Lakhera sir aap bahut achha kaam rahe hai aapne silpkaro ki pahchan ko ujaagar karne ka jo kaam kiya hai aapka bahut bahut dhanyabad aap jaise samaajik hi silpkaro ke liye sooh sakte ho ❤
Lakhera jee bahut bahut dhanyavaad apne apne yu tube chanale ke madhyam se hum Shilpkaro ke etihas ke bare mai ujaagar karne ke liye 21v shadi Mai aaj v hum achhut ke shikar hai hame dharmik sthanou mai pravesh varjit hai
बहुत सुंदर जानकारी हकीकत के साथ हित और सुविचार के साथ हमारा उत्तराखण्ड की पहचान नमन है छूआ छूत को जड़ से मिटाया जाना चाहिए मैं वोड समुदाय से हूं जो टम्टा और सुनार कार्य से भी जुड़े रहे हमारे बड़े बुजुर्गो का संबंध खस लोगों से भाई चारे का रहा है और यही आगे भी रहना चाहिए तभी हमारा उत्तराखण्ड बहुत ही विशेष और अपने गौरव के साथ पहचाना जायेगा।
लखेड़ा जी जब आप जैसे पढ़े लिखे बुद्धिजीवी लोग समाज में हैं तो उत्तराखण्ड में जाती वाद दिनों दिन क्यों बढ़ रहा है, गढ़वाल में तो कहते हैं स्थिति बहुत दयनीय है
उत्तराखंड का शिल्पकार समाज आज भी हासिए पर है,जिस तरह से यहा शिक्षा का निजीकरण हो रहा है आगे भी इस समाज का पूर्ण रूप से उभर पाना मुश्किल है, यहा की शिक्षा व्यवस्था सोचनीय है।
तम जा आरक्षण लेते हों, तो ऊपर वाला तुम्हारी मक्कारी को माफ नहीं करेगा, सबसे ज्यादा बेरोजगार मुस्लिम समाज मैं है ओर उसके बाद सवर्ण समाज मैं, सबसे कम तुम्हारे
उत्तराखंड के मूलनिवासी शिल्पकार ही रहे हैं आज भी शिल्पकारों को छूआछूत का सामना करना पड़ता है।। शिल्पकारों का तो सभी ने आदर करना चाहिए क्योंकि उत्तराखंड की संस्कृति को सबसे ज्यादा शिल्पकारों ने बचाया है ❤❤❤
लखेडा जी सादरप्रणाम बहुत सुंदर वीडियो थैंक यू सो मच अपना अनुभव साझा करने के लिए लेकिन मैं आपसे एक बात जरुर कहना चाहता हूं उत्तराखंड में सबसे ज्यादा जातिवाद है इतना किसी प्रदेश में नहीं है दूसरी बात उत्तराखंड मैं आज भी कई शिल्पकार बस्तियों में सड़क की बड़ी समस्या है क्योंकि आगे पीछे सब जगह ठाकुरों की जमीन है और वहां के जो शिल्पकार लोग हैं बाहुल्य क्षेत्र के लोग हैं वह आज भी भूमिहीन है जिस प्रकार से उत्तराखंड में भूकंप की मांग की जा रही हैलेकिन भूमिहीन शिल्पकार की बात कोई नहीं करता और ना ही उनके विकास की बात करता है भूमि शिल्पकार अनुसूचित जाति बहुलक क्षेत्र लोगों के विकास के उत्थान के लिए आप जरूर एक वीडियो बनाएंगे और उसे सजा करेंगे तो अति प्रशंसा होगी क्योंकि आज भी शिल्पकार समाज का विकास इसलिए नहीं हो पा रहा है चूहा के श्रवण जाति के लोगों का चारों तरफ से खेतों पर कब्जा है वह उनके विकास कार्यों में बनते जा रहा है और ना ही शिल्पकार अपनी विकास की कोई मांग कर सकते क्योंकि वह घूम ही नहीं नव भूमि दान कर सकते हैं और ना ही उनके पास इतनी दान करने लायक भूमि है इसके बारे में आप जरूर अपने चैनल के माध्यम से उत्तराखंड की जनता और सरकार को जीत चेताइगे और उत्तराखंड की भूमि लोगों को कहीं भूमि आवंटित करने की मांग भी अपने चैनल से उठाएंगे कहीं ऐसे गांव है गढ़वाल और कुमाऊं में जहां अनुसूचित जाति शिल्पकार जाति के लोगों का उत्थान आज भी नहीं हो रहा है और दिन प्रतिदिन जाति धर्म बढ़ते जा रहा है डिब्बे में यह बड़ा अनर्थ है कि यहां है कि यहां जाति धर्म सबसे ज्यादा होता है और भेदभाव बहुत चरम पर बढ़ता जा रहा है आज के पढ़े लिखे समाज में भी बहुत कुछ सोच लोगों ने अपने दिमाग में पाल रखी है इसका सबसे में कारण यह है कि लोगों के बच्चे स्कूल बाद में जाते हैं जाति धर्म का पाठ पहले पढ़ लेते हैं लेकिन आप जैसे महान मानव को अनुसूचित जाति शिल्पकार समाज के लोगों के उत्थान के लिए जरूर अपने जन्म में एक वीडियो जराडालनी डालनी चाहिए मैं ऐसा समझता हूं अल्मोड़ासाल्ट
शिल्पकारों हाथों बाद्ययन्त्रो जो पूजनीय भी है शोभा देते है उन्हे ज्ञान भी है बहुत सुन्दर👌👌👍👍🚩🚩 परन्तु आजकल इसी ढोल दमाऊ को रील बनाने वाली महिलाओं को ब्याह शादी में अक्सर बजाते दिख रहा है जो कि बिन ज्ञान के बजा रही है है आध्यात्मिक दृष्टिकोण से से उचित नही है इस पर समीक्षा चाहिए 🙏
उत्तराखंड के शिल्पकारों के अलावा किसी भी लोगों को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है । अन्य लोगो ने हमेशा ही लोगों को गुमराह किया है। जिससे समाज में शिल्पकारों को भेदभाव का सामना करना पड़ा है।😞
I dont understand if all shipkars are ancestors of kol/kirat then wherefrom caste system came among shilpkar. In this video you told that shilpkars further devided in four groups based on upper and lower group. Why did so? Why a tamta thinks he is superior than auji. Is it not caste system among shilpkar. Any realstic answer Lakheja ji? Hope you will provide some authentic answer in this serious matter because I respect you very much as you are constantly trying to glorify shilpkars and put them in respectable community. Perhaps your efforts help eradicate caste system among shilpkars. Iam a person belong to Auji community from Uttarakhand
एक बात विचार करने योग्य है जो निर्माण करने का कार्य कर्ता था इंजीनियरिंग का कार्य कर्ता था मेहनत कर्ता था वो जाति में निम्न श्रेणी में क्यु रखा गया.. जब कि स्वर्ण वर्ग विशेषकर ब्राह्मण समाज जो सदियों से भगवान के पूजन के कर्म से दान दक्षिणा से कम मेहनत से काम करते हुए अपना जीवन व्यापन कर्ता था तो वो उच्च कैसे हो गया.. भगवान ने सबको बराबर बनाया तो इंसानों ने जाति बनाकर इंसान को बाट दिया है
आप तो सही कह रहे हैं ना सर लेकिन उत्तराखंड में जातिवाद और छुआछूत की बीमारी तो कभी नष्ट होनी वाली नहीं और हमारा जो आरक्षण है वह हरिद्वार उधम सिंह नगर वाले उठाकर ले जाते हैं।
महोदय आपने उत्तराखंड में एक उपजाती मोची चमार बताई है परंतु उत्तराखंड में कोई उपजाती मोची चमार के नाम से नहीं है । भले ही इस काम को इन ही उपजातियों द्वारा किया जाता था। एक जाती चमड़ा तयार करता था दूसरी जाति जूते बनाने का काम करता जूते बनाने वाले चमड़ा तयार करने वाले से कोई संबंध नहीं रखता था।नही रिश्ता रखता था।
जै शिल्पकार
Lakhera sir aap bahut achha kaam rahe hai aapne silpkaro ki pahchan ko ujaagar karne ka jo kaam kiya hai aapka bahut bahut dhanyabad aap jaise samaajik hi silpkaro ke liye sooh sakte ho ❤
शिल्पकार समाज जो कि उत्तराखण्ड का सबसे पहले का मूल निवासी है,
अब यह समाज काफ़ी बदल चुका है वो भी अपनी मेहनत के दम पर
बहुत ही सटीक और सही जानकारी दी है आपने ।
Lakhera jee bahut bahut dhanyavaad apne apne yu tube chanale ke madhyam se hum Shilpkaro ke etihas ke bare mai ujaagar karne ke liye 21v shadi Mai aaj v hum achhut ke shikar hai hame dharmik sthanou mai pravesh varjit hai
बहुत सुंदर जानकारी के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत सुंदर जानकारी हकीकत के साथ
हित और सुविचार के साथ हमारा उत्तराखण्ड की पहचान
नमन है
छूआ छूत को जड़ से मिटाया जाना चाहिए
मैं वोड समुदाय से हूं जो टम्टा और सुनार कार्य से भी जुड़े रहे
हमारे बड़े बुजुर्गो का संबंध खस लोगों से भाई चारे का रहा है और यही आगे भी रहना चाहिए तभी हमारा उत्तराखण्ड बहुत ही विशेष और अपने गौरव के साथ पहचाना जायेगा।
Thanks for this historical information by Dr sahab
Thanks Lakhera ji for your deep historical knowledge about UK
Achchi jankari di hai. Super
लखेड़ा जी जब आप जैसे पढ़े लिखे बुद्धिजीवी लोग समाज में हैं तो उत्तराखण्ड में जाती वाद दिनों दिन क्यों बढ़ रहा है, गढ़वाल में तो कहते हैं स्थिति बहुत दयनीय है
Bilkul sahi bola. Jatiwad bahut hai uttarakhand mai
@@deohork270 माफ करना, जातिवाद 80% आरक्षण की वजह से बढ़ रहा है।
@@ar02816 आरक्षण नहीं होता तो 100% होता
बहुत सटीक बात कही आपने ||
उत्तराखंड की संस्कृति के असल पुरोधा ❤
आपने अंत में जो देवियों की बात बताई इसे विस्तार से कभी बताएं 🙏
Thanku lakehra G
Jay Ho shilpkar ❤❤❤❤❤
Nice information
उत्तराखंड का शिल्पकार समाज आज भी हासिए पर है,जिस तरह से यहा शिक्षा का निजीकरण हो रहा है आगे भी इस समाज का पूर्ण रूप से उभर पाना मुश्किल है, यहा की शिक्षा व्यवस्था सोचनीय है।
तम जा आरक्षण लेते हों, तो ऊपर वाला तुम्हारी मक्कारी को माफ नहीं करेगा, सबसे ज्यादा बेरोजगार मुस्लिम समाज मैं है ओर उसके बाद सवर्ण समाज मैं,
सबसे कम तुम्हारे
❤❤❤ नमस्कार गुरु जी 👌👌👌👌 बहुत बहुत बढ़िया प्रस्तुति ✌️✌️👍👍👍
अत्यंत सुंदर जानकारी प्राप्त हुई ❤😊
पहले हमे अपने असली इतिहास पता नहीं था जब से पता चला तब से अपने पूर्वजों पर गर्व होता है।
- सचिन चन्याल
@@sachinchindra755 ❤️💯
@@sachinchindra755 💯❤️
प्रणाम सुप्रभात नमस्कार सर जी बहुत ही सुन्दर और अच्छी वीडियो लग जी और आपक द्वारा बहुत अच्छी जानकारी प्राप्त हुंद
उत्तराखंड के मूलनिवासी शिल्पकार ही रहे हैं आज भी शिल्पकारों को छूआछूत का सामना करना पड़ता है।।
शिल्पकारों का तो सभी ने आदर करना चाहिए क्योंकि उत्तराखंड की संस्कृति को सबसे ज्यादा शिल्पकारों ने बचाया है ❤❤❤
Sahi khaa. Mai to chuwa chut ko pure chutiyapa maanta hu. Kam akal log hi ESI baato m vishwas krte hai.
Sir Aapki Achchi Jankari ke liye bahut bahut Dhanyawad
Jay shilpkar
🙏🙏🙏❤️❤️❤️🇳🇵🇲🇾 जय शिल्पकार
Bhai malaysia ka flag hai😂
😊
लखेडा जी सादरप्रणाम बहुत सुंदर वीडियो थैंक यू सो मच अपना अनुभव साझा करने के लिए लेकिन मैं आपसे एक बात जरुर कहना चाहता हूं उत्तराखंड में सबसे ज्यादा जातिवाद है इतना किसी प्रदेश में नहीं है दूसरी बात उत्तराखंड मैं आज भी कई शिल्पकार बस्तियों में सड़क की बड़ी समस्या है क्योंकि आगे पीछे सब जगह ठाकुरों की जमीन है और वहां के जो शिल्पकार लोग हैं बाहुल्य क्षेत्र के लोग हैं वह आज भी भूमिहीन है जिस प्रकार से उत्तराखंड में भूकंप की मांग की जा रही हैलेकिन भूमिहीन शिल्पकार की बात कोई नहीं करता और ना ही उनके विकास की बात करता है भूमि शिल्पकार अनुसूचित जाति बहुलक क्षेत्र लोगों के विकास के उत्थान के लिए आप जरूर एक वीडियो बनाएंगे और उसे सजा करेंगे तो अति प्रशंसा होगी क्योंकि आज भी शिल्पकार समाज का विकास इसलिए नहीं हो पा रहा है चूहा के श्रवण जाति के लोगों का चारों तरफ से खेतों पर कब्जा है वह उनके विकास कार्यों में बनते जा रहा है और ना ही शिल्पकार अपनी विकास की कोई मांग कर सकते क्योंकि वह घूम ही नहीं नव भूमि दान कर सकते हैं और ना ही उनके पास इतनी दान करने लायक भूमि है इसके बारे में आप जरूर अपने चैनल के माध्यम से उत्तराखंड की जनता और सरकार को जीत चेताइगे और उत्तराखंड की भूमि लोगों को कहीं भूमि आवंटित करने की मांग भी अपने चैनल से उठाएंगे कहीं ऐसे गांव है गढ़वाल और कुमाऊं में जहां अनुसूचित जाति शिल्पकार जाति के लोगों का उत्थान आज भी नहीं हो रहा है और दिन प्रतिदिन जाति धर्म बढ़ते जा रहा है डिब्बे में यह बड़ा अनर्थ है कि यहां है कि यहां जाति धर्म सबसे ज्यादा होता है और भेदभाव बहुत चरम पर बढ़ता जा रहा है आज के पढ़े लिखे समाज में भी बहुत कुछ सोच लोगों ने अपने दिमाग में पाल रखी है इसका सबसे में कारण यह है कि लोगों के बच्चे स्कूल बाद में जाते हैं जाति धर्म का पाठ पहले पढ़ लेते हैं लेकिन आप जैसे महान मानव को अनुसूचित जाति शिल्पकार समाज के लोगों के उत्थान के लिए जरूर अपने जन्म में एक वीडियो जराडालनी डालनी चाहिए मैं ऐसा समझता हूं अल्मोड़ासाल्ट
अवश्य, जल्दी ही बनाऊंगा।
शिल्पकारों हाथों बाद्ययन्त्रो जो पूजनीय भी है शोभा देते है उन्हे ज्ञान भी है बहुत सुन्दर👌👌👍👍🚩🚩
परन्तु आजकल इसी ढोल दमाऊ को रील बनाने वाली महिलाओं को ब्याह शादी में अक्सर बजाते दिख रहा है जो कि बिन ज्ञान के बजा रही है है
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से से उचित नही है
इस पर समीक्षा चाहिए 🙏
उत्तराखंड के शिल्पकारों के अलावा किसी भी लोगों को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है ।
अन्य लोगो ने हमेशा ही लोगों को गुमराह किया है। जिससे समाज में शिल्पकारों को भेदभाव का सामना करना पड़ा है।😞
Sar namaste Uttrakhand mein ki sarkaron ko dhundh Shabd ka prayog kyon kaha jata hai
I dont understand if all shipkars are ancestors of kol/kirat then wherefrom caste system came among shilpkar. In this video you told that shilpkars further devided in four groups based on upper and lower group. Why did so? Why a tamta thinks he is superior than auji. Is it not caste system among shilpkar. Any realstic answer Lakheja ji? Hope you will provide some authentic answer in this serious matter because I respect you very much as you are constantly trying to glorify shilpkars and put them in respectable community. Perhaps your efforts help eradicate caste system among shilpkars. Iam a person belong to Auji community from Uttarakhand
Will try to get answer of your question
Thanks for early reply❤
Starting tune kon se garhwali song ki hai
मेरा लिखा है। हम पहाड़ औंला। इस चैनल में हैं।
Suuuuuuupar
Ye Sheli jyada tr kumaun m Pai jaati h kyunki wahan k hr ghr ki choukhaton m nakashi milti hi h 💯 %
एक बात विचार करने योग्य है जो निर्माण करने का कार्य कर्ता था इंजीनियरिंग का कार्य कर्ता था मेहनत कर्ता था वो जाति में निम्न श्रेणी में क्यु रखा गया.. जब कि स्वर्ण वर्ग विशेषकर ब्राह्मण समाज जो सदियों से भगवान के पूजन के कर्म से दान दक्षिणा से कम मेहनत से काम करते हुए अपना जीवन व्यापन कर्ता था तो वो उच्च कैसे हो गया.. भगवान ने सबको बराबर बनाया तो इंसानों ने जाति बनाकर इंसान को बाट दिया है
@@MRSATYA215 ये बहुत अलग मुद्दा है। अभी इतिहास को जानो।
आप तो सही कह रहे हैं ना सर लेकिन उत्तराखंड में जातिवाद और छुआछूत की बीमारी तो कभी नष्ट होनी वाली नहीं और हमारा जो आरक्षण है वह हरिद्वार उधम सिंह नगर वाले उठाकर ले जाते हैं।
हम्म क्षत्रिय गायकरिया कोली राजपूत है कोली महिला पुरुष राजपूत के बेटा ही कोली राजपूत है
Ajkal to braman kshtriya savi apne bacho ko yahi kala sikhakr samman prapt kr rahi hai,or inka samman gira diya.
Shilpkar u.k. Sanskriti ke Sanimaran Karigar he.Dalitit Nahi.
महोदय आपने उत्तराखंड में एक उपजाती मोची चमार बताई है परंतु उत्तराखंड में कोई उपजाती मोची चमार के नाम से नहीं है । भले ही इस काम को इन ही उपजातियों द्वारा किया जाता था। एक जाती चमड़ा तयार करता था दूसरी जाति जूते बनाने का काम करता जूते बनाने वाले चमड़ा तयार करने वाले से कोई संबंध नहीं रखता था।नही रिश्ता रखता था।
एटकिंशन ने लिखा है, उसका उल्लेख किया है।
Jaatiy bhed bhaw khatam karo
Bahut hi glat information de de ap ne
❤❤
अत्यंत सुंदर जानकारी प्राप्त हुई ❤😊