माईक और मोबाइल : क्या है समाज की सोच : (ओजस्वी प्रवचन) : Aacharya Vimalsagarsuriji

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 10 сер 2018
  • • वक्त के साथ परिवर्तन अवश्यंभावी है, लेकिन अधिकतर लोग इस बात को समझने में मात खा जाते हैं.
    • कोई भी व्यक्ति चाहकर सभी बदलावों को रोक नहीं सकता, लेकिन यह भी सच है कि सभी बदलाव समाज के लिये हितकारी भी नहीं होते.
    • समाज के नायक अगर जागृत हों तो अच्छे बदलावों को लाया जा सकता है और बुरे बदलावों से बचा भी जा सकता है.
    • हमारा दुर्भाग्य है कि दोनों ही बातों में हम सफल नहीं हो पा रहे हैं.
    • सजगता के अभाव में समाज में अनेक अनचाहे बदलाव आ रहे हैं और ये परिवर्तन शुभ नहीं हैं. दूसरी ओर जिन बदलावों को लाया जाना चाहिए, उनके लिए समाज में कोई परिपक्व सोच नहीं है !
    - आचार्य श्री विमलसागरसूरिजी महाराज
    ~~~~~~~~~~~~
    It is a generous campaign dedicated to Lord Mahaveer's principle in the name of Revolutionary, Versatile & Vigorous Preacher Aacharya Shree Vimalsagarsuriji.
    It is Purely Sacred, Perceptional & Intellectual effort to bring one’s attention on life values ​​in the form of Religious Integrity, Social Intimacy, National Pride, Human Values, Spiritual Supremacy,
    Non Violence, Good Faith, Vegetarianism, Indian Culture, Karma Theory & much more.
    It Emphasizes on Awakening the Youth, Prospering Women Welfare, Promoting Communal Harmony, Maintaining Cultural Pride & Enhancing Jain Ideology.
    क्रांतिकारी-ओजस्वी प्रवचनकार आचार्य श्री विमलसागरसूरिजी महाराज के प्रवचन और विविध आयोजन भगवान महावीरस्वामी के सिद्धांतों को समर्पित सर्व हितकारी अभियान हैं.
    यह जैनधर्म, अध्यात्म, समाज, संस्कृति, राष्ट्रीयता, अहिंसा, नैतिकता, सुसंस्कार, शाकाहार, सद्भावना, आहार विज्ञान, कर्मवाद और मानवता की सेवा का पावन पुरुषार्थ है.
    सकारात्मक सोच, युवा जागरण, कन्या उत्कर्ष, साम्प्रदायिक सद्भाव और सांस्कृतिक गौरव इसके सार्थक माईल स्टोन हैं.

КОМЕНТАРІ •