Pujya Swamiji knows what is our Need of the hour hence such a Great Camp in such a Great setting. Blessings of Pujya Gurudev Swami Chinmayananda Ji have compounded our Divine Experience 🕉️🙏🏽
अर्जुन ने जब प्रथम अध्याय में बहुत कुछ बोला, भगवान मौन थे ! भगवान को पता था कि अर्जुन गलत बोल रहे हैं और अर्जुन इस समय कष्ट में हैं, अर्जुन को कष्ट है, अर्जुन चिंता में हैं, अर्जुन परेशान हैं लेकिन भगवान ने समझाने की कोई कोशिश नहीं की ! दूसरे अध्याय में जब प्रारम्भ किया भगवान ने, समझाया नहीं बस थोड़ा सा डांटा ! याद रखिएगा ईश्वर तब तक नहीं बोलते, जब तक की अंतःकरण में सुनने की बहुत इच्छा नहीं होती ! कोई भी वक्ता तब तक अच्छा नहीं बोल पाता, जब तक की अच्छा श्रोता नहीं रहता ! ईश्वर की इच्छा क्या होगी, ये निर्भर करता है कि आपकी इच्छा उसको लेकर क्या है -ये यथा माँ प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम् । अर्जुन की इच्छा नहीं थी पहले अध्याय में कि भगवान बोले कुछ, चुप थे ! जैसे हमलोगों इच्छा नहीं होती कि भगवान ज्यादा बोले तो भगवान चुप रहते हैं, फिर ! अब देखो गीता हो रही है पांचों पाण्डवों को भी भगवान ने नहीं बुलाया ! केवल तीन लोग सुन रहे थे, अर्जुन सुन रहे थे, संजय सुन रहे थे और हनुमान जी सुन रहे थे, हनुमान जी ऊपर बैठ कर सुन रहे थे ! ईश्वर की इच्छा को आप बढ़ाओ नहीं तो काम बनेगा नहीं ! ईश्वर को हम लोग जान पाए किस तरह से उनको, जगत गुरु तो हो गए लेकिन हमारा गुरु बनना बाकी होता है ! अर्जुन में तीन चार stages में progress हुई ! पहले संसारी अर्जुन थे, संसारी मतलब राग, शोक और मोह ! दूसरे अध्याय में अर्जुन को थोड़ा अपने ऊपर doubt हुआ, wrong understanding should takes us to doubtful understanding before coming to right understanding. You cannot go straight away to right understanding. उनको अपने ऊपर थोड़ा सा संशय हुआ - न चैतद्विद्मः कतरन्नो गरीयो- यद्वा जयेम यदि वा नो जयेयुः । यानेव हत्वा न जिजीविषाम- स्तेऽवस्थिताः प्रमुखे धार्तराष्ट्राः ॥-6 ॥ पहले अध्याय में he has no doubt. यही संसारी का लक्षण है, उसको अपने गलत समझ पर कभी संशय नहीं होता ! दुर्योधन को कभी संशय नहीं होता था कि हम गलत भी हैं ! So from wrong understanding he came to doubtful understanding. तो तीन stages अर्जुन की देखिए आप, एक तो संसारी अर्जुन, दूसरे संशयालु अर्जुन, यहाँ पर अर्जुन ने recognise किया कि हमसे कुछ गलती हो रही है शायद ! संसारी हम है लेकिन ये ठीक स्थिति नहीं है ! जो हमारी स्थिति है, there is better state of mind, there is a better state of understanding, There is a better response at the same cost.
🎉🎉🎉 Hari Om Guru Ji Sadar pranam Bahut bahut dhanyvad🎉🎉🎉
Hari om swamiji pranam.🎉🎉
Hariom our dearest n most respected Swamiji. Charan sparsh Swamiji. Koti koti pranams at your lotus feet Swamiji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐💐🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🕉🕉🌺🌺🌺🌺🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Param pujya swamiji ke shree charnon me koti koti pranam🙏🙏🙏🙏🙏
Main re Param pujya Swamiji 🙏🙏 Aap kay Paavan Shree Charno main koti koti anant koti Saadar charan sparsh 🙏🙏💐🌺
Koti koti dhanyawad Swamiji for such an adhbhut satsang .🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻☘️☘️☘️☘️☘️🕉🕉🕉🕉🕉
Pujya Swamiji aap main ra Anant koti pranaam sweekar kare 🙏🙏💐💐🌹🌺🌸🏵️
Hari Om , Swamiji, Sadar Pranam, Pushpa Choudhury
Charan sparsh Pujya Swamiji. Thank You. Video quality and sound is perfect 🙏🙏🙏🙏
We’re blessed 🌺
Sadar pranaam Swami ji🙏🙏🙏🙏🙏
प्रणाम स्वामी जी
🌹🌹🙏🌹🌹परम पूज्य स्वामीजी के श्री चरणों में सादर साष्टांग नमन 🙇🌹🌹🙏🌹🌹
Pujya Swamiji knows what is our Need of the hour hence such a Great Camp in such a Great setting. Blessings of Pujya Gurudev Swami Chinmayananda Ji have compounded our Divine Experience 🕉️🙏🏽
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Pl increase the sound a little. Thank u
Sound pl swamiji
Swamiji why sound always, a, problem
आध्यात्मिक के नाम पर गीत कॉमेडी क्लास चल रहा है
अर्जुन ने जब प्रथम अध्याय में बहुत कुछ बोला, भगवान मौन थे ! भगवान को पता था कि अर्जुन गलत बोल रहे हैं और अर्जुन इस समय कष्ट में हैं, अर्जुन को कष्ट है, अर्जुन चिंता में हैं, अर्जुन परेशान हैं लेकिन भगवान ने समझाने की कोई कोशिश नहीं की !
दूसरे अध्याय में जब प्रारम्भ किया भगवान ने, समझाया नहीं बस थोड़ा सा डांटा ! याद रखिएगा ईश्वर तब तक नहीं बोलते, जब तक की अंतःकरण में सुनने की बहुत इच्छा नहीं होती ! कोई भी वक्ता तब तक अच्छा नहीं बोल पाता, जब तक की अच्छा श्रोता नहीं रहता ! ईश्वर की इच्छा क्या होगी, ये निर्भर करता है कि आपकी इच्छा उसको लेकर क्या है -ये यथा माँ प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम् ।
अर्जुन की इच्छा नहीं थी पहले अध्याय में कि भगवान बोले कुछ, चुप थे ! जैसे हमलोगों इच्छा नहीं होती कि भगवान ज्यादा बोले तो भगवान चुप रहते हैं, फिर ! अब देखो गीता हो रही है पांचों पाण्डवों को भी भगवान ने नहीं बुलाया ! केवल तीन लोग सुन रहे थे, अर्जुन सुन रहे थे, संजय सुन रहे थे और हनुमान जी सुन रहे थे, हनुमान जी ऊपर बैठ कर सुन रहे थे ! ईश्वर की इच्छा को आप बढ़ाओ नहीं तो काम बनेगा नहीं ! ईश्वर को हम लोग जान पाए किस तरह से उनको, जगत गुरु तो हो गए लेकिन हमारा गुरु बनना बाकी होता है !
अर्जुन में तीन चार stages में progress हुई ! पहले संसारी अर्जुन थे, संसारी मतलब राग, शोक और मोह ! दूसरे अध्याय में अर्जुन को थोड़ा अपने ऊपर doubt हुआ, wrong understanding should takes us to doubtful understanding before coming to right understanding. You cannot go straight away to right understanding. उनको अपने ऊपर थोड़ा सा संशय हुआ -
न चैतद्विद्मः कतरन्नो गरीयो-
यद्वा जयेम यदि वा नो जयेयुः ।
यानेव हत्वा न जिजीविषाम-
स्तेऽवस्थिताः प्रमुखे धार्तराष्ट्राः ॥-6 ॥
पहले अध्याय में he has no doubt. यही संसारी का लक्षण है, उसको अपने गलत समझ पर कभी संशय नहीं होता ! दुर्योधन को कभी संशय नहीं होता था कि हम गलत भी हैं ! So from wrong understanding he came to doubtful understanding.
तो तीन stages अर्जुन की देखिए आप, एक तो संसारी अर्जुन, दूसरे संशयालु अर्जुन, यहाँ पर अर्जुन ने recognise किया कि हमसे कुछ गलती हो रही है शायद ! संसारी हम है लेकिन ये ठीक स्थिति नहीं है ! जो हमारी स्थिति है, there is better state of mind, there is a better state of understanding, There is a better response at the same cost.
Pranam Swamiji. Sadar chaaran spersh
Hari Om Pujya Swamiji Saadar pranams
हरि ओम 🙏🙏सादर प्रणाम परम पूज्य स्वामीजी🙏🙏
Pranam swamiji hariom thank you 💗
परमपूज्य गुरूजी के पावन चरणों मे कोटि कोटि प्रणाम. हरिओम. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Hari Om Swamiji parnam 🙏🙏