कारसदेव महाराज की गोट सखी के हनुमान जी हरविलास गोटिया sakhi ke hanuman ji ki got
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- Опубліковано 19 жов 2024
- #शखी_के_हनुमान_की_गोट
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About this Video-
नमस्कार दोस्तों
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कारस देव पिता राजू चंदीला और बड़ी बहिन एला दे प्राचीन काल की बात है ,उस समय गढ़ राजौर पर राजू चंदीला गुर्जर नामक बहादुर योद्धा राज किया करता था ,उस राज्य प्रजा बहुत सुखी थी ,उनकी पत्नी सोडा बहुत ही धार्मिक विचारों बाली अत्यंत सुन्दर महिला थी ,उनके गर्भ से पहली संतान पुत्री हुई ,ज्योतिषियों ने उस कन्या का नामकरण एला दे नाम से किया ,और राजा को उसके भविष्य के बारे में बताया कि हे राजन ,यह लड़की बड़ी होकर आपके कुल का नाम रोशन करेगी ,समय बीतता गया एला दे बड़ी हुई और पास के पहाड़ के मंदिर में देवी की तपस्या करने लगी ,जिससे उसमे अध्यात्मिक बल बढ़ने लगा एक दिन दिल्ली के बादशाह अल्लाउद्दीन खिलजी का मदमस्त हाथी सांकल तोड़कर भाग छूटा ,हाथी के पीछे पीछे सैनिक और हाथी को सँभालने बाले दौड़ते हुए चल रहे थे , हाथी के पीछे पीछे सांकल जमीन पर रगड़ती जा रही थी ,लेकिन किसी भी सैनिक की हिम्मत नहीं थी कि उस हाथी की सांकल पकड़ कर रोके। वह हाथी खेत खलिहान जानवर इंसान सभी को रौंदता हुआ आगे बढ़ रहा था ,जब यह दृश्य एला ने देखा तो उसने देवी में श्रद्धा रखते हुए उनके नाम का सुमिरन कर पैर का अंगूठा सांकल पर रख दिया ,और हाथी को रोक दिया। यह दृश्य देखकर सैनिको को बहुत आश्चर्य हुआ ,उन्होंने एला दे से उसका परिचय पूछा ,एला दे ने जबाब दिया ,तुम्हारा हाथी तुम्हारी पकड़ में आ गया ,अपना हाथी वापस ले जाओ ,मेरे पिता राजू चंदीला को अगर पता लग गया कि तुम लोगों ने हाथी से जानमाल का इतना नुक्सान पहुँचाया है ,तो तुम्हारी उम्र जेल में ही बीतेगी सैनिकों ने लौट कर सारा समाचार बादशाह को सुनाया ,और बताया कि हमने शूरवीर तो बहुत देखे है ,लेकिन शूरवीरों से भी बहुत शक्तिशाली और अत्यंत सुन्दरी ,राजा राजू चंदीला की पुत्री एला दे जैसी वीरांगना कभी नहीं देखी ,बादशाह के पुत्र ने ऐसी वीरांगना से शादी की प्रबल इच्छा जताई , तो बादशाह ने अपने पुत्र से शादी करने के लिए एला दे से शादी का प्रस्ताव भिजवाया ,अन्यथा युद्ध की धमकी दी ,राजू चंदीला ने युद्ध को चुना ,भयंकर युद्ध हुआ ,,राजू चंदीला की थोड़ी सी सेना बादशाह के सामने धराशाई होने लगी अगले दिन हार निश्चित मानकर ,राजू चंदीला रात्रि में सुरंगो में होते हुए बचते बचाते ,अपनी पुत्री और पत्नी को लेकर ,भरतपुर की ओर रवाना हो गये ,जहाँ उन्होंने बैर तहसील के निठार गाँव में बसेरा किया ,दूसरे दिन बल्लभगढ़ होते बूढी जहाज पहुंचे ,जहाज पहुंचकर राजू चंदीला ने ,मान्या लुहार के यहाँ नौकरी कर लीमान्या लुहार काफी बलशाली और बात बाला योद्धा था
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घमंडी कुशवाहा की आवाज में गोट
• karashdev baba ki got ...
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Thanks for watching
Jay ho dev baba ki 🙏🙏👌👌 bahut hi sundar
Jai ho 👍👍
जय हो देव बाबा की
Jai ho
Bhaiya je dhak kon bja raha राजेंद्र सिंह bhaisahab bja rahe kya
Bhaiya ji hm dhakere ka name ni jante hai jay ho dev baba ki jay heeraman maharan ki jay karsh dev baba 🌹please bhaiya ji uamara yoytabe Chenanl subscribe jarur kare
बिजेंद्र पालश