सगुण संपन्न पंढरीच्या | Sagun Sampanna Pandharichya lyrics in Marathi Abhang - Pandit Jitendra Abhisheki Lyrics सगुण संपन्न पंढरीच्या | Sagun Sampanna Pandharichya lyrics in Marathi Abhang - Pandit Jitendra Abhisheki Lyrics Singer Pandit Jitendra Abhisheki Singer Anna Joshi Song Writer Sant Namdev Sagun Sampanna Pandharichya lyrics in Marathi are written by Sant Namdev and composed by Anna Joshi. Sagun Sampanna Pandharichya Abhang is sung by Pandit Jitendra Abhisheki Sagun Sampanna Pandharichya lyrics in Marathi सगुण संपन्न पंढरीच्या राया । आमुच्या स्वामिया केशिराजा रामकृष्ण हरी श्रीधरा मुकुंदा । सज्जनीं स्वानंदा सर्वातीता गोविंद गोपाळ गोपवेषधारी । गोवर्धन धरी नखावरी दुष्ट दुर्जनासी दु:ख फार चित्तां । पावन पतितां नामा ह्मणे
Kaushik Dhwani (Bhinn Shadj) प्राचीन राग भिन्न-षड्ज को वर्तमान में कौशिक-ध्वनि के नाम से जाना जाता है। इसका वादी स्वर मध्यम होते हुए भी इसके बाकी स्वर भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जिन पर ठहराव किया जा सकता है। इस कारण इस राग में विस्तार की पूर्ण स्वतंत्रता है और इसे तीनो सप्तकों में सहज रूप से गाया जा सकता है। गमक और मींड के प्रयोग से राग का रूप निखर आता है। अवरोह में सा' नि ध ऐसा सीधा लेने की अपेक्षा मींड में सा' ध लेना ज्यादा मधुर सुनाई देता है। इस राग की प्रकृति शांत व गंभीर है। यह स्वर संगतियाँ राग कौशिक-ध्वनि का रूप दर्शाती हैं - सा ,ध ,नि सा ग म ; ग म ध ; ग म ; ग सा ; ग म नि ध म ; ध नि सा' ; सा' ग' सा' ; ग' सा' नि ध ; ध नि सा' ध म ; म ध ग म ; ग सा ;
शास्त्रीय संगीतात अविस्मरणीय योगदान.
अष्टपैलू व्यक्तीमत्व तसंच भारदस्त आणि गोड आवाज. भावमधूर संगीत.
भक्तीरसात संपन्न झालो 🌺🙏
सगुण संपन्न पंढरीच्या | Sagun Sampanna Pandharichya lyrics in Marathi Abhang - Pandit Jitendra Abhisheki Lyrics
सगुण संपन्न पंढरीच्या | Sagun Sampanna Pandharichya lyrics in Marathi Abhang - Pandit Jitendra Abhisheki Lyrics
Singer
Pandit Jitendra Abhisheki
Singer
Anna Joshi
Song Writer
Sant Namdev
Sagun Sampanna Pandharichya lyrics in Marathi are written by Sant Namdev and composed by Anna Joshi. Sagun Sampanna Pandharichya Abhang is sung by Pandit Jitendra Abhisheki
Sagun Sampanna Pandharichya lyrics in Marathi
सगुण संपन्न पंढरीच्या राया ।
आमुच्या स्वामिया केशिराजा
रामकृष्ण हरी श्रीधरा मुकुंदा ।
सज्जनीं स्वानंदा सर्वातीता
गोविंद गोपाळ गोपवेषधारी ।
गोवर्धन धरी नखावरी
दुष्ट दुर्जनासी दु:ख फार चित्तां ।
पावन पतितां नामा ह्मणे
Which raag it is
@@avadootsutar3799 Bhinna Shadja/ Kaushik Dhwani
It’s bhinn shadaj similar to koushik Dhwani
@@bharatpatil7480 Bhinna Shadja and Kaushik Dhwani are just two different names for same raaga.
Kaushik Dhwani (Bhinn Shadj)
प्राचीन राग भिन्न-षड्ज को वर्तमान में कौशिक-ध्वनि के नाम से जाना जाता है। इसका वादी स्वर मध्यम होते हुए भी इसके बाकी स्वर भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जिन पर ठहराव किया जा सकता है। इस कारण इस राग में विस्तार की पूर्ण स्वतंत्रता है और इसे तीनो सप्तकों में सहज रूप से गाया जा सकता है।
गमक और मींड के प्रयोग से राग का रूप निखर आता है। अवरोह में सा' नि ध ऐसा सीधा लेने की अपेक्षा मींड में सा' ध लेना ज्यादा मधुर सुनाई देता है। इस राग की प्रकृति शांत व गंभीर है। यह स्वर संगतियाँ राग कौशिक-ध्वनि का रूप दर्शाती हैं - सा ,ध ,नि सा ग म ; ग म ध ; ग म ; ग सा ; ग म नि ध म ; ध नि सा' ; सा' ग' सा' ; ग' सा' नि ध ; ध नि सा' ध म ; म ध ग म ; ग सा ;
Isn't he Mahesh kale jee... singing in the background
He is Shaunak Abhisheki Ji
@@anamaybapat701 oh thank you 🙏
Hemant pendase
Simply mesmerising. Respect to Pt. Abhisheki for this devotional masterpiece.
Simply superb
Kontya raaver aahe .....pn farch sunder
Raag konta aahe
Ok
@@dhanashreejoshi174 bhinna shadja
काय म्हणावे शब्दच नाही💕🙏🙏🙏
भिन्न षड्ज ......
🙏🙏
Which raaga used here..plz anyone tell me
Bhinna Shadaj
It's also called kaushik dwani