संस्कृत साहित्य में स्वास्थ्य का स्वरूप - प्रो० सुरेन्द्र कुमार, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक

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  • Опубліковано 16 гру 2021
  • यह विशेष व्याख्यान संस्कृत विभाग, गुरुकुल काङ्गडी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार द्वारा संस्कृत-सप्ताह-महोत्सव २०२१ के अन्तर्गत आयोजित शोधसंगोष्ठी में सम्पन्न हुआ है।
    शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्, संस्कृत साहित्य में स्वास्थ्य का स्वरूप - प्रो० सुरेन्द्र कुमार, अन्तर्वैषयिक संकायाध्यक्ष, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक
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