Uttarakhand। Spicy Pahadi Buttermilk Drink। PALLAR (पल्लर)। पहाड़ी खानपान। Dehradun
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- Опубліковано 9 лют 2025
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उत्तराखंड के खानपान संस्कृति में पल्लर का अपना विशिष्ट स्थान है। विशेषकर दूनघाटी के सैकड़ों गांव में.. हालांकि, शहरी कल्चर में पल्लर की जगह धीरे-धीरे अन्य आधुनिक पेय पदार्थों ने ले ली है। लेकिन जनपद देहरादून के गांवों में आज भी पल्लर लोगों के दैनिक खान-पान का हिस्सा है। वहीं शादी-समारोह के दौरान तो मेहमान पल्लर का आनंद जरूर लेते हैं। यह स्वादिष्ट ही नहीं, बेहद स्वास्थ्यवर्धक पेय भी है। यह पेट के रोगों की तो यह अचूक दवा है। आपने इसे एक बार पी लिया तो बार-बार पीने का मन करेगा।
मिट्टी के घड़े में और गोबर के उपलों की आंच में होता है तैयार
पल्लर तैयार करने का भी अलग ही अंदाज है। इसके लिए मिट्टी के घड़े को साफ कर सुखा लिया जाता है। फिर थोड़ी-सी हींग, इलायची दाना, लौंग और काली मिर्च का पाउडर बनाकर उसका शुद्ध घी के साथ पेस्ट तैयार कर लिया जाता है। अब गोबर के कंडे को पूरा जलाकर उसके साबुत अंगारे के ऊपर इस पेस्ट को रख देते हैं। धुंआ उठने पर इसके ऊपर सुखाए गए घड़े को उल्टा रख दिया जाता है, जिससे धुआं घड़े में भर जाए। पेस्ट के पूरी तरह जलने पर घड़े के आधे से अधिक या तीन चौथाई हिस्से में कपड़े से छना ताजा मट्ठा भर देते हैं। अब पिसी हुई हल्दी और राई के दानों का पाउडर अच्छी तरह इस मट्ठे में मिला लिया जाता है।
छौंक लगाने का भी निराला अंदाज
इसके लिए गोबर के उपलों के तेज अंगारों पर मिट्टी का कटोरेनुमा बर्तन (कसोरे) रख लिया जाता है। खूब गर्म (लाल) होने पर इस बर्तन में अंदाज से सरसों का तेल डाल लेते हैं। तेल के खूब गर्म होने पर उसमें तड़के के लिए पहले धनिया डालकर उसे भूरा होने देते हैं फिर जीरा, मैथी, हींग, लौंग और लाल मिर्च डाली जाती हैं। जैसे ही तेल खूब गर्म हो जाता है फिर कटोरेनुमा बर्तन को चिमटे से पकड़कर सीधे घड़े में डालकर छौंका लगाया जाता है।
तीन दिन एयर टाइट बर्तन में रखा जाता है पल्लर
मट्ठे को छौंकने के बाद हिसाब से नमक-मिर्च मिलाकर घड़े के खाली हिस्से को पानी से भर लेते हैं। इसके बाद घड़े का मुंह ढकने के लिए उस पर गोल पेंदे वाले बर्तन का ढक्कन रखकर एयर टाइट कर लिया जाता है। इसके लिए घड़े और ढक्कन के जोड़ पर अच्छी तरह गीला आटा लगा लिया जाता है। तीन दिन तक बंद रखने के बाद चौथे दिन घड़े का ढक्कन खोला जाता है। फिर तैयार होता है जायकेदार स्वादिष्ट पल्लर। खास बात यह कि पल्लर कई-कई दिनों तक खराब नहीं होता।
छौंकते हुए सावधानी रखना जरूरी
मट्ठा का छौंकने की प्रक्रिया थोड़ी रिस्की है। कारण, कटोरेनुमा बर्तन को घड़े में डालते ही आग की लपटें उठती हैं। इसलिए किसी गोल पेंदे वाले बर्तन से घड़े का मुंह ढक देना चाहिए। लेकिन, विपरीत दिशा से घड़े का मुंह खुला रखना जरूरी है, जिससे लपटें बाहर निकल सकें।
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bahut he tasty...thanks
Are wah nice 👍👍👍
❤
Bahut sunder jankari kaintura ji ke channel ke madham se
Nice video
Bhut सुन्दर bhiya
Pallar originally dehradun ka hi h ....
Pahado me nahi bnaya jata
Aaj se 70 varsh pahle pallar nahi banta tha,iske sthan par is elake me bhi pakode bante the,kalanter men pakodon ki jagah pallar ne leli hai,yah pallar nahi hai yah to matha hai,bina bhalle ke pallar nahi banta,bhalle yukt matha ko hi paller kahte hain