गणेश जी का जीवन आपको क्या सीख देता है ?

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  • Опубліковано 18 вер 2024
  • #ganeshchaturthi
    #DR. Samkitmuni ji m. s. live
    तीर्थंकरों व पंचपरमेष्टि की आराधना के साथ विधान अनुष्ठान सम्पूर्ण, श्रावकों ने तैयार किया धर्म सुरक्षा कवच
    समकितमुनिजी के सानिध्य में पांच दिवसीय सजोड़ा आगम विधान आराधना का समापन
    हैदराबाद, 17 सितम्बर। श्रमणसंघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता प्रज्ञामहर्षि डॉ. समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में ग्रेटर हैदराबाद संघ (काचीगुड़ा) के तत्वावधान में श्री पूनमचंद गांधी जैन स्थानक में पंच दिवसीय सजोड़ा आगम विधान आराधना अनुष्ठान का समापन मंगलवार को विधि विधान के साथ हुआ। इस विधान के माध्यम से सर्वमंगल व खुशहाली की कामना के साथ आगमनों की अमर गाथाओं का उच्चारण करते हुए चौबीस तीर्थंकरों व पंचपरमेष्टि की आराधना की गई। पांच दिन हुए विधान अनुष्ठान में सैकड़ो श्रावक-श्राविकाएं सजोड़ा शामिल हुए। इस दौरान प्रतिदिन करीब 30 हजार पांच दिन में करीब डेढ़ लाख बार अमर गाथाओं का उच्चारण विधान में किया गया। पूज्य समकितमुनिजी ने कहा कि समूह में एक साथ इतने सूत्र पढ़ने से जो पॉजीटिव एनर्जी निर्मित हुई है वह बहुत लाभकारी है। इससे यहां का वातावरण पावन एवं पवित्र हो गया है। अंतिम दिन विधान अनुष्ठान में आगम की अमर गाथाओं का 27 बार उच्चारण कर सबके कल्याण की कामना की गई। इस अनुष्ठान में आगमों की ऐसी अमर गाथाओं का उच्चारण किया गया जो जीवन की सभी बाधाएं दूर कर सकती है। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने परमात्मा भगवान महावीर स्वामी का स्मरण कर अंतिम दिन का विधान अनुष्ठान शुरू करते हुए कामना की कि ये विधान अनुष्ठान कल्याणकारी, सुख प्रदान करने वाला हो। मुनिश्री सूत्र का उच्चारण करते रहे एवं सजोड़ा अनुष्ठान में शामिल श्रावक-श्राविकाएं इससे दोहराते रहे। इस आराधना के साथ अंतिम दिन पांचवी गांठ विधिपूर्वक लगाने के साथ धर्म रक्षाकवच (सेफ्टी बेल्ट) बनाने की प्रक्रिया भी पूरी हो गई। प्रतिदिन एक-एक गांठ लगवाई गई थी। मुनिश्री ने कहा कि सूत्रों के लाखों उच्चारण के साथ तैयार ये सेफ्टी बेल्ट जीवन में बहुत सहायक होंगा। इसे घर के धर्मस्थल या पवित्र स्थान पर रखने के साथ जब भी जीवन में किसी चुनौतीपूर्ण स्थान पर जाना हो या असाता वेदनीय कठिन समय से गुजर रहे हो तब इसका ध्यान करें अवश्य सहायता मिलेगी। धर्मसभा में पूज्य प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. एवं गायनकुशल जयवंतमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। पांचवें दिन की विधान अनुष्ठान प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद इसमें शामिल भक्तों को दिए गए कूपन के आधार पर लक्की ड्रॉ निकाल पांच भाग्यशालियों को प्रभावना दी गई। सजोड़ा आगम आराधना में पांचों दिन शामिल होने वाले आराधकों में से लक्की ड्रॉ के माध्यम से पांच भाग्यशाली विजेताओं का चयन कर गोल्ड कॉइन प्रदान किया गया। गोल्ड कॉइन लाभार्थी श्रीमती पुष्पादेवी,राजेन्द्रकुमारजी,विनोदकुमारजी कीमती परिवार रहा। धर्मसभा में पूना से पधारे प्रकाशजी नाहर एवं प्रशान्तजी नाहर का स्वागत सम्मान किया गया। धर्मसभा में पूना, चैन्नई, दिल्ली, जोधपुर, कोयम्बयूटर आदि स्थानों से पधारे श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे। अतिथियों का ग्रेटर हैदराबाद संघ की ओर से स्वागत सम्मान किया गया। नियमित चातुर्मासिक प्रवचन प्रतिदिन सुबह 9 से 10 बजे तक हो रहे है।
    अपने कान ओर पेट को बना ले गणेशजी की तरह जीवन बन जाएगा वरदान
    धर्मसभा में प्रज्ञामहर्षि डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि हमे अपने कान ओर पेट गौरीनंदन गणेशजी की तरह बना ले। हम किसी के बारे में क्या बोले ये हमारे नियंत्रण में है लेकिन कोई हमारे लिए क्या बोलेगा यह नियंत्रण में नहीं होता है। ऐसे समय में अपने कान गणेशजी के हो जाए इस कान से उस कान जीवन बने वरदान। बहुत सी बाते ऐसी होती है जिस इस कान से उस कान करना होता ओर ऐसा नहीं कर पाते है तो जीवन की मुस्कान खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि गणेशजी का पेट बड़ा होने से हजम करने की ताकत जबरदस्त है। ये प्रॉपर हो जाए तो जीवन में बहुत सी बीमारियां आए ही नहीं। पेट बड़ा नहीं होने से हम कई बातों को पचा नहीं पाते ओर जीवन में बहुत से झगड़े होते है। हमारा जीवन उस पोस्टकार्ड की तरह नहीं हो जिस पर लिखा हर कोई पढ़ लेता है बल्कि उस लिफाफे की तरह हो जिसमें अंदर क्या लिखा पता नहीं होता है। जीवन में जिन बातों का पचाना है उन्हें बताने लग गए तो समस्याएं बढ़ती जाएगी।
    डांडिया में रात में जाकर मत बढ़ाओ पाप कर्म
    धर्मसभा में पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि नवरात्र का समय धर्म आराधना व साधना का समय होता है। ऐसे समय रात में डांडिया व मौजमस्ती के लिए जाकर पाप कर्म मत बढ़ाओ। उन्होंने संकल्प कराया कि इस बार नवरात्री में रात में डाडिया में नहीं जाएंगे एवं परिवार के सदस्यों को भी प्रेरित करेंगे हॉलाकि वह माने या न माने ये उनकी इच्छा पर छोड़ दे। नवरात्रि का समय धर्म आराधना के लिए श्रेष्ठ है। ऐसे समय को मौजमस्ती में बेकार नहीं करना चाहिए।
    सद्गुरू सुमति सेवा समिति की ओर से अन्नदान सेवा
    धर्मसभा में पूज्य समकितमुनिजी म.सा. के सानिध्य में पूज्य गुरूदेव सुमतिप्रकाशजी म.सा. की स्मृति में सद्गुरू सुमति सेवा समिति की ओर से हैदराबाद में अन्नदान कार्य के बैनर को जारी किया गया। मुनिश्री ने मंगलभावनाएं व्यक्त करते हुए बताया कि इस समिति के माध्यम से प्रत्येक पूर्णिमा एवं अमावस्या के दिन अन्नदान कार्य करते हुए असहाय लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। पूर्णिमा होने से प्रवचन के बाद समिति के सदस्यों ने अन्नदान कार्य किया।
    मंगलकारी उवसग्गर स्रोत की आराधना 22 सितम्बर को

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