हम देखा राम जनकपुर मा....Holi kailawan fag

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  • Опубліковано 8 сер 2023
  • देखा राप जनकपुर मां*
    [1]जनकपुरी के शाला मां , जयपाला लिए शियाकर मा जह रतन जड़ित सिंहासन उपर, बइठे राम जनकपुर पो जब लिए सहीदर सियाराप, तण लक्ष्यण बात कहे मन मा
    सस्थियां अब रंग बिरंग भई, मुसकाय रही अपने मन मा | जहा कंचन की पिचकारी लिए, तब लाल- गुलाल चुर्यदलमा ।
    तिहुँ लोक की शोभा का वरणों जब नारद नुके बिहू दला मां
    हम देखा राप जनकपुर मां*
    क्षुध की टकोट शब्द सुनि डोलि उठे धरती के नाग तब परसुराप मंदिर ते आये, लझिमन भाई ते बात परी तब दीन्ह जवान राय भ्राता में, हाहाकार मचो दल मां |
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    हम देखा राप जनकपुर मां*
    १] जगनाथ जगभग चिन्तार्याण, बद्रीनाथ को ध्यास घरै, 6 काशी अविनाशी प्रयागराज , वेणी ,त्रिवेणी हरिद्वार असनान करें सब पाप कटे एकै छन मां
    हम देखा राप जनकपुर मां*
    समाप्त

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