सत साहेब गुरुजी सादर नमन, साहेब कबीर सुजान बंदगी। सारशबद अखण्ड धुन चित्त मे पाकर संवर गई हम सभी संतो की जिन्दगी।।01।।भगवान शबद मे, पांच तत्व समाहित। भ-से भूमि, ग-से गगन, व-से वायु, आ-से आग, और न-से नीर। यह पांचो सृष्टी सृजन मे प्रकृति के बनाये,पारब्रम्ह ने पीर, यही है मानव तन के शरीर।।02।।कहत कबीर जी सुन भाई साधू, पांच तत्व का नर मानुष की काया। काल निरंजन की ठगनी माया, इसने ही लखचौरासी का चक्र चलाया।।03।।इन सबसे हट कर जानो, भाई बहनो सत कबीर का सारशबद अखण्ड की छाया। परममोक्ष का इससे अच्छा नही कोई और उपाया।।04।।है अनाम अक्षर के माही, सारशबद कोई जानत नाही। सारशबद की भगति करे जो कोई, भव से तर के जनम ना होई।।05।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।,,।।
Very simple masses of peace by
Prem rawat guru maharaj ji.?
सत साहेब गुरुजी सादर नमन, साहेब कबीर सुजान बंदगी। सारशबद अखण्ड धुन चित्त मे पाकर संवर गई हम सभी संतो की जिन्दगी।।01।।भगवान शबद मे, पांच तत्व समाहित। भ-से भूमि, ग-से गगन, व-से वायु, आ-से आग, और न-से नीर। यह पांचो सृष्टी सृजन मे प्रकृति के बनाये,पारब्रम्ह ने पीर, यही है मानव तन के शरीर।।02।।कहत कबीर जी सुन भाई साधू, पांच तत्व का नर मानुष की काया। काल निरंजन की ठगनी माया, इसने ही लखचौरासी का चक्र चलाया।।03।।इन सबसे हट कर जानो, भाई बहनो सत कबीर का सारशबद अखण्ड की छाया। परममोक्ष का इससे अच्छा नही कोई और उपाया।।04।।है अनाम अक्षर के माही, सारशबद कोई जानत नाही। सारशबद की भगति करे जो कोई, भव से तर के जनम ना होई।।05।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।,,।।
It is so precious Maharaj ji your message is so peaceful.
Guru Maharaj ji I thank you very much for giving me this knowledge and every thing
I love you Maharaaj ji with my Heart
The only reiiable that take you through all times. Thanks to Maharaji I found my trie source of existence
you have something good inside of you ;)
and you can feel it at the bottom of your heart anytime you want,
if you have the gift of his Self-Knowledge
million of thanks my torchbearer,love u maharaji
I love you maharaji/ Prem Rawat
💚🙏💜
Love u love
So perfect.
Thank you very much Dear friend
Tell it to my heart.
so nice my pleasure
Thanks Prem Rawat ,I no longer wander whether I have been saved.(Prosper Asem)