आप भरतीय युवकों-युवतियों के लिये एक आदर्श है। हमारी परम्पराओ को इस 21वी शताब्दी मे ताकतवर बनाने का जो काम आप कर रहे है उसके लिये आपको बोहोत बोहोत शुभकामनायें! जय हिन्द
बहुत ही अद्भुत प्रस्तुति 🙏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻 न हाथ एक शस्त्र हो न हाथ एक अस्त्र हो, न अन्न, नीर, वस्त्र हो, हटो नहीं, डटो वहीं, बढ़े चलो! बढ़े चलो! रहे समक्ष हिमशिखर, तुम्हारा प्रण उठे निखर, भले ही जाए तन बिखर, रुको नहीं, झुको नहीं बढ़े चलो! बढ़े चलो! घटा घिरी अटूट हो, अधर में कालकूट हो, वही अम्रत का घूँट हो, जिये चलो, मरे चलो, बढ़े चलो! बढ़े चलो! गगन उगलता आग हो, छिड़ा मरण का राग हो, लहू का अपने फाग हो, अड़ो वहीं, गड़ो वहीं, बढ़े चलो! बढ़े चलो! चलो नई मिसाल हो, जलो नई मशाल हो, बढ़ो नया क़माल हो, झुको नहीं, रुको नहीं बढ़े चलो! बढ़े चलो! अशेष रक्त तोल दो, स्वतन्त्रता का मोल दो, कड़ी युगों की खोल दो, डरो नहीं, मरो वहीं, बढ़े चलो! बढ़े चलो!🏃🏻♀️🚶🏻♂️🏃🏻♂️🚶🏻♂️🏃🏻♀️🏃🏻♂️🚶🏽♀️
अद्वितीय... कुमार साहब लोग आपको तर्पण के लिऐ सदैव याद रखेंगे.. हमारी शुभकामनाएं सदैव साथ है..ईश्वर आपको यूंही प्रगति एवं सत्य के पथ पर अग्रसर करे..प्रणाम।
अद्भुत है सर्वोत्तम है ..आपका राष्ट्र प्रेम , भारत के हर कोने से आपने पलो को समावेशित किया है ! गुरू जी (कुमार विश्वास) नाम इतिहास के पन्ने मे स्वर्णिम होगा.....सादर प्रणाम
मैं एक स्काउट हूं और साथ ही एनसीसी कैडेट भी, यह कविता सुनने के पश्चात मेरे भीतर एक अलग सा ही जोश और उत्साह उमंग भर आया।🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 , मैं अपना प्रतिदिन का वर्क आउट यही कविता सुनकर करता हूं। 🙏
सर आपकी यह कोशिस अतुलनीय है कही भूल से गये अपनी माँ हिंदी को आपके इस प्रयाश से जो तस्वीर पुनः उकेरी गई है वह मन को छू गयी। अब तो सारे दोस्त तर्पन ही गुन गुनाते है । बहुत बहुत आभार हमे बताने के लिए की हम किनके वंशज है।
जब मैंने अपने कॉलेज के दिनों में इस कविता को पड़ा था मुझको बहुत गुस्सा आया था कितनी कठिन कविता थी ये.. परंतु आज जब इसको सुना है सच में बहुत मजा आया सुनने में ...अंदर तक हिला देती है ... कमाल है...अद्भुद... आपका एहसान रहेगा माँ हिंदी पर
डाॅ. साहब प्रणाम। तर्पण की इस अद्वितीय एवं अनूठी प्रस्तुति के लिए आपको सदैव याद किया जाता रहेगा। जब किसी कवि के द्वारा कविता की रचना की जायेगी तब सर्वप्रथम आपको ही याद किया जायेगा। क्योंकि आप ही वो बुलन्द सितारा हो जिसके द्वारा विश्व पटल पर हिंदी भाषा को सम्मान दिलाया।
सर अद्भुत ! अतुलनीय है आपके कार्य ! आपने माँ हिंदी का गौरव बढ़ाया है और भारतीय साहित्य को एक नई दिशा दी है और शिखर तक पहुँचाया । और इस तर्पण सीरीज से आपने हिंदी साहित्य की महान विभूतियों को ऐसी श्रद्धांजलि दी है जिसके वह सच्चे हकदार थे। उनके गीत अमर थे, अब जीवंत भी हो गए। सर में एमआईटीएस ग्वालियर कॉलेज से बीटेक का छात्र हूँ ।आप यहां कभी आए नहीं अगर संभव हुआ तो आपसे अवश्य मिलूँगा और आपके चरण स्पर्श । आपने मातृभाषा हिन्दी का गौरव बढ़ाया और देश के युवाओं का पद प्रशस्त किया । धन्य हैं आप और धन्य हो गए हम आप जैसा कवि पाकर ।अभी तो आप चर्चित हैं ही यदि आने वाले समय में कभी कवियों का नाम लिया जायेगा तो उनमें शीर्ष पर होंगे आप।
इस तरह की कविता सुनकर के आकाश की विस्तार की तरह अंतर ऊर्जावान होने का एहसास होता है। इस तरह के कविता लिखने वाले लेखक और इसको प्रस्तुत करने वाले प्रस्तुतकर्ता को तहे दिल से धन्यवाद
जी अंकल मैं सदैव तर्पण का वीडियो शेयर कर देता हूं एक निवेदन है किअज्ञेय जी की एक कविता है"मैने आहुति बनकर देखा ,यह प्रेम यज्ञ की ज्वाला है "को भी तर्पण श्रंखला में जोड़े, आशा है सर कि यह कविता भी आपकी मधुर आवाज में हम तक पहुंचेगी....सादर शुभकामनाएं एवं प्रणाम।
प्रणाम कुमार दादा, आपकी आवाज में जयशंकर प्रसाद जी के शब्द हृदय को छू लेने वाले हैं| आपसे एक प्रार्थना है यदि हो सके तो जयशंकर जी के ही एक अन्य गीत 'हम करें राष्ट्र आराधन' को भी अपनी आवाज प्रदान करें| धन्यवाद 🙏
प्रशस्त पुण्य पन्थ है, बढ़े चलो-बढ़े चलो🚶
जय हिन्द🇮🇳🇮🇳
नमन जयशंकर प्रसाद जी🙏💐💐💐
चाहत के अनुरूप ही आया यह तर्पण। जय हिंद 🇮🇳🙏❤️
वाह कुमार भाई.. दिल में देशभक्ति का जोश भरते शब्द एक बेहद जोशिली और सशक्त आवाज... खूबसूरत गायकी.. मेरा भारत महान 🙏 🙏 🙏
आप भरतीय युवकों-युवतियों के लिये एक आदर्श है।
हमारी परम्पराओ को इस 21वी शताब्दी मे ताकतवर बनाने का जो काम आप कर रहे है उसके लिये आपको बोहोत बोहोत शुभकामनायें!
जय हिन्द
बहुत ही अद्भुत प्रस्तुति 🙏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻 न हाथ एक शस्त्र हो
न हाथ एक अस्त्र हो,
न अन्न, नीर, वस्त्र हो,
हटो नहीं,
डटो वहीं,
बढ़े चलो!
बढ़े चलो!
रहे समक्ष हिमशिखर,
तुम्हारा प्रण उठे निखर,
भले ही जाए तन बिखर,
रुको नहीं,
झुको नहीं
बढ़े चलो!
बढ़े चलो!
घटा घिरी अटूट हो,
अधर में कालकूट हो,
वही अम्रत का घूँट हो,
जिये चलो,
मरे चलो,
बढ़े चलो!
बढ़े चलो!
गगन उगलता आग हो,
छिड़ा मरण का राग हो,
लहू का अपने फाग हो,
अड़ो वहीं,
गड़ो वहीं,
बढ़े चलो!
बढ़े चलो!
चलो नई मिसाल हो,
जलो नई मशाल हो,
बढ़ो नया क़माल हो,
झुको नहीं,
रुको नहीं
बढ़े चलो!
बढ़े चलो!
अशेष रक्त तोल दो,
स्वतन्त्रता का मोल दो,
कड़ी युगों की खोल दो,
डरो नहीं,
मरो वहीं,
बढ़े चलो!
बढ़े चलो!🏃🏻♀️🚶🏻♂️🏃🏻♂️🚶🏻♂️🏃🏻♀️🏃🏻♂️🚶🏽♀️
Waah
I
Wah.... Lahjawab......... Hamari peede is Amrit varsa ki aabhari rahegi....
अद्वितीय... कुमार साहब लोग आपको तर्पण के लिऐ सदैव याद रखेंगे.. हमारी शुभकामनाएं सदैव साथ है..ईश्वर आपको यूंही प्रगति एवं सत्य के पथ पर अग्रसर करे..प्रणाम।
अद्भुत है सर्वोत्तम है ..आपका राष्ट्र प्रेम , भारत के हर कोने से आपने पलो को समावेशित किया है ! गुरू जी (कुमार विश्वास) नाम इतिहास के पन्ने मे स्वर्णिम होगा.....सादर प्रणाम
बहुत सुंदर प्रस्तुति..... इसी तरह मां हिंदी की सेवा में बढे़ चलो-बढ़े चलो।।
बहुत ही बेहतरीन जितनी अच्छी कविता उतना अच्छा गायन।
आपके स्वर से निकले वीर रस वाणी ऊर्जा प्रदान करती हैं । गुरुवर्य धन्यवाद ।।
सर आपकी वजह से आज, प्रसाद जी, निराला जी, दिनकर जी और भी हमारे महनीय कवि सब को पढ़ने का मन करने लगा है
सीधे दिल की गहराइयों में उतर गई उस पर कुमार विश्वास जी के स्वर।
कविवर डॉ:कुमार विश्वास जी को उनके नन्हें श्रोता और प्रसंसक की ओर से प्रणाम🙏🙏🙏 अद्भुत!!
मैं एक स्काउट हूं और साथ ही एनसीसी कैडेट भी, यह कविता सुनने के पश्चात मेरे भीतर एक अलग सा ही जोश और उत्साह उमंग भर आया।🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 , मैं अपना प्रतिदिन का वर्क आउट यही कविता सुनकर करता हूं। 🙏
सर आपकी यह कोशिस अतुलनीय है
कही भूल से गये अपनी माँ हिंदी को आपके इस प्रयाश से जो तस्वीर पुनः उकेरी गई है वह मन को छू गयी।
अब तो सारे दोस्त तर्पन ही गुन गुनाते है । बहुत बहुत आभार हमे बताने के लिए की हम किनके वंशज है।
जब मैंने अपने कॉलेज के दिनों में इस कविता को पड़ा था मुझको बहुत गुस्सा आया था कितनी कठिन कविता थी ये.. परंतु आज जब इसको सुना है सच में बहुत मजा आया सुनने में ...अंदर तक हिला देती है ... कमाल है...अद्भुद... आपका एहसान रहेगा माँ हिंदी पर
प्रसादजी के बारे मे जो पढा था वो हालात और काल आंखों के सामने पेश कर दिया आपने
धन्यवाद कुमार जी
डाॅ. साहब प्रणाम।
तर्पण की इस अद्वितीय एवं अनूठी प्रस्तुति के लिए आपको सदैव याद किया जाता रहेगा। जब किसी कवि के द्वारा कविता की रचना की जायेगी तब सर्वप्रथम आपको ही याद किया जायेगा। क्योंकि आप ही वो बुलन्द सितारा हो जिसके द्वारा विश्व पटल पर हिंदी भाषा को सम्मान दिलाया।
सर अद्भुत !
अतुलनीय है आपके कार्य !
आपने माँ हिंदी का गौरव बढ़ाया है और भारतीय साहित्य को एक नई दिशा दी है और शिखर तक पहुँचाया ।
और इस तर्पण सीरीज से आपने हिंदी साहित्य की महान विभूतियों को ऐसी श्रद्धांजलि दी है जिसके वह सच्चे हकदार थे।
उनके गीत अमर थे, अब जीवंत भी हो गए।
सर में एमआईटीएस ग्वालियर कॉलेज से बीटेक का छात्र हूँ ।आप यहां कभी आए नहीं अगर संभव हुआ तो आपसे अवश्य मिलूँगा और आपके चरण स्पर्श ।
आपने मातृभाषा हिन्दी का गौरव बढ़ाया और देश के युवाओं का पद प्रशस्त किया ।
धन्य हैं आप और धन्य हो गए हम आप जैसा कवि पाकर ।अभी तो आप चर्चित हैं ही यदि आने वाले समय में कभी कवियों का नाम लिया जायेगा तो उनमें शीर्ष पर होंगे आप।
अद्भुत! अद्भुत! कल ही हम कह रहे थे आपको संगीत की भी कितनी गहरी समझ है।
कमाल है ये
बिलकुल बन्दूक वाले वीडियो की तरह!
कोटिशः नमन!
इस तरह की कविता सुनकर के आकाश की विस्तार की तरह अंतर ऊर्जावान होने का एहसास होता है। इस तरह के कविता लिखने वाले लेखक और इसको प्रस्तुत करने वाले प्रस्तुतकर्ता को तहे दिल से धन्यवाद
जी अंकल मैं सदैव तर्पण का वीडियो शेयर कर देता हूं एक निवेदन है किअज्ञेय जी की एक कविता है"मैने आहुति बनकर देखा ,यह प्रेम यज्ञ की ज्वाला है "को भी तर्पण श्रंखला में जोड़े, आशा है सर कि यह कविता भी आपकी मधुर आवाज में हम तक पहुंचेगी....सादर शुभकामनाएं एवं प्रणाम।
आह!जाने कब से इन्तेजार कर रहा था मैं इस रचना की ,वाह दादा वाह धन्य कर दिया आज आपने।
यह तो चाणक्य धारावाहिक मे बहुत ही अच्छा से गाया गया है
तर्पण के लिए हमारा कोटि -कोटि समर्पण आपको अर्पण......
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
देश के विकास के आगे एक कवि का अहम भूमिका रहता है धन्यवाद आपका
Jai Hind Jai Bharat🇮🇳🇮🇳
Tandav wala sur sun kar bahut achchha laga...
Very nice Kumar sir !! God bless you!
Ek bar sunne k bad , baar baar sunane ka mn karta hai💓💖❤️
ये गीत बचपन में स्कूल की प्रभात फेरी में 26 जनवरी और 15 अगस्त को हम लोग गाते थे ।।
जूनियर हाईस्कूल की याद ताजा हो गई सर ।
अनन्त आभार _/\_
Pranam in kaviyo ko ☺🙏
अदभुत अविस्मरणीय अति सुन्दर
क्या बात है..... मतलब क्या बोलें...
कैसा लगा क्या अनुभूति हुई उसकी शब्दों मे अभिव्यक्ति मुझसे तो नही हो सकती
बस....
नि:शब्द.....
Jai Hind!
सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रसंबोधन । जब मैं इसे सुन रहा था गुप्त जी की भारत भारती का नवीन उत्कर्ष प्रतीत हुआ।😆
Atisunder ji
अब तो इंतज़ार भी नहीं होता 😀
अविस्मरणीय
बस इस क्षण का इंतजार था महोदय।
प्रणाम
बेहद शानदार....
आवाज़ तो एकदम क्रांति वाली😍😇
आभार🙏
बहुत सुंदर प्रस्तुति कुमार भैया। मैं एक हिन्दी का अध्यापक हूं और पढ़ाते हुए आपके द्वारा किए गए वाचन के आधार पर पढ़ाता हूं।
खूबसूरत संगीत के साथ आपकी आवाज़ कविता को अद्वितीय बना रहे है ..बहुत उम्दा सर् 👌💐
बहुत शानदार...बढ़े चलो,बढ़े चलो...
प्रणाम कुमार दादा, आपकी आवाज में जयशंकर प्रसाद जी के शब्द हृदय को छू लेने वाले हैं| आपसे एक प्रार्थना है यदि हो सके तो जयशंकर जी के ही एक अन्य गीत 'हम करें राष्ट्र आराधन' को भी अपनी आवाज प्रदान करें| धन्यवाद 🙏
Thanks sir for restart tarpan
अद्भुत प्रस्तुति
अगली कड़ी में गोपाल व्यास जी की सुभाष चन्द्र बोस जी पर लिखी कविता को प्रस्तुत कर दे तो मजा आ जाए।
वह कविता बहुत कम लोगो तक पहुंची है
वाह भइया आप तो हर कविता को जीवन्त कर देते है ।
Guruji jo aap ye bina kisi mulya ke hame de rahe h ye koi nhi karta guruji aap dhanya h
लाजबाब भैया 🙏👌👌👍👍
अदब्बुत गुरु जी 🙏🙏
बढे चलो, बढे चलो, प्रणाम कविवर
Sir Jee apka tarpad program ki liye pura Desh khaskr o log hmesha abhari rhenge Jo kavi Kavita & uske Bhav ko smjhte ho....
अति उत्तम ❤️🙏🇮🇳
शायद कछा 6 या 7 में हमारी हिंदी किताब में थी । बहुत बढ़िया सर् . प्रणाम ऐसे मानवीय लेखक को और आपको ।
मुझे पिछले काफी दिनों से इंतज़ार था sir
it give real message to youth of India..
Bhai koi javaab nhi h aapka
Kmaal ho aap
Hatsoff to sir
Bahut khub ....I am waiting for tarpan....thanks sir jai hindi...
सर क्या कहना आपका , आप इतना अच्छा गाते हो ।
Amazing. .....
This is heartily touched. ......
तर्पण देखते हैं.... Amazing
अद्वितीय, आपसे पूर्व भी अन्य महानुभावों द्वारा कविता को आवाज़ दिया गया, परंतु कविता के वीर रस को आपके आवाज़ ने सार्थक कर दिया।
बहुत खूब सर जी 👌 👌 👌 👌 👌 👌 👌 👌
बहुत बहुत धन्यवाद सर... आप बचपन याद करा दिये
ऐसा लगा की स्वयं जयशंकर जी गा रहे है।
No word to say 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
wah!!! kya bat hai jai hoo
खुबसूरत अप्रतिम
love u sir..aap amar rhoge..
Love you sir. Awesome one really motivated me. Jai hind
Aag laga di.... aag laga di... aag laga di... aag 😂🔥❣️
अद्भुत शानदार सर 👌👌👌❤❤❤❤❤🙏🙏🙏
you are too great. The India will salute you forever ..
Shandaar sirji... dhanywaad
जय हिंद खूबसूरत गाना है सर
लाजबाब......सर
सर्वोत्तम...
Wah
Ese kahte hai veer ras ki kavita
Ek dam motivational, jai ho
Bahut hi ache Kumar sir.....
Bahuuuuuuuuut hi gajaaaaaaaab sir ji
बहुत ही बढ़िया है सर
one of the best video
वाः वाह Sरस्वति पुत्र जय हिन्द
wah. kumar bhai. 👌🏻😍😘😘
अद्वितीय प्रस्तुति ❤️👌👌✌
This is one of your best videos
अदभुत
jai ho jayanshakar prasad
बहुत ही सुंदर प्रस्तुती
आप से मेरा विनती है कि आप हरिवंशराय बच्चन जी का मधुशाला को तर्पण में लाये।
Bhut sunder chitran..
बहुत शुभ सुन्दर
Its really amazing love u sir
Awesome poetry love u sir ji
Salute Sir ji...
बहुत सुंदर..
कोटि कोटि नमन गुरु जी
धन्यवाद गुरु जी ।।