भगवान का रहस्य एक ऐसा विषय है जो दार्शनिक, आध्यात्मिक, और वैज्ञानिक दृष्टिकोणों से विचार किया जाता है। इसका उत्तर व्यक्ति की आस्था, मान्यताओं, और जीवन के प्रति दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। आइए इसे विभिन्न दृष्टिकोणों से समझने का प्रयास करें: 1. भगवान कहाँ हैं? आध्यात्मिक दृष्टिकोण: आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान सर्वव्यापी हैं। इसका अर्थ है कि वे हर जगह मौजूद हैं-प्रकृति, ब्रह्मांड, और प्रत्येक जीव में। उपनिषद कहते हैं, "ईश्वर सर्वत्र है और हर चीज़ में है।" धार्मिक दृष्टिकोण: अलग-अलग धर्मों में भगवान की उपस्थिति विभिन्न रूपों में मानी जाती है। हिंदू धर्म में भगवान को मूर्तियों, मंदिरों और प्रतीकों के माध्यम से पूजा जाता है, जबकि इस्लाम और ईसाई धर्म में भगवान को अदृश्य शक्ति के रूप में माना जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण: विज्ञान भगवान को सीधे स्वीकार या अस्वीकार नहीं करता, लेकिन ब्रह्मांड की उत्पत्ति और संरचना की खोज में 'सृष्टि के स्रोत' को समझने का प्रयास करता है। इसे कुछ लोग भगवान का ही एक रूप मानते हैं। 2. भगवान क्यों हैं? जीवन का अर्थ समझाने के लिए: भगवान का विचार इस बात का उत्तर देने का प्रयास करता है कि ब्रह्मांड, जीवन और मृत्यु का उद्देश्य क्या है। नैतिकता और प्रेरणा के लिए: भगवान का विचार हमें सही और गलत के बीच भेदभाव करने में मदद करता है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक मार्ग पर चलने और अच्छाई की ओर प्रेरित करता है। अज्ञात का उत्तर: जब मनुष्य प्रकृति या ब्रह्मांड के किसी रहस्य को समझने में असमर्थ होता है, तो वह इसे भगवान के अस्तित्व से जोड़ता है। 3. क्या भगवान वास्तव में हैं? आस्था का प्रश्न: भगवान का अस्तित्व पूरी तरह से विश्वास और अनुभव पर आधारित है। कई लोग भगवान के अस्तित्व को अपने जीवन में चमत्कारिक अनुभवों और आत्मिक शांति से प्रमाणित करते हैं। विवाद का प्रश्न: कुछ लोग इसे मनुष्य की कल्पना मानते हैं, जो डर, आशा, या अज्ञान के कारण विकसित हुई है। निष्कर्ष भगवान का रहस्य अनंत है, और इसका उत्तर हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है। कुछ के लिए भगवान श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक हैं, तो कुछ के लिए यह ब्रह्मांड की जटिलता को समझने का प्रयास है। यह मानवता के भीतर गहराई तक जुड़े विश्वास और जिज्ञासा का प्रतिबिंब है।
दर्शन तो दुर्योधन और अर्जुन ओर बहुत लोगों को कृष्ण के दर्शन और सहकार मिला लेकिन अर्जुन को उसने पूरा लाभ दिया बाकी लोगों तक भी वह जान गीता रूप में आज भी मिला रहा है सर गीता जी को कब कवर करेंगे जी
Sir abhi mujhe esha hi lagta hai lots of thanks sir 🙏🙏🙏
Thanks🙏
Thank you sir..❤
Thank you so much sir
प्रणाम
ईश्वर स्वयंभू है, उसने ख़ुद को बनाया है और स्वयं में विलीन हो जाता है ; हम इन दोनों प्रक्रियाओं मध्य में है ; इसलिए परिवर्तन के नियम के अधीन है ।
Acha adhin hai hum 🤔😅
@@avinashmishra9012 लगता है ब्राह्मण नहीं हो तुम बस नाम रख लिये हो या अभी किसी ने शिक्षा नहीं दी है घर में ;
Thanks for the gidens!❤❤❤
Samzme aati Hain, lekin vul jata hun..
Roz vul jata hun ... fir yaad aati Hain...
Thank you
Nice topic
💮🌸🙏🏻🙏🏻🌸💮
🌹🙏🙏🌹
डर और लालच से ही भगवान की उत्पत्ति हुई है।
Sir please talk about Vipassana advance stages in detail 😊
Keya aap jante hai mujhe que depression ho raha hai please mujhe bataiye que mere depression thik nahi ho raha
🙏🙏🙏
भगवान का रहस्य एक ऐसा विषय है जो दार्शनिक, आध्यात्मिक, और वैज्ञानिक दृष्टिकोणों से विचार किया जाता है। इसका उत्तर व्यक्ति की आस्था, मान्यताओं, और जीवन के प्रति दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। आइए इसे विभिन्न दृष्टिकोणों से समझने का प्रयास करें:
1. भगवान कहाँ हैं?
आध्यात्मिक दृष्टिकोण:
आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान सर्वव्यापी हैं। इसका अर्थ है कि वे हर जगह मौजूद हैं-प्रकृति, ब्रह्मांड, और प्रत्येक जीव में। उपनिषद कहते हैं, "ईश्वर सर्वत्र है और हर चीज़ में है।"
धार्मिक दृष्टिकोण:
अलग-अलग धर्मों में भगवान की उपस्थिति विभिन्न रूपों में मानी जाती है। हिंदू धर्म में भगवान को मूर्तियों, मंदिरों और प्रतीकों के माध्यम से पूजा जाता है, जबकि इस्लाम और ईसाई धर्म में भगवान को अदृश्य शक्ति के रूप में माना जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
विज्ञान भगवान को सीधे स्वीकार या अस्वीकार नहीं करता, लेकिन ब्रह्मांड की उत्पत्ति और संरचना की खोज में 'सृष्टि के स्रोत' को समझने का प्रयास करता है। इसे कुछ लोग भगवान का ही एक रूप मानते हैं।
2. भगवान क्यों हैं?
जीवन का अर्थ समझाने के लिए:
भगवान का विचार इस बात का उत्तर देने का प्रयास करता है कि ब्रह्मांड, जीवन और मृत्यु का उद्देश्य क्या है।
नैतिकता और प्रेरणा के लिए:
भगवान का विचार हमें सही और गलत के बीच भेदभाव करने में मदद करता है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक मार्ग पर चलने और अच्छाई की ओर प्रेरित करता है।
अज्ञात का उत्तर:
जब मनुष्य प्रकृति या ब्रह्मांड के किसी रहस्य को समझने में असमर्थ होता है, तो वह इसे भगवान के अस्तित्व से जोड़ता है।
3. क्या भगवान वास्तव में हैं?
आस्था का प्रश्न:
भगवान का अस्तित्व पूरी तरह से विश्वास और अनुभव पर आधारित है। कई लोग भगवान के अस्तित्व को अपने जीवन में चमत्कारिक अनुभवों और आत्मिक शांति से प्रमाणित करते हैं।
विवाद का प्रश्न:
कुछ लोग इसे मनुष्य की कल्पना मानते हैं, जो डर, आशा, या अज्ञान के कारण विकसित हुई है।
निष्कर्ष
भगवान का रहस्य अनंत है, और इसका उत्तर हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है। कुछ के लिए भगवान श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक हैं, तो कुछ के लिए यह ब्रह्मांड की जटिलता को समझने का प्रयास है। यह मानवता के भीतर गहराई तक जुड़े विश्वास और जिज्ञासा का प्रतिबिंब है।
Sir ji pronam 🙏 sir ji, spiritual guide & angel ki andar difference kya hota?
Same hota kuch western log khate archangel etc or hmm khate hai inner guide , master etc same ha language ka difference hai 😊Hana.
❤😮🙏🙏🙏🙌
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌼😇❤️
Keya aap mujhe desciple mante hai?
sure
Special effects awaaz disturb kar rahi hai … ssssh
Bhagwan badi hi ajeeb chiz hai ajtak uska prem nahi mil paya mujhe 😔
दर्शन तो दुर्योधन और अर्जुन ओर बहुत लोगों को कृष्ण के दर्शन और सहकार मिला
लेकिन अर्जुन को उसने पूरा लाभ दिया
बाकी लोगों तक भी वह जान गीता रूप में आज भी मिला रहा है
सर गीता जी को कब कवर करेंगे जी
Hhmm
🙏🙏🙏🙏🙏
Please don't use whoosh sound it's a little bit distracting
Ok