कन्हैया मीना गीत अस्तल सेमैरदा रानीपुरा || कन्हैया दंगल

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  • Опубліковано 18 жов 2024
  • ये गीत राजस्थान में विशेषकर मीणा समुदाय में प्रचलित सामूहिक गायन हैं जिसे 'नौबत' और 'घेरा' नामक वाद्य यंत्रो की मदद से गाया जाता हैं। ये यंत्र चमड़े के बने होते है पूर्वी भाग में ये लोगो के बीच आपसी भाईचारे और बंधुत्व को बढ़ाने में बड़ा योगदान दे रहे हैं।
    कन्हैया गीतों के आयोजन जिसमे दो या दो से अधिक पार्टियो के बीच कन्हैया गीतों का मुकाबला होता हैं, 'कन्हैया दंगल[1]' कहलाता हैं। इसका आयोजन ज्यादातर पूरे गाँव के मध्य होता हैं। इसमें भाग लेने के लिए दो या दो से अधिक गाँवो को निमंत्रण भेजा जाता हैं अगर दूसरा गांव भाग लेने पर सहमत हो जाता हैं तो उसे 'कागज लेना' कहते हैं और अगर सहमत नही होता हैं तो कहा जाता हैं की उस गावं ने 'कागज़ झेलने' से मना कर दिया।

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