महान आर्य उपदेशक जीवित किवदंती सहदेव बेधडक़ जी। साक्षात सुनना आह्लादित कर देता है। इनके ऊंचे और गहरे सुर की किसी से तुलना भी बेमानी है। महान गायक धर्मोपदेशक।
आर्य समाज द्वारा इस प्रकार का प्रचार पूरे देश आर्याव्रत के शहर गाँव में जन जन तक करना चाहिए ताकि देश मे से मूर्ती पूजा व पाखंडीओ का सफाया हो सके व वेदों का प्रचार घर घर पहुच सके नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब इन पाखंडीओं से तंग आकर लोग सिख ईसाई व मुस्लमान आदि बन जाएगे सत्यार्थ प्रकाश का प्रचार होना चाहिए आर्य समाज अमर रहे देश का झँण्डा उँचा रहे गऊ माता की रक्षा हो वैदिक ध्वनि ओउम् कृण्वंतो विश्वम आर्यम वैदिक धर्म की जय आर्य विव्दानो को प्रणाम्।
कृष्ण जी में आपकी बात से सहमत हूं आज आवश्यकता है कि देश से अंधविश्वास और पाखंड का खातमा होऔर हिन्दु समाज उचनीच छुआ-छूत को समाप्त करके संगठित होकर आगे बढ़ें और ये काम केवल आर्य समाज ही कर सकता है ।
विजय कुमार जी आपने बिल्कुल सही कहा मगर इन बातों को आज बहुत कम लोग मानते हैं। इसीलिए आज अंधविश्वास अधिक पनप रहा है। आपने ध्यान पूर्वक सुनकर अपने सुझाव भी दिए। आपका हार्दिक धन्यवाद जी 🙏🙏🙏
आर्य समाज मंदिरों में सबसे बड़ी कमी यह है कि आर्य समाज मंदिर के संचालक जो भी वहां लड़की लड़के जाकर शादी करना चाहते हैं उन्हें उनके परिवार को बगैर सूचना दिए ही उसे शादी का सर्टिफिकेट दे देते हैं जो देश और समाज के लिए दुखती रग बन जाता है। इससे समाज में दुश्मनी बढ़ती है क्योंकि कोई भी माता पिता अपने बच्चों के भविष्य को खराब करना चाहता। जवान बच्चे को पूरा ज्ञान नहीं होता और जब ज्ञान होता है तब तक तो लंका लुट चुकी होती है।
ऐसा बताते है कि पंजाब के जाट सिख धर्म अपनाते हुए जब अंबाला की तरफ काफी लोग सिख धर्म अपना रहे थे। सिख तो अस्त्र शस्त्र रखते हैं,इस कारण स्वामी जी आर्य समाज लेकर आए । जाटों को शूद्रों की श्रेणी में वर्ण व्यव्स्था में रखते हैं,लेकिन आज सबसे ज्यादा ब्राह्मण धर्म के अर्थात हिंदू धर्म के पैरोकार बने फिरते हैं। आज सबसे ज्यादा जाट कांवड़ लेकर आते हैं । इसके बारे में स्वामी जी आप कृपा नवजवानों को निर्देश तो दो ।
कमाल कर दिया महाशय जी महर्षि दयानंद सरस्वती की जय
महान आर्य उपदेशक जीवित किवदंती सहदेव बेधडक़ जी। साक्षात सुनना आह्लादित कर देता है। इनके ऊंचे और गहरे सुर की किसी से तुलना भी बेमानी है। महान गायक धर्मोपदेशक।
दिल से धन्यवाद जी 🙏🙏🙏
आर्य समाज द्वारा इस प्रकार का प्रचार पूरे देश आर्याव्रत के शहर गाँव में जन जन तक करना चाहिए ताकि देश मे से मूर्ती पूजा व पाखंडीओ का सफाया हो सके व वेदों का प्रचार घर घर पहुच सके नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब इन पाखंडीओं से तंग आकर लोग सिख ईसाई व मुस्लमान आदि बन जाएगे सत्यार्थ प्रकाश का प्रचार होना चाहिए आर्य समाज अमर रहे देश का झँण्डा उँचा रहे गऊ माता की रक्षा हो वैदिक ध्वनि ओउम् कृण्वंतो विश्वम आर्यम वैदिक धर्म की जय आर्य विव्दानो को प्रणाम्।
कृष्ण जी में आपकी बात से सहमत हूं आज आवश्यकता है कि देश से अंधविश्वास और पाखंड का खातमा होऔर हिन्दु समाज उचनीच छुआ-छूत को समाप्त करके संगठित होकर आगे बढ़ें और ये काम केवल आर्य समाज ही कर सकता है ।
महर्षि देव दयानंद सरस्वती जी की जय हो
इतना जोश 🚩🚩 जय आर्यवर्त
वैदिक सत्य सनातन धर्म की जय हो
अन्धविश्वास को दूर करने की पूरी कौशिश की थी ।
विजय कुमार जी आपने बिल्कुल सही कहा मगर इन बातों को आज बहुत कम लोग मानते हैं। इसीलिए आज अंधविश्वास अधिक पनप रहा है।
आपने ध्यान पूर्वक सुनकर अपने सुझाव भी दिए। आपका हार्दिक धन्यवाद जी 🙏🙏🙏
आर्य समाज मंदिरों में सबसे बड़ी कमी यह है कि आर्य समाज मंदिर के संचालक जो भी वहां लड़की लड़के जाकर शादी करना चाहते हैं उन्हें उनके परिवार को बगैर सूचना दिए ही उसे शादी का सर्टिफिकेट दे देते हैं जो देश और समाज के लिए दुखती रग बन जाता है। इससे समाज में दुश्मनी बढ़ती है क्योंकि कोई भी माता पिता अपने बच्चों के भविष्य को खराब करना चाहता। जवान बच्चे को पूरा ज्ञान नहीं होता और जब ज्ञान होता है तब तक तो लंका लुट चुकी होती है।
बेधड़क जी प्रणाम
बहुत अच्छा
Dil. Ko. Choo. Liya
ओ३म्
Nice or video bejo
आपकी फरमाइश जरुर पूरी करेंगे जी।
धन्यवाद जी 🙏🙏🙏
स्वामी दयानन्द की जय हो ।
बहुत बहुत धन्यवाद जी 🙏
Very good voice
आपका बहुत बहुत धन्यवाद जी 🙏
Nic
🕉️🙏🙏🙏
Thanks
Bedhakji ki jai ho
ऐसा बताते है कि पंजाब के जाट सिख धर्म अपनाते हुए जब अंबाला की तरफ काफी लोग सिख धर्म अपना रहे थे। सिख तो अस्त्र शस्त्र रखते हैं,इस कारण स्वामी जी आर्य समाज लेकर आए । जाटों को शूद्रों की श्रेणी में वर्ण व्यव्स्था में रखते हैं,लेकिन आज सबसे ज्यादा ब्राह्मण धर्म के अर्थात हिंदू धर्म के पैरोकार बने फिरते हैं। आज सबसे ज्यादा जाट कांवड़ लेकर आते हैं । इसके बारे में स्वामी जी आप कृपा नवजवानों को निर्देश तो दो ।
Bendas jiii
Bhout ache guru je
बाबा सहदेव सिंह बेधड़क जी को मेरा नमस्कार
Ati sunder