George soros हमारे भारत का तब तक कुछ उखाड नही पायेगा जब तक कोई जयचंद ना हो भारत मे ? जयचंद ज्यादा खतरनाक होता है ... तो चर्चा जयचंद पर होणी चाहीए ताकी जयचंद की सारी details लोगो को पता हो और भारतीय लोग सावधान हो जाये .
राज्यसभा के सभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया ही नहीं जा सकता - केवल उपराष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 63 और 67(B) के अंतर्गत ही हटाया जा सकता है - राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया - कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है - राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है - राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है - अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी - विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए - मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -
शहीद जो हुये उनकी बात तो नही हो रही है ना ।क्या शहीदों के परिवार मे कोई देशद्रोही नही हो सकता है ?ये तो अपनी सोंच पर निर्भर करता है ना।आज अगर इनके संबध देशद्रोहियों के साथ हैं तो आवाज तो उठेगी ही ना।संसद को तमाशा बनाकर रख दिया है विपक्ष ने और इतनी बडी हार के बाद भी सबक नही लिया।आगे इससे भी बडी हार मिलने वाली है सोंच ले विपक्ष।
Mr Shrivastava Indira Ji & Rajiv Ji Aapne Galat Faslon Ke Karan Mare Gaye, Unko "SHAHID" Kahkar "SHAHIDON” Ka Apman Karna Bandh Kariye Vivek Shrivastava
Navika, why you did not Stop calling this nonsense guy ..? He is always there in every next debate.. I feel that you people are knowingly calling these jockers to take advantage and giving them the popularity they never imagined in their wildest dreams … Reasons you may be knowing well.. I feel that venomous people may be of any stature be avoided .. 😡
राज्यसभा के सभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया ही नहीं जा सकता - केवल उपराष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 63 और 67(B) के अंतर्गत ही हटाया जा सकता है - राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया - कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है - राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है - राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है - अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी - विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए - मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -
1 ne Gandhi ko mara. Thousands brahmnu ka katliam 1 ne indra gandhi ko mara. Thousands sikhu ka katliam 1 ne Rajiv Gandhi ko mara. Thousands tamils ka katliam Reality of hinduviroadhi congres party
राज्यसभा के सभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया ही नहीं जा सकता - केवल उपराष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 63 और 67(B) के अंतर्गत ही हटाया जा सकता है - राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया - कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है - राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है - राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है - अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी - विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए - मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -
अविवेक काँग्रेस का कौन लगता हैं। अपने खुद के पार्टी के बारे में सोच सबका चमचा बनकर केवल सनातन पर अपना बुरा बोलने मे वक्त लेता हैं। जिस दिन सनातन नहि रहेगा उस दिन तुमको याद आयेगा कि तुम्हारा अस्तित्व क्या हैं।
इन्दिरा गांधी ने सिखों का खालिस्तानी गुट बनाया था, अपने कुकर्म से मारी गई वलिदान नहीं था। इसी प्रकार राजीव गांधी ने पहले लिट्टे को सपोर्ट किया था, परिणाम भुगता, कोई वलिदान नहीं था।
सर जी शहीद नहीं हुए है अपनी गलतियों से मारे गए हैं,,और 2004 se 2014 तक कितने बम ब्लास्ट हुए भारत मे और चीन कितनी ही जमीन कांग्रेस के राज में हड़प चुका या कांग्रेस ने तोहफे में दे दी ये कहकर की ये जमीन कुछ काम की नहीं है सभी जानते है,,इन लोगों पर विवेक पर्दा डाल रहे हैं,,
Vivek Srivastav is Political Analysist .Who is supposed to be neutral & comment on any political party from his wisdom what is right & what is wrong .But the way he defends congress it clearly visualize as he representing Congress party.
Vaampanthion ne he Congress ke raj mein Naxalism chalaya tha agar vo Bharat mein kamyaab nahin kar sake,tou ab Congress se hand & gloves kiyoun.Because Vaampanth found Congress found itself anti Bharat,then now has come in front to support of Congress ,fact is cleared.
यह विवक श्रीवास्तव कौन सी पार्टी से है हर किसी के बीच में बोलताहै हमेशा बिना सिरपैरकी बात करता है फिर यदि इसको बुलाना आपकी मजबूरी है तो दूसरों के बोलते समय इसकी आवाज बंद कर दिया करें।
क्या बात कही है,,,, राहुल गांधी को खेलते दो कुछ विवेक का इस्तेमाल करें,,, क्या वह के, जी, क्लास के बच्चे है,,? जनाब वह आपका विपक्ष का नेता है, अपने तो उसे सब ड्यू कर दिया,,,
Rahul is 53 years child so he should be allowed to play the games against India .congress guys and its allies like the antics of this 53 years old child .
There are two Nuisance one is Vivek Shrivatava and second is Anurag Bhadariya yesa lagta hai ki they both are patients of Babasheer don't allow them on T V jb
राज्यसभा के सभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया ही नहीं जा सकता - केवल उपराष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 63 और 67(B) के अंतर्गत ही हटाया जा सकता है - राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया - कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है - राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है - राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है - अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी - विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए - मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -
Vivek Shrivastava hamesha congress ka support Kiya hai issue kuch bhi ho. Keya rista hai. Khangress specific jawab nahi de rahe hain. Questions unke upar jawab sarkar degi. Janta ko sochna chahiye ki hum kin logon ko mp mla Bana rahe hain. Jawab nahi denge toh kiun bheje hum. Paisa to hum logon ka ja raha hai. Unko toh sirf mauj karna hai. Tab opposition kis kam ka? Ĵara socho.
विवेक घर ले जा उन्हें बहन बेटी कोई तो होगी उसको खूब हंसा खिला मना किसने किया है तुझे , आज से अडानी तेरा भी बाप हो गया माता जी ने शायद आज ही तुझे अडानी के बारे में बताया होगा क्योंकि एक मां ही सही बाप का नाम बता सकती है बच्चा अगर हरामी होगा तो नहीं मानेगा नहीं तो समझ जायेगा ।
पता नहीं यह अविवेक श्रीवास्तव को उसके घरवाले, पडोसियो, रिस्तेदार कैसे झैलते होगें।
श्रीवास्तव देश के लिये बडी समस्या हैं. ऐसे लोगो को जबरदस्ती इस्लाम बनाना चाहिए. यह हिंदू कहलाने लायक नही.
Urban nexal use Lehrer hain
😂😂😂😂 The Million dollar question !!
जैसे मंदबुद्धि बालक को उनके चमचे झेलते है और वो गाली वाली बाई जो जलेबी बाई नया नाम मिला है.
George soros हमारे भारत का तब तक कुछ उखाड नही पायेगा जब तक कोई जयचंद ना हो भारत मे ?
जयचंद ज्यादा खतरनाक होता है ...
तो चर्चा जयचंद पर होणी चाहीए ताकी जयचंद की सारी details लोगो को पता हो और भारतीय लोग सावधान हो जाये .
इन्दिरा जी और राजीव दोनों अपने- अपने, बाटो और राज करो, कि गलत नीतियों और कारनामों से मारे गए। इन्हें शहीद नहीं माना जा सकता है। वन्देभारतमातरम्।
एक की खालिस्तानियों से दोस्ती और दूसरे की लिट्टे से यारी, इनके टपकने का कारण है।
राज्यसभा के सभापति के
विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव
लाया ही नहीं जा सकता -
केवल उपराष्ट्रपति को
संविधान के अनुच्छेद 63
और 67(B) के अंतर्गत ही
हटाया जा सकता है -
राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया -
कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है -
राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है -
राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है -
अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी -
विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए -
मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -
Jaibjp jai sriram jai modiji
beware of khutu
शहीद जो हुये उनकी बात तो नही हो रही है ना ।क्या शहीदों के परिवार मे कोई देशद्रोही नही हो सकता है ?ये तो अपनी सोंच पर निर्भर करता है ना।आज अगर इनके संबध देशद्रोहियों के साथ हैं तो आवाज तो उठेगी ही ना।संसद को तमाशा बनाकर रख दिया है विपक्ष ने और इतनी बडी हार के बाद भी सबक नही लिया।आगे इससे भी बडी हार मिलने वाली है सोंच ले विपक्ष।
श्रीवास्तव अपने होश में नहीं बोल रहे है राहुल सोनिया के हिसाब से बोलते हैं
उनके तळवे चाटणे की प्रयत्न कर रहे हैं
श्रीवास्तव प्रमाणिकता से नही बोलते है बचकाना भाषा का प्रयोग करते है
He is urban naxal
विवेक श्रीवास्तव से बेहतर कोई ओर नहीं है क्या, ऐसे लोगों को बुलाकर डिबेट करने क्या ज्यादा टी आर पी बनती है?
मेरा कहना यह है विवेक श्रीवास्तव को टीवी डिबेट में बुलाने का कोई जरूरत नहीं😮
गद्दारों को jail and only jail
तहसीन भाई सही व्यक्ति गलत पार्टी में हैं
सही बात , बाहर से ज्यादा खतरनाक देश में रहने वाले दुश्मन है
Can't vivek be jailed? Vivek appears a hard core criminal.
Mr Shrivastava Indira Ji & Rajiv Ji Aapne Galat Faslon Ke Karan Mare Gaye, Unko "SHAHID" Kahkar "SHAHIDON”
Ka Apman Karna Bandh Kariye Vivek Shrivastava
Vivek sudrega nhi😂
Protect bd hindus. ❤
यह विवेक श्रीवास्तव भी पप्पू से कम नहीं है 😂😂😂
विवेक श्रीवास्तव फौजी शीमा पर शहीद होता है शहीद ओ होते हैं अपने पाप के कारण मरने वाले शहीद नहीं होते
बिलकुल राइट 👍
Navika, why you did not Stop calling this nonsense guy ..? He is always there in every next debate.. I feel that you people are knowingly calling these jockers to take advantage and giving them the popularity they never imagined in their wildest dreams … Reasons you may be knowing well.. I feel that venomous people may be of any stature be avoided .. 😡
Navika ,Please don't call such type of nonsense people like Srivastav who does not have any knowledge .
उम्र 55 की दिल बचपन का है, इसको लगता ये नौटंकी करके pm बन जाऊंगा, तो बेटा pm तो दूर अपनी कांग्रेस शासित सीट को छोड़कर कहीं और लड़ ले पता लग जाएगा😊
राज्यसभा के सभापति के
विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव
लाया ही नहीं जा सकता -
केवल उपराष्ट्रपति को
संविधान के अनुच्छेद 63
और 67(B) के अंतर्गत ही
हटाया जा सकता है -
राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया -
कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है -
राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है -
राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है -
अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी -
विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए -
मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -
अब प्रतीत हो रहा है विवेक श्रिवास्टव अति शीघ्र कम्युनिस्टों को छोड़कर Congress join करने वाला है?
और शायद थियेटर ग्रुप भी
Ishkaran Well Said. Your voice of youth of India
Family of Shahid didn't get licence to conspire against the nation
Sorry to correct you,they were not Shahid .. आपने कर्मो से मरे
1 ne Gandhi ko mara. Thousands brahmnu ka katliam
1 ne indra gandhi ko mara. Thousands sikhu ka katliam
1 ne Rajiv Gandhi ko mara. Thousands tamils ka katliam
Reality of hinduviroadhi congres party
इतनी हताशा है की जिस प्रधान मंत्री को जनता ने चुना है उनसे कह रहे है पद छोड़ दो
राज्यसभा के सभापति के
विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव
लाया ही नहीं जा सकता -
केवल उपराष्ट्रपति को
संविधान के अनुच्छेद 63
और 67(B) के अंतर्गत ही
हटाया जा सकता है -
राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया -
कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है -
राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है -
राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है -
अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी -
विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए -
मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -
अरे श्रीवास्तव अदानी कि गलतिका सबूत दो अगर घोटाळा हुवा हें तो सबूत दो हवा हवाई बाते मत करो 🚩🏹
विवेक श्री वास्तव जैसे वामपंथियों ने देश का बेड़ा गर्क किया हुआ है
On which national issue both Indira ji and Rajiv ji sacrificed their lives?
Give clear answar.... About the Jorge Susri
Modi Sarkar Jindabad 🚩🇮🇳🚩
शहीद तो IPKF के सैनिक हुए थे नाकी पूर्व प्रधान मन्त्री जिन्होंने अकाकरण श्री लंका में हमारे सैनिक भेजे थे
तहसीन तो गद्दारी के जवाब में अक्षमता की बात उठा दी।
Vivek ki baat he usi ka jwab hai.
Don't call Vivek anymore.
इस लेफ्टिस्ट का भाव बढ़ा दिया मीडिया वालों ने।यह केवल उलूल जलूल की बातें करता है श्रीवास्तव।
Why this Vivek Srivastava is giving space to spread his venom?
By what standard this man is called a political analyst ?
Jai chand h vivek
इनके नन्हें बालक को खुश होने दो भाई, करने दो जोकर गिरी उसको,साथ में यह अविवेक भी थोड़ा बहुत मंनोरंजन चाहता है तो क्या हर्ज है
विवेक जैसे प्रवक्ता को टी व्ही पर बैठाने के लायक नहीं हे।इसे कोई ग्यान नहीं।
😅😅 विवेक श्रीवास्तव जी आप भी शहीद हो जाइए आप कभी स्मारकबनवा दे
Agree
अविवेक काँग्रेस का कौन लगता हैं। अपने खुद के पार्टी के बारे में सोच सबका चमचा बनकर केवल सनातन पर अपना बुरा बोलने मे वक्त लेता हैं। जिस दिन सनातन नहि रहेगा उस दिन तुमको याद आयेगा कि तुम्हारा अस्तित्व क्या हैं।
He is saying Rahul is an artist??? My God!
Vivek Srivastava should have also mentioned about the terror attacks happend in India during 2004-14.
इन्दिरा गांधी ने सिखों का खालिस्तानी गुट बनाया था, अपने कुकर्म से मारी गई वलिदान नहीं था।
इसी प्रकार राजीव गांधी ने पहले लिट्टे को सपोर्ट किया था, परिणाम भुगता, कोई वलिदान नहीं था।
Desh m Hindu surakshit Sanatan board banao sath hi NRC jansankhya niyantran Kanoon jald se jald lagu kero.
ये सीपीएम का है कि कांग्रेस पार्टी का प्रवक्ता।
यह विवेक तो कांग्रेस का चरण चुंबक है इसको राजनैतिक विश्लैषक कहना गलत है।
नाविका जी, आप इस अविवेकी श्रीवास्तव को डिबेट में बुलाती हीं क्यों है ?
ये रील के वीडियो लेकर हंसने-खेलने का मौज मजा मस्ती दिखाने के लिए जगा नहीं है,यह मनोरंजन का मंच नहीं, जनता की संसद है.
He is insulting the position he is holding. He is playing as nursery student. Shame on you.
Fools are not accepted.
सांसदी छोड़कर गली में आजाए।
सर जी शहीद नहीं हुए है अपनी गलतियों से मारे गए हैं,,और 2004 se 2014 तक कितने बम ब्लास्ट हुए भारत मे और चीन कितनी ही जमीन कांग्रेस के राज में हड़प चुका या कांग्रेस ने तोहफे में दे दी ये कहकर की ये जमीन कुछ काम की नहीं है सभी जानते है,,इन लोगों पर विवेक पर्दा डाल रहे हैं,,
Educateed Vivek insensible debate
Why u are calling Vivek Srivastav in your programme?
100 करोड़ हिंदू हे इतने मुस्लिम होते सोनिया ने काम पूरा कर दिया होता
GEORGE SOROS & SONIA KA KYA RISHTA HAI ?
आश्चर्य होता है यह देख कर कि श्रीवास्तव क्या ऐसा हो सकता है
Vivek Srivastava ko kyon bulate hai discussion mein. Isko band kariye.
Chup , thodi budhdhi de bhagwan isko aur balak ko
इसकी ठुकाई प्रबंधन हो गई
राधिका तुम कमाल हो
Vivek Srivastav is Political Analysist .Who is supposed to be neutral & comment on any political party from his wisdom what is right & what is wrong .But the way he defends congress it clearly visualize as he representing Congress party.
Vaampanthion ne he Congress ke raj mein Naxalism chalaya tha agar vo Bharat mein kamyaab nahin kar sake,tou ab Congress se hand & gloves kiyoun.Because Vaampanth found Congress found itself anti Bharat,then now has come in front to support of Congress ,fact is cleared.
ईटेलियन कांग्रेस भारत छोड़ो
अविवेक अवास्तव इसका नाम रखना चाहिऐ
India needs 100 more Adanis, so that India marches ahead in International World
Indra ko sikh ne maara rajeev ke shasan mai4000 sikh maar diye gaye
यह विवक श्रीवास्तव कौन सी पार्टी से है हर किसी के बीच में बोलताहै हमेशा बिना सिरपैरकी
बात करता है फिर यदि इसको
बुलाना आपकी मजबूरी है तो
दूसरों के बोलते समय इसकी आवाज बंद कर दिया करें।
वि्वेकहीन श्रीवास्तव वास्तविकता से दरकी बाते करता है।
तो राहुल गांधी को बोलो मां बेटा इटली चल जाए बचा रहेगा परिवार में खतरा है तो फिर क्यों जुड़ा हुआ है अभी तक
अपनो राजनीती को चमकाने के लिए किया था
इस विवेक श्रीवास्तव के पास विवेक नाम की कोई चीज नहीं है विवेकहीन है ये पूरी तरह से।
Ishkaran rocks
क्या बात कही है,,,, राहुल गांधी को खेलते दो कुछ विवेक का इस्तेमाल करें,,, क्या वह के, जी, क्लास के बच्चे है,,? जनाब वह आपका विपक्ष का नेता है, अपने तो उसे सब ड्यू कर दिया,,,
Mr VS , just anawer the connection with soros
Rahul is 53 years child so he should be allowed to play the games against India .congress guys and its allies like the antics of this 53 years old child .
जय जय श्रीराम
विवेक श्रीवास्तव भी बिल्कुल राहुल की पटरी पर चल रहा है
Vivek appears a flower of love between China communist party and the Congress party.
There are two Nuisance one is Vivek Shrivatava and second is Anurag Bhadariya yesa lagta hai ki they both are patients of Babasheer don't allow them on T V jb
राज्यसभा के सभापति के
विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव
लाया ही नहीं जा सकता -
केवल उपराष्ट्रपति को
संविधान के अनुच्छेद 63
और 67(B) के अंतर्गत ही
हटाया जा सकता है -
राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया -
कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है -
राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है -
राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है -
अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी -
विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए -
मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -
Tehsin has skirted MOU and Sonia’s vice presidentship in Soros organisation.
विवेक राजनीतिक विश्लेषक ही है या कांग्रेस प्रवक्ता कुछ नहीं बोल पा रहे हैं तो इन्हें बोलने के लिए ये चैनल वाले बुलाते हैं
Mr Vivek Shrivastava ji can you tell, who raised Khalistan and who support LTTE ?
Vivek dekhane me to chor lagta h.
Soniya gandhi or Rahul gandhi desh ki gardar he je hind
Vivek Shrivastava hamesha congress ka support Kiya hai issue kuch bhi ho. Keya rista hai. Khangress specific jawab nahi de rahe hain. Questions unke upar jawab sarkar degi. Janta ko sochna chahiye ki hum kin logon ko mp mla Bana rahe hain. Jawab nahi denge toh kiun bheje hum. Paisa to hum logon ka ja raha hai. Unko toh sirf mauj karna hai. Tab opposition kis kam ka? Ĵara socho.
Congress is out of touch on the country should be disbanded out run by Parwar
Vivek Srivastav is a bogus person. I don’t understand why you bring him on your show. You cannot expect any truth from this person.
Vivek is the best punching bag for all parties and the media. He is really stupid.
China agreement dikhaney mein kya taqleef congress ko?
Khangress ko ek baar satta me aana hai to Pappu ko Shaheed hona padega. 😭😭🤣🤣
He is saving Nehru family, because unable to gather its misdeeds.
Shit for him.
Shame shame Vivek Srivastava .. CPI ko aur kitna niche girane chahata hai ...
विवेक घर ले जा उन्हें बहन बेटी कोई तो होगी उसको खूब हंसा खिला मना किसने किया है तुझे , आज से अडानी तेरा भी बाप हो गया माता जी ने शायद आज ही तुझे अडानी के बारे में बताया होगा क्योंकि एक मां ही सही बाप का नाम बता सकती है बच्चा अगर हरामी होगा तो नहीं मानेगा नहीं तो समझ जायेगा ।
Tehseen Poonawala is the worst liar who can go to any extent to protect the Vadra family
श्रीवास्तव जी कांग्रेस की सरकार में कितनी चोरी हुई आप हर समय नकारात्मक बात करते हो
Bachha he bichare ko has khelne do😂😂😂😂
Leader of pagalpanti (LOP) 😂😂😂😂what you expect from joker papu
Jai Shree Ram ❤ BJP Sarkar ❤
Rahul Gandhi is disrespected leader.
Desh ki 80./. Janta aaj ke time Indiraji v Rajiv ji ko Sahid Nhi manti .
विवेक श्रीवास्तव खुद चीन का एजेंट है