20 Aug 2020 Murli class by BK Manju Didi

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  • Опубліковано 6 вер 2024
  • “मीठे बच्चे - अपनी सेफ्टी के लिए विकारों रूपी माया के चम्बे से सदा बचकर रहना है, देह-अभिमान में कभी नहीं आना है''
    प्रश्नः- पुण्य आत्मा बनने के लिए बाप सभी बच्चों को कौन-सी मुख्य शिक्षा देते हैं?
    उत्तर:- बाबा कहते - बच्चे, पुण्यात्मा बनना है तो 1. श्रीमत पर सदा चलते रहो। याद की यात्रा में ग़फलत नहीं करो। 2. आत्म-अभिमानी बनने का पूरा-पूरा पुरूषार्थ कर काम महाशत्रु पर जीत प्राप्त करो। यही समय है - पुण्यात्मा बन इस दु:खधाम से पार सुखधाम में जाने का।
    ओम् शान्ति।
    अच्छा!
    मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमॉर्निंग। रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते।
    धारणा के लिए मुख्य सार:-
    1) अपने घर और राजधानी को याद कर अपार खुशी में रहना है। सदा याद रहे - अब हमारी मुसाफिरी पूरी हुई, हम जाते हैं अपने घर, फिर राजधानी में आयेंगे।
    2) हम शिवबाबा से ब्रह्मा द्वारा हैण्ड शेक करते हैं, वह बागवान हमें पतित से पावन बना रहे हैं। हम इस पढ़ाई से स्वर्ग की पटरानी बनते हैं - इसी आन्तरिक खुशी में रहना है।
    वरदान:- अव्यभिचारी और निर्विघ्न स्थिति द्वारा फर्स्ट जन्म की प्रालब्ध प्राप्त करने वाले समीप और समान भव
    जो बच्चे यहाँ बाप के गुण और संस्कारों के समीप हैं, सर्व सम्बन्धों से बाप के साथ का वा समानता का अनुभव करते हैं वही वहाँ रायल कुल में फर्स्ट जन्म के सम्बन्ध में समीप आते हैं। 2-फर्स्ट में वही आयेंगे जो आदि से अब तक अव्यभिचारी और निर्विघ्न रहे हैं। निर्विघ्न का अर्थ यह नहीं है कि विघ्न आये ही नहीं लेकिन विघ्न विनाशक वा विघ्नों के ऊपर सदा विजयी रहें। यह दोनों बातें यदि आदि से अन्त तक ठीक हैं तो फर्स्ट जन्म में साथी बनेंगे।
    स्लोगन:- साइलेन्स की पॉवर से निगेटिव को पॉजिटिव में परिवर्तन करो।

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