बहन जी सादर नमस्कार . शानदार कहानी. आपके कहने का ढंग बहुत ही उम्दा रहा तथा आपकी भाषा शैली एवं भाषा के ऊपर आपका नियंत्रण भी शानदार है . आपकी भाषा में मैं कई देशज शब्द हैं जो आज आम लोगों की भाषा से लुप्त होते जा रहे हैं .आपको बारंबार प्रणाम.
अय्यास राजा, गंवार पंडित के चमत्कार, बंजारन की दोहरी उलझन, छोरी का ब्याह छोरी से ये किस्से भी इसी तरह के हैं। समय होने पर जरूर सुनना। तहदिल से शुक्रिया 🙏🙏🙏🙏
आपका स्वर अत्यंत मंद है। पंखा बंद करके ही श्रवण करना संभव होता है जो कि ग्रीष्म ऋतु में संभव नहीं। राँड शब्द का अर्थ एकाकी व्यक्ति होता है। विधवा एवं विधुर के लिये ऐसे अभिप्राय माने जाते हैं। समय के दुष्प्रभाव से यह अपशब्द बना दिया गया। अतः एक महिला होकर, एक महिला को इस शब्द से संबोधित करना शोभा नहीं देता। रही वार्ता पुरुषों की तो सुसभ्य पुरुष भी अपशब्दों का प्रयोग नहीं करते। महिलाओं हेतु एवं महिलाओं के समक्ष तो कदापि नहीं।
मै आपकी बात से सहमत हूँ, मगर कहानी में उस समय की सामाजिक स्थितियों का वर्णन किया गया है जब बड़ी जाति के लोग कमजोर, गरीब, छोटी जाति के लोगों से दुर्व्यवहार करते थे। इसलिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित विजय दान देथा जी ने अपने किस्सों में ठाकुरों द्वारा छोटी जाति की औरतों को रांड कहलवाया है। धन्यवाद🙏
बहन जी सादर नमस्कार . शानदार कहानी. आपके कहने का ढंग बहुत ही उम्दा रहा तथा आपकी भाषा शैली एवं भाषा के ऊपर आपका नियंत्रण भी शानदार है . आपकी भाषा में मैं कई देशज शब्द हैं जो आज आम लोगों की भाषा से लुप्त होते जा रहे हैं .आपको बारंबार प्रणाम.
अय्यास राजा, गंवार पंडित के चमत्कार, बंजारन की दोहरी उलझन, छोरी का ब्याह छोरी से ये किस्से भी इसी तरह के हैं। समय होने पर जरूर सुनना। तहदिल से शुक्रिया 🙏🙏🙏🙏
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@@anubhavkipunji
Nice story ji.
Bahut Sundar bahan ji 🎉🎉
आपका स्वर अत्यंत मंद है। पंखा बंद करके ही श्रवण करना संभव होता है जो कि ग्रीष्म ऋतु में संभव नहीं।
राँड शब्द का अर्थ एकाकी व्यक्ति होता है। विधवा एवं विधुर के लिये ऐसे अभिप्राय माने जाते हैं।
समय के दुष्प्रभाव से यह अपशब्द बना दिया गया।
अतः एक महिला होकर, एक महिला को इस शब्द से संबोधित करना शोभा नहीं देता।
रही वार्ता पुरुषों की तो सुसभ्य पुरुष भी अपशब्दों का प्रयोग नहीं करते। महिलाओं हेतु एवं महिलाओं के समक्ष तो कदापि नहीं।
मै आपकी बात से सहमत हूँ, मगर कहानी में उस समय की सामाजिक स्थितियों का वर्णन किया गया है जब बड़ी जाति के लोग कमजोर, गरीब, छोटी जाति के लोगों से दुर्व्यवहार करते थे। इसलिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित विजय दान देथा जी ने अपने किस्सों में ठाकुरों द्वारा छोटी जाति की औरतों को रांड कहलवाया है। धन्यवाद🙏
👍👍
❤❤❤😊
Bahut sudhar kahani😊
कहानी कम बकवास ज्यादा है
👍👍👍
👍👍
👍👍