मधुर यात्रा- डीडीहाट से थल

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  • Опубліковано 25 сер 2024

КОМЕНТАРІ • 51

  • @bhupalchand9893
    @bhupalchand9893 6 місяців тому +1

    डीडीहाट से घोरड़पट्टा तक प्रकृति का बहुत ही मनोरम दृश्य, घोरड़पट्टा से चौपाटी होकर मुलानी तक दूसरा गौचर से थल। बस से बहुत यात्रा की है।बहुत सुंदर वर्णन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद। नमस्कार पाण्डेय जी।🙏

    • @krishnapriyakrishna9298
      @krishnapriyakrishna9298 6 місяців тому

      🎉🎉❤❤🎉🎉 यह बहुत खूबसूरत मुझे तो बहुत उदास लगता है पहाड़ों का लेकिन मेरी बहुत बड़ी मजबूरी रही जो मैंने यह जगह छोड़कर मुझे बाहर निकलना पड़ा था

  • @user-pf2zv5gu5b
    @user-pf2zv5gu5b 4 місяці тому +1

    Yatrra bhaut sundar lag hai

  • @rameshchoudhary8382
    @rameshchoudhary8382 2 місяці тому

    बहुत ही बेहतरीन ब्लॉग। जय उत्तराखंड। अति सुन्दर 👏👏👏👏👏

  • @krishankumarmathur331
    @krishankumarmathur331 26 днів тому

    आपके ब्लॉग मे कछ समय से देख रहा हूं, क्योंकि मुझे बचपने से पहाड़ों से प्रेम है। काफी पसन्द आये।

  • @harshsharma2535
    @harshsharma2535 5 місяців тому

    एक और बेहतरीन ब्लॉग।

  • @arjundhami2016
    @arjundhami2016 5 місяців тому

    थल की मच्छी फेमस है

  • @deepikachand8878
    @deepikachand8878 3 місяці тому

    Bahut sunder

  • @jagatsinghrawat9674
    @jagatsinghrawat9674 3 місяці тому

    बेहतरीन ब्लॉग

  • @ranjanpathak2814
    @ranjanpathak2814 6 місяців тому

    Jai ho baleshwar mahadev ji ki aapko pranaam Lucknow se

  • @Sukarsingh15
    @Sukarsingh15 6 місяців тому

    Thanks for showing thal

  • @PaNkAjShort-wd7cl
    @PaNkAjShort-wd7cl 2 місяці тому

    Bahut sundar❤🎉

  • @Devbhoomi_uttarakhand628
    @Devbhoomi_uttarakhand628 4 місяці тому

    Thal m mera gawo padta hai 😊 thanku so much aapne yeh video banai 😊

  • @mskanyal880
    @mskanyal880 6 місяців тому +3

    थल बालेश्वर मंदिर में शिव पार्वती ,लिंग और नन्दी की स्थापना बाद में की गई है पूर्व में वहां पर बालेश्वर की मूर्ति थी जो कि दीवार में शिव पार्वती की मूर्ति के पीछे लगी हुई है । फिर बताया जाता है कि यहां बाली ने तपस्या की थी इसीलिए इसका नाम बालेश्वर पड़ा। थल में एक हथिया देवाल भी है जो दक्षिण के कैलाश मंदिर से मेल खाता है इसे भी खंडित मूर्ति और दक्षिण की ओर लिंग की दिशा के कारण नकारा गया है जो कि गलत है। ऐसा लगता है उत्तराखंड किसी कालखंड में धरती का स्वर्ग लोक था । यहां की सभ्यता संस्कृति देवतुल्य थी। शिव पुराण में जो अनेक राजाओं का उल्लेख किया गया है शायद वे उत्तराखंड में ही थे। उत्तराखंड के प्राचीन इतिहास के बारे में पुनः रिसर्च की आवश्यकता है ।

  • @DevendraKumar-gr1kd
    @DevendraKumar-gr1kd 4 місяці тому

    Very nice my home town sir ji

  • @puranrawat4147
    @puranrawat4147 6 місяців тому +1

    Jai ho baleshwar maha dev 🙏🙏

  • @vimlapande8315
    @vimlapande8315 5 місяців тому

    सफ़र अच्छा लग रहा है 👌

  • @neerajjoshi1457
    @neerajjoshi1457 6 місяців тому

    बालेश्वर मंदिर के गर्भगृह के दर्शन कराने के लिए आपका धन्यवाद्

  • @chintoothebirdie1714
    @chintoothebirdie1714 6 місяців тому

    मन्दिर के दर्शन कराने के लिए धन्यवाद भाई मैं हरिद्वार से

  • @shankarpatwal8839
    @shankarpatwal8839 6 місяців тому

    सब जाग बाईक मे सफर करनाछा
    गजब हीमत वाल छा महाराज तुम
    सलीयुट तमुहो

  • @shobhachandra2183
    @shobhachandra2183 4 місяці тому

    aapka block bahut Sundar hai

  • @Sunita_Singh108
    @Sunita_Singh108 6 місяців тому

    Very nice sharing friend 👌👍 stay connected ❤❤

  • @ashatiwari4265
    @ashatiwari4265 5 місяців тому

    Very nice 💯

  • @subhash23chand
    @subhash23chand 5 місяців тому

    Very nice video👍

  • @NilujikiRasoi
    @NilujikiRasoi 6 місяців тому

    Very nice vlogs💕

  • @rajeshjoshi2891
    @rajeshjoshi2891 6 місяців тому

    Very nice

  • @APNAMANGAL
    @APNAMANGAL 6 місяців тому +1

    Very very very nice sr 🙏🙏🙏

  • @neerajjoshi1457
    @neerajjoshi1457 6 місяців тому

    बालेश्वर मंदिर की स्थापना बाली ने की थी
    बालि ने रामगंगा नदी के तट पर तपस्या की थी
    तपस्या करने के पश्चात बाली ने मंदिर की स्थापना की थी
    मध्य काल में चंद राजवंश के राजा बाज बहादुर चंद ने नए शिव मंदिर का निर्माण करवाया था
    इसी प्रकार चम्पावत में स्थित बालेश्वर मंदिर की स्थान भी बाली ने की थी
    मध्यकाल में दुबारा से चंद राजाओ ने बालेश्वर मंदिर चम्पावत का निर्माण करवाया था

  • @prakashkalaunikalauni1312
    @prakashkalaunikalauni1312 6 місяців тому

    Nice sir

  • @arjunphartiyal4945
    @arjunphartiyal4945 6 місяців тому

    Bahut achcha, Bahut sundar

  • @JaswantSingh-if4lr
    @JaswantSingh-if4lr 3 місяці тому

    ❤😂

  • @arjunphartiyal4945
    @arjunphartiyal4945 6 місяців тому

    Bahu Achcha BHAI

  • @maheshupreti4517
    @maheshupreti4517 6 місяців тому

    पाण्डे जी आपके साथ सफर करना बहुत अच्छा लग रहा है अब आप जौरासी और चौबाटी का टूर बनाए यहां एक गांव है लखती गांव वहां हमारे ईष्ट देव जी श्री अलाइमल देव जी का मंदिर है कृपया दर्शन जरूर करायें ।
    धन्यवाद
    महेश उप्रेती
    गुजरात

    • @afellowtraveller
      @afellowtraveller  6 місяців тому

      Aap waha miloge agle mahine?

    • @ravibasera1
      @ravibasera1 4 місяці тому

      लखतिगांव तो देवलथल बमडोली से आगे पड़ता है, यह शायद एक ही गांव है या अलग, बसेडा़ भी रहते थे लखतिगांव में

  • @Sukarsingh15
    @Sukarsingh15 6 місяців тому

    Interesting, keep going, your name pleasee

  • @shalabhkaushik7187
    @shalabhkaushik7187 6 місяців тому

    Very nice video

  • @sureshsah6900
    @sureshsah6900 6 місяців тому

    ek video Askot ka bhi bnaiye

  • @mvs65
    @mvs65 6 місяців тому

    Map ke sath bi bata do bhai jaga ka pata nahi lagata bahar walo ko

  • @AjaySingh-kq4jx
    @AjaySingh-kq4jx 6 місяців тому

    Very good

  • @GovindsinghBathyal
    @GovindsinghBathyal Місяць тому

    Thal ki bazara

  • @user-ud3ey3co9s
    @user-ud3ey3co9s 6 місяців тому +1

    Uttrakhand bageshwar district Village shonyad se dharamgarh two pakhu pedal calahu MRA name Ganesh mereko Ghar chord ke 40 shal hogaya AAP ko apni vlog channel se Village shonyad syakot mandal syakot mujhe maa Mila do maa Nam kamladevi tinku

  • @krishnapriyakrishna9298
    @krishnapriyakrishna9298 6 місяців тому

    हर हर महादेव जय देवभूमि उत्तराखंड इस टाइम आप अब आप फल जाने की बात कर रहे हो अब जब आप डीडीहाट से निकलोगे घोरपडे आएगा गुड पत्ता से एक रूठ जाती है घुड की तरफ से चौपाटी की तरफ को कभी चौपाटी की तरफ भी जाओ वहां का माहौल भी देखो मैं फिर उसके बाद बताऊंगी वहां के बारे में आपको जब आप चौपाटी में जाओगे चौपाटी से नीचे की तरफ एक बेकार नाम का एकमात्र तीन गांव है उसे गांव के बारे में भी पूछना 4 साल पहले उसे गांव में क्या हुआ उसके बारे में पूछना बाकी खबर मैं बाद में मैं दूंगी आपको हर हर महादेव जय जय देवभूमि उत्तराखंड

    • @krishnapriyakrishna9298
      @krishnapriyakrishna9298 6 місяців тому

      @@afellowtraveller उसे गांव का नाम है बिगाड़ उसे बिगाड़ के बारे में जानना-समझना 40 साल पहले की घटना है बहुत सारी किसे हैं उसे गांव के सॉरी मिस्टेक बहुत हो जाती है आंखें कमजोर है मेरी अवश्य बाद

    • @krishnapriyakrishna9298
      @krishnapriyakrishna9298 6 місяців тому

      @@afellowtraveller मैं आपकी वीडियो चल पहली बार देखी जब आप पिथौरागढ़ से ध्वज होते हुए उगला से डीडीहाट मैंने आपको इस वक्त सब्सक्राइबर भी और लाइक भी कर दिया था टाइप करने में मेरे से बहुत मिस्टेक हो जाती है उसके लिए माफी चाहती हूं जी हां मैं अपनी ही बात कर रही हूं कृपा करके मैसेज कभी भी हिंदी में छोड़ा करो अगर हिंदी में छोड़ोगे आपका मैसेज और आपके वीडियो उतने ही ज्यादा फॉलोअर बढ़ेंगे आपके क्योंकि इंग्लिश अंग्रेजी बहुत लोग नहीं समझते हैं हिंदी में नॉर्मल भी पढ़ लेता है ओके हर हर महादेव जय देवभूमि उत्तराखंड देहरादून

    • @krishnapriyakrishna9298
      @krishnapriyakrishna9298 6 місяців тому

      @@afellowtraveller समय आने पर मैं आपसे संपर्क अवश्य करूंगी

  • @vinodpantkhantoli4631
    @vinodpantkhantoli4631 6 місяців тому

    एक मान्यता है कि मन्दिर से वापसी पर घण्टा नही बजाया जाता

    • @afellowtraveller
      @afellowtraveller  6 місяців тому

      अरे सर यह तो मुझे भूल हो गई

    • @vinodpantkhantoli4631
      @vinodpantkhantoli4631 6 місяців тому

      @@afellowtraveller भूल कुछ नही .. जब पता न हो .. मैं तो वैसे ही जानकारी साझा कर रहा था .. बाकी आपके ब्लाग देखकर हमारी भी नराई फिड जाती है . बनाते रहिये ऐसे ही

  • @neerajjoshi1457
    @neerajjoshi1457 6 місяців тому

    बालेश्वर मंदिर के गर्भगृह के दर्शन कराने के लिए आपका धन्यवाद्

  • @neerajjoshi1457
    @neerajjoshi1457 6 місяців тому

    बालेश्वर मंदिर की स्थापना बाली ने की थी
    बालि ने रामगंगा नदी के तट पर तपस्या की थी
    तपस्या करने के पश्चात बाली ने मंदिर की स्थापना की थी
    मध्य काल में चंद राजवंश के राजा बाज बहादुर चंद ने नए शिव मंदिर का निर्माण करवाया था
    इसी प्रकार चम्पावत में स्थित बालेश्वर मंदिर की स्थान भी बाली ने की थी
    मध्यकाल में दुबारा से चंद राजाओ ने बालेश्वर मंदिर चम्पावत का निर्माण करवाया था