Solution is : 1) 50% fund from transparent Corporate Donation Pool (according to business friendly policy) 2) 50% donations from Party Followers / citizens who vote for their favourite parties 3) One Nation Two Election (To reduce instances for need of excess cash)
Solution is : 1) 50% fund from transparent Corporate Donation Pool (according to business friendly policy) 2) 50% donations from Party Followers / citizens who vote for their favourite parties 3) One Nation Two Election (To reduce instances for need of excess cash)
आप सही बोल रहे है,आप के सुझाव से सहमत है,और भी एक बात के ऊपर चर्चा होना चाहिए की नेता लोगों को जो आपस में पेंशन मिलता है उसे बंद कराने के बिषय में चर्चा होनी चाहिए
अंकित जी, आप कहते हैं, चुनाव कराने के लिए धन की आवश्यकता होती है... उसके लिए बड़े-बड़े उद्योगपतियों और व्यापारियों से धन इकट्ठा करना पड़ता है... लेकिन यह जबरन वसूली के रूप में नहीं होना चाहिए...!!अगर लक्ष्य बड़ी कंपनियों से जबरदस्ती पैसा वसूलना है, तो नतीजे भयानक हो सकते हैं.... मान लीजिए कि अगर कोई एक पांच करोड़ की क्षमता वाली कंपनी से सरकार दस करोड़ रुपये मांगती है.. ..! तो यह पैसा जनता से याने ग्राहक से वसूलना पड़ेगा, दूसरे शब्दों में कहें तो चीज वस्तुओ की कीमत बढ़ानी पड़ेगी... अब यह हाल हो रहा है... आज इतनी बड़ी महंगाई बड़ रही है कि जनता त्राहिमाम पुकार रही है...!!!यानी महंगाई बढ़ाने के लिए फिलहाल मौजूदा सरकार जिम्मेदार है....!!
डरा धमका कर भारी चंदा वसूल किया गया | बदले में चंदा देने वालों को कुछ कार्य भी दिया गया, जिससे बाजार में सभी समानों की कीमत बढ़ गई | और उससे आम जनता भुगत रही है |😂😂
@@FACTINDIA291 चंदा के नाम पर ईडी का इस्तेमाल करके वसूली कर रही थी सरकार। कांग्रेस ने नियम रखा था कि कंपनी अपने मुनाफे के 7% से ज्यादा चंदा नही दे सकती। इस नियम को हटा दिया गया। अभी एक ऐसे कंपनी ने 100 करोड़ दिए है जो घाटे में चल रही थी।
Every Government is accountable to its voter. We must create a platform where we, voters, can ask our Governments on why and where taxpayers money has been invested.
कानून बनाकर ,इलेक्टोरल बांड द्वारा भष्टाचार या चंदा वसूली का काम होता था ? सर्वोच्च न्यायालय और माननीय चंद्रचूड़ साहब को ईमानदारी के लिए इतिहास याद रखेगा । 🙏🙏🙏
आप की यह विश्लेषण निष्पक्ष और सटीक लगी। इस फंडिंग को पारदर्शी बनाने कीआप के दिए सुझाव भी ठीक लगी ।हालाकि ऐसा संभाव नहीं है।देश की पूरी व्यवस्था सड़ चुकी है अच्छे लोग राजनीति में कहां जा पाए है समाज बट कर छिन्न भिन्न हो हुक्स है।
नॉन स्टॉप इस तरह की जानकारी देने के लिए कितना गहन अध्ययन आपने किया है, वह वंदनीय है। आपके द्वारा दिया गया सुझाव पोलिटिकल पार्टी सेस लगाना सही सुझाव है।
@@sanjurana3698 पहले जो होता था उसका सबूत नहीं है मान लिया पहले भी करप्शन था,,तो क्या उसका मतलब यही है की आज भी करप्शन होना चाहिए देश को आगे बढ़ाना चाहिए या देश को कर्ज में डुबाना चाहिए करप्शन खत्म करना चाहिए या करप्शन खूब करना चाहिए वर्तमान सरकार से यही उम्मीद तो करोगे गैस,पेट्रोल,डीजल,दवा,सब्जी, का मूल्य कम होना चाहिए,, पहले की तुलना करोगे तो इन सभी चीजों का मूल्य कम था मोदी सरकार ने इसे क्यू बढ़ाया इसको तो कम रहना चाहिए था 😐
आपके द्वारा की जारही सभी प्रस्तुतियाँ भारतीय समाज के लिए प्रथम दृष्ट्या अत्यावश्यक हैं क्यों कि इसे मैं सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया समझता हूँ जिससे लोगों में जागरण हो और वह भी प्राथमिक तौर पर संवैधानिक ... इससे हमें संविधान के अनुरूप चिन्तन और मनन कर सच्चे भारतीय नागरिक के बतौर परिपक्व बनने में मदत मिलती है. आज के विषय पर आपका समाधान बिल्कुल सटीक है और उससे जुड़ी सोंच रखना चाहूँगा: कि यह धन केन्द्रीकृत हो और पूरी तरह चुनाव आयोग के द्वारा ही, आपके द्वारा प्रस्तुत सुझाव अनुसार, संचालित हो... क्या कोई ऐसा संवैधानिक संशोधन इस बात पर भी है कि राज्यों के चुनाव भी केन्द्रीय मतदान आयोग द्वारा ही संचालित हो जिस हेतु भी ऐसी धन राशियाँ हर पार्टी के केन्द्रीय फण्ड में ही दी जाए?! हरि-इच्छा... स्वस्ति!
इस कानून को बनाने का असली मकसद यह था कि मैं खुद चंदा लूँ और अगर दूसरी पार्टियां चंदा ले तो हमें पता चल जाये और चन्दा देने वाले को डरा धमका कर उससे भी पैसा लिया जा सके, और इसकी जानकारी विरोधियों को पता न चल सके, यानी कि चित और पट दोनो मेरा ही हो....
@@blackpantherpal1414hain bhai tu andha nehi hai par waqt board ke nam par jo man mani kiya geya ye akha tha ke andha ban geya tu or hamar jamin jo legeye hai jo mere purbaj independent se pehle hi rehete the par 91 me bana kanun na court me jane deti na kai sunta hai chopal ghis geya hai hamare par kya kare andha ham hai...
सर मेरे हिसाब से एक कमिशन बनाए जो स्वतंत्र हो पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी मे काम करे और जिसके मेम्बर का चयन 1 सरकार, 1 विपक्ष, 1 cji की समिति मिलकर करे, और जितना चन्दा मिले सभी राजनैतिक पार्टियो जिनके पास कम से कम आबादी का 1% से ज्यादा का वोट शेयर हो प्रति सांसद (LS या RS) /विधायक( LA या LC) हो सभी को वितरित किया जाये और सभी वितरित पैसे पर कुछ देशहित मे TAX भी लगे जिससे देश का भला हो,,,, फाइनली सारा आकडा ईलेक्शन कमिसन की वेबसाइट पर आम पब्लिक के लिये अवलेबल हो,,,, ❤❤❤❤
❤️💛💜🧡💚🤎💙 ❤️💛💜🧡💚🤎💙चुनावी बॉन्ड की पूरी कहानी • जनवरी 2018: केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड की योजना को अधिसूचित किया। • अक्टूबर 2023: इसके खिलाफ याचिका, मामला संविधान पीठ के पास गया। • नवंबर 2023: संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया। • फरवरी 2024: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड पर रोक लगाई।
आपने बहुत सरल ढंग से पूरा समझाया लेकिन नोटबंदी बहुत सारी बातें अभी भी सामने नहीं आई जो जांच का विषय है। 2000 के नोट का अभी भी जो गायब है पता नहीं चला। लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड को स्कैम की तरह सोच समझकर किया गया। गुजरात के पहले भी स्कैम करने वाले बहुत लोग देश से भाग चुके हैं । पूंजी स्कैम में गुजरात पहले ही बदनाम है।
Iss planet per imandar koi naheen hai. Koi paisay kee chori karta hai to koi samaya kee chori karta hai to koi manak ke anusar kaam naheen karta hai. Doodh ka Dhula koi naheen hai.
Yahan to black aur jila vjbhayak nibhi San sab nibhi nagar palika Men Kam Lena hai to 10, 12 pratishat Compition Dena hoga varna Kam Kisi dusare ko milega Isaka. Kya Karenge sir ji
आपका सुझाव बहुत अच्छा है , संशोधन केवल यह करना चाहूंगा कि इस टैक्स का समस्त धन चुनाव आयोग के पास होना चाहिए जो चुनाव लड़ने वालों को चुनाव पर होने वाले खर्च की सीमा के अनुसार ही धन दे व धन देने से पहले अभ्यर्थी से बजट मांगे तथा चुनाव के बाद खर्च किये गए धन का हिसाब और इसे सार्वजनिक करे।
आपका विश्लेषण अनोखा और अद्वितीय है। वक्त पर भांडा फट पड़ा, ठीक है, पर यदि सरकारी खर्च पर पार्टी मेहमबर, स्व तंत्र उम्मीदवार को भी,, स्व तंत्र चुनाव विभाग,, भी संचालन -नियंतरण संभव है।एक विभाग और सही। अंकित सर जी, आपने सही कहा है,कुछ बचने ही नहीं दिया,दुध कादूध और पानी का पानी, बहुत -बहुत धन्यवाद।।
आपके द्वारा दिया गया,इतनी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए मेरा हृदय से धन्यवाद हैं। चुनाव आयोग को चुनाव में लगने वाले खर्च के अनुसार ही पार्टियों को पैसा देने का अधिकार होना चाहिए, अगर हैं तो इसका उपयोग में लाना देश हित के लिए अति आवश्यक है। जिस भी पार्टी में धम है तो लड़े अपने ईमानदारी का परिचय देते हुए।
इस व्यवस्था में मूलतः पूँजपतियों के हाथ में सबकुछ है । जनता त़ो कठपुतली है ।चंदा के संदर्भ में लेफ्ट पार्टियों के संबंध में बताने की अपेक्षा की जाती है ।आपके विश्लेषण का तरीका प्रशंसनीय है ।धन्यवाद ।
यह सही है कि बिना चंदे के कोई भी चुनाव नही लड़ा जा सकता, पर दुःख इस बात का है, कि आम जनता से पैसा और उनकी गाड़ियां मुफ्त ली जाती रही, दूसरी तरफ कॉरपोरेट से मोटा चंदा अलग से लिया जा रहा है और फिर आम आदमी को दबाया जा रहा है
किसी भी मुद्दे पर अपनी राय रखने से पहले पूरी जानकारी होनी जरूरी है, और मैं पूरी जानकारी आपकी वीडियो से प्राप्त करता हू , आप बहुत अच्छे गुरु है ! कोई वि मुद्दा आता है मैं आपके चैनल को सर्च करके वीडियो देखता हु! धन्यवाद!!
भाई आपने समाधान बताया कि चुनाव चंदा का टैक्स कुछ % इकट्टा हो जाए और कुछ नियम बने किस पार्टी ने कितना वोट % मिला उसी तरिके से पार्टियों पैसे का बटवारा कर दिया जाए,,, आपकी आईडिया बहुत अच्छा है
i don't study, i just watch these channels for unbiased information. this is probably the best video on this topic. compiles all the historic information, shares facts and data. everything at one place so the public can make an opinion. thanks for sharing this video.
पता है sir कोई भी news आती है न तो हम आपका video search करके देखते है तुरंत क्यों ki schhi bahut ही अच्छे से smjha देते हैं आप पूरी गहराई के साथ love u 😍 sir thanks a lot ❣️🙏
मे सहमत हूं सर के कथन से कि राजनीतिक पार्टी को बजट में से ही चंदा के रूप मे फंड दी जाए ताकि पार्टी भी चल सके और कॉरपोरेट घराने की फंडिंग बंद हो जाए और मेरी यहां भी राय है कि इलेक्टोरल ट्रस्ट अकाउंट बनाया जाएगा और उसमें केवल जनता ही फंड दान के रूप में खाते में जमा कर सके और ट्रस्ट से फंडिंग सब पार्टी को एक उचित ratio में हो सके l कोन इस से सहमत है अपने विचार व्यक्त अवश्य करे l
Bhadiya idea hai but mere hisaab se corporate bhi include hone chahiye warna fir itna fund nahi aa paega jitna election me use hota hai. Aur use Parties ko Dena chahiye Bina ye batae ki kisne kitna Diya
सबसे बड़ी उपाय ही इसका की कॉरपोरेट राजगारने का सारा पैसा इलेक्शन कमिशन को दे पैसा और इलेक्शन के टाइम जो पैसा लिमिट हो उतना पैसा ही चुनावी पार्टियों को देव ...
One Nation One election bhi ek acha solution ho skta hai, kyuki jb 5 saalo me sirf ek baar election hoga toh baar baar campaign, rally, poster printing, aur baaki expenses nhi karne parenge. 5 saal me sirf ek baar kharcha hoga toh, funds ki jaroorat bhi kam paregi.
Again same idea like notebandi where are now those 2000rs notes bass feku had idea like gobar gas created, it is utter waste his feku ideas, naa khaunga naa khanai dunga baas Chanda lunga
अमेरिका की तरह PAC नीति लाया जाए, सारी कॉर्पोरेट कंपनी का पैसा एक ही खाते में एकत्रित किया जाए, एस खाते पर पूरा अंकुश चुनाव बोर्ड को दिया जाए। चुनाव बोर्ड ही वो पैसा का वितरण राजनीतिक पार्टियों को उनके वोट/प्रादेशिक क्षेत्र के आधारिक पैसा देगी, इस से ना केंद्र सरकार को फायदा होगा ना तो कॉर्पोरेट कंपनी का, एसबीआई की (बैंक) मोनोपोली खत्म होगी
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Solution is :
1) 50% fund from transparent Corporate Donation Pool (according to business friendly policy)
2) 50% donations from Party Followers / citizens who vote for their favourite parties
3) One Nation Two Election (To reduce instances for need of excess cash)
Aap sarakar ko bol nahi. Sakte hai to usko bachane ka bhi kosis mat kigiye neutral rahne ka kosis kigiye
Electrol bond scam Indian history ka sabsa bada scam hai
Sir, in my opinion I think the entire fund should be deposited at once. All parties should share their share equally.
@@rahulpanghal679😂 burnol chaiye kya
सरकारें आएंगी जायेंगी पार्टियां बनेगी बिगड़ेगी मगर ये देश रहना चाहिए और देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए " अटल बिहारी वाजपेई जी"😎
Amrit Bhaiya thanks 🎉
Ye Amrit Kon Hain
जनता ऐसे ही मोन रही तो देश तो रहेगा लेकिन रहने लायक नहीं होगा।
❤❤❤❤
Mm sahab नेता की बोली मत बोलो कुछ अपना विचार की बोली बोलो ताकी और अच्छा लगेगा
पर लगता है अब लोकतंत्र खतरे में है
सरकारें आएंगी, जाएंगी, पार्टियां बनेंगी, बिगड़ेंगी मगर ये देश रहना चाहिए देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए,,,,
अटल जी🙏🙏❤❤
Abe ye to sabko pta hai😂
@@nitendrakumar4635 जान के खुशी हुई
Solution is :
1) 50% fund from transparent Corporate Donation Pool (according to business friendly policy)
2) 50% donations from Party Followers / citizens who vote for their favourite parties
3) One Nation Two Election (To reduce instances for need of excess cash)
पुरी बात सुनी क्या
चंदा केवल एक पार्टी को नहीं सभी को मिलता बस अंतर यह है जो सत्ता में वह ज्यादा और जो सत्ता में नहीं उसे कम
Sach kaha aapne😮😮😮
आप सही बोल रहे है,आप के सुझाव से सहमत है,और भी एक बात के ऊपर चर्चा होना चाहिए की नेता लोगों को जो आपस में पेंशन मिलता है उसे बंद कराने के बिषय में चर्चा होनी चाहिए
सही बात है एकदम
अंकित जी, आप कहते हैं, चुनाव कराने के लिए धन की आवश्यकता होती है... उसके लिए बड़े-बड़े उद्योगपतियों और व्यापारियों से धन इकट्ठा करना पड़ता है... लेकिन यह जबरन वसूली के रूप में नहीं होना चाहिए...!!अगर लक्ष्य बड़ी कंपनियों से जबरदस्ती पैसा वसूलना है, तो नतीजे भयानक हो सकते हैं.... मान लीजिए कि अगर कोई एक पांच करोड़ की क्षमता वाली कंपनी से सरकार दस करोड़ रुपये मांगती है.. ..! तो यह पैसा जनता से याने ग्राहक से वसूलना पड़ेगा, दूसरे शब्दों में कहें तो चीज वस्तुओ की कीमत बढ़ानी पड़ेगी... अब यह हाल हो रहा है... आज इतनी बड़ी महंगाई बड़ रही है कि जनता त्राहिमाम पुकार रही है...!!!यानी महंगाई बढ़ाने के लिए फिलहाल मौजूदा सरकार जिम्मेदार है....!!
Ye aandhbgat h esko kya bole
डरा धमका कर भारी चंदा वसूल किया
गया | बदले में चंदा देने वालों को कुछ कार्य भी दिया गया, जिससे बाजार में सभी समानों की कीमत बढ़ गई | और उससे आम जनता भुगत रही है |😂😂
महगाई ४से ५ % की दर से बदती है तो अच्छी अर्थ्यावस्था का संकेत है यदि इससे अधिक बढ़ती है तो ये जनता के लिए हानि कारक है
Instead, contribution for election should be given by Govt perforationately &.collected from Corporate Instead of giving burden to tax payers
9
घोटाला नहीं महाघोटाला है पर हमारे sir को नहीं लगता 🙏
कैश में चंदा लेना चाहिए या रिकॉर्ड में
@@FACTINDIA291 चंदा के नाम पर ईडी का इस्तेमाल करके वसूली कर रही थी सरकार।
कांग्रेस ने नियम रखा था कि कंपनी अपने मुनाफे के 7% से ज्यादा चंदा नही दे सकती।
इस नियम को हटा दिया गया। अभी एक ऐसे कंपनी ने 100 करोड़ दिए है जो घाटे में चल रही थी।
Sir ji aap se ye umeed nahi thi
Maha ghotala h ye vasuli chal rahi h
हमारे प्रिय गुरु जी नही चाहते हैं कि उनके घर पर भी ED और CBI पहुंच ना जाए
जिसने खाकी हाफ चड्डी पहनी? उसकी सारी आँखे अपने आप बंद हो जाती है? फिर शिक्षा, सोशल पोजीशन कुछ मायने नही रखता 😜😝
Koi bhi government ho usse humesha sawal hona chaiye
Haa lekin Election ke time sabhi parties ka dekhna chahiye
Every Government is accountable to its voter. We must create a platform where we, voters, can ask our Governments on why and where taxpayers money has been invested.
Ha tabhi dhang se Desh ka vikas sambhav hai
Sawal krna achi baat h lekin sirf virodh krna hi main maksad h to fir sawal ka kya mtlb
@@hariompal7153 ji wo to hai
चंदा दो धंधा करो 35 rs ka kam or 100 rs ka tender
Right 👍
Good business.
Sahi baat hai sir
Bilkul sahi
I agree with you
कानून बनाकर ,इलेक्टोरल बांड द्वारा भष्टाचार या चंदा वसूली का काम होता था ?
सर्वोच्च न्यायालय और माननीय चंद्रचूड़ साहब को ईमानदारी के लिए इतिहास याद रखेगा । 🙏🙏🙏
Murgi ke sone ke ande ek baar mei hi nikaal liye ab aagey se kya kar lega ye bataa? 😂 ab toh Sab cash mei chalega
@@YOTUBE8848 Right 👍🏻
Ab direct Chanda dega naa koi प्रूफ ना कुछ ,फिर झक मरवा कर जानना कोन किसको दिया
Supreme court Murkh hai❗ Agar Ve Ise Inlegal Bata Rahe Hain to Khud Koi Rasta Bataye Chanda Lene Ka, Jisme Chanda Denewale Ka Naam Gopniy Rahe..❗😏
Ab se cash chalega . Party office k bahar box rahega , koun kya dekar jayga kisiko pata nahi chalega .
आप की यह विश्लेषण निष्पक्ष और सटीक लगी। इस फंडिंग को पारदर्शी बनाने कीआप के दिए सुझाव भी ठीक लगी ।हालाकि ऐसा संभाव नहीं है।देश की पूरी व्यवस्था सड़ चुकी है अच्छे लोग राजनीति में कहां जा पाए है समाज बट कर छिन्न भिन्न हो हुक्स है।
बहुत अच्छी तरह, साधारण भाषा मे, इस विषय को आपने समझाया है। धन्यवाद
गुरुजी को दिल पे पत्थर रख बताना पडता है.. इस बार सेठ का फोटो बडा नही डाला 🤫🤪😜😝😂😂
😂😂
बचाने आ जाते हैं 🤣🤣 कोई कुछ विडियो बना देते हैं तो
👍
Exactly 😂
😂🤣😂🤣😂🤣🤣😂😂😂
नॉन स्टॉप इस तरह की जानकारी देने के लिए कितना गहन अध्ययन आपने किया है, वह वंदनीय है। आपके द्वारा दिया गया सुझाव पोलिटिकल पार्टी सेस लगाना सही सुझाव है।
इलेक्ट्रोल बॉन्ड वसूली है परम सत्य यही है 😢😢
Aur Issey pahle Jo Hota था.. wo corruption नहीं था kya Amit bhai...
@@sanjurana3698 पहले जो होता था उसका सबूत नहीं है मान लिया पहले भी करप्शन था,,तो क्या उसका मतलब यही है की आज भी करप्शन होना चाहिए देश को आगे बढ़ाना चाहिए या देश को कर्ज में डुबाना चाहिए करप्शन खत्म करना चाहिए या करप्शन खूब करना चाहिए वर्तमान सरकार से यही उम्मीद तो करोगे गैस,पेट्रोल,डीजल,दवा,सब्जी, का मूल्य कम होना चाहिए,, पहले की तुलना करोगे तो इन सभी चीजों का मूल्य कम था मोदी सरकार ने इसे क्यू बढ़ाया इसको तो कम रहना चाहिए था 😐
Fantastic ... Brilliantly Explained. 👏🏻👏🏻👏🏻👌🏻👌🏻👌🏻
आपके द्वारा की जारही सभी प्रस्तुतियाँ भारतीय समाज के लिए प्रथम दृष्ट्या अत्यावश्यक हैं क्यों कि इसे मैं सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया समझता हूँ जिससे लोगों में जागरण हो और वह भी प्राथमिक तौर पर संवैधानिक ... इससे हमें संविधान के अनुरूप चिन्तन और मनन कर सच्चे भारतीय नागरिक के बतौर परिपक्व बनने में मदत मिलती है.
आज के विषय पर आपका समाधान बिल्कुल सटीक है और उससे जुड़ी सोंच रखना चाहूँगा: कि यह धन केन्द्रीकृत हो और पूरी तरह चुनाव आयोग के द्वारा ही, आपके द्वारा प्रस्तुत सुझाव अनुसार, संचालित हो... क्या कोई ऐसा संवैधानिक संशोधन इस बात पर भी है कि राज्यों के चुनाव भी केन्द्रीय मतदान आयोग द्वारा ही संचालित हो जिस हेतु भी ऐसी धन राशियाँ हर पार्टी के केन्द्रीय फण्ड में ही दी जाए?!
हरि-इच्छा... स्वस्ति!
जांच एजेंसियों को न्यायपालिका के अधीन रखा जाए ताकि वो स्वतंत्र होकर अपना कार्य कर सके
इस कानून को बनाने का असली मकसद यह था कि मैं खुद चंदा लूँ और अगर दूसरी पार्टियां चंदा ले तो हमें पता चल जाये और चन्दा देने वाले को डरा धमका कर उससे भी पैसा लिया जा सके, और इसकी जानकारी विरोधियों को पता न चल सके, यानी कि चित और पट दोनो मेरा ही हो....
70 saal se congres ne janta ko or khaskar hinduo ko chuna lgaya tb chit or pat dono congres, muslim or desh drohiyo ki thi.
Ye kanun banaya kisne tha uski galti hai
और सिक्का भी मेरा हो
@@meerasingh3496mai kudh hindu hun ...dharm ka rona band kar de to acha hoga ...tere jaise andha nhi hu...
@@blackpantherpal1414hain bhai tu andha nehi hai par waqt board ke nam par jo man mani kiya geya ye akha tha ke andha ban geya tu or hamar jamin jo legeye hai jo mere purbaj independent se pehle hi rehete the par 91 me bana kanun na court me jane deti na kai sunta hai chopal ghis geya hai hamare par kya kare andha ham hai...
लोग कहते हैं अच्छे दिन आएंगे लोगों के तो नहीं पता मगर नेताओं के अच्छे दिन आते हैं हैं उनकी गरीबी दूर हो जाती है
Yes, Sir jo aapne tareeka bataya hai wo best lagta hai,
Yahi tarika mene bhi socha tha😄
बहुत ही निष्पक्ष एवं बेबाक विश्लेषण
सर मेरे हिसाब से एक कमिशन बनाए जो स्वतंत्र हो पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी मे काम करे और जिसके मेम्बर का चयन 1 सरकार, 1 विपक्ष, 1 cji की समिति मिलकर करे, और जितना चन्दा मिले सभी राजनैतिक पार्टियो जिनके पास कम से कम आबादी का 1% से ज्यादा का वोट शेयर हो प्रति सांसद (LS या RS) /विधायक( LA या LC) हो सभी को वितरित किया जाये और सभी वितरित पैसे पर कुछ देशहित मे TAX भी लगे जिससे देश का भला हो,,,, फाइनली सारा आकडा ईलेक्शन कमिसन की वेबसाइट पर आम पब्लिक के लिये अवलेबल हो,,,, ❤❤❤❤
वीडियो के अंत में आपके द्वारा दिया गया सुझाव काफी कारगर हो सकता है सर ❤❤
मै देश हीत मे मेरी मेहने कॉग्रेस को दे ने वाला हू
❤️💛💜🧡💚🤎💙 ❤️💛💜🧡💚🤎💙चुनावी बॉन्ड की पूरी कहानी
• जनवरी 2018: केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड की योजना को अधिसूचित किया।
• अक्टूबर 2023: इसके खिलाफ याचिका, मामला संविधान पीठ के पास गया।
• नवंबर 2023: संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
• फरवरी 2024: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड पर रोक लगाई।
जय बुढायल पेन खुटायाल पेन ता सेवा जोहार
अकीत अवस्थि सर जय बुढायल पेन खुटायाल पेन ता सेवा सेवा जोहार ❤❤❤❤❤❤
Bahut acha jankari mili is video se
आपका विडीओ पूरा सुनेने से पहले ही मैंने मेरी राय दे दी| जो आपके विचारों से मिलती है| धन्यवाद|🙏😊
आपने बहुत सरल ढंग से पूरा समझाया लेकिन नोटबंदी बहुत सारी बातें अभी भी सामने नहीं आई जो जांच का विषय है। 2000 के नोट का अभी भी जो गायब है पता नहीं चला। लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड को स्कैम की तरह सोच समझकर किया गया। गुजरात के पहले भी स्कैम करने वाले बहुत लोग देश से भाग चुके हैं । पूंजी स्कैम में गुजरात पहले ही बदनाम है।
Ye bhi bhagauda😅
2000 ka note nakli note supply ko rokne ke liye ban kr diya 2000 ke note ki videsho se black money aa raha tha sayad
Iss planet per imandar koi naheen hai.
Koi paisay kee chori karta hai to koi samaya kee chori karta hai to koi manak ke anusar kaam naheen karta hai.
Doodh ka Dhula koi naheen hai.
Yahan to black aur jila vjbhayak nibhi
San sab nibhi nagar palika
Men Kam Lena hai to
10, 12 pratishat
Compition
Dena hoga varna Kam
Kisi dusare ko milega
Isaka. Kya Karenge sir ji
To fir 2000 k nots m to chip lgi hui thi na @@ashishchaudhary8923
आपका सुझाव बहुत अच्छा है , संशोधन केवल यह करना चाहूंगा कि इस टैक्स का समस्त धन चुनाव आयोग के पास होना चाहिए जो चुनाव लड़ने वालों को चुनाव पर होने वाले खर्च की सीमा के अनुसार ही धन दे व धन देने से पहले अभ्यर्थी से बजट मांगे तथा चुनाव के बाद खर्च किये गए धन का हिसाब और इसे सार्वजनिक करे।
Shi kha aapne
Right
बहुत खूब❤
Aur chunav ayog sarkar ki jeb mai ho
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति।
Thank u for crystal clearing the whole topic sir
Very educative presentation as usual.Thanks for your sincere efforts asir.
😂😂😂Aap ka dukh dekha nhi ja😂rha guru 😂bahut dard bhara hai apki aawaj me😂
Sir ji
Aapka idea se ham sahmat h
Achha idea h
बहुत ही अहम जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद और आभार। देश में अगर भ्रष्टाचार को खत्म करना है तो उसका सबसे सही तरीका केवल एक ही है कि टेक्स लगाया जाए।
आपका यह सलाह उत्तम लगता है।
आपका विश्लेषण अनोखा और अद्वितीय है। वक्त पर भांडा फट पड़ा, ठीक है, पर यदि सरकारी खर्च पर पार्टी मेहमबर, स्व तंत्र उम्मीदवार को भी,, स्व तंत्र चुनाव विभाग,, भी संचालन -नियंतरण संभव है।एक विभाग और सही। अंकित सर जी, आपने सही कहा है,कुछ बचने ही नहीं दिया,दुध कादूध और पानी का पानी, बहुत -बहुत धन्यवाद।।
Rathi bhai se to aapki video laakh guna excellent hai Ankit sir...Hats of u...
सर ने भी कमाल के मज़े लिए है राजनैतिक पार्टियों के 😅😅😂
सुनने में मज़ा आया 😂😂
Beautiful trend of truth.
Bahut badhiya bisleasan bahut bahut dhanybad
Wonderful. Unbiased. Respect.
@@kanish284tu jo sunna chata h vo tujhe German Shepherd ke channel par milega aur hn burnol khareed lena 4 June ko kam ayega
@@kanish284अब भी वही कंपनिया राजनीतिक दलों को चंदा देंगी लेकिन पर कैश के रूप में, जैसे कि पहले होता था और किसी को पता भी नही चलेगा
ganta unbaised?
To bhai new law bnado, Payment online hi hogi but Publically hogi isme kya baat hai@@Raunak_Aryan
Aapka solution 100% correct loga. Mujhe aapka future prediction real huwa dikha he❤ love from Assam
Great episode.
Many of my doubts got cleared.
Thanks Ankit jee.
Bahut achhi jankari dhanyabad
आप का सुझाव सत्य है सर
हर बजट सत्र में इसको भी जनता के सामने पेश किया जाए
Aapne bahut achha solution btaya sir... thank you sir for wonderful video🙏🙏
इस बार इन चारों को वोट नहीं दूंगा 😡
Toh kisko dega😂, sab party lete hai chanda toh.😂
@@new-estate39nota
😂😂😂😂😂
@new-estate39 नही। ज्ञान की कमी है तुम्हारे। C.P.I.M left party जो है एक रूप भी चंदा नही लेती। गूगल करके देखो।
Jisko avsar hi na Mila vo kha se lete jab milegi to aap bhi na chodoge bas avsar nhi mila
आपके द्वारा दिया गया,इतनी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए मेरा हृदय से धन्यवाद हैं।
चुनाव आयोग को चुनाव में लगने वाले खर्च के अनुसार ही पार्टियों को पैसा देने का अधिकार होना चाहिए, अगर हैं तो इसका उपयोग में लाना देश हित के लिए अति आवश्यक है।
जिस भी पार्टी में धम है तो लड़े अपने ईमानदारी का परिचय देते हुए।
Very nice information n News analysis. Very well said
57:45 Very Good Solution 👌
बहुत सुंदर और आसान तरीके से अपने हमें समझाया इसके लिए हार्दिक धन्यवाद
इस व्यवस्था में मूलतः पूँजपतियों के हाथ में सबकुछ है । जनता त़ो कठपुतली है ।चंदा के संदर्भ में लेफ्ट पार्टियों के संबंध में बताने की अपेक्षा की जाती है ।आपके विश्लेषण का तरीका प्रशंसनीय है ।धन्यवाद ।
चंदा दो और धंधा लो चंदा
नही तो ED का फंदा लो
Betho re chhani Muni no
Murgi ke sone ke ande ek baar mei hi nikaal liye ab aagey se kya kar lega ye bataa? 😂 ab toh Sab cash mei chalega
Good solution suggested by Awasthi Sir
Thank u Ankit ji puri baat aachchhese samjhane k liye
Nice session sir......
Bahut achha lga....all doubt clear
आसान शब्दों में समझाने के लिए धन्यवाद sir ji ,
यह सही है कि बिना चंदे के कोई भी चुनाव नही लड़ा जा सकता, पर दुःख इस बात का है, कि आम जनता से पैसा और उनकी गाड़ियां मुफ्त ली जाती रही, दूसरी तरफ कॉरपोरेट से मोटा चंदा अलग से लिया जा रहा है और फिर आम आदमी को दबाया जा रहा है
Bahut behtreen andaaz me samjhaye sir ji thanks
अच्छा विश्लेषण। ❤️🙏
2016 और 2017 वाला लाइन जबरदस्त तरीके से बताई आपने सर की नोटबंदी वाली 😂😂
😂😂😂😂
😂😂😂😂
सुप्रीम कोर्ट को सभी जजों और वकीलों की सभी जानकारी देश की जनता को मालूम हो।
1:01:26 1:01:29 आप जो कह रहे हैं सर वह तो कहने पर ही अच्छा लगता है मगर वैसा होगा नहीं और सरकार वैसा करने नहीं देगा
बहुत अच्छी जानकारी प्राप्त हुई।
और समाधान भी सही लगा ।
आप जैसे गुरुजी मुझे हर जन्म में मिले ❤❤
सर जी प्रणाम 🙏😇
Love from Bihar ❤❤❤❤❤❤🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
किसी भी मुद्दे पर अपनी राय रखने से पहले पूरी जानकारी होनी जरूरी है, और मैं पूरी जानकारी आपकी वीडियो से प्राप्त करता हू , आप बहुत अच्छे गुरु है ! कोई वि मुद्दा आता है मैं आपके चैनल को सर्च करके वीडियो देखता हु!
धन्यवाद!!
Excellent presentation God bless you with health happiness and prosperity
भाई आपने समाधान बताया कि चुनाव चंदा का टैक्स कुछ % इकट्टा हो जाए और कुछ नियम बने किस पार्टी ने कितना वोट % मिला उसी तरिके से पार्टियों पैसे का बटवारा कर दिया जाए,,, आपकी आईडिया बहुत अच्छा है
अगर ये स्कैम है तो यह स्कैम सभी पार्टियों ने किया है। इसलिए इसकी अगर सज़ा हो तो सबको मिलनी चाहिए। 💀
Sab party ko ban kar de ta raj kn karega court ya army ha ha ha ha...
@@AJ.....440 Ban krne ka kh kon rha h. 😆
आपका सुझाव 100% सही है लेकिन
अगर one nation, one election हो तो खर्च कम होगा तो चंदाका ज़रूरत कम पड़ेगा
आपका विश्लेषण बहुत ही सही और सटीक होता है
Your formula is the best.
UR PROPOSAL IS SENSIBLE N WORKABLE.
GOOD SHOW.
आपकी लास्ट वाली बातें सही है सर ऐसा ही होना चाहिए❤❤❤❤❤❤❤❤
पैसे का चक्कर है बाबू भईया 😊
😂😂😂😂😂
Great, you have told every thing without telling!
अंकित भाई! एक आम आदमी की जानकारी के लिए आपका वीडियो सुंदर है इस सीधी बात में भी किसी को किसी का पक्ष दिखाई देता है तो यह समझने वाले की अपनी सोच है।
i don't study, i just watch these channels for unbiased information. this is probably the best video on this topic. compiles all the historic information, shares facts and data. everything at one place so the public can make an opinion. thanks for sharing this video.
Sir ji aapka solution hi best he
Hi
ये संभव नहीं है सर आपका आईडिया से तो देश में पार्टी हर 1 कदम पे 1 नई पार्टी देखने लगेगी ।
पार्टी चंदा में हिस्सा लेने के लिए
Informative session ✅👍😃
सर, आपका कहि समाधान हि ठिक लगति है।
पता है sir कोई भी news आती है न तो हम आपका video search करके देखते है तुरंत क्यों ki schhi bahut ही अच्छे से smjha देते हैं आप पूरी गहराई के साथ love u 😍 sir thanks a lot ❣️🙏
बहुत सुंदर सर जी❤
Thank you sir...
Poori kahani sunane ke liye ❤
Aap ka solution badiya ha
Best teacher😇
मे सहमत हूं सर के कथन से कि राजनीतिक पार्टी को बजट में से ही चंदा के रूप मे फंड दी जाए ताकि पार्टी भी चल सके और कॉरपोरेट घराने की फंडिंग बंद हो जाए
और मेरी यहां भी राय है कि इलेक्टोरल ट्रस्ट अकाउंट बनाया जाएगा और उसमें केवल जनता ही फंड दान के रूप में खाते में जमा कर सके और ट्रस्ट से फंडिंग सब पार्टी को एक उचित ratio में हो सके l
कोन इस से सहमत है अपने विचार व्यक्त अवश्य करे l
Bhadiya idea hai but mere hisaab se corporate bhi include hone chahiye warna fir itna fund nahi aa paega jitna election me use hota hai. Aur use Parties ko Dena chahiye Bina ye batae ki kisne kitna Diya
इलेक्ट्रॉल बॉन्ड महा घोटाला है
पुरी बात सुनी क्या
चंदा केवल एक पार्टी को नहीं सभी को मिलता बस अंतर यह है जो सत्ता में वह ज्यादा और जो सत्ता में नहीं उसे कम
ध्रुब राठी का वीडियो देखो
Gautam bhai Rathi ka video इक tarfa hai ye video dekhne k bad to समझ jana chahiye aapko
@@sanjurana3698 correct
अगर इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाला होता तो पार्टियों की मान्यता रद्द हो चुकी होती वो चुनावो की तैयारी नही कर रही होती किसी ने कह दिया और तुमने मान लिया
सबसे बड़ी उपाय ही इसका की कॉरपोरेट राजगारने का सारा पैसा इलेक्शन कमिशन को दे पैसा और इलेक्शन के टाइम जो पैसा लिमिट हो उतना पैसा ही चुनावी पार्टियों को देव ...
फिर तो कोई भी अपना पार्टी बना कर EC से पैसा ले लेगा और आराम से बैठ जाएगा। कितना वोट शेयर मिला पिछले इलेक्शन में , उसके हिसाब से फंडिंग कर दे।
@@mchoudhary1672 ऐसे थोड़ी कोई पार्टी बना देगा कोई लिमिट कुछ शर्त वगैरा भी तो बनेगी पार्टी बना कर पैसा लेने के लिए ...
Jai shree Ram Jai Shri Krishna
Jai hind sir. Jai ho Dr Ankit ji
Sir, your solution is the best
ये तो ऐसे ही कि,
क्या शराब पीना स्वाथ्य के लिए हानिकारक है ??
One Nation One election bhi ek acha solution ho skta hai, kyuki jb 5 saalo me sirf ek baar election hoga toh baar baar campaign, rally, poster printing, aur baaki expenses nhi karne parenge. 5 saal me sirf ek baar kharcha hoga toh, funds ki jaroorat bhi kam paregi.
Good point
Right
I think it is not possible. One Nation one election is better for Presidential Democracy like America
@@ChandanKumar-ib8fc One nation Two election is possible
Again same idea like notebandi where are now those 2000rs notes bass feku had idea like gobar gas created, it is utter waste his feku ideas, naa khaunga naa khanai dunga baas Chanda lunga
Sir , aapki soch Sudhir Chaudhary se bhut milti Julti hai😅😅🥲
Thank u sir .,.....apki har cls dekhti hun apne bht aache se samjhaya sir
Superb session
Superb ending
With Superb suggestion
अमेरिका की तरह PAC नीति लाया जाए, सारी कॉर्पोरेट कंपनी का पैसा एक ही खाते में एकत्रित किया जाए, एस खाते पर पूरा अंकुश चुनाव बोर्ड को दिया जाए। चुनाव बोर्ड ही वो पैसा का वितरण राजनीतिक पार्टियों को उनके वोट/प्रादेशिक क्षेत्र के आधारिक पैसा देगी,
इस से ना केंद्र सरकार को फायदा होगा ना तो कॉर्पोरेट कंपनी का, एसबीआई की (बैंक) मोनोपोली खत्म होगी
अमेरिका की तरह लोग जिम्मेदार भी तो होनी चाहिए जिस देश की जनता को65साल बाद भी यह बताना पड़े की आपको शौच कहां करना है
American mai 65% log tax varte hai....or india k 7% log tax varte hai.....