Nagnechi Mata Mandir Nagana | Rathore Kuldevi Nagnechiyan Mata | राठौड़ों की कुलदेवी नागनेचियाँ माता
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- Опубліковано 7 лис 2024
- Nagnechi Mata Mandir Nagana | Rathore Kuldevi Nagnechiyan Mata | राठौड़ों की कुलदेवी नागनेचियाँ माता
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जय माँ शिवशक्ति नागाणाराय ॐ श्री नागणेच्या माता नमो नमः 🔱🙏🚩📿🥀❤️
जय हो मारी वाली कूलदेवी मारी माता नागणेशी माता की जय हो
Bahut bahut Achcha video hai Jay Nagnechi Mata Ri Sa🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जय माँ नागणेच्यां नमस्तस्यै नमो नमः
Proud fell tota hi may Rathore hu 🙏🙏🙏jay Rajputana 🔥🔥
Aap नवरात्री म किस दिन पूजा करते हो pls बताइये
@@riturajpoot883 asthmi or navmi
Jai nagnechimata ki jai ho 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹 jai ho kul devi ke 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
लेकिन सील का रूप माता करनी ज़ी ने भी लिया था जो कि आज भी देशनोक दरबार में दर्शन देते हैं जय श्री माता करनी ज़ी
जय हो मारी वाली कूलदेवी मारी जय नागणेशी माता की जय हो
नाग,माता, राठोड़, उदयपुर फलासिया कोल्यारी
Hi
🙏🌼🌻जय माँ शिवशक्ति नागाणाराय🌻🌼🙏🕉श्री नागणेच्या माता नमो नमः🌻🌼🙏
माता जी ni आरती के पहले या बाद में चालीसा गाय ई जाति है तो प्लीज जरूर बताएं
ua-cam.com/users/shortskzooy6NqbiA?feature=share
जयमाताजीकी
જય શ્રી કુળદેવી નાગણેશ્વરી માતા 🙏🙏
Ati uthm jay naganaray ki Jay
जय माता जी की❤️🙏🙏
जय कुल देवी माँ nagnesvari ma
જય જય nagneshvari માં. જય ગોગા મહારાજ. ભારતી પટેલ રામોસણા મહેસાણા.
dipak patel
जय माँ जय मां नागणेची हमें मार्गदर्शन दे
सभी को मां सद्बुद्धि दे🙏🙏
Bhai kya naagnechi aur mansa devi ek hi hain
જય માં નાગબાઈ માતાજી,,, ગુજરાત, સુરેન્દ્રનગર,,, પાટડી,, ગામ, વડગામ
Jai Mata Di....
Jai mata ji jai ma hamaare kul ki sadaiv raksha karna ma
Jay Kuldevi Maa Nagnesvari Maa
जय श्री कुलदेवी माँ नागाणा री राय
Jai Kuldevi Nagnechi Maa
Jai maa nagnachi mata....nagana barmer wali....ratheswariii pankhini... chakresshwariii....rawdhuharrr ji kanooj se layee😍😍😍😍
Jai maa naagnechya 🚩🙏🙏
देवी आवड़ नागणेची माता का सम्पूर्ण इतिहास
श्री आवड़ माता का अपरनाम
श्रीनागणेचियां माता का इतिहास, मान्यताएं
व परम्परा :-
लेखक
आढ़ा)
डॉ नरेन्द्र सिंह आढ़ा (नरसा
प्रधानाचार्य राउमावि बिकरनी
सिंध के नानणगढ प्रवास के दौरान श्री आवडादि शक्तियां एक दिन हाकरा दरियाव (नदी) पर स्नान कर रहे थे। तभी नानणगढ के शासक अदन (ऊमर) सूमरा के पुत्र के नूरन के मित्र लूंचीया नाई ने इनकों स्नान करते हुए छिप कर देख लिया और उसने इनके कपड़ों को अपनी छडी से छू. दिया था। जब आवाडाधी बहनों संग स्नान करके बाहर आयी तो श्री आवडजी ने देखा कि वहां किसी पुरुष के पैरों के निशान पडे हुए थे। इस पर उन्होंने अपनी बहिनों को कहा कि उस पुरुष ने अपने कपड़ों को अपवित्र कर दिया हैं, अब ये कपडें हम पहन नहीं सकते हैं, इस जंगल में कपडें कहां से लाये जाये ? तब श्री आवडजी ने अपनी दैविक शक्ति से सभी बहिनों को काली नागिनों का रुप धारण करके झोपडे की ओर चलने का आदेश दिया। उधर लूंचीया नाई ने बादशाह के लडके नूरन के पास जाकर इनके अपूर्व रुप सौन्दर्य की जानकारी दे दी। इस पर वे दोनों घोडे पर सवार होकर हाकरा नदी पर आ गये। लेकिन वहां इन्हें मामडियां चारण की सातों पुत्रियां नहीं मिलती हैं। उन्होंने देखा कि सात नागिन जो यहां से मामडियांजी के झोपडी की ओर गये हैं। इसप्रकार श्री आवडादि शक्तियां ने कई बार नागिनों के रुप धारण किये जिसके कारण ये शक्तियां नागणेची या नागणेचियां के नाम से प्रसिद्ध हुए। इसी नाम से ये राठौड राजपूतों में कुलदेवी के रुप में पूजी जाती हैं। इस सम्बन्ध में डिंगल के विद्वान जयसिंहजी सिंढायच के आवड़ माता के रंग के दोहे निम्न प्रकार से हैं।
नागणियां बण नीर में, सारी सगत्यां संग। तज वसन निसरी तुरत, रंग माँ आवड़ रंग ।। उण दिन सु अखिलेशरी, आश्रित हेत उमंग। नाम धरे नगणैच निज, रंग माँ आवड़ रंग ।।
राठौड शब्द का प्रयोग एक राजपूत शाखा
के लिए प्रयुक्त हुआ हैं जिसका प्रचलन केवल भाषा में हैं। संस्कृत पुस्तकों, अभिलेखों और दानपत्रों उसके लिए राष्ट्रकूट शब्द मिलता हैं । प्राकृत शब्दों की उत्पति के नियमानुसार राष्ट्रकूट शब्द का प्राकृत रुप राठ्ठऊड़ होता हैं, जिससे राठउड़ या राठोड़ शब्द बनता हैं, जैसे चित्रकूट से चित्तऊड़ और उससे चित्तौड़ या चीतोड़ बनता हैं। राष्ट्रकूट वंश का प्रतापी शासक अमोघवर्ष (814-876ई.) श्री आवड़ माता का समकालीन था। जेठमल चारण की प्राचीन रचना के अनुसार अमोघवर्ष द्वारा श्री आवड़ माता की पूजा की गई थी जो उसके पद्य में इस प्रकार से मिलता हैं। चोट करतां राकसां, चक्र गेब चलाडै। अमोघव्रख राठवड, पूजा ईक त्यारै ।। अमोघवर्ष के संजन ताम्र पत्र से पता चलता हैं कि वह देवी का बडा भक्त था जिसने एक बार देवी को अपने बाये हाथ की अंगूली श्रद्धावश चढा दी थी। इसकी तुलना दधीचि जैसे पौराणिक महापुरुषों से की जाती हैं। अमोघवर्ष श्री आवड माता का परम भक्त था। उसकी सहायता में श्री आवड़ माता ने गेबी (अदृश्य) चक्र चलाये जिससे उसके राज्य के अधीन अंग, बंग, मालवा और मगध के राजाओं ने उसकी अधीनता स्वीकार की। भगवती श्री आवड़ माता ने अपने भक्त अमोघवर्ष की सहायता में अदीठ चक्र चलाये जिसके कारण वे चक्रेश्वरी के नाम से प्रसिद्ध हुए। मां श्री आवड़ की कृपा से उसने 60 वर्षभक्त अमोघवर्ष की सहायता में अदीठ चक्र चलाये जिसके कारण वे चक्रेश्वरी के नाम से प्रसिद्धजिसके कारण वे चक्रेश्वरी के नाम से प्रसिद्ध
हुए।
मां श्री आवड़ की कृपा से उसने 60 वर्ष से अधिक राज किया उसके बाद वह अपने पुत्र कृष्णराज को सौप कर स्वयं भगवती श्री आवड़ माता की साधना में लग गया। उसने कविराजमार्ग नाम का अलंकार ग्रंथ की कन्नड़ भाषा में रचना की। उसके दरबार में विद्धानों का बड़ा आदर था। उसने भगवती श्री आवड़ माता की कृपा से अपनी राजधानी मान्यखेत को इन्द्रपुरी से अधिक सुन्दर बनाया। अमोघवर्ष के बारे में अरबी लेखक सुलेमान अपने ग्रंथ सिल्सिलातुत्तवारीख में लिखा हैं कि वह दुनियां के चार बड़े बादशाहों में से एक था। श्री आवड़ माता की कृपा स्वरुप अमोघवर्ष यशस्वी एवं प्रतापी शासक के रुप में प्रसिद्ध हुआ। उसने ही श्रीआव माता की मूर्ति की स्थापना दक्षिण के कर्णाटक देश में चक्रेश्वरी माता के नाम से की थी। जो राठेश्वरी माता (राठासण माता) भी कही जाती है, जिसे धूहढ़ ने दक्षिण भारत के कर्नाटक से लाकर नागाणा गांव(,निकट कल्याणपुर, जिला बाडमेर) में स्थापित किया था। वर्तमान में नागाणा गांव में नागणेचियां माता का भव्य मंदिर बना हुआ।
जोधपुर राज्य की ख्यात(सं. रघुवीरसिंह एवं मनोहरसिंह राणावत) के पृ.स.27 पर लिखा हैं कि “राव धूहड सम्वत् 1248 रा जैठ सुद 13 (26 मई मंगलवार 1192 ई.) पाट बैठा, नै करणाटक देश सूं कुल देवी चक्रेश्वरी री सोना री मूरत लाय ने गांव नागाणे थापत किवी। तिण सूं नागणेची कहाई” ं। इस ख्यात के संदर्भ की पुष्टि वीर विनोद भाग 3 के पृ.सं. 799-800, जोधपुर राज्य का इतिहास भाग 1(गौरीशंकर हिराचंद ओझा)के पृ.सं. 109 आदि ग्रंथों में हुआ हैं। लोक देवता पाबूजी राठौड़ पर मोडजी आसिया ने पाबू प्रकास ग्रंथ की रचना की थी। इस ग्रंथ का प्रकासन शंकरसिंह आसिया ने किया हैं। इस ग्रंथ के पृ.सं. 95 में लिखा हुआ हैं कि
।। छप्पय ।।
|| आणंद का पूर्व परिचय तथा गांव कड़ाणी की जागीर मिलना।। प्रथम मार परमार। लियौ जूनौ लोहां लड़।। रहै राव पाखती। भड़ा घोड़ा भीड़ोहड़ || करणाणंद, आणंद कवेस। वहण मारूभाषा
वट ।।
बगस जिकां बिरदैत। ईकड़ाणी आगाहट ।। कनवज हूंता किरंड । लाग हठ पेथड़ लायौ । थप नागांणे थांन। पाटपत इम वर पायौ ।। जयचंद हरा तो सिर जपूं। रजाबंध सबदिन रहूं।।
इण भाखर सूं राजस अडिग । सौ-सौ कोस दिसा चहूं।। 56।। अर्थ-आसथान के पुत्र धांधल ने अपने पिता के राज्य से हिस्सा प्राप्त न कर अपनी तलवार की ताकत से नया राज्य स्थापित किया। उसने वहां के परमार राजा को युद्ध में मारकर जूनो (कोळू) नामक राज्य प्राप्त किया। राव धांधल के पास में योद्धाओं और घोड़ों की व्यापकता हैं। मारू भाषा के विद्वान व उसकी राह पर चलने वाले गढवी करमाणंद और आनंद हैं। अनेक उपमाओं से अलंकृत यशस्वी राव धांधल ने कवियों को कड़ाणी नामक गांव सांसण में दिया। राव धूहड़ के पुत्र पेथड़ ने हठपूर्वक कन्नौज जाकर अपनी आराध्य देवी चक्रेश्वरी का किरंड (लकड़ी की बनी पूजा की पेटी) को लाया। फिर उसका नागाणा नामक गांव में स्थापित किया। वहां शक्ति आवड़ ने नागिन रूप में प्रकट होकर खेड़ के राजा को यह आशीर्वाद दिया कि हे जयचंद के पुत्र मैं सदैव तुम्हारे ऊपर प्रसन्न हूँ। इस कारण मेरे स्थान के इस पहाड़ से सो-सो कोस दूर तुम्हारा अडिग शासन चाहती हू
।। छंद अनुष्टप।। ।। शक्ति नागणेची वृतांत ।। चक्रेस्वरी बलेस्थाने। राटेश्वरी तथा रटे ।। पंखणी सप्त मात्रेण नागणेची नमस्तुते।। 57।।
अर्थ:-बलुचिस्तान के लासबेला में हिंगोल पर्वत पर अधिष्ठाती हिंगलाज देवी ही चक्रेश्वरी के नाम से हैं। उसी का राटेस्वरी नाम से स्मरण करते हैं। जब इस देवी ने विक्रमी की आठवीं सदी के प्रारम्भ में आवड़ देवी व उसकी छ: अन्य बहिनों सहित अवतार लिया तथा नागिन के रूप में उपस्थित होकर धूहड़ को दर्शन देकर आशीर्वाद दिया तब से राठौड़ उसे नागणेची देवी के नाम से सात मूर्तियों में पूजते हैं। हे नागणेची देवी तुझे नमस्कार हैं। इसको पंखनी व सप्त माता भी कहते हैं।
जय हो नागणेची माता की जयहो
Jai ma nagnechha💖❤️😘
Shankar Singh Ramsihgh
भैरू सिहकरनोत
जय मारी कुलदेवी मां
जय,माता,दी,सुपर
Jay nagneshwari mataji.jitendrasinh Rathod
जय माता नागणेच्या
जय माँ
Jay mata nagnechi
जय नागाणा राय की सा
jai nagdhochi mata jai ho rathour vans kuldevi ma nagdhochi
🙏🙏Jai maa nagnechiya 🙏🙏
जय भवानी,,,,,
Very nice information hukum
जय माँ नागाणाराय माँ की लिला अपरम पार है जय हो जय हो
हमारी कुलदेवी नागणेची माता की जय ग्राम बरुवा
पोस्ट गुनौर तहसील बिजरावगढ़ जिला कटनी जय माता की
જય માતાજી
Ja. Naagnechi. Mama
जय मां भवानी नागाणा राय आपकी जय हो जय हो क्षत्रिय राजपूताना की हर हर महादेव 🙏🏻🕉️🙏🏻
Kya naagnechi mata aur mansa maa ek hi hain
Jai maa karni mata g
Jai mata di...m also Rathore ❤️❤️❤️❤️
जय मां नागणेचिया नमस्तस्यै नमो नमः
Nice
Great
⚔️ Jay Rathodeshwari Maa Nagneshwari ⚔️
🙏🏼🙏🏼Namo Namah Nagnechi
jai maa nagnechi
Jay naganechya ma..,🙏
जय मां नागणेच्या
Jai Jai maa naganaray hukum 🙏🙏
Me rao hu maa nagnechi ka mandir rao dhuvad ji ne banvaya tha fir bhi sab ma nagnechi ko sirf rathodo ki kuldevi mante hai,yaha tak ki hame koi rajput bhi nahi manata,me sangeliya rao hu, meri kuldevi maa nagnechi hai,jay ma nagnechi 🙏🙏🙏
Kya aap bata sakte h snakes or Rathores ke beech kya sambhandh h
जय मां नागणेच्या 🙏
Jay ho nagana ray mataji ki jay ho
Jay mataji .. kàvita Joshi 🌹 banswara 🌹 khadagada 🌹 sagwara
या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्तुति
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
बलि एक धार्मिक अनुष्ठान है। इसे बंद क्यों किया गया?
जय मां नागणेची राय
जय माताजी
Very nice Dost
Jai Mata Di 🙏❤️🙏
🙏माँ नागणेशीजी आपको वंदन बारम्बार 🙏
जय मां नागणेचा
Jay Mara di
जय हो मा नागणेच्या, में आपको कोटि कोटि नमन करता हूं,
Jay ho jay ho maa nagneswari
Jay Sri Kuldevi maa Nagneshvari maa
Kamlesh.rathode.rajput.gujrat.me.veer.bhathige.maharaj.ka.mander.hai.vobhi.rathoderajput.vansh.kai.the.our.kuldeve.maa.nagnesware.hai.to.gujrat.Mae.rathod.vansh.bhe.has.rathod.parevar.ko.jai.matagi
जय माँ नागाणा राय जी की सा
जय श्री चामुंडा नागणेची माता
जय श्री चामुंडा नागणेची माता
Jai ho ma nagnechiya
jai...maa...nagnechi ji...
Jay maa nagnechi mata ki
जय मां नागेणच्या मां नमं
Jai nagana rai ri
जय मां मोतिया वाली मां नागणेशाय नमो
જય શ્રી નાગણેશ્વરી માતા
Jai ho maa🙏
Jai mata ji 🙏
Jay nagnechi mata
jay ma nagnechimataji
Jay nagneshwari ma🙏
जमुवाय माता जी मन्दिर का भी इतिहास बताना हुक्म
लिस्ट में है बस जाना नहीं हुआ |
Jay Ho
Jay nagnechi maa Jay Goga. Maharaj
Jai shree naganaray ma 🙏🚩💐
Jay nagdiche Mata de
Jay mata nagnesi
क्या नागणेचा माता को नवरात्रि में बकरे की बलि होती है बताने की कृपा करें
jay ma naganecha jay jay rathore
जय नागाणारॉय माता दी
जय मां
Thanks hukum
Jai mata nagnachi !! जय राजपुताना 🙏जय भवानी !!
🚩क्षत्रिय धर्म युगों युगों 🚩
जय नागणेची माता मध्य-प्रदेश कटनी जिला तहसील बिजरावगढ़ ग्राम बरुआ पोस्ट गुनौर
Jai ma nagnechi Jai ho mahare kuldevi
Jai maa di
Jai mata di
Jay ma NAGNESHI MA VIKRAM SINGH RATHORE
Jay ma nagneshi ma Shailesh sinh rathod kunol
Jai🙏🙏