अमित जी ! बहुत सुन्दर!मां' पर और भी रचनाएं पढी है लेकिन वात्सल्य रस उनमें से कम में ही नज़र आया।आप की ये ग़ज़ल वात्सल्य रस की मिसाल है तथा सुरजीत जी की आवाज ने उसे और उभारा है। ठीक लिखा था विडियो में कि' जहां मां की कदर नहीं होती ,उस घर में कभी बरकत नहीं होती।एक सत्य और भी जो भी मां की कदर नहीं करता उसे जीवन में कभी शांति नहीं मिलती!गज़ल बेमिसाल है!🌹🌹🌹🌹🌹👍👍👍👍👍👏👏👏👏
प्रियबंधु ! अतिशय सुंदर अतीव संग्रहणीय कभी कभी कुछ सुनना बहुत सुखद होता है ये ग़ज़ल ऐसी ही है अनुपम ... अनेकानेक हार्दिक साधुवाद ... जीते रहिए । डाक्टर साहब का गायन भी बहुत ही ख़ूब उन्हें भी दिली मुबारकबाद ...
Bahut umda gazal. Shabd Anupam. Awaz divine, shayad ma rup me ishvar ke liye gaya hai isliye. Bahut khubsurat. Aur video bhi . Har shabd kam hai iski badai me. Kyuki ma ke liye kuch kahna, kuch likhna gana sab bahut muskil hai.
Zindabad
Waaaahhhh 👍👍👍
बहुत ही उम्दा शानदार
दिल छू लिया ग़ज़ल ने
जितना उम्दा कलाम उतनी ही खूबसूरत तरन्नुम
दिली दाद कबूल कीजिये
तहेदिल से आपका शुक्रगुजार हूँ सानी भाई !
Waaah Waaah. Bahot pyaara geet hai Amit. 👏🏼👏🏼👏🏼🙏🏻😊💐
बहुत बहुत शुक्रिया माँ !
बहुत ही लाजवाब माँ ,,जैसा कोई नही इस जहान में
बेहतरीन ग़ज़ल कामयाब कोशिश।दिल छूने वाली बेहतरीन स्वर। बहुत बधाई
हार्दिक आभार आदरणीय !
भाव विभोर कर दिया .....
sona ranu ji bahut bahut sukariya.
Great words
बहुत ही सुंदर लेखनी व आवाज अधरं मधुरं है
हार्दिक आभार चौबे जी !
बहुत उम्दा। आपको मेरा सलाम।
बहुत शुक्रिया प्रिय !
अमित जी ! बहुत सुन्दर!मां' पर और भी रचनाएं पढी है लेकिन वात्सल्य रस उनमें से कम में ही नज़र आया।आप की ये ग़ज़ल वात्सल्य रस की मिसाल है तथा सुरजीत जी की आवाज ने उसे और उभारा है। ठीक लिखा था विडियो में कि' जहां मां की कदर नहीं होती ,उस घर में कभी बरकत नहीं होती।एक सत्य और भी जो भी मां की कदर नहीं करता उसे जीवन में कभी शांति नहीं मिलती!गज़ल बेमिसाल है!🌹🌹🌹🌹🌹👍👍👍👍👍👏👏👏👏
हार्दिक आभार मुनीश जी !
Nice
प्रियबंधु !
अतिशय सुंदर
अतीव संग्रहणीय
कभी कभी कुछ सुनना बहुत सुखद होता है
ये ग़ज़ल ऐसी ही है
अनुपम ...
अनेकानेक हार्दिक साधुवाद ...
जीते रहिए ।
डाक्टर साहब का गायन भी बहुत ही ख़ूब उन्हें भी दिली मुबारकबाद ...
हार्दिक आभार आदरणीय !
Bahut umda gazal. Shabd Anupam. Awaz divine, shayad ma rup me ishvar ke liye gaya hai isliye. Bahut khubsurat. Aur video bhi . Har shabd kam hai iski badai me. Kyuki ma ke liye kuch kahna, kuch likhna gana sab bahut muskil hai.
आपके क़ीमती कॉमेंट के लिये तहेदिल से शुक्रिया !
बढ़िया
मेरा दोस्त अमित ज़िंदाबाद, सुजीत साहब ज़िंदाबाद शब्द,भाव कम्पोज़िशन मणि कांचन योग ज़ोर-ए- हुनर हो ज़ियाद:
यासमीन तहेदिल से शुक्रिया !