लवी जैन.... बहुत अच्छा समझाया भैया जी ने 🙏 सारा खेल अनुभव का है। अगर किसी की कही हुई बात बिना सोचे समझे मान लेंगे तो फिर किसी दिन कोई दूसरा कुछ और कहेगा वो भी मानने में देर नहीं लगेगी। अगर सुन, सोच, समझ, विचार कर स्वीकृति दी होगी तो फिर कोई कुछ भी कहता रहे बात से हिलने वाले नहीं हम। सबसे बड़ी भूमिका निभाता है ये अनुभव हर एक बात में हर एक चीज में कहने का तात्पर्य ये है ( जाके पाँव न फटे विवाई सो क्या जाने पीर पराई) जब खुद पर बीते तब समझे सिर्फ इतनी सी बात है। गुरु हमें मार्ग बता सकते है, समझा सकते है भेद ज्ञान की कला सिखा सकते है, लेकिन आखिर करना तो हमें ही होगा। 🙏🙏
देवगढ़ी और सोनगढ़ी में अब निरंतर अंतर कम होता जा रहा है । वहां मुनिराज बाहरी क्रिया कांड करवा रहे हैं यहां पंडित कर वा रहे हैं। विचार और निर्णय करें 5 to 15. पूज्य गुरु देव श्री कांजी स्वामी आज वर्तमान में फोटो में रह गए
सब सोनगढ वाले एक समान नही है । गुरुदेव को मानने वाले तो सोनगढी कहलाते है लेकिन जो गुरुदेव को और गुरुदेव की बात को भी मानते है वे सोनगढी नही है , मोक्ष मार्गी है सही अर्थ मे ।
आदरणीय पण्डित जी साहब सादर जय जिनैंद्र 🙏🙏🙏
Jai Jinendra 🙏🏼
👌🙏🙏🙏
Jai jinendra 🙏🙏🙏
Jai jinendra dahod
Jai Jinendra ji 🙏
जय जिनेन्द्र पंडित जी,कितना अच्छा समझाते हैं आप ,बहुत बहुत उपकार
सविनय सादर जयजिनेन्द्र, सरजी... 🙏🏻🕉️🙏🏻
मौन वंदना🙏🙏🙏
लवी जैन.... बहुत अच्छा समझाया भैया जी ने 🙏
सारा खेल अनुभव का है। अगर किसी की कही हुई बात बिना सोचे समझे मान लेंगे तो फिर किसी दिन कोई दूसरा कुछ और कहेगा वो भी मानने में देर नहीं लगेगी।
अगर सुन, सोच, समझ, विचार कर स्वीकृति दी होगी तो फिर कोई कुछ भी कहता रहे बात से हिलने वाले नहीं हम।
सबसे बड़ी भूमिका निभाता है ये अनुभव हर एक बात में हर एक चीज में कहने का तात्पर्य ये है ( जाके पाँव न फटे विवाई सो क्या जाने पीर पराई) जब खुद पर बीते तब समझे सिर्फ इतनी सी बात है। गुरु हमें मार्ग बता सकते है, समझा सकते है भेद ज्ञान की कला सिखा सकते है, लेकिन आखिर करना तो हमें ही होगा। 🙏🙏
बंध साधने से बंध ही सधता है ।
Jay jinendre Dolly kothari dahod namaste
Khub khub. Mar.ik vive hand. Veetrag Ehsan Jay vant varto,pndtji jayjinendra.
बहुत बहुत आभार
सभी परम पावन आत्माओं को सादर अभिवादन जय जिनेन्द्र नरेंद्र कुमार जैन जयपुर 🙏🙏🙏
Thank you very very much Dr. VIVEK JI . Aap ke Gyaan ki bahut bahut anumodna . 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 .
Sardar Baljit Singh Punjab Jai Jinendra all of you
धर्म वैराग्य की परिणति मे पलता है✅️🙏
मान महा विष रूप ।
यह दसलक्षण में लिखा है ।
मेरा अनुभव क्या कहता है
50 to end
देवगढ़ी और सोनगढ़ी में अब निरंतर अंतर कम होता जा रहा है ।
वहां मुनिराज बाहरी क्रिया कांड करवा रहे हैं यहां पंडित कर वा रहे हैं।
विचार और निर्णय करें
5 to 15.
पूज्य गुरु देव श्री कांजी स्वामी आज वर्तमान में फोटो में रह गए
सब सोनगढ वाले एक समान नही है । गुरुदेव को मानने वाले तो सोनगढी कहलाते है लेकिन जो गुरुदेव को और गुरुदेव की बात को भी मानते है वे सोनगढी नही है , मोक्ष मार्गी है सही अर्थ मे ।