Class 11 Th physics chapter 10 (B) तरलों के यांत्रिक गुण(II) Part 3. सीमांत वेग, स्टोक का नियम

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  • Опубліковано 6 січ 2025
  • सीमांत वेग (Terminal Velocity) एक भौतिकी की अवधारणा है, जो किसी वस्तु के उस अधिकतम वेग को दर्शाता है, जिस पर वह तरल या गैस (जैसे हवा) में मुक्त रूप से गिरते समय स्थिर हो जाती है। सीमांत वेग तब प्राप्त होता है जब वस्तु पर लगने वाले विभिन्न बल संतुलन में आ जाते हैं।
    बल जो सीमांत वेग को प्रभावित करते हैं:
    1. गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force): यह बल वस्तु को नीचे खींचता है।
    2. वायुगति प्रतिरोध बल (Drag Force): यह बल वस्तु के वेग के विपरीत दिशा में कार्य करता है और उसकी गति को धीमा करता है।
    3. उत्थान बल (Buoyant Force): यदि वस्तु किसी तरल माध्यम में है, तो यह बल ऊपर की ओर कार्य करता है।
    जब ये तीनों बल संतुलन में आ जाते हैं, तो वस्तु का वेग स्थिर हो जाता है, जिसे सीमांत वेग कहते हैं।
    उदाहरण:
    आकाश में गिरता हुआ पैराशूट जब एक स्थिर वेग पर गिरने लगता है, तो वह उसका सीमांत वेग होता है।
    बारिश की बूंदें सीमांत वेग पर ही पृथ्वी की ओर गिरती हैं।
    Terminal Velocity is a concept in physics that refers to the maximum velocity an object can achieve while falling freely through a fluid or gas (like air). Terminal velocity occurs when the forces acting on the object are in equilibrium.
    Forces Affecting Terminal Velocity:
    1. Gravitational Force: The force pulling the object downward.
    2. Drag Force (Air Resistance): The force opposing the motion of the object, acting in the opposite direction of the velocity.
    3. Buoyant Force: If the object is falling through a liquid, this upward force is also present.
    When these forces balance out, the object stops accelerating and falls at a constant velocity, which is its terminal velocity.
    Examples:
    A parachutist descending steadily after deploying the parachute is falling at terminal velocity.
    Rain droplets reach their terminal velocity before hitting the ground.

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