सीट) । जब मंडल कमीशन लागू कराया जा रहा था तो इसका विरोध प्रदर्शन कोई मुसलमान नहीं कर रहा था, कोई पाकिस्तान नहीं कर रहा था, कोई सिख नहीं कर रहा था, कोई ईसाई नहीं कर रहा था बल्कि यही 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले हरामखोर लोगों ने किया था जबकि ई डब्ल्यू एस आरक्षण इन हरामखोरो ने बिना किसी जातिगत जनगणना करायें पूरे देश में लागू किया इसके लिए संसद में संविधान संशोधन कराया। अरे हरामखोर लोग तुम लोगों को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इतना क्यों दर्द हो रहा है ?
वो ब्राह्मण है इसलिए 😅
क्या लाभ मिले हैं आज भी गरीब शोषित है, छोटी जात को अभी भी सिर उठाने नहीं दिया जाता, महिलाओं को आज भी अकेले निकलने में डर लगता है शूद्रों की क्या हालत है जग जाहिर है आरक्षण हटाओ तो समाज में सबको बराबर का दर्जा दिलाओ अच्छे पदों पे उनको भी चयनित करो
यानि बिना टेस्ट दिए लोगो जिसने पाए अपने दम जॉबपायी जनरल ने आरक्षण की तुम्हारी यर्ह भीख ले के नहीं
अब केवल जिन्हें जरूरत है उनके लिए ही लागू हो
किसी दलित को सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बना दो
Sahi bola bhai
Sahi baat hai
K g बालकृष्णन कौन थे भैया
Wha koi casteism nhi chalta....na koi Brahman banta hai na koi sc st...jo accha kar skta hai whi banta hai...
Datiy agar pad le tab na mukhya nyayadish ban sake😂
भारत देश की संपत्ति पर सभी देशवासियों का बराबर हक है एक जनगणना करो कैटिगरी वाइज किसके पास कितनी संपत्ति है सभी कैटिगिरीयो मे बराबर संपत्ति आवंटित कर दो (जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी)और फिर सभी जातियां समाप्त कर दो l जातिवादियों सुनो जब तक जातिवाद रहेगा तब तक आरक्षण आबाद रहेगा l
सबसे पहले 2025 में जो जनगणना हो रहा है उसमें जातिगत जनगणना करायें और इसके साथ ही आर्थिक सर्वे भी करायें जिससे पता चले कि किस जाति के पास कितना जमीन जायदाद और सम्पत्ति है, उसके बाद जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें जिसकी जितनी जनसंख्या उसके उतनी अनुपात में आरक्षण लागू करें उसमें आर्थिक आधार पर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के आधार पर क्रीमी लेयर बना कर आरक्षण लागू करें। जिसमें गुरुप A पोस्ट, गुरुप B, गुरुप C तथा गुरुप D पोस्ट के लिए आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर बना कर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के लिए आरक्षण लागू करें इसमें एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को कोई आपत्ती नही होगा परन्तु हम अपना हक इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को क्यों दें? ये 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हजारों वर्षों से मलाई खाते आ रहें थे और आज भी जाति और मेरिट के नाम मलाई चाभ रहे हैं और मेरिट निर्धारित करने वाले भी इन्हीं लोगों आदमी बैठे हुए हैं, इन लोगो पर जरा भी एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को भरोसा नहीं है। 2014 से अब तक इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार बनी है तब से इन हरामखोरो को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इनके पेट में दर्द हो रहा है, दर्द तो इन हरामखोरो को आजादी के बाद से ही होने लगा था परंतु देश इनकी सरकार नहीं बन पा रही थी क्योंकि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का सरकार बनता आ रहा था तो 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय कुछ कर नहीं सकते थे, नहीं तो इन हरामखोरो लोगों एस सी, एस टी के आरक्षण से इनके पेट में बहुत पहले से था। इसी लिए जब से इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार 2014 से बनी है तब से देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों तथा देश के तमाम सम्पत्ति को निजीकरण करके एक तरह एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण को खत्म करते जा रहा है। इसी लिए इन हरामखोरो ने 2014 से एक अनपढ़ जाहिल गंवार हरामखोर व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना रखा है और उसको अपने इसारो पर बंदर की तरह नचा रहा है क्योंकि इस हरामखोर प्रधानमंत्री के जितने भी परशनल सचिव तथा सलाहकार हैं वो सब के सब आर एस एस और बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हैं। देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों में यही तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और अपने जेनरल कास्ट को ध्यान में रखते हुए पोलिसी बनाते हैं। हमारा आबादी देश में लगभग 90% है जिसमें लगभग 20% आबादी एस सी कटैगरी के लोगों का है, एस टी कटैगरी वाले लोगों की आबादी लगभग 8% है तथा ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और जेनरल कटैगरी वाले लोगों की आबादी सिर्फ 10 % है तो किस आधार पर इन तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को 10% ई डब्ल्यू एस आरक्षण पास करवाया बिना किसी जातिगत जनगणना करायें जबकि पूरे देश में ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और आरक्षण सिर्फ 27% है। जब बिहार के बी पी मंडल, लालू यादव, रामबिलास पासवान, कर्पूरी ठाकुर, नीतीश कुमार, मोलायम सिंह यादव, कांसीराम, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राममनोहर लोहिया तथा बहुत से सामाजिक कार्यकर्ता ने आंदोलन किया था तो बहुत मुश्किल से 27% ओ बी सी के लिए आरक्षण लागू कराया था जिसमें बोला गया था कि 50% आरक्षण के लिमिट को नहीं तोड़ा जा सकता है जबकि आजादी से पहले के जातिगत जनगणना के आधार पर ओ बी सी की आबादी 52% था इस तरह देश में कुल आरक्षण 49.50% लागू था ( एस सी कटैगरी की 15% + एस टी कटैगरी की 7.5% + ओ बी सी कटैगरी की 27% = कुल आरक्षण 49.50%था बाकी 50.50% जेनरल सीट) । जब मंडल कमीशन लागू कराया जा रहा था तो इसका विरोध प्रदर्शन कोई मुसलमान नहीं कर रहा था, कोई पाकिस्तान नहीं कर रहा था, कोई सिख नहीं कर रहा था, कोई ईसाई नहीं कर रहा था बल्कि यही 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले हरामखोर लोगों ने किया था जबकि ई डब्ल्यू एस आरक्षण इन हरामखोरो ने बिना किसी जातिगत जनगणना करायें पूरे देश में लागू किया इसके लिए संसद में संविधान संशोधन कराया। अरे हरामखोर लोग तुम लोगों को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इतना क्यों दर्द हो रहा है ? जितने भी शारीरिक मेहनत वाले काम होता है जिसमें खून पसीना भी बहाना पड़ता है वो सभी कार्य सिर्फ एस सी, एस टी और ओ बी सी के लोग करते हैं और इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय जिसमें इनके मां बहने, बहु बेटियों तथा इनके बाल बच्चे सब के सब हराम के खाते हैं!
Madam general category se he isliye dard jhalak raha he😂
Ekdam sahi bole hai 😂😂
Madam ke ander ka bhara pda jatiwadi jharili soch ke karan reservation htne bol rhi
Chhakka spotted
Vinod sahi kar rahe ho
Aurat hai ye v sudrani hai chahye bharamin ke ghar v Aurat hai sab sudrani hai ...jutye ghamaand lay hai sab😂
75 ਸਾਲ ਸੇ ਮਨੂਵਾਦੀ ਅਖੌਤੀ ਉੱਚ ਜਾਤੀ ਰਾਜ ਖਤਮ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਏ ਦਸਤਕਾਰ ਮਜ਼ਦੂਰ ਕਿਸਾਨ ਕੋ ਏਕ ਜੁਟ ਹੋਕਰ।
ऐसा ही फैसला बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया था।
Sahi bolo rhe ho bhai
Aag laga denge
Ye bharat h
@@AnilSharma-oe6tmbharat h toh kya yaha Bangladesh me bhi bhayankar hoga waha to bhhag bhi gYi thi par yaha bhhg bhi nhi payega
@@AnilSharma-oe6tmjisme tum 3% ho😂
Samjh gye na ishara 😂
अगर Reservation को 75 साल हो गए हैं, तो फिर सभी सरकारी नौकरियों में और Bureaucracy में 22.5% SC/ST और 27% OBC क्यों नहीं हैं ये परसेंट अभी 0-5% के बीच क्यों है फिर????
इसका मतलब Reservation को सही तरह से लागू ही नहीं किया गया है|
आरक्षण खत्म नहीं होगा जब तक जाती व्यवस्था खत्म नहीं होगी
Tum batao kya ho sakta hai
मोदी को वोट दिया था ।
@@eac7567 तुम्हारे तो सपने में भी मोदी जी ही आते होंगे 75 साल से मोदी ही है क्या
@@thedksingh इसी का तो विश्लेषण करने पर आया है कि जनरल के लोग मेहनत करके नौकरी पा रहे है लेकिन हर जगह आरक्षण है फिर भी तुम जैसे लोग सिर्फ राजनीति करने में लगे है इसको खत किया जाए
Mahangai aur Bhrashtachaar Aam Janta ko Rulaa Rahee hai aur Kasht Pahuncha Rahee Hai.---- AJAM, Buxar, Bihar.
She is not a teacher...she is a BJP agent 😂😂
Absolutely right
Aise topic hi padati hai...
Iske anusar sb nyaymurti modi murti hai
Yes
👍
आरक्षण एक व्यक्ति के परिवार को एक ही बार देना चाहिए। लागू रहें पर उनको मिले जिसको आवश्यकता है। एक ही परिवार में सभी अधिकारी है आरक्षण का लाभ ऐसे ही ले रहे हैं।
जातिगत आरक्षण का मूल उद्देश्य ही हिंदू समाज में जाति व्यवस्था को समाप्त करना है! जब तक जाति व्यवस्था समाप्त नहीं होती तब तक आरक्षण समाप्त नही हो सकता। न्यायालय को जाति निरस्तीकरण अभियान सरकार से चलवाने का कड़ा आदेश देना चाहिए था।
Jati ke hi aadhar pr to lete ho bhai
@@shivprakashmishra742 Jaati hain tabhi toh lete hain kyuki jaati se hi toh pratibandh lagge huye hain manushyo par... jaatiya khatam karo aur ek hindu samaaj rakho naa koi brahmann naa koi shudra toh phir jaati ke naam par koi kya le sakega?
Jo Jatiwaad Kyu Karte ho Bhai ?@@shivprakashmishra742
@@shivprakashmishra742 हाँ तो भाई जाति खतम कर दो आरक्षण भी खतम हो जाऐगा रोटी बेटी का संबंध स्थापित करो समाज मे तब कोई जातिया ही नही बचेगी समाज मे और नही आरक्षण होगा बताओ कब से शुरु कर रहे हो हमलोग तैयार है
@@shivprakashmishra742discrimination is of two types positive and negetive...6th class ncert
हां ख़त्म कर देना चाहिए ।समान गरीबो कोआरक्षण देना चाहिए ,
आरक्षण समाप्त नहीं होना चाहिए पर उन्हें सही लोगों तक पहुंचना भी जरुरी है क्योंकि वर्तमान में आरक्षण 80% गलत लोगो को मिल रही हैं।।😶😶
Iski kya guarantee hai ki aage sahi logo tak pahuchegi ??? Pehle arakshan khatam karna chahiye uske baad 10 saal ka gap dena chahiye.....fir dekhna chahiye ki hakikat me kon kon pichda hai .....
@CareerProblemSolver प्रधानमंत्री आवास योजना कैसे अच्छे से पहचान कर सही लोगों तक पहुंच जाती हैं, चुनाव के दौरान कैसे बूथ एक एक जनता के पास पहुंच जाती हैं ,, आशा है आप भी इस बात को समझेंगे🙏
@@p.l.dharmatma1462 bhai mere, pradhan mantri awas yojna alag scheme hai. Usme ghar ke liye subsidy lene ke liye karj lena compulsory hai aur reservation me free ki bheek zabardasti ameero ko di jaa rahi hai. Upar se apko kisne bataya ki pmay aur chunavo ke time voter id card jaise cheeze sahi tareeko se hoti hai. Pmay scam google karke dekh lijiye, voter id card bangladeshiyo aur rohingya ko kisne baate ?? Iss desh me corruption itna hai ki jo haqdar hai wahi pista chala jayega. Har rajya me dadagiri aur gundagardi hai. Sab politicians ke paas hathiyaar hai aam aadmi ko darane ke liye aur reservation ka andhadhun laabh lene ke liye. Isse achcha hai ki reservation aur freebees ko khatam kiya jaaye.
Obc ka 60% hona chahiye
Obc ka badega to definitely ek na ek din
@@Vinod-hx4yi ha... Jo present 3% overall hai, uska 60% hona chahiye, uske baad dhire dhire 0% ho jana chahiye within 3-5 years.
आरक्षण समाप्त करने से पहले देश में जातिवाद खत्म करना चाहिए क्या कभी सुप्रीम कोर्ट ने कभी जातिवाद के ऊपर भी कोई आदेश दिया है क्या
अब ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। सिर्फ जाति गड़ना कराओ और जतनी जिस की संख्या उतनी उसकी भागेदारी। दिक्कत कहां है। आरक्षण अपने-आप खत्म हो जायेगा।
जिसमें जितना दम,उतनी हिस्से दारी
शेर का पूरा जंगल,संख्या सबसे कम😂
भारत में जाति आधारित आरक्षण दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में शुरू हुआ। मनुस्मृति ब्राह्मणों की कानून की किताब में सभी कानून जाति पर आधारित थे और किसी भी मेरिट पर कभी विचार नहीं किया गया था। इसने लोगों को उनके जन्म के आधार पर उच्च और निम्न जातियों में विभाजित किया, न कि मेरिट के आधार पर धन, राजनीतिक शक्ति, आध्यात्मिक नेतृत्व, शिक्षा, भूमि का स्वामित्व, व्यापार और सभी आकर्षक पहलू शुद्ध रूप से उच्च जातियों के लिए आरक्षित थे।
Kanha se padhe ho tum
Manusmriti se@@utpalkant3976
सबसे पहले 2025 में जो जनगणना हो रहा है उसमें जातिगत जनगणना करायें और इसके साथ ही आर्थिक सर्वे भी करायें जिससे पता चले कि किस जाति के पास कितना जमीन जायदाद और सम्पत्ति है, उसके बाद जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें जिसकी जितनी जनसंख्या उसके उतनी अनुपात में आरक्षण लागू करें उसमें आर्थिक आधार पर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के आधार पर क्रीमी लेयर बना कर आरक्षण लागू करें। जिसमें गुरुप A पोस्ट, गुरुप B, गुरुप C तथा गुरुप D पोस्ट के लिए आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर बना कर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के लिए आरक्षण लागू करें इसमें एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को कोई आपत्ती नही होगा परन्तु हम अपना हक इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को क्यों दें? ये 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हजारों वर्षों से मलाई खाते आ रहें थे और आज भी जाति और मेरिट के नाम मलाई चाभ रहे हैं और मेरिट निर्धारित करने वाले भी इन्हीं लोगों आदमी बैठे हुए हैं, इन लोगो पर जरा भी एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को भरोसा नहीं है। 2014 से अब तक इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार बनी है तब से इन हरामखोरो को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इनके पेट में दर्द हो रहा है, दर्द तो इन हरामखोरो को आजादी के बाद से ही होने लगा था परंतु देश इनकी सरकार नहीं बन पा रही थी क्योंकि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का सरकार बनता आ रहा था तो 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय कुछ कर नहीं सकते थे, नहीं तो इन हरामखोरो लोगों एस सी, एस टी के आरक्षण से इनके पेट में बहुत पहले से था। इसी लिए जब से इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार 2014 से बनी है तब से देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों तथा देश के तमाम सम्पत्ति को निजीकरण करके एक तरह एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण को खत्म करते जा रहा है। इसी लिए इन हरामखोरो ने 2014 से एक अनपढ़ जाहिल गंवार हरामखोर व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना रखा है और उसको अपने इसारो पर बंदर की तरह नचा रहा है क्योंकि इस हरामखोर प्रधानमंत्री के जितने भी परशनल सचिव तथा सलाहकार हैं वो सब के सब आर एस एस और बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हैं। देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों में यही तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और अपने जेनरल कास्ट को ध्यान में रखते हुए पोलिसी बनाते हैं। हमारा आबादी देश में लगभग 90% है जिसमें लगभग 20% आबादी एस सी कटैगरी के लोगों का है, एस टी कटैगरी वाले लोगों की आबादी लगभग 8% है तथा ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और जेनरल कटैगरी वाले लोगों की आबादी सिर्फ 10 % है तो किस आधार पर इन तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को 10% ई डब्ल्यू एस आरक्षण पास करवाया बिना किसी जातिगत जनगणना करायें जबकि पूरे देश में ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और आरक्षण सिर्फ 27% है। जब बिहार के बी पी मंडल, लालू यादव, रामबिलास पासवान, कर्पूरी ठाकुर, नीतीश कुमार, मोलायम सिंह यादव, कांसीराम, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राममनोहर लोहिया तथा बहुत से सामाजिक कार्यकर्ता ने आंदोलन किया था तो बहुत मुश्किल से 27% ओ बी सी के लिए आरक्षण लागू कराया था जिसमें बोला गया था कि 50% आरक्षण के लिमिट को नहीं तोड़ा जा सकता है जबकि आजादी से पहले के जातिगत जनगणना के आधार पर ओ बी सी की आबादी 52% था इस तरह देश में कुल आरक्षण 49.50% लागू था ( एस सी कटैगरी की 15% + एस टी कटैगरी की 7.5% + ओ बी सी कटैगरी की 27% = कुल आरक्षण 49.50%था बाकी 50.50% जेनरल सीट) । जब मंडल कमीशन लागू कराया जा रहा था तो इसका विरोध प्रदर्शन कोई मुसलमान नहीं कर रहा था, कोई पाकिस्तान नहीं कर रहा था, कोई सिख नहीं कर रहा था, कोई ईसाई नहीं कर रहा था बल्कि यही 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले हरामखोर लोगों ने किया था जबकि ई डब्ल्यू एस आरक्षण इन हरामखोरो ने बिना किसी जातिगत जनगणना करायें पूरे देश में लागू किया इसके लिए संसद में संविधान संशोधन कराया। अरे हरामखोर लोग तुम लोगों को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इतना क्यों दर्द हो रहा है ? जितने भी शारीरिक मेहनत वाले काम होता है जिसमें खून पसीना भी बहाना पड़ता है वो सभी कार्य सिर्फ एस सी, एस टी और ओ बी सी के लोग करते हैं और इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय जिसमें इनके मां बहने, बहु बेटियों तथा इनके बाल बच्चे सब के सब हराम के खाते हैं
जब तक जाती है जब तक आरक्षण रहेगा जाती हटा दीजिए आरक्षण अपने आप हट जाएगा। 😮। जातीय जनगणना बिहार में आंकड़ा देख लीजिए क्या हालत है। आरक्षण के अभी और जरूरत है देश व राज्य में जब तक लोग एक समान नहीं हो जाते हैं जब तक आरक्षण को कोई हाथ नहीं लग सकता। 3000 वर्षों की गुलामी। 75 वर्ष में कैसे सामान्य होगा। होगा भी तो क्या हालत है IIT IIM मैं क्या हालत है इसका भी आंकड़ा आना चाहिए। जय भीम जय संविधान❤
क्यूं कौन सी जाति का बनना चाहता है
raat ko 8pm neend puri karke.. jati ko amanya ghoshit kardunga, bana do mujhe PM. sabko ek naya hi surname lagana hoga jo ki existing jatiyo me se nahi honga, ek pariwar ko ek naya surname diya jayega jo hazaro options me se hoga, jaise phone number hote hai. - "Kiran s0891" kaisa laga. lekin yeh sab par lagu hoga, Amdebkar bhi nahi hoga aur Mishra bhi nahi, naa hi Singh yaa Patil.
ये सिर्फ बकवास है.......सुप्रीम कोर्ट की
Reservation ही लोकतंत्र है.......जब आरक्षण समाप्त हो जाएगा तो फिर गरीबों को उसकी भगदारी कैसे मिलेगी......कर दो आरक्षण ख़त्म ......प्रतिनिधित्व का अधिकार जब तक रहेगा ......तब तक आरक्षण रहेगा
murkh ho tum reservation economical condition ke hisaab se milna chahiye
kon sa jaatiwaad ho rha hai bataooo kya karne se tumko roka ja rha hai yeah batooo
Bhagidari yogyata k anusar milti hai,,Free m bhaut de di hai..
@@A_R1111 tera baap nhi kr payega
कुछ आरक्षण के नाम पर अयोग्य लोग नौकरी लग रहें डफर पढाई करवायेगी तो बच्चे भी डफर बन रहे हैं
@@A_R1111 Beta yogyata decide krne vale log bhi fair enough descision krna chahiye na ki cast dekha kar... Aj bhi civil service ke interviews marks dekha lijiye apko Bramhin ke marks overall jada hi milenge as compared to other cast... ❓ because jo board Me log baithe hai vo log khud bramhin hai... That's the harsh truth....Ye discrimination aur Fact dono hai... Chahe to proof bhi hai iska😂
वास्तव में आरक्षण अब खत्म होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने बहुत सही कहा है।
Brahmin Bania Judiciary mai bhi 90% OBC SC ST jab ho jayenge,
Tab socha jayega ✊✊
OBC SC ST Want Representation in Judiciary, Media, Legislation and Executive 🙏🏻🙏🏻
Ha tho bhai padh le
Exam creck kar le
@@pradeepbisht7346 hmm 10% 👉 ब्राह्मण बनिया राजपूत ek number ke nitthele hai. Inse padhayi nahi hoti isaliye 10% EWS leke baithe hai. Kaam chor kahike. Sun 10% hai ab OBC ka 60% hoga ✊✊
War k time border p v sc / st ko aarakshan dena chahiye.....sabse aage
@@pradeepbisht7346usme exam nhi hota bhai agar esa hogya toh phir toh judgment ek tarfa honge sare general category ko fasi de di jayegi 😅
@@pradeepbisht7346 पढ़ने की तुम्हें जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट में कॉलेजियम सिस्टम है भाई, जिसमें कॉलेजियम सिस्टम हटे बिना अन्य परिवार के लोग नहीं जा सकते।
मेरी कस्ट से आज तक कोई mp mla या आईएएस आईपीएस नही बना आज के टाइम गवमेंट स्कूल सिर्फ हमरे लिए रही जहा पढ़ाई नही रही कितने बचे जर्नल कस्ट के गवमेंट स्कूल मे जाते है सिर्फ sc st तो प्लीज पहले धरातल पर चेक करो फिर प्रस्ताव परित करवाना धन्यवाद जय हिंद
Padho bhaai phir ban jaaoge.... Telent jgaao apne andar.... Kab tak reservation lete rhoge....
Aarakshan ek pariwar me ek hi saksh ko milna chahiye taki Desh ke sabhi pariwar aage badh sake ,Lagu jarur karna chahiye ❤
Jati hi samapt ker diya jaye
Sari samasya khatam ❤
Caste is alive today only because of reservation! Caste will vanish automatically after removing reservation.
जाति कैसे समाप्त करोगे?
Jati caste. Khatam ho 1000 saal pure ho gye. Kon chahta khatam. Ho like. Kre😅
Bilkul jb tk castism rahegi reservation nhi htna chahiye
मामला ये है कि जिसके साथ जातिवाद हो रहा है उसे आरक्षण का फायदा मिल ही नहीं रहा ✅️
@@Harinaarayanतो फिर जातिवाद कर कयो रहे है सरकार जयादातर समय किसका रहा हैकिस जाति के लोग सांसद विधायक मंत्री रहै है | जयादा किस जाति के लोग शासन प्रशासन मे है समाज मे कौन जाति के लोग नियम बनाता है किसका बात मानता है समाज किस जाति से पूछता है समाज ये भी तो देखो आखिर बो जाति खतम करने छुआछूत खतम करने के लिऐ कुछ कयो नही कर रहा है | आज भी समाज मे लगभग लोग एक जाति से पूछते है और उनके वताऐ अनुसार सबकुछ करते है पैदा होने से लेकर श्राद्ध तक | बो नही चाहते है कि जाति खतम हो उनकी इजजत कम हो जाऐगी सब बराबर हो जाऐगा तब 😂😂😂
@@Sanaya.singh12 जी आपका कहना बिलकुल सही है जाति जातिवाद भेदभाब के कारण ही तो आरक्षण दिया गया है और ये जातिबाद खतम होने तक रहेगा और अंतरजातीय विवाह के बिना ये खतम भी नही हो सकता जब तक अपनापन नही आऐगा तब तक समाज नही जुड सकता और न ही जातिवाद खतम हो सकता | आज समाज मे हर जाति के लिऐ एक closed eco syystem बनाया गया है उसी मे उसको रहना है और बाकियो से खुद को अलग समझना है जबतक ये टूटेगा नही तब तक जाति खतम नही हो सकती , देखिऐ आगे होता किया है आरक्षण समापत होगी या जाति या फिर कुछ भी नही ऐसा ही चलता रहेगा .........
Reservation must be abolished because NEED would never come to an end.
हजारों सालों से शोषण करने के बावजूद 75 सालों में ही इतना विकास कैसे हो सकता है सरकार को जनगणना करना चाहिए और जो रियल में गरीब है चाहे वह दलित हुए दूसरे लोग हैं उनका विकास के लिए नए रास्ते अपनाने चाहिए ना की जिनको आरक्षण के सहारे जो विकास की प्रक्रिया की गई है उसे समाप्त करना चाहिए
Today caste is alive only because of reservation! Caste will vanish automatically after the removal of reservation. From school to college, university to job exams everywhere people are asked about their cast because of reservation. Today anybody from any caste can discriminate against anyone from any caste. There is law against caste based discrimination. Reservation added in the constitution for a temporary basis not permanent but politicians are continuing it for political benefits. Today everyone has equal opportunities so let people get everything based on their merits only. Much needed issue raised by SC.
में गोरखपुर के एक कालेज में पढ़ता था, SC होने के कारण मुझे आगे की सीट पर नहीं वैठने दिया जाता था जो बजीफा मिलता था उसमें से 500 रूपए कुछ भिखारियों को देना पड़ता था जो साथ में ही पढ़ते थे, हम अकेले थे, दूर जिले से थे डर से शिकायत भी नहीं कर सकते थे ऐसा क्लास के सभी ,SC के साथ होता था, ये दर्द ये बेबसी, हम भूल थोडे जाएगे
Jitna daboge ye manuwadi utna hi dabayenge. Ye majak udate hai to inka majak udao jawab dena sikho
क्योंकि सभी मिलजुल कर सभी office में और सभी जगह मिलते जुलते he ऊच नीच की बात ही नहीं रह जाती
सुप्रीम कोर्ट दूसरों के विषय में तो खूब फैसला देता है लेकिन वह अपने विषय में कभी यह नियम लागू करेगा कि वहां पर भर्ती योग्यता के आधार पर की जाएगी ना कि कॉलेजियम सिस्टम के आधार पर
हम देश के बारे में तो सोच नहीं रहे केवल खुद के व्यक्तिगत लाभ की बात सोचते है हम गुलामी की ओर अग्रसर हो रहे है जो देश के हित में बिल्कुल नहीं है
आजादी के 75 साल हो गए हैं भारत में अभी भी जाति को व्यवस्था है इसे समाप्त किया जाना चाहिए😊
सबसे पहले 2025 में जो जनगणना हो रहा है उसमें जातिगत जनगणना करायें और इसके साथ ही आर्थिक सर्वे भी करायें जिससे पता चले कि किस जाति के पास कितना जमीन जायदाद और सम्पत्ति है, उसके बाद जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें जिसकी जितनी जनसंख्या उसके उतनी अनुपात में आरक्षण लागू करें उसमें आर्थिक आधार पर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के आधार पर क्रीमी लेयर बना कर आरक्षण लागू करें। जिसमें गुरुप A पोस्ट, गुरुप B, गुरुप C तथा गुरुप D पोस्ट के लिए आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर बना कर अपने अपने कटैगरी में अलग-अलग पोस्ट के लिए आरक्षण लागू करें इसमें एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को कोई आपत्ती नही होगा परन्तु हम अपना हक इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को क्यों दें? ये 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हजारों वर्षों से मलाई खाते आ रहें थे और आज भी जाति और मेरिट के नाम मलाई चाभ रहे हैं और मेरिट निर्धारित करने वाले भी इन्हीं लोगों आदमी बैठे हुए हैं, इन लोगो पर जरा भी एस सी, एस टी और ओ बी सी के शिक्षित और जागरूक लोगों को भरोसा नहीं है। 2014 से अब तक इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार बनी है तब से इन हरामखोरो को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इनके पेट में दर्द हो रहा है, दर्द तो इन हरामखोरो को आजादी के बाद से ही होने लगा था परंतु देश इनकी सरकार नहीं बन पा रही थी क्योंकि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का सरकार बनता आ रहा था तो 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय कुछ कर नहीं सकते थे, नहीं तो इन हरामखोरो लोगों एस सी, एस टी के आरक्षण से इनके पेट में बहुत पहले से था। इसी लिए जब से इन हरामखोरो लोगों की पार्टी बीजेपी की सरकार 2014 से बनी है तब से देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों तथा देश के तमाम सम्पत्ति को निजीकरण करके एक तरह एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण को खत्म करते जा रहा है। इसी लिए इन हरामखोरो ने 2014 से एक अनपढ़ जाहिल गंवार हरामखोर व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना रखा है और उसको अपने इसारो पर बंदर की तरह नचा रहा है क्योंकि इस हरामखोर प्रधानमंत्री के जितने भी परशनल सचिव तथा सलाहकार हैं वो सब के सब आर एस एस और बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग हैं। देश के तमाम सरकारी संस्थाओं और विभागों में यही तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोग बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और अपने जेनरल कास्ट को ध्यान में रखते हुए पोलिसी बनाते हैं। हमारा आबादी देश में लगभग 90% है जिसमें लगभग 20% आबादी एस सी कटैगरी के लोगों का है, एस टी कटैगरी वाले लोगों की आबादी लगभग 8% है तथा ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और जेनरल कटैगरी वाले लोगों की आबादी सिर्फ 10 % है तो किस आधार पर इन तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले लोगों को 10% ई डब्ल्यू एस आरक्षण पास करवाया बिना किसी जातिगत जनगणना करायें जबकि पूरे देश में ओ बी सी की आबादी लगभग 62% है और आरक्षण सिर्फ 27% है। जब बिहार के बी पी मंडल, लालू यादव, रामबिलास पासवान, कर्पूरी ठाकुर, नीतीश कुमार, मोलायम सिंह यादव, कांसीराम, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राममनोहर लोहिया तथा बहुत से सामाजिक कार्यकर्ता ने आंदोलन किया था तो बहुत मुश्किल से 27% ओ बी सी के लिए आरक्षण लागू कराया था जिसमें बोला गया था कि 50% आरक्षण के लिमिट को नहीं तोड़ा जा सकता है जबकि आजादी से पहले के जातिगत जनगणना के आधार पर ओ बी सी की आबादी 52% था इस तरह देश में कुल आरक्षण 49.50% लागू था ( एस सी कटैगरी की 15% + एस टी कटैगरी की 7.5% + ओ बी सी कटैगरी की 27% = कुल आरक्षण 49.50%था बाकी 50.50% जेनरल सीट) । जब मंडल कमीशन लागू कराया जा रहा था तो इसका विरोध प्रदर्शन कोई मुसलमान नहीं कर रहा था, कोई पाकिस्तान नहीं कर रहा था, कोई सिख नहीं कर रहा था, कोई ईसाई नहीं कर रहा था बल्कि यही 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले हरामखोर लोगों ने किया था जबकि ई डब्ल्यू एस आरक्षण इन हरामखोरो ने बिना किसी जातिगत जनगणना करायें पूरे देश में लागू किया इसके लिए संसद में संविधान संशोधन कराया। अरे हरामखोर लोग तुम लोगों को एस सी, एस टी और ओ बी सी के आरक्षण से इतना क्यों दर्द हो रहा है ? जितने भी शारीरिक मेहनत वाले काम होता है जिसमें खून पसीना भी बहाना पड़ता है वो सभी कार्य सिर्फ एस सी, एस टी और ओ बी सी के लोग करते हैं और इन 10% आबादी वाले तथाकथित मेरिटधारी मनुवादी मानसिकता वाले दोगले भारतीय जिसमें इनके मां बहने, बहु बेटियों तथा इनके बाल बच्चे सब के सब हराम के खाते हैं
और 70 सचल देंगे फीर भी हम एसे ही आरक्षणपर जिंदगी गुजारते रहेंगे जबतक रावण जैसा हमारे नेता है......
Collegium को भी समाप्त कर दिया जाय.
पहले जाती खत्म कीजिए। वर्षों से शोषित, प्रताड़ित, को 75 वर्षों में कैसे पूरा हो गया।😢😢😢😢😢 ऐसे सोच ओ भी SC का ओ भी SC/ST के प्रति बहुत ही बेशर्म बाली सोच को दिखा रहे हैं। संविधान को खत्म करने का कोशिश कर रहे हैं।ये सब मिलकर😢😢😢😢
Khud ladkar aage badho jaise bihar me yadavo ne kiya rowo nahi
बात आरक्षण खत्म करने की नहीं हो रही है बात उन लोगों को कोटे से बाहर करने की बात हो रही है जो पहले इसका लाभ उठा चुके हैं जो अब जनरल कैटेगरी के साथ कंपटीशन के लिए तैयार है|
Murkh 1000 salo se kiska sasan tha ye to bata 😂😂😂😂
@rockybaby3536 aur yadi muglo ka tha to unhone brahmin aur sudra me kya bhed kiya🤣
That is what cannot be seen, when SC ST people want to move ahead, you start trying to bring them down.
मेडम जी क्या भारत से दलित जातिगत व्यवस्था, भेदभाव, ऊंच-नीच, समाप्त हो चुकी है और इसके अतिरिक्त महिला सशक्तिकरण व्यवस्था ओर समान शिक्षा पद्धति, ठीक हो चुकी है और धर्म के प्रति मानसिक गुलामी समाप्त हो चुकी है तो हां निश्चित ही आरक्षण समाप्त होना चाहिये
और फिर एक नई पहचान मिलनी चाहिये
भारत में कोई जाति व्यवस्था नहीं होनी चाहिये, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र कोई नहीं केवल भारतीय
कोई धर्म नहीं होगा, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,जैन, बौद्ध कोई भी धर्म नहीं होगा
केवल ओर केवल भारतीय
जय भीम, जय भारत, जय संविधान,जय मूलनिवासी ❤❤