@hardmind8794 जिंदगी में हम जिस मोड़ पर खड़े है उस पर जीवन में तुम भी खड़े होना कभी न कभी और ये सवाल कोई और पूछे ये baddua है मेरा तुमको... रही बात समायोजन की तो हमारी गलती नही है इस पूरे प्रोसेस में तो हम समायोजन की मांग कर रहे है
एमपी तक चैनल के माध्यम से अभी वर्ग 2 साइंस में शिक्षा विभाग में जीरो पोस्ट निकली है उसके बारे में भी बात कीजिए, जबकि स्कूलों में साइंस के हजारों पोस्ट खाली है।
बीएड हो या डीएड जो भी शिक्षक 95% से ऊपर रिजल्ट न दे पाए उसे निकाल दो , मेरे प्राइमरी क्लास के 60% बच्चे फैल हो गए थे। कुछ ही टीचर्स अच्छे होते है सरकारी में।
Jald hi mp se b ed bahar hoga supreem court ne highcourt kese faisle ko wapas bhej diya h ab merit per sunwai hogi faisla sahi nhi tha d ed ke kisi bhi point ko mention nhi kiya gya
छत्तीसगढ़ #DEd_Vs_BEd विवाद इस विवाद का सम्पूर्ण विश्लेषण : इस विवाद पर लोगों को पूर्ण जानकारी न होने के बाद भी लेख लिख रहे है। तो चलिए इस विवाद का सम्पूर्ण जानकारी मै तथ्यों के साथ आपको देता हूं (Fact Check कर सकते हो) : NCTE एक केंद्रीय संस्था है जो शिक्षकों की भर्ती और उनकी योग्यता का मानक तय करती है इसने 2018 में एक गजट लाया जिसमें प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने के लिए बीएड की योग्यता को भी शामिल किया जो कि पूर्व में प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन कराने के लिए केवल डीएड योग्यता थी। तब डीएड किए जागरूक लोग इस NCTE के गजट को कोर्ट में चुनौती दिए इस पर सर्वप्रथम राजस्थान उच्च न्यायालय का फैसला 2021 में आया ( मुकेश रुयल बनाम राजस्थान सरकार ) जिसमें प्राथमिक विद्यालय 1 से 5 अध्यापन के लिए बीएड डिग्री धारको को असंवैधानिक बताया। राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय ने ( देवेश शर्मा बनाम भारत सरकार ) भी जनवरी 2023 में फैसला सुरक्षित कर 11 अगस्त 2023 को फैसला दिया कि बीएड डिग्री प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन के लिए अनुच्छेद 21A के तहत और RTE एक्ट के प्रावधान प्राथमिक स्तर में "निः शुल्क एवं अनिवार्य गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा" देने के लिए पेडागोजिकल स्किल नही रखता केवल डीएड कोर्स ही उसके लिए डिजाइन किया गया है इस सभी तथ्यों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने संज्ञान में लिया और बच्चों की गुणवत्ता से समझौता नही करने का निर्देश देते हुए बीएड को प्राथमिक स्तर से अयोग्य और असवैंधानिक घोषित किया है। अब आईए छत्तीसगढ़ में DEd Vs BEd विवाद पर : सहायक शिक्षक भर्ती 2023 का विज्ञापन 04 मई 2023 काे विज्ञापित किया गया था जिसे डीएड अभ्यर्थियों ने 30 दिवस भीतर भर्ती परीक्षा पूर्व ही माननीय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मे याचिका (WPS3541/2023 भुनेश्वर साहू बनाम छत्तीसगढ़ राज्य ) दायर कर चैलेंज किया था, इस दाैरान सुप्रीम काेर्ट में डीएड वर्सेस बीएड विवाद का फैसला जनवरी 2023 मे सुरक्षित कर लिया गया था जिसका फैसला 11 अगस्त 2023 को जारी किया गया इस फैसले के अनुसार बीएड डिग्री को सहायक शिक्षक पद के लिए असंवैधानिक घोषित किया जिसके पालनार्थ मे माननीय छत्तीसगढ़ हाई काेर्ट ने 21 अगस्त 2023 काे केवल डीएड अभ्यर्थियों का काउंसलिंग मे भाग लेने का आदेश पारित किया था जिसे बीएड डिग्री धारको ने सुप्रीम काेर्ट मे चैलेंज किया जिस पर अंतरिम आदेशानुसार बीएड डिग्री धारकाे का काउंसलिंग और नियुक्ति माननीय छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट के अंतिम आदेश के अधीन माननीय सुप्रीम काेर्ट ने रखा जिस पर अंतिम फैसला छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट ने 02 अप्रैल 2024 काे दिया जिसके अनुसार सहायक शिक्षक पद पर बीएड डिग्री धारको के स्थान पर केवल डीएड धारको की 06 सप्ताह के भीतर नियुक्ति का अंतिम आदेश पारित किया । यह घटना क्रम को शुरू से समझने पर ज्ञात होता है कि यह विवाद न्यायालयीन प्रक्रिया से जुड़ा रहा है और प्रथम दृष्टया यह लगता है कि टर्मिनेशन सरकार कर रही है लेकिन यह पूरी भर्ती प्रक्रिया न्यायालय के अधीन से हुआ है जैसा कोर्ट का आदेश था तत्कालीन सरकार ने किया और वर्तमान में जो आदेश है सर्वोच्च न्यायालय का वह वर्तमान सरकार कर रही है। किसी भी संस्था या सरकार द्वारा न्यायोचित कार्य न होने पर उसमें सुधार तथा न्यायसंगत फैसला करना भारत की सर्वोच्च न्यायालय का ही होता है जो सर्वोपरि एवं हितकारी होता है। ( अब समझिए DEd Vs BEd विवाद जो हक और न्याय का है NCTE के लगत गाइडलाइन में सुधार सर्वोच्च न्यायालय ने किया जिससे DEd को उसका हक और न्याय मिला है।) हम सभी देश के सच्चे नागरिकों को देश के संविधान और न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए और न्यायालयीन प्रकरण का विरोध कर देश के संघीय व्यवस्था के विरोधी छवि निर्मित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। डॉ भीमराव अंबेडकर जी द्वारा निर्मित संविधान का रक्षक सर्वोच्च न्यायालय ही है जिसका सम्मान आम नागरिक,राज्य सरकार एवं प्रत्येक संस्था को करना अनिवार्य है।
चाहे कोई भी राज्य हो मेरिट मे आये शिक्षकों को निकाला जाना सही नही है Ncte और केंद्र सरकार की गलती की सजा किसी भी अभ्यर्थी अब शिक्षकों को नही मिलना चाहिए Chhattisgarh me समायोजन तो hokr hi rhega हमारे नोटिफिकेशन मे ये लिखा ही नही था तो ये राजपत्र झूठ और गलत कैसे हो gya 🙏
Aapki jankari poori nahi hai or aadhi jankari sahi nahi hai kyoki mp high court bed ko save karne wala faisla de chuka hai or aapne is news me supreem court me mp sarakar ka clearfication wala order ke liye to kuch bola nahi jisme kaha hai ki 11 august 2023 se pahle jo join ho chuke hai wo save hai Pata nahi kaise aakar news anchor ban jate hai
मैडम जी आप आधी अधूरी जानकारी दे रही हो,जिनकी भी नियुक्ति 11 अगस्त 2023 से पहले हुई है ऐसे बी.एड धारियों को कोई खतरा नहीं है,ये लाइन अपने एक बार भी नही बोली,आप केवल बी.एड धारियों को पैनिक करने का काम कर रही हो........
छत्तीसगढ़ #DEd_Vs_BEd विवाद इस विवाद का सम्पूर्ण विश्लेषण : इस विवाद पर लोगों को पूर्ण जानकारी न होने के बाद भी लेख लिख रहे है। तो चलिए इस विवाद का सम्पूर्ण जानकारी मै तथ्यों के साथ आपको देता हूं (Fact Check कर सकते हो) : NCTE एक केंद्रीय संस्था है जो शिक्षकों की भर्ती और उनकी योग्यता का मानक तय करती है इसने 2018 में एक गजट लाया जिसमें प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने के लिए बीएड की योग्यता को भी शामिल किया जो कि पूर्व में प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन कराने के लिए केवल डीएड योग्यता थी। तब डीएड किए जागरूक लोग इस NCTE के गजट को कोर्ट में चुनौती दिए इस पर सर्वप्रथम राजस्थान उच्च न्यायालय का फैसला 2021 में आया ( मुकेश रुयल बनाम राजस्थान सरकार ) जिसमें प्राथमिक विद्यालय 1 से 5 अध्यापन के लिए बीएड डिग्री धारको को असंवैधानिक बताया। राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय ने ( देवेश शर्मा बनाम भारत सरकार ) भी जनवरी 2023 में फैसला सुरक्षित कर 11 अगस्त 2023 को फैसला दिया कि बीएड डिग्री प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन के लिए अनुच्छेद 21A के तहत और RTE एक्ट के प्रावधान प्राथमिक स्तर में "निः शुल्क एवं अनिवार्य गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा" देने के लिए पेडागोजिकल स्किल नही रखता केवल डीएड कोर्स ही उसके लिए डिजाइन किया गया है इस सभी तथ्यों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने संज्ञान में लिया और बच्चों की गुणवत्ता से समझौता नही करने का निर्देश देते हुए बीएड को प्राथमिक स्तर से अयोग्य और असवैंधानिक घोषित किया है। अब आईए छत्तीसगढ़ में DEd Vs BEd विवाद पर : सहायक शिक्षक भर्ती 2023 का विज्ञापन 04 मई 2023 काे विज्ञापित किया गया था जिसे डीएड अभ्यर्थियों ने 30 दिवस भीतर भर्ती परीक्षा पूर्व ही माननीय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मे याचिका (WPS3541/2023 भुनेश्वर साहू बनाम छत्तीसगढ़ राज्य ) दायर कर चैलेंज किया था, इस दाैरान सुप्रीम काेर्ट में डीएड वर्सेस बीएड विवाद का फैसला जनवरी 2023 मे सुरक्षित कर लिया गया था जिसका फैसला 11 अगस्त 2023 को जारी किया गया इस फैसले के अनुसार बीएड डिग्री को सहायक शिक्षक पद के लिए असंवैधानिक घोषित किया जिसके पालनार्थ मे माननीय छत्तीसगढ़ हाई काेर्ट ने 21 अगस्त 2023 काे केवल डीएड अभ्यर्थियों का काउंसलिंग मे भाग लेने का आदेश पारित किया था जिसे बीएड डिग्री धारको ने सुप्रीम काेर्ट मे चैलेंज किया जिस पर अंतरिम आदेशानुसार बीएड डिग्री धारकाे का काउंसलिंग और नियुक्ति माननीय छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट के अंतिम आदेश के अधीन माननीय सुप्रीम काेर्ट ने रखा जिस पर अंतिम फैसला छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट ने 02 अप्रैल 2024 काे दिया जिसके अनुसार सहायक शिक्षक पद पर बीएड डिग्री धारको के स्थान पर केवल डीएड धारको की 06 सप्ताह के भीतर नियुक्ति का अंतिम आदेश पारित किया । यह घटना क्रम को शुरू से समझने पर ज्ञात होता है कि यह विवाद न्यायालयीन प्रक्रिया से जुड़ा रहा है और प्रथम दृष्टया यह लगता है कि टर्मिनेशन सरकार कर रही है लेकिन यह पूरी भर्ती प्रक्रिया न्यायालय के अधीन से हुआ है जैसा कोर्ट का आदेश था तत्कालीन सरकार ने किया और वर्तमान में जो आदेश है सर्वोच्च न्यायालय का वह वर्तमान सरकार कर रही है। किसी भी संस्था या सरकार द्वारा न्यायोचित कार्य न होने पर उसमें सुधार तथा न्यायसंगत फैसला करना भारत की सर्वोच्च न्यायालय का ही होता है जो सर्वोपरि एवं हितकारी होता है। ( अब समझिए DEd Vs BEd विवाद जो हक और न्याय का है NCTE के लगत गाइडलाइन में सुधार सर्वोच्च न्यायालय ने किया जिससे DEd को उसका हक और न्याय मिला है।) हम सभी देश के सच्चे नागरिकों को देश के संविधान और न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए और न्यायालयीन प्रकरण का विरोध कर देश के संघीय व्यवस्था के विरोधी छवि निर्मित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। डॉ भीमराव अंबेडकर जी द्वारा निर्मित संविधान का रक्षक सर्वोच्च न्यायालय ही है जिसका सम्मान आम नागरिक,राज्य सरकार एवं प्रत्येक संस्था को करना अनिवार्य है।
हाई कोर्ट का सराहनीय कार्य.....
बीएड सहायक शिक्षकों का समायोजन जल्द से जल्द करे साय सरकार
Kyo krega samayojan......jis post m the usme ayogya ho gye to agli exam ki taiyari karo........
Bhai agar teri naukri jati to pata chalta jab khud ki naukri jati na to pata chalta.bkl@@hardmind8794
@hardmind8794 जिंदगी में हम जिस मोड़ पर खड़े है उस पर जीवन में तुम भी खड़े होना कभी न कभी और ये सवाल कोई और पूछे ये baddua है मेरा तुमको... रही बात समायोजन की तो हमारी गलती नही है इस पूरे प्रोसेस में तो हम समायोजन की मांग कर रहे है
@@raghvendrapatel7641 samayojan samayojan kar say Sarkar
MP में भी बीएड डिग्री धारकों को बाहर कर DELED डिप्लोमा धारियों को नियुक्ति देकर न्याय मिले
बी एड वाले को सुरक्षित करे सरकार समायोजन होना चाहिए सेवा सुरक्षा मिलना चाहिए बी एड को न्याय मिलना चाहिए
मेंडम जिनकी नियुक्ति 11 अगस्त के पहले हो चुकी है, उनको कोई दिक्कत नहीं है
10 august walo ko koi dikkat nahi......
एक ही नारा एक ही मांग समायोजन समायोजन ✊✊
एमपी तक चैनल के माध्यम से अभी वर्ग 2 साइंस में शिक्षा विभाग में जीरो पोस्ट निकली है उसके बारे में भी बात कीजिए, जबकि स्कूलों में साइंस के हजारों पोस्ट खाली है।
Right bole faltu kk bate karne se achha hai science ki post ke bare me bat karna chahiye isko
Bilkul
Bilkul sahi hai
बीएड हो या डीएड जो भी शिक्षक 95% से ऊपर रिजल्ट न दे पाए उसे निकाल दो , मेरे प्राइमरी क्लास के 60% बच्चे फैल हो गए थे। कुछ ही टीचर्स अच्छे होते है सरकारी में।
तेरी क्लास में 😢
छत्तीसगढ़ के नियमित बीएड धारी सहायक शिक्षक की सेवा सुरक्षा करे साय सरकार
जूनियर इंजीनियर में असिस्टेंट इंजीनियर वालों को क्यों फॉर्म भरने देते हैं
एक ही नारा एक ही मांग समायोजन समायोजन
High court to already faisla de chuka hai। Samajh nahi aa raha hai। Kya abhi bhi case chal raha hai koi।
Chal raha h wo फैसला सुप्रीम कोर्ट ने एक्सेप्ट nahi😂kiya
छग बीएड धारी सहायक शिक्षकों 3000 की सेवा सुरक्षित करे साय सरकार विनती है 🙏
अंधभक्त की सजा😂😂😂
जो जो bed वाले हैं उनको हटा देना चाहिए।
Q तेरे मे दम नहीं है क्या exam निकालने की 😝😝😆😆
Tere aandar etna guda tha to varg 1,ya 2 kyo nahi nikal liya@@bhursinghbaghel7206
इसमें दम नही है एग्जाम निकलने की
@@SohansinghBhabar bed walo ki bhi ghar grahsti hai 3rd list jari karna chahiye
बालको सही ही
11 अगस्त 2023 के बाद b.Ed वाले हटेंगे
🙏🙏justice for all b. Ed assistant teacher 🙏🙏🙏
Thanks mp tak news k liye
08/04/2024ke review ke bare ma nahi batayan mam apne usme bed joined 11 aug 2023 ke pehle hai use surakshit kiya hai
भाई यह जानते कुछ नहीं बस फालतू की न्यूज फैलाते रहते है
फालतू में घुमा फिरा का बता रही है जीजी
Justice for cg bed assistant teacher's
Jald hi mp se b ed bahar hoga supreem court ne highcourt kese faisle ko wapas bhej diya h ab merit per sunwai hogi faisla sahi nhi tha d ed ke kisi bhi point ko mention nhi kiya gya
छत्तीसगढ़ #DEd_Vs_BEd विवाद
इस विवाद का सम्पूर्ण विश्लेषण :
इस विवाद पर लोगों को पूर्ण जानकारी न होने के बाद भी लेख लिख रहे है।
तो चलिए इस विवाद का सम्पूर्ण जानकारी मै तथ्यों के साथ आपको देता हूं (Fact Check कर सकते हो) :
NCTE एक केंद्रीय संस्था है जो शिक्षकों की भर्ती और उनकी योग्यता का मानक तय करती है इसने 2018 में एक गजट लाया जिसमें प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने के लिए बीएड की योग्यता को भी शामिल किया जो कि पूर्व में प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन कराने के लिए केवल डीएड योग्यता थी।
तब डीएड किए जागरूक लोग इस NCTE के गजट को कोर्ट में चुनौती दिए इस पर सर्वप्रथम राजस्थान उच्च न्यायालय का फैसला 2021 में आया ( मुकेश रुयल बनाम राजस्थान सरकार ) जिसमें प्राथमिक विद्यालय 1 से 5 अध्यापन के लिए बीएड डिग्री धारको को असंवैधानिक बताया।
राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय ने ( देवेश शर्मा बनाम भारत सरकार ) भी जनवरी 2023 में फैसला सुरक्षित कर 11 अगस्त 2023 को फैसला दिया कि बीएड डिग्री प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन के लिए अनुच्छेद 21A के तहत और RTE एक्ट के प्रावधान प्राथमिक स्तर में "निः शुल्क एवं अनिवार्य गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा" देने के लिए पेडागोजिकल स्किल नही रखता केवल डीएड कोर्स ही उसके लिए डिजाइन किया गया है इस सभी तथ्यों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने संज्ञान में लिया और बच्चों की गुणवत्ता से समझौता नही करने का निर्देश देते हुए बीएड को प्राथमिक स्तर से अयोग्य और असवैंधानिक घोषित किया है।
अब आईए छत्तीसगढ़ में DEd Vs BEd विवाद पर :
सहायक शिक्षक भर्ती 2023 का विज्ञापन 04 मई 2023 काे विज्ञापित किया गया था जिसे डीएड अभ्यर्थियों ने 30 दिवस भीतर भर्ती परीक्षा पूर्व ही माननीय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मे याचिका (WPS3541/2023 भुनेश्वर साहू बनाम छत्तीसगढ़ राज्य ) दायर कर चैलेंज किया था, इस दाैरान सुप्रीम काेर्ट में डीएड वर्सेस बीएड विवाद का फैसला जनवरी 2023 मे सुरक्षित कर लिया गया था जिसका फैसला 11 अगस्त 2023 को जारी किया गया इस फैसले के अनुसार बीएड डिग्री को सहायक शिक्षक पद के लिए असंवैधानिक घोषित किया जिसके पालनार्थ मे माननीय छत्तीसगढ़ हाई काेर्ट ने 21 अगस्त 2023 काे केवल डीएड अभ्यर्थियों का काउंसलिंग मे भाग लेने का आदेश पारित किया था जिसे बीएड डिग्री धारको ने सुप्रीम काेर्ट मे चैलेंज किया जिस पर अंतरिम आदेशानुसार बीएड डिग्री धारकाे का काउंसलिंग और नियुक्ति माननीय छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट के अंतिम आदेश के अधीन माननीय सुप्रीम काेर्ट ने रखा जिस पर अंतिम फैसला छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट ने 02 अप्रैल 2024 काे दिया जिसके अनुसार सहायक शिक्षक पद पर बीएड डिग्री धारको के स्थान पर केवल डीएड धारको की 06 सप्ताह के भीतर नियुक्ति का अंतिम आदेश पारित किया ।
यह घटना क्रम को शुरू से समझने पर ज्ञात होता है कि यह विवाद न्यायालयीन प्रक्रिया से जुड़ा रहा है और प्रथम दृष्टया यह लगता है कि टर्मिनेशन सरकार कर रही है लेकिन यह पूरी भर्ती प्रक्रिया न्यायालय के अधीन से हुआ है जैसा कोर्ट का आदेश था तत्कालीन सरकार ने किया और वर्तमान में जो आदेश है सर्वोच्च न्यायालय का वह वर्तमान सरकार कर रही है।
किसी भी संस्था या सरकार द्वारा न्यायोचित कार्य न होने पर उसमें सुधार तथा न्यायसंगत फैसला करना भारत की सर्वोच्च न्यायालय का ही होता है जो सर्वोपरि एवं हितकारी होता है।
( अब समझिए DEd Vs BEd विवाद जो हक और न्याय का है NCTE के लगत गाइडलाइन में सुधार सर्वोच्च न्यायालय ने किया जिससे DEd को उसका हक और न्याय मिला है।)
हम सभी देश के सच्चे नागरिकों को देश के संविधान और न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए और न्यायालयीन प्रकरण का विरोध कर देश के संघीय व्यवस्था के विरोधी छवि निर्मित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
डॉ भीमराव अंबेडकर जी द्वारा निर्मित संविधान का रक्षक सर्वोच्च न्यायालय ही है जिसका सम्मान आम नागरिक,राज्य सरकार एवं प्रत्येक संस्था को करना अनिवार्य है।
बकवास
@anuradhasahu3510 क्या बकवास है क्या नहीं सब कोर्ट तय कर चुका है ।
चाहे कोई भी राज्य हो मेरिट मे आये शिक्षकों को निकाला जाना सही नही है
Ncte और केंद्र सरकार की गलती की सजा किसी भी अभ्यर्थी अब शिक्षकों को नही मिलना चाहिए
Chhattisgarh me समायोजन तो hokr hi rhega
हमारे नोटिफिकेशन मे ये लिखा ही नही था तो ये राजपत्र झूठ और गलत कैसे हो gya 🙏
कांग्रेस सरकार की गलती है सब
@@sundranivideoworld96कांग्रेस ने काउन्सलिंग में शामिल करने से मना किया था,स्टे आर्डर के कारण सशर्त शामिल किया गया
@@sundranivideoworld96 कांग्रेस सरकार की कोई गलती नहीं है
3000 बीएड सहायक शिक्षक की आजीविका खतरे में है
Majduri jindabad 😊
पता नहीं कौन सा नशा कर के बैठते है जज 😢😢😢
कोई भी इसके बारे में बात नहीं कर रहा है बी.एड. वाले लोगों ने पिछले एक साल से, डी.एड. किया गया लोगों की पोस्टिंग पर कब्जा कर रखा था I
Mp m bhi bed balo ko nikalna hoga 👍👍👍
अंधेर नगरी चौपट राजा टके शेर भाजी टके शेर खाजा
Madam kisi casw ki jankari de to pura jankari dijye 11अगस्त 2023 k pehle valo ko safe kiya gaya h adh8 adhuri jankari na dijye
Ab MP walo ki bari h job jane ki ye government kisi ko job dena nhi chahti bas jinka job h unse job chhinna chahti h ab is desh ka kya hoga 😢
Justice for CG joined b.ed assistant teacher ❤❤❤❤❤
Bevkuf mp ke bare me supreme court ka judgement pdo 11 August 2023 ke bad wale ko safe kiya or mp me 8 April 2023 ko joining ho gyi thi
Aapki jankari poori nahi hai or aadhi jankari sahi nahi hai kyoki mp high court bed ko save karne wala faisla de chuka hai or aapne is news me supreem court me mp sarakar ka clearfication wala order ke liye to kuch bola nahi jisme kaha hai ki 11 august 2023 se pahle jo join ho chuke hai wo save hai
Pata nahi kaise aakar news anchor ban jate hai
Mp में भी जल्द फर्जी बीएड धारी बाहर होंगे सरकार कोर्ट के ऑर्डर के बाद भी बीएड को बचाने में लगी है जल्दी सत्य की जीत होगी
Sarkar ke khilaf nahi apne haq aur adhikar ke liye
मैडम जी आप आधी अधूरी जानकारी दे रही हो,जिनकी भी नियुक्ति 11 अगस्त 2023 से पहले हुई है ऐसे बी.एड धारियों को कोई खतरा नहीं है,ये लाइन अपने एक बार भी नही बोली,आप केवल बी.एड धारियों को पैनिक करने का काम कर रही हो........
But court me challenge na ho
Justice for b ed assistant Teachers 😢😢😢
🛑🛑🛑शासन की कुशासन / दुशासन समायोजन करके अपनी गलती सुधार ले शासन युवाओ का दिल जितने का मौका है...... 🛑🛑🛑🛑cg बीएड
न्यूज़ को घुमा फिरा कर बताया जा रहा है ऐसा क्यों लग रह है
Mp me to pahle hi clear ho gaya he madam ji b.ed rahe ga ya nahi
ऐसा है तो उनको जयनिग क्य दि
जब सरकार कालेज प्रोफेसर के लिए अभी नए नियम लाई ह तो क्या बीएड डीएड को बराबर दर्जे का भी नियम ला सकती है
Esa hi hona chahiye.....d.ed valao kya hoga ....Galt hi hua h phale hi bed valao ko ni liya hota to d.ed vale sabv lag gaye hota
Padhai likhai karte nhi he ded ke gadhe...dusro ko bahar kar de to ham bhi lag jaye iske chakkar me ji rhe😂😂
सभी bed वालो को साथ आकर इस लड़ाई को लड़ना होगा
6 साल लड़ने के बाद ये नतीजा आया है अब क्या 60 साल तक लड़ना है 😂
Naukri nhi lucky draw ho gy hai...Date k pehle nikyukti maany baad amaany kitna hi ghatiya decision hai.
Koi समायोजन nahi hoga Bed bahar Joga
Madam varg 2 science ke bare mai bhi news bato
Mam mp me suprem court kee nahi chhaltee yaha uskee chaltee ha geeskee lathi uskee bhas
Madam ab kuch nahi hoga aap update nahi ho fesla aa chuka
1:25 se
mp se bhi se b Ed balo ko bahar karna na chahiye
MP main grade 2 mptet main science teacher ki 0 post de hai uske bare main news banaao
बेसे तो वेकनकी अति नहीं है अति हे तो सालो तक तलबार लटकती रहती है क्या है क्या ये
Jabalpur high court ka faisla may 2024 me aagya jakr dekhiye
😢😢
11 august ke pahle ki bharti me koy nahi ho sakta he
11 August to vale safe h mp me
Isse acha madam MPTET varg 2 science subject mein post nhi aayi he uska video bnaye
Mp मे ded वालो की नौकरी छिनी गयी है
Or bidge course start kr diya hai ncte ne commety bna di h
Bevkoof mp me all appointed before 11 Aug hai
Sab fokat ki baat d Ed Ed
Sirf paiso ki digri he
Jaldi nikalo tb new vacancy aayegi
Aadhi adhuri jankari lekar medam aa gyi gyan dene
Aankar kisne bana diya esko puri jankari nahi hai esey
BJP ki sarkar rahengi to naukari bhul jao
उनकी नौकरी असंवैधानिक हे
Yesa kuch bhi nahi ho skta
fake news
11august 2023 ke bad
Good news 😅😅😅
Khuch bhi bol deta hai sb
Hatenge sab 11 agust k bad walle💯💯💯
Kuch bhi news banate rahete hai kuch bhi
Acha hoga ye
B.ed vale apne dam par nokri lage kisi se bhikh nhi mangi..bhul jao koi bahar kr dega..
Bilkul bed vaalo ko bahar karna chahiye
Faltu ki bakvash h
Iske pass or koi mudda nhi hai kya
Mam m.p me varg -2 me science ke to ek bhi seat ni 0 seat
Bilkul bed vaalo ko bahar karna chahiye inko deled vaalo ko hak nahin lena chahiye
B.ed walo ko nikala Jaye
एक ही नारा एक ही मांग समायोजन 💪🙏
Bed bahar kro ya na kro 3rd list jari kro new ded wale rhe sirf
3rd list gov nikalegi nhi kyoki vivad unko badana hai na
Dhanyavaad mam video banna k liya
DED valo kya kasur hai jo court gye or barthi subject to outcome karvya fir bhi court ne bed ko joining de di
Govt job se nikalna smsya ka samadhan ni h B. Ed. Valo ka smayojan hona chahiye
Aj nhi toe kal mp sa vi hataa ga
Kisi ke baap me dm nhi hai ki nikal de
Bilkul bed vaalo ko bahar karna chahiye
छत्तीसगढ़ #DEd_Vs_BEd विवाद
इस विवाद का सम्पूर्ण विश्लेषण :
इस विवाद पर लोगों को पूर्ण जानकारी न होने के बाद भी लेख लिख रहे है।
तो चलिए इस विवाद का सम्पूर्ण जानकारी मै तथ्यों के साथ आपको देता हूं (Fact Check कर सकते हो) :
NCTE एक केंद्रीय संस्था है जो शिक्षकों की भर्ती और उनकी योग्यता का मानक तय करती है इसने 2018 में एक गजट लाया जिसमें प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने के लिए बीएड की योग्यता को भी शामिल किया जो कि पूर्व में प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन कराने के लिए केवल डीएड योग्यता थी।
तब डीएड किए जागरूक लोग इस NCTE के गजट को कोर्ट में चुनौती दिए इस पर सर्वप्रथम राजस्थान उच्च न्यायालय का फैसला 2021 में आया ( मुकेश रुयल बनाम राजस्थान सरकार ) जिसमें प्राथमिक विद्यालय 1 से 5 अध्यापन के लिए बीएड डिग्री धारको को असंवैधानिक बताया।
राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय ने ( देवेश शर्मा बनाम भारत सरकार ) भी जनवरी 2023 में फैसला सुरक्षित कर 11 अगस्त 2023 को फैसला दिया कि बीएड डिग्री प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन के लिए अनुच्छेद 21A के तहत और RTE एक्ट के प्रावधान प्राथमिक स्तर में "निः शुल्क एवं अनिवार्य गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा" देने के लिए पेडागोजिकल स्किल नही रखता केवल डीएड कोर्स ही उसके लिए डिजाइन किया गया है इस सभी तथ्यों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने संज्ञान में लिया और बच्चों की गुणवत्ता से समझौता नही करने का निर्देश देते हुए बीएड को प्राथमिक स्तर से अयोग्य और असवैंधानिक घोषित किया है।
अब आईए छत्तीसगढ़ में DEd Vs BEd विवाद पर :
सहायक शिक्षक भर्ती 2023 का विज्ञापन 04 मई 2023 काे विज्ञापित किया गया था जिसे डीएड अभ्यर्थियों ने 30 दिवस भीतर भर्ती परीक्षा पूर्व ही माननीय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मे याचिका (WPS3541/2023 भुनेश्वर साहू बनाम छत्तीसगढ़ राज्य ) दायर कर चैलेंज किया था, इस दाैरान सुप्रीम काेर्ट में डीएड वर्सेस बीएड विवाद का फैसला जनवरी 2023 मे सुरक्षित कर लिया गया था जिसका फैसला 11 अगस्त 2023 को जारी किया गया इस फैसले के अनुसार बीएड डिग्री को सहायक शिक्षक पद के लिए असंवैधानिक घोषित किया जिसके पालनार्थ मे माननीय छत्तीसगढ़ हाई काेर्ट ने 21 अगस्त 2023 काे केवल डीएड अभ्यर्थियों का काउंसलिंग मे भाग लेने का आदेश पारित किया था जिसे बीएड डिग्री धारको ने सुप्रीम काेर्ट मे चैलेंज किया जिस पर अंतरिम आदेशानुसार बीएड डिग्री धारकाे का काउंसलिंग और नियुक्ति माननीय छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट के अंतिम आदेश के अधीन माननीय सुप्रीम काेर्ट ने रखा जिस पर अंतिम फैसला छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट ने 02 अप्रैल 2024 काे दिया जिसके अनुसार सहायक शिक्षक पद पर बीएड डिग्री धारको के स्थान पर केवल डीएड धारको की 06 सप्ताह के भीतर नियुक्ति का अंतिम आदेश पारित किया ।
यह घटना क्रम को शुरू से समझने पर ज्ञात होता है कि यह विवाद न्यायालयीन प्रक्रिया से जुड़ा रहा है और प्रथम दृष्टया यह लगता है कि टर्मिनेशन सरकार कर रही है लेकिन यह पूरी भर्ती प्रक्रिया न्यायालय के अधीन से हुआ है जैसा कोर्ट का आदेश था तत्कालीन सरकार ने किया और वर्तमान में जो आदेश है सर्वोच्च न्यायालय का वह वर्तमान सरकार कर रही है।
किसी भी संस्था या सरकार द्वारा न्यायोचित कार्य न होने पर उसमें सुधार तथा न्यायसंगत फैसला करना भारत की सर्वोच्च न्यायालय का ही होता है जो सर्वोपरि एवं हितकारी होता है।
( अब समझिए DEd Vs BEd विवाद जो हक और न्याय का है NCTE के लगत गाइडलाइन में सुधार सर्वोच्च न्यायालय ने किया जिससे DEd को उसका हक और न्याय मिला है।)
हम सभी देश के सच्चे नागरिकों को देश के संविधान और न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए और न्यायालयीन प्रकरण का विरोध कर देश के संघीय व्यवस्था के विरोधी छवि निर्मित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
डॉ भीमराव अंबेडकर जी द्वारा निर्मित संविधान का रक्षक सर्वोच्च न्यायालय ही है जिसका सम्मान आम नागरिक,राज्य सरकार एवं प्रत्येक संस्था को करना अनिवार्य है।
Bilkul bed vaalo ko bahar karna chahiye