Class 8.33। कर्म बन्ध विज्ञान - नए जन्म के पहले आत्मा का आकार कैसा होता है? सूत्र 11

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  • Опубліковано 11 чер 2024
  • Class 8.33 summary
    हमने जाना कि ध्‍यान में एकाग्रता न आने के कारण हैं
    distractions बहुत होना
    और संहनन कमजोर होना
    ज्ञानार्णव जी के अनुसार जिनके संहनन अच्छे होंगे
    उन्हीं के आसन में स्थिरता होगी
    और उन्हीं के ध्‍यान ढंग से लगेगा
    कमजोर शरीर से हम थोड़ी देर भी स्थिर नहीं बैठ सकते
    कुछ लोग सुकुमाल मुनि की तरह कोमल दिखते हैं
    लेकिन उनकी strength बहुत अच्‍छी होती है
    फर्श पर चलने पर भी सुकुमाल के पैर छलनी हो जाते थे
    पर जब तपस्‍या करते समय स्‍यालिनी ने उन्हें काटा तो
    वे जरा नहीं डगमगाये
    यह उनका संहनन, धैर्य था
    हमने जाना कि स्‍पर्श, रस, गन्ध और वर्ण नामकर्म के माध्‍यम से शरीर में ये चीजें उत्‍पन्‍न होती हैं
    वैसे तो ये पुद्गल के गुण हैं
    लेकिन अनन्‍त पुद्गलों से बने स्‍थूल पौद्गलिक शरीर में भी
    स्पर्श, रस, गन्ध और वर्ण होता है
    अन्तरंग में यह इन नामकर्मों के उदय से होता है
    और बाहर नोकर्म शरीर में स्‍पर्श आदि के रूप में महसूस होता है
    स्पर्श हल्‍का-भारी, ठण्‍डा-गर्म, चिकना-रूखा और कठोर-कोमल आठ प्रकार का होता है
    रस खट्टा, मीठा, कड़वा, कषायला और चरपरा पाँच प्रकार का होता है
    हमने जाना कि नींबू का खट्टापन, मिर्ची का चरपरापन आदि
    इनमें रहने वाले वनस्पतिकायिक एकेन्द्रिय जीवों के शरीरों के रस से उत्पन्न होते हैं
    एकेन्द्रिय आदि जीवों में तो खट्टा आदि रस का उदय देखने में आ जाता है
    लेकिन इन नामकर्मों का उदय सभी शरीरी जीवों में होते है
    गन्ध अच्‍छी और बुरी दो प्रकार की होती है
    वर्ण लाल, पीला, काला, सफेद और नीला पाँच प्रकार का होता है
    बाकी वर्ण इनके combination से बन जाते हैं
    कहीं-कहीं पर काला, नीला की जगह हरा भी बताया जाता है
    वर्ण नामकर्म के कारण हमें अलग-अलग रंग के शरीर दिखायी देते हैं
    जैसे सफेद, पीले लोग
    africa में काले, नीले लोग
    और लाल रंग के पद्मप्रभ भगवान
    हमने जाना था कि एक‍ गति को छोड़कर दूसरी गति में
    जन्म योनि स्‍थान तक पहुँचने से पहले
    आकाश में जीव की गति को विग्रहगति कहते हैं
    आनुपूर्वी नामकर्म आत्मा को एक गति से दूसरी गति की ओर ले जाता है
    और इसके उदय में विग्रहगति में आत्‍मा की shape
    जिस शरीर को छोड़कर आत्मा आयी है
    वैसी बनी रहती है
    जन्‍म के साथ ही इस नामकर्म का उदय समाप्‍त हो जाता है
    चार गतियों के लिए यह चार प्रकार का होता है
    नरक गत्‍यानुपूर्वी,
    देव गत्‍यानुपूर्वी,
    मनुष्य गत्‍यानुपूर्वी,
    तिर्यंच गत्‍यानुपूर्वी
    आनुपूर्वी नामकर्म का नाम जिस गति में जीव जा रहा है
    उसके अनुसार होगा
    लेकिन विग्रहगति में आत्मा की आकृति पूर्व शरीर के अनुसार ही होगी
    जैसे नरक गत्‍यानुपूर्वी आत्मा को नरक की ओर ले जायेगा
    लेकिन यदि वह मनुष्‍य या तिर्यंच शरीर छोड़कर नरक जा रहा है
    तो विग्रहगति में आत्‍मा की आकृति मनुष्‍य या तिर्यंच की रहेगी
    हमने गति और गत्‍यानुपूर्वी में अन्‍तर समझा
    गति गमन कराती है
    गत्‍यानुपूर्वी के माध्‍यम से गमन होता है
    गति का उदय तो जन्‍म लेने के बाद भी रहता है
    लेकिन गत्‍यानुपूर्वी का केवल विग्रहगति में रहता है
    हमने जाना कि जैसी आयु होगी, वैसी ही गत्‍यानुपूर्वी और गति भी होगी
    जैसे तिर्यंच आयु, तिर्यंच गति, तिर्यंचगत्‍यानुपूर्वी एक साथ होंगी
    आयु जीव को आयु पर्यन्त उस गति के शरीर में रखती है
    आयु समाप्त होने पर शरीर छूटता है और दूसरी आयु का उदय होता है
    इसी समय दूसरी गति का भी उदय होता है
    गत्‍यानुपूर्वी कर्म उसे दूसरे शरीर में उत्पन्न कराता है
    गति नामकर्म के कारण जीव में गति की feeling आती है कि
    मैं मनुष्‍य, तिर्यंच आदि हूँ
    Tattwarthsutra Website: ttv.arham.yoga/

КОМЕНТАРІ • 20

  • @snehprabhagupta6048
    @snehprabhagupta6048 Місяць тому

    नमोस्तु गुरूदेव नमोस्तु 🙏🙏🙏

  • @prabhajain6878
    @prabhajain6878 Місяць тому +3

    अर्हं योग प्रणेता पूज्य गुरूवर श्री प्रणम्यसागर जी महाराज के पावन चरणों में कोटि कोटि नमन कोटि कोटि वंदन और कोटि कोटि आभार 🙏💖🙏💖🙏💖

  • @mahendrijain9829
    @mahendrijain9829 День тому

    Gurudev ke charno me barambar namostu

  • @arunjain1571
    @arunjain1571 27 днів тому

    णमौस्तू गूरूवर , कोटिश: नमन्

  • @babitajain66
    @babitajain66 Місяць тому

    Mere aaradhya gurudev ke charnon me namostu namostu namostu

  • @anjujain3552
    @anjujain3552 8 днів тому

    Namostu gurudev 🙏🙏🙏

  • @nainasoni5314
    @nainasoni5314 Місяць тому

    Namostu Gurudev

  • @vinayjain4748
    @vinayjain4748 Місяць тому

    Namostu guruver bhagwan

  • @priyankajain2260
    @priyankajain2260 Місяць тому +2

    🙏🏻🙏🏻

  • @manjushashah5597
    @manjushashah5597 24 дні тому

    Namostu gurudev

  • @manjujain1039
    @manjujain1039 Місяць тому

    Namostu guru dev Namostu 🙏🙏🙏

  • @TanusTips
    @TanusTips Місяць тому

    नमोस्तु गुरूदेव आचार्य श्री जी की जय हो 🙏🙏🙏🙏

  • @vipulatashah3543
    @vipulatashah3543 Місяць тому +1

    नमोस्तु गुरूदेव जी. 🙏🏼🙏🏼🙏🏼

  • @pragatichankeshwar3674
    @pragatichankeshwar3674 Місяць тому

    🙏🙏🙏

  • @ruchijain5462
    @ruchijain5462 22 дні тому

    Namostu gurudev 😊

  • @rekhajain7566
    @rekhajain7566 Місяць тому +1

    Namostu guruvar

  • @mahendrijain9829
    @mahendrijain9829 День тому

    Smt Mahendri jain

  • @nainasoni5314
    @nainasoni5314 Місяць тому

    4

  • @vinayjain4748
    @vinayjain4748 Місяць тому

    Answer 2 .. 4

  • @rahulgodha3428
    @rahulgodha3428 2 дні тому

    Khara bhi to hota hai
    Namak ka khar