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गंगा में विसर्जित अस्थियां आखिर जाती कहां हैं ??? बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख अवश्य पढ़े..!!! --------हर हर गंगे!!!! पतितपावनी गंगा को देव नदी कहा जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गंगा स्वर्ग से धरती पर आई है। मान्यता है कि गंगा श्री हरि विष्णु के चरणों से निकली है और भगवान शिव की जटाओं में आकर बसी है। . श्री हरि और भगवान शिव से घनिष्ठ संबंध होने पर गंगा को पतित पाविनी कहा जाता है। मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश हो जाता है। . एक दिन देवी गंगा श्री हरि से मिलने बैकुण्ठ धाम गई और उन्हें जाकर बोली," प्रभु ! मेरे जल में स्नान करने से सभी के पाप नष्ट हो जाते हैं लेकिन मैं इतने पापों का बोझ कैसे उठाऊंगी? मेरे में जो पाप समाएंगे उन्हें कैसे समाप्त करूंगी?" . इस पर श्री हरि बोले,"गंगा! जब साधु, संत, वैष्णव आ कर आप में स्नान करेंगे तो आप के सभी पाप घुल जाएंगे।" . गंगा नदी इतनी पवित्र है की प्रत्येक भारतीय की अंतिम इच्छा होती है उसकी अस्थियों का विसर्जन गंगा में ही किया जाए लेकिन यह अस्थियां जाती कहां हैं? . इसका उत्तर तो वैज्ञानिक भी नहीं दे पाए क्योंकि असंख्य मात्रा में अस्थियों का विसर्जन करने के बाद भी गंगा जल पवित्र एवं पावन है। गंगा सागर तक खोज करने के बाद भी इस प्रश्न का पार नहीं पाया जा सका। . सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार मृत्यु के बाद आत्मा की शांति के लिए मृत व्यक्ति की अस्थि को गंगा में विसर्जन करना उत्तम माना गया है। यह अस्थियांं सीधे श्री हरि के चरणों में बैकुण्ठ जाती हैं। जिस व्यक्ति का अंत समय गंगा के समीप आता है उसे मरणोपरांत मुक्ति मिलती है। इन बातों से गंगा के प्रति हिन्दूओं की आस्था तो स्वभाविक है। . वैज्ञानिक दृष्टि से गंगा जल में पारा अर्थात (मर्करी) विद्यमान होता है जिससे हड्डियों में कैल्सियम और फोस्फोरस पानी में घुल जाता है। जो जलजन्तुओं के लिए एक पौष्टिक आहार है। हड्डियों में गंधक (सल्फर) विद्यमान होता है जो पारे के साथ मिलकर पारद का निर्माण होता है। इसके साथ-साथ यह दोनों मिलकर मरकरी सल्फाइड साल्ट का निर्माण करते हैं। हड्डियों में बचा शेष कैल्शियम, पानी को स्वच्छ रखने का काम करता है। धार्मिक दृष्टि से पारद शिव का प्रतीक है और गंधक शक्ति का प्रतीक है। सभी जीव अंततःशिव और शक्ति में ही विलीन हो जाते हैं। *जय जय माँ गंगे* #जीवामृत साभार *भोलेनाथ अग्रप्रेषय* *ua-cam.com/channels/KYxp5dpGVqq59SAkM4fWbA.html* चैनल को संनिविश (सब्सक्राइब), प्रशंस (पसंद) अवश्य करें ✔️🥰
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Haa. Dusra kaam me lagaya jata he usko hat se nikalke. Ya to direct khet me xod de. Dyan rahe usme koi kitnasak uria dap use na ho. Nahi to wo kechuwa mar jayenge
Wo kechwa jo 1kilo dala tha badh kar 2kilo ho jata hai usse chaat kar nikalte hai aur dobara vermi khaad banate hai. Is baar kechwa ki sankya double hai jiswajah se utna hi weight ki vermi samagiri ko kechwa adhe hi time me vermi compost me badaldega!
I have so many kechuas in one of my flower pots like 40-50s... They are there for years and dry-out the flower plant every year... Is there is a way to shift them to other pots or give them something to eat so that they don't dry out the plant? It looks like they increase the phosphorous level really high? Any suggestions?
Aapke video से सीख कर hamne aapne ghar me vermicompost bin बनाई he. Isme cooler bhi lagaya jiski cost Rs 20 only he Delhi ki garmi se kacheuo ko bachane ke liye. Please aap hamara video dekh ke suggestion de.
mene aap e channel ko pahjle se hi sub kiya hai aur kal hi aap ke kahne par seaweed green mangwaiye hai saath me neem spray bhi .....mujhe bahut khushi hoi jab mene deckka ki aapne iss video par comment diya
@@JAGDISHBEHERA18 usse nhi hoga.. eisenia fetida ( Europe) aur Local species used in India are Perionyx excavatus and Lampito mauritii.. Indian wala forest soil mein milta hai mostly
@@JAGDISHBEHERA18 Are pata hai bro.. pr wo kenchua mitti khati hai.. kuch specific species hai jo vermicompost mein use hota hai.. vermicompost wala kenchua forest soil mein mitti mein 3-5 inch mein hi rhte hein.. pr jo tum bol rhe ho wo 10-15 inch tak v rhte hein aur mitti khate hein.. maine ye course mein padha hai..
@@kartikkulsange3144 may be bro but that person is elder to us na😊 so we must respect their efforts rit.. Srry if I act too smart... Just I felt some wat harsh so mentioned...
सर जैसा की मेै गॉव में रहता हूँ और मुझे अच्छी नस्ल के केचुऐ उपलब्ध न हो तो जो केचुऐ मेरे गॉव में प्रकृतिक रूप से मौजूद है उनको पकडकर केचुआ खाद बनाने में ईस्तेमाल कर सकते हैं क्या और सर कितने दिन में केचुआ खाद तैयार होगी सर जरूर बताना मै एक किसान हूँ,,, धन्यवाद💐💐💐
गंगा में विसर्जित अस्थियां आखिर जाती कहां हैं ??? बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख अवश्य पढ़े..!!! --------हर हर गंगे!!!! पतितपावनी गंगा को देव नदी कहा जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गंगा स्वर्ग से धरती पर आई है। मान्यता है कि गंगा श्री हरि विष्णु के चरणों से निकली है और भगवान शिव की जटाओं में आकर बसी है। . श्री हरि और भगवान शिव से घनिष्ठ संबंध होने पर गंगा को पतित पाविनी कहा जाता है। मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश हो जाता है। . एक दिन देवी गंगा श्री हरि से मिलने बैकुण्ठ धाम गई और उन्हें जाकर बोली," प्रभु ! मेरे जल में स्नान करने से सभी के पाप नष्ट हो जाते हैं लेकिन मैं इतने पापों का बोझ कैसे उठाऊंगी? मेरे में जो पाप समाएंगे उन्हें कैसे समाप्त करूंगी?" . इस पर श्री हरि बोले,"गंगा! जब साधु, संत, वैष्णव आ कर आप में स्नान करेंगे तो आप के सभी पाप घुल जाएंगे।" . गंगा नदी इतनी पवित्र है की प्रत्येक भारतीय की अंतिम इच्छा होती है उसकी अस्थियों का विसर्जन गंगा में ही किया जाए लेकिन यह अस्थियां जाती कहां हैं? . इसका उत्तर तो वैज्ञानिक भी नहीं दे पाए क्योंकि असंख्य मात्रा में अस्थियों का विसर्जन करने के बाद भी गंगा जल पवित्र एवं पावन है। गंगा सागर तक खोज करने के बाद भी इस प्रश्न का पार नहीं पाया जा सका। . सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार मृत्यु के बाद आत्मा की शांति के लिए मृत व्यक्ति की अस्थि को गंगा में विसर्जन करना उत्तम माना गया है। यह अस्थियांं सीधे श्री हरि के चरणों में बैकुण्ठ जाती हैं। जिस व्यक्ति का अंत समय गंगा के समीप आता है उसे मरणोपरांत मुक्ति मिलती है। इन बातों से गंगा के प्रति हिन्दूओं की आस्था तो स्वभाविक है। . वैज्ञानिक दृष्टि से गंगा जल में पारा अर्थात (मर्करी) विद्यमान होता है जिससे हड्डियों में कैल्सियम और फोस्फोरस पानी में घुल जाता है। जो जलजन्तुओं के लिए एक पौष्टिक आहार है। हड्डियों में गंधक (सल्फर) विद्यमान होता है जो पारे के साथ मिलकर पारद का निर्माण होता है। इसके साथ-साथ यह दोनों मिलकर मरकरी सल्फाइड साल्ट का निर्माण करते हैं। हड्डियों में बचा शेष कैल्शियम, पानी को स्वच्छ रखने का काम करता है। धार्मिक दृष्टि से पारद शिव का प्रतीक है और गंधक शक्ति का प्रतीक है। सभी जीव अंततःशिव और शक्ति में ही विलीन हो जाते हैं। *जय जय माँ गंगे* #जीवामृत साभार *भोलेनाथ अग्रप्रेषय* *ua-cam.com/channels/KYxp5dpGVqq59SAkM4fWbA.html* चैनल को संनिविश (सब्सक्राइब), प्रशंस (पसंद) अवश्य करें ✔️🥰
अच्छे तरीके से बनाए और समझा वह वीडियो साथी बेहतरीन प्रेजेंटेशन
ÀPr
Bht hi bdiya or nek kaam h hmari mother earth k liye.... 🙏 Dhnywad bht bht achhi knowledge dene k liye
Uncle i had done after seeing this video it worked nicely amazing☺😗☺☺
भाई जी ने बहुत ही महत्त्वपूर्ण जानकारी बड़े ही आसान ढंग से दी है।
Excellent video.... very informative....no nonsense thing/talk to waste our time
बहुत ही उम्दा तरीके से समझाया आपने सर शुक्रिया 👍
AMAZING surroundings area nature is really good
Very good सर बहुत बढ़िया तरीका से सझाया
This is Our technology from very old time but we forgot it and Forigne people do terrace vegetables gardening with this compost.
उत्तम जानकारी ! सहज और सरल भाषा में उत्तम जानकारी
Good . Love from Pakistan
Om shanti om shanti pyre shive baba ❤❤❤❤
Thanks And Keep Watching
waw good knowlage man,,,.super
शानदार जानकारी 👍धन्यवाद
Thanks And Keep Watching
इतना तेज म्युजिक बैंक ग्राउंड में लगाना जरूरी था क्या?
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Gvgcgggvgggg vggcgcggggcg cctv ggcg fcf. G FCC vggcgcggggcg gg. Tt tt ggggggtf t gttg ggg ggçg g ggttttt. Tttttt tt cctvs g CCTCg
Vggcgcggggcg vggcgcggggcg gvgcgggvgggg gcg. G. G g t tggg. Gg g g. Tgccg vg. Gg vggcgcggggcg
Aap music per dhyan de rahe hai ya khaad kaise banate hai us par
गंगा में विसर्जित अस्थियां आखिर जाती कहां हैं ??? बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख अवश्य पढ़े..!!!
--------हर हर गंगे!!!!
पतितपावनी गंगा को देव नदी कहा जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गंगा स्वर्ग से धरती पर आई है। मान्यता है कि गंगा श्री हरि विष्णु के चरणों से निकली है और भगवान शिव की जटाओं में आकर बसी है।
.
श्री हरि और भगवान शिव से घनिष्ठ संबंध होने पर गंगा को पतित पाविनी कहा जाता है। मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश हो जाता है।
.
एक दिन देवी गंगा श्री हरि से मिलने बैकुण्ठ धाम गई और उन्हें जाकर बोली," प्रभु ! मेरे जल में स्नान करने से सभी के पाप नष्ट हो जाते हैं लेकिन मैं इतने पापों का बोझ कैसे उठाऊंगी? मेरे में जो पाप समाएंगे उन्हें कैसे समाप्त करूंगी?"
.
इस पर श्री हरि बोले,"गंगा! जब साधु, संत, वैष्णव आ कर आप में स्नान करेंगे तो आप के सभी पाप घुल जाएंगे।"
.
गंगा नदी इतनी पवित्र है की प्रत्येक भारतीय की अंतिम इच्छा होती है उसकी अस्थियों का विसर्जन गंगा में ही किया जाए लेकिन यह अस्थियां जाती कहां हैं?
.
इसका उत्तर तो वैज्ञानिक भी नहीं दे पाए क्योंकि असंख्य मात्रा में अस्थियों का विसर्जन करने के बाद भी गंगा जल पवित्र एवं पावन है। गंगा सागर तक खोज करने के बाद भी इस प्रश्न का पार नहीं पाया जा सका।
.
सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार मृत्यु के बाद आत्मा की शांति के लिए मृत व्यक्ति की अस्थि को गंगा में विसर्जन करना उत्तम माना गया है। यह अस्थियांं सीधे श्री हरि के चरणों में बैकुण्ठ जाती हैं।
जिस व्यक्ति का अंत समय गंगा के समीप आता है उसे मरणोपरांत मुक्ति मिलती है। इन बातों से गंगा के प्रति हिन्दूओं की आस्था तो स्वभाविक है।
.
वैज्ञानिक दृष्टि से गंगा जल में पारा अर्थात (मर्करी) विद्यमान होता है जिससे हड्डियों में कैल्सियम और फोस्फोरस पानी में घुल जाता है। जो जलजन्तुओं के लिए एक पौष्टिक आहार है। हड्डियों में गंधक (सल्फर) विद्यमान होता है जो पारे के साथ मिलकर पारद का निर्माण होता है।
इसके साथ-साथ यह दोनों मिलकर मरकरी सल्फाइड साल्ट का निर्माण करते हैं। हड्डियों में बचा शेष कैल्शियम, पानी को स्वच्छ रखने का काम करता है। धार्मिक दृष्टि से पारद शिव का प्रतीक है और गंधक शक्ति का प्रतीक है। सभी जीव अंततःशिव और शक्ति में ही विलीन हो जाते हैं।
*जय जय माँ गंगे*
#जीवामृत साभार *भोलेनाथ अग्रप्रेषय*
*ua-cam.com/channels/KYxp5dpGVqq59SAkM4fWbA.html*
चैनल को संनिविश (सब्सक्राइब), प्रशंस (पसंद) अवश्य करें ✔️🥰
thank you it's very helpful to our science education
DEEPA TAK ha yes
DEEPA TAK hi kaise ho app theek ho this is my WhatsApp no 8825018128
Welcome
Please visit this channel
वैदिक खाद
ua-cam.com/video/GfGnd3MgNvM/v-deo.html
Nice background.
India ki Asli Pehchan
Love this !!!! Great insights into kechua and satai surang kechua .
Chakde fate
Bahut hi sundar samjaya sir ji
Sir well done bhut accha r easily smjh gye thnk u sir 🙏🏼🙏🏼
Gautam kajal Gautam gt......
बहुत बडीया सर जी सर केचुए कहा से मिले गे
Vah uncle ji kya explain kia h...
Best video about this topic I have seen 👍
Very nicely explained , thank you sir
bahut sunder jankari dr.sahab very important information thanks
thankyou sir.very useful knowledge
kalpana sharma
Hi Kalpana kaise ho
.
nic
Hii
Aap bahut hi ache se batate hai
सर जी क्या हम इसे ढक दे और दीवाल की वाऊन्डी बना कर बना नहीं सकते हैं
outstanding 👌👌
Thanks sir itni knowledge dene ke liye 🙏🙏👌👌
Sir ek akad m kitna vermi composed dalna chhaye
OM SHANTI BHAI JI BHAUT ACHI TARAHA SE AAPNE NE SAMJAHA.
Hi
Vermicompost bnane k liye konse kism da kechuva sahi hai.?
Rainy season mai mere kheton me boht hote hai, kya us kechvo ko use kr sakde hai ??
Red kechuwe
Red wale best hai..
Thanks for sharing this informational video 🥰 👍 sir..
Great knowledge...
Informative and useful!
थैंक्यू भाई जी ओम शांति 🙏🙏
Excellent information.
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--------हर हर गंगे!!!!
पतितपावनी गंगा को देव नदी कहा जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गंगा स्वर्ग से धरती पर आई है। मान्यता है कि गंगा श्री हरि विष्णु के चरणों से निकली है और भगवान शिव की जटाओं में आकर बसी है।
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श्री हरि और भगवान शिव से घनिष्ठ संबंध होने पर गंगा को पतित पाविनी कहा जाता है। मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश हो जाता है।
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एक दिन देवी गंगा श्री हरि से मिलने बैकुण्ठ धाम गई और उन्हें जाकर बोली," प्रभु ! मेरे जल में स्नान करने से सभी के पाप नष्ट हो जाते हैं लेकिन मैं इतने पापों का बोझ कैसे उठाऊंगी? मेरे में जो पाप समाएंगे उन्हें कैसे समाप्त करूंगी?"
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इस पर श्री हरि बोले,"गंगा! जब साधु, संत, वैष्णव आ कर आप में स्नान करेंगे तो आप के सभी पाप घुल जाएंगे।"
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गंगा नदी इतनी पवित्र है की प्रत्येक भारतीय की अंतिम इच्छा होती है उसकी अस्थियों का विसर्जन गंगा में ही किया जाए लेकिन यह अस्थियां जाती कहां हैं?
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इसका उत्तर तो वैज्ञानिक भी नहीं दे पाए क्योंकि असंख्य मात्रा में अस्थियों का विसर्जन करने के बाद भी गंगा जल पवित्र एवं पावन है। गंगा सागर तक खोज करने के बाद भी इस प्रश्न का पार नहीं पाया जा सका।
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जिस व्यक्ति का अंत समय गंगा के समीप आता है उसे मरणोपरांत मुक्ति मिलती है। इन बातों से गंगा के प्रति हिन्दूओं की आस्था तो स्वभाविक है।
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वैज्ञानिक दृष्टि से गंगा जल में पारा अर्थात (मर्करी) विद्यमान होता है जिससे हड्डियों में कैल्सियम और फोस्फोरस पानी में घुल जाता है। जो जलजन्तुओं के लिए एक पौष्टिक आहार है। हड्डियों में गंधक (सल्फर) विद्यमान होता है जो पारे के साथ मिलकर पारद का निर्माण होता है।
इसके साथ-साथ यह दोनों मिलकर मरकरी सल्फाइड साल्ट का निर्माण करते हैं। हड्डियों में बचा शेष कैल्शियम, पानी को स्वच्छ रखने का काम करता है। धार्मिक दृष्टि से पारद शिव का प्रतीक है और गंधक शक्ति का प्रतीक है। सभी जीव अंततःशिव और शक्ति में ही विलीन हो जाते हैं।
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R u selling vermicompost
Phone number Tum 6
बहुत अच्छी जानकारी है सर
I have 1000 apple trees, govt recommend to use 100Kg vermi per tree. I would die making this
Please contact me directly for waste Decomposer 9057619990 for your Apple plants growth and development fruit
Excellent sir bhesh ka khad bhi le sakte hai
Thank you sir..
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पतितपावनी गंगा को देव नदी कहा जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गंगा स्वर्ग से धरती पर आई है। मान्यता है कि गंगा श्री हरि विष्णु के चरणों से निकली है और भगवान शिव की जटाओं में आकर बसी है।
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एक दिन देवी गंगा श्री हरि से मिलने बैकुण्ठ धाम गई और उन्हें जाकर बोली," प्रभु ! मेरे जल में स्नान करने से सभी के पाप नष्ट हो जाते हैं लेकिन मैं इतने पापों का बोझ कैसे उठाऊंगी? मेरे में जो पाप समाएंगे उन्हें कैसे समाप्त करूंगी?"
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गंगा नदी इतनी पवित्र है की प्रत्येक भारतीय की अंतिम इच्छा होती है उसकी अस्थियों का विसर्जन गंगा में ही किया जाए लेकिन यह अस्थियां जाती कहां हैं?
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इसका उत्तर तो वैज्ञानिक भी नहीं दे पाए क्योंकि असंख्य मात्रा में अस्थियों का विसर्जन करने के बाद भी गंगा जल पवित्र एवं पावन है। गंगा सागर तक खोज करने के बाद भी इस प्रश्न का पार नहीं पाया जा सका।
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सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार मृत्यु के बाद आत्मा की शांति के लिए मृत व्यक्ति की अस्थि को गंगा में विसर्जन करना उत्तम माना गया है। यह अस्थियांं सीधे श्री हरि के चरणों में बैकुण्ठ जाती हैं।
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वैज्ञानिक दृष्टि से गंगा जल में पारा अर्थात (मर्करी) विद्यमान होता है जिससे हड्डियों में कैल्सियम और फोस्फोरस पानी में घुल जाता है। जो जलजन्तुओं के लिए एक पौष्टिक आहार है। हड्डियों में गंधक (सल्फर) विद्यमान होता है जो पारे के साथ मिलकर पारद का निर्माण होता है।
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Very good job sir best knowledgeable video sir #healthyharvest
केंचुओं का क्या हुआ??बनी हुई वर्मीकम्पोस्ट में से केंचुओं को कैसे निकालते है?
Nice Question
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Wo kechwa jo 1kilo dala tha badh kar 2kilo ho jata hai usse chaat kar nikalte hai aur dobara vermi khaad banate hai.
Is baar kechwa ki sankya double hai jiswajah se utna hi weight ki vermi samagiri ko kechwa adhe hi time me vermi compost me badaldega!
Keshuva muje Lena hey ushki kya price hey
Ushka meggi banaya jata hai
बहुत बढ़िया है और सरल है बनाना
Imran Patel sar aap ke contact
I have so many kechuas in one of my flower pots like 40-50s... They are there for years and dry-out the flower plant every year... Is there is a way to shift them to other pots or give them something to eat so that they don't dry out the plant? It looks like they increase the phosphorous level really high? Any suggestions?
Sir ji bhut hi acha lga dekh kar
Aapke video से सीख कर hamne aapne ghar me vermicompost bin बनाई he. Isme cooler bhi lagaya jiski cost Rs 20 only he Delhi ki garmi se kacheuo ko bachane ke liye. Please aap hamara video dekh ke suggestion de.
Shashi n Gautam - Kitchen Gardeners aap ke contact
mere contact
7016117153
Shashi n Gautam - Kitchen Gardeners ! 20 Rs. To bhut jiyada hai, hmare 40 Kg ka bag 250/- se 275/- me mil jatta hai, 7/- Kg
mene aap e channel ko pahjle se hi sub kiya hai aur kal hi aap ke kahne par seaweed green mangwaiye hai saath me neem spray bhi .....mujhe bahut khushi hoi jab mene deckka ki aapne iss video par comment diya
hello aapne kecheuo ko kaha se liya...kya aap kuchh kecheue hum se sakte ho. Main delhi me hi
Arvind Kumar krishi vigyan kendra me kenchue milte hai. Aap waha se kharid sakte hai.
Bahut hi khoob information 👍
why not have english sub.
i wan to see what is he talking about
Hung Nguyen yes subtitles will help many. We try to add subtitles.
8968566536
Hi
Sir bahut achhi jankari di mai yahi dund rahi thi
kenchuee kahan se mille gaa
Krishi vigyan Kendra
Khat sa
@@JAGDISHBEHERA18 usse nhi hoga.. eisenia fetida ( Europe) aur Local species used in India are Perionyx excavatus and Lampito mauritii.. Indian wala forest soil mein milta hai mostly
@@lokeshbag9244 kenchuee sab jaga may milaga bas kuch khaga ya fir gat khol do miljaya ga
@@JAGDISHBEHERA18 Are pata hai bro.. pr wo kenchua mitti khati hai.. kuch specific species hai jo vermicompost mein use hota hai.. vermicompost wala kenchua forest soil mein mitti mein 3-5 inch mein hi rhte hein.. pr jo tum bol rhe ho wo 10-15 inch tak v rhte hein aur mitti khate hein.. maine ye course mein padha hai..
Thank you sir bahut achhe se samjhaya aapne
Sir mene ek container m banaya h but us m to whiter colour k bahut saare kide types lag gae h ab kya karu
Apko 15 din phle decampos karna chiye hila hila ke
बहुत अच्छी जानकारी
केछुआ काहा मिलेगा सर आजकाल तो केछुवा मिल्ना मुस्किल लग रहा है
Hm de denge 7988139158 in gohana,. Haryana
Excellent information full detail 👌
How much days it take to convert this into vermicompost?
Hmm..
2 to 3 months
Sir चारा अवशेष में सरसों की खली भी डाल सकते है
जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
Remove background music , very irritating
Hi ur words are very harsh, plz convey ur suggestions with polite way😊...
@@sangv8427 content is really good,but background music is harsh to listen
@@kartikkulsange3144 may be bro but that person is elder to us na😊 so we must respect their efforts rit.. Srry if I act too smart... Just I felt some wat harsh so mentioned...
@@sangv8427 no problem bro, take care
Lol nice man
Jay ho parmatma ashirvaad bnay rkay
मुझे केचुआ चाहिए कहा मिलेगा
apna number mujhe de do
Arvind Kumar ok
himat Pal
Contract 9210802135
@@Online_earning12uo 9369103031
Superb sir salute h apko
kechuva kha par meelega
Online dekhiye k aap k nazdeek kaun vermicompost banata hai.
Yadi aap Bhopal k paas hain to hum aapki madad kar sakte hain.
hamare pas mil jayega 8273357790
Kaha rahte he aap or or kechuve ki kimat Kya he
Aap kha rhete he
Village Khasod khurd ditt.Ujjain MP
yeh Kahan milegi
aap najdiki agriculture office ke sang sampark kijiye
Anisha Khan
jennifer melton you can buy from our website addywheatgrass.com
+BeThe CREATOR sir batana chyange ki ye office kha h plzzzzzz sir
Anisha Khan मेरे पास हे
Bahut acche Dada Ji
Thanks and Keep watching
Very helpful information but Ek dam modi ke humsakl lg rhe chacha ji
hahaha hahaha step brother of modi
Sahi kaha aapne
अच्छी प्रकार समझाया गया
Super video
Aur jankaari bhi super.
Very good information
Thanks And Keep Watching
Thank you sir for telling us we have understood in our science topic
Nice ..... Knowledgeable
बहुत खूब
Excellent best Manure
thank you sir good job
Thanks And Keep Watching
So hard work 🙏🙏🙏
Informative vedeo thankyou
सर जैसा की मेै गॉव में रहता हूँ और मुझे अच्छी नस्ल के केचुऐ उपलब्ध न हो तो जो केचुऐ मेरे गॉव में प्रकृतिक रूप से मौजूद है उनको पकडकर केचुआ खाद बनाने में ईस्तेमाल कर सकते हैं क्या और सर कितने दिन में केचुआ खाद तैयार होगी सर जरूर बताना मै एक किसान हूँ,,, धन्यवाद💐💐💐
Very simple and good information.
Jankari k liye dhanywad Guru ji
Thank you sir for this video. This was the only video where I got complete knowledge.
VERY USEFUL.
Well explained. Thank you sir
गंगा में विसर्जित अस्थियां आखिर जाती कहां हैं ??? बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख अवश्य पढ़े..!!!
--------हर हर गंगे!!!!
पतितपावनी गंगा को देव नदी कहा जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गंगा स्वर्ग से धरती पर आई है। मान्यता है कि गंगा श्री हरि विष्णु के चरणों से निकली है और भगवान शिव की जटाओं में आकर बसी है।
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श्री हरि और भगवान शिव से घनिष्ठ संबंध होने पर गंगा को पतित पाविनी कहा जाता है। मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश हो जाता है।
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एक दिन देवी गंगा श्री हरि से मिलने बैकुण्ठ धाम गई और उन्हें जाकर बोली," प्रभु ! मेरे जल में स्नान करने से सभी के पाप नष्ट हो जाते हैं लेकिन मैं इतने पापों का बोझ कैसे उठाऊंगी? मेरे में जो पाप समाएंगे उन्हें कैसे समाप्त करूंगी?"
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इस पर श्री हरि बोले,"गंगा! जब साधु, संत, वैष्णव आ कर आप में स्नान करेंगे तो आप के सभी पाप घुल जाएंगे।"
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गंगा नदी इतनी पवित्र है की प्रत्येक भारतीय की अंतिम इच्छा होती है उसकी अस्थियों का विसर्जन गंगा में ही किया जाए लेकिन यह अस्थियां जाती कहां हैं?
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इसका उत्तर तो वैज्ञानिक भी नहीं दे पाए क्योंकि असंख्य मात्रा में अस्थियों का विसर्जन करने के बाद भी गंगा जल पवित्र एवं पावन है। गंगा सागर तक खोज करने के बाद भी इस प्रश्न का पार नहीं पाया जा सका।
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सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार मृत्यु के बाद आत्मा की शांति के लिए मृत व्यक्ति की अस्थि को गंगा में विसर्जन करना उत्तम माना गया है। यह अस्थियांं सीधे श्री हरि के चरणों में बैकुण्ठ जाती हैं।
जिस व्यक्ति का अंत समय गंगा के समीप आता है उसे मरणोपरांत मुक्ति मिलती है। इन बातों से गंगा के प्रति हिन्दूओं की आस्था तो स्वभाविक है।
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वैज्ञानिक दृष्टि से गंगा जल में पारा अर्थात (मर्करी) विद्यमान होता है जिससे हड्डियों में कैल्सियम और फोस्फोरस पानी में घुल जाता है। जो जलजन्तुओं के लिए एक पौष्टिक आहार है। हड्डियों में गंधक (सल्फर) विद्यमान होता है जो पारे के साथ मिलकर पारद का निर्माण होता है।
इसके साथ-साथ यह दोनों मिलकर मरकरी सल्फाइड साल्ट का निर्माण करते हैं। हड्डियों में बचा शेष कैल्शियम, पानी को स्वच्छ रखने का काम करता है। धार्मिक दृष्टि से पारद शिव का प्रतीक है और गंधक शक्ति का प्रतीक है। सभी जीव अंततःशिव और शक्ति में ही विलीन हो जाते हैं।
*जय जय माँ गंगे*
#जीवामृत साभार *भोलेनाथ अग्रप्रेषय*
*ua-cam.com/channels/KYxp5dpGVqq59SAkM4fWbA.html*
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Sir video bahot achha or usefull hai... But background music ne aapka aawaj kam krdiya our music thodi tivra thi .. Thank you sir
Thanks dadaji
Very nice sir , good information,
Bahut badiya
जानकारी देने का धनयवाद
Excellent
Beautiful Explanation sir......
Solid jankari
Nice lecture sir
Thanks And Keep Watching
धन्यवाद जी
Super sir ji
Thanks And Keep Watching
Great work how much this fertlizer required for 1 kanal land
2.5से3क्विंटल।
Good Sir.... I'm Agriculture Supervisor from Jaipur... Plz contact in future in Agriculture technology (Free of cost)
विधि अच्छि हेै।
Thank you sir
बहुत ही उपयोगी जानकारी दी है सर आपने। केंचुए चाहिए सर मुझे।कहाँ मिल जाएंगे।
Kechua kha mileage please jarur batae
Marako.be.cahea
Nicely explained
Keep up the good work
All the best 👍
Thanks And Keep Watching
Pl advise me which organic fertilizer is best for winter flowers.
Thanks And Keep Watching
Good job Sir, Useful information.👌...Keep it up 👍 #KisanTreasures
गोबर के साथ साथ अंडे के छिलके,फलों व सब्जियों के छिलके,पत्ते भी डाल सकते है क्या सर।