तुम्हारे धन और सम्पत्ति से दूसरे क्या लाभ उठाएँगे? हमने भोगविलास में जीवन नहीं बिताया। वह कुलमर्यादा की रक्षा थी। विलासिता यह है, जिसके पीछे तुम उन्मत्त हो। हमने जो कुछ किया नाम के लिए किया। घर में उपवास हो गया है, लेकिन जब कोई मेहमान आ गया तो उसे सिर और आँखों पर लेते थे तुमको बस अपना पेट भरने की, अपने शौक की, अपने विलास की धुन है। यह जायदाद बनाने के नहीं बिगाड़ने के लक्षण हैं। अन्तर इतना ही है कि हमने दूसरों के लिए बिगाड़ा तुम अपने लिए बिगाड़ोगे।contact mail- visionindia.studio@gmail.com
Super hit
Super kahani
Missing those old days. Today is very fast way of life. Those days pace was slow enjoying every moment of reality.
अप शगुन ।
उत्तम प्रस्तुति ।
तुम्हारे धन और सम्पत्ति से दूसरे क्या लाभ उठाएँगे? हमने भोगविलास में जीवन नहीं बिताया। वह कुलमर्यादा की रक्षा थी। विलासिता यह है, जिसके पीछे तुम उन्मत्त हो। हमने जो कुछ किया नाम के लिए किया। घर में उपवास हो गया है, लेकिन जब कोई मेहमान आ गया तो उसे सिर और आँखों पर लेते थे तुमको बस अपना पेट भरने की, अपने शौक की, अपने विलास की धुन है। यह जायदाद बनाने के नहीं बिगाड़ने के लक्षण हैं। अन्तर इतना ही है कि हमने दूसरों के लिए बिगाड़ा तुम अपने लिए बिगाड़ोगे।contact mail- visionindia.studio@gmail.com
sir aap or upload karo or new serial banavo....
Mam yeh lashkr kyon hote haiii plz btaoo
sarkari log..
gyanshankar ke patra ka asli naam kya hai..
Tribute to the novelist Munshi Premchand Naman 🙏