Assalamalikum wr wb Aap se request hai plzz mere knee pain ke liye koi wazifa dijiye taake hame pain se najat mile.Bahut mayoos hoo .bahut ealaj karai .plzz mere liye Dua kijiye.
इसका मतलब Brother, आपका पूरा कोम या सारे Muslims कितने बड़ी confusion में है. तोरह, जबूर और इंजिल तोरह, जबूर में यीशु मसीह के बारे में भविष्यवाणी दी है अलग अलग समय अलग अलग prophets के द्वारा उन्होंने जिक्र भी मगर उस समय के लोगों को पूरी तरह से पता नहीं होता था की हो क्या रहा है? क्युंकि उसका खुलासा या उन prophets के कहे बातों का पूरा होना इंजिल में दी गयी है इसलिए New Testament कहते है ( नया नियम ) तो सुसमाचार या Gospel क्या है? यीशु मसीह इस दुनिया में पापियों को बचाने और उनका उद्धार करने और रिश्ता जो पहले से उसे कायम करने. आदम और हव्वा ने जो fruit खाये थे और जिसे परमेश्वर ने खाने मना किया था, मगर इब्लीस (शैतान है - धूर्त सांप) उसने बहकाया हव्वा को और तब से पाप पूरी दुनिया में आ गया और परमेश्वर से रिश्ता टूट गया. और उसी रिश्ते को बनाने के लिए शुरू से मूसा के वक़्त में लोगों द्वारा गुनाहो की माफ़ी के लिए क़ुरबानी जरूरी हो गया था. ((([(मगर फिर यीशु मसीह एक ही बार मरकर सूली पर पापी जगत के लिए परमेश्वर से रिश्ता जोड़ दिया और कहा अब से जो कोई ये मानेगा और मुहं से अंगीकार मैं एक पापी व्यक्ति हूँ और यीशु ही प्रभु है या परमेश्वर है. या परमेश्वर का पुत्र है और सूली पे चढ़ाया गया, फिर दफनाया गया और तीसरे दिन फिर जिन्दा हुआ. ऐसा कुबूल करेगा तो (((उद्धार )))) होगा. और फिर दुबारा उस पर ईमान लाने वालो को और उस पर चलने वालो को लेने आएगा इस सुसमाचार (Gospel ) पर ईमान लाएगा वो अनंत जीवन पायेगा और उसका संतान बन जायेगा मतलब स्वर्ग का वारिस भी.))))) मगर बाइबिल 100AD में पूरा हो गया था. और पूरा Gospel के साथ. =================≠========= मगर क़ुरान का Gospel मतलब फिर जरूरत पढ़ी लिखने वो भी कब अल्लाह ने भेजा ((((क़ुरान 600-700AD ))) इतने अरसे बाद. की ये अल्लाह से भूल थी या क्या कहूं? समझना होगा. अब इस Gospel को क़ुरान मैं छीपा दी गयी. और कहा अल्लाह का कोई बेटा नहीं होता, न वो मरा, न जिंदा हुआ. मगर लेने आएगा किसे लेने आएगा बाइबिल उस ईमान लाने वालो और उसके कलाम पर चलने वालो के लिए आएगा. जब क़ुरान का यीशु मसीह मरा ही नहीं, न जिन्दा हुआ, न वो परमेश्वर का बेटा है.पर सिर्फ और सिर्फ एक नबी थे मगर क़ुरान कहता है वो दुबारा आएगा. कोई वजह तो होगा न. और इसका मतलब एक पापी व्यक्ति का उद्धार भी नहीं हुआ. क्युंकि वो तो उसके लिए न मरा, न गाड़ा गया, न जिन्दा हुआ. किस बात पर ईमान लाएगा ) मतलब वो मरके नर्क ही जायेगा. क्युंकि (((यीशु ने कहा मार्ग, सत्य, और जीवन मैं ही हूँ बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास (अर्थात स्वर्ग ) मैं नहीं जा सकता.))) आपका gospel पूरी तरह से बदल दी गयी है) आपको समझना होगा Gospel जिसे सुसमाचार कहते है पुरे ईसाई यीशु मसीह के दुनिया पापियों के लिए आकर मरने, गाड़ा जाना, फिर जिन्दा होना और वही उद्धारकर्ता और परमेश्वर का पुत्र है ऐसा मानना यही Gospel है और इसी से ही आपका उद्धार होता है. मगर क़ुरान किसी का उद्धार का संदेश देता ही नहीं क्युंकि उसके लिए न वो परमेश्वर का बेटा है, न सूली चड़ा, न दफनाया गया. न जिन्दा हुआ. मगर मानती है वो फिर आएगा मोहम्मद क्यों नहीं अगर वो इतना ही बड़ा नबी था समझीये बहस करते रहने से जीत हार नहीं होगी बल्कि मौत कब आ जाये पता नहीं है इसलिए वक़्त रहते एक बार इंजिल की किताब भी पढ़िए. और गुनाह से तोबा करियेगा. और एक और बात अबसे तुम्हें कोई सा भी बलि चढ़ाने की जरूरत नहीं है. क्योंकि तुम खुद एक बलि के भेट हो कहाँ लिखा है रोमियों 12:1 इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ (( बलिदान करके चढ़ाओ:)) यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। गौर करियेगा बलिदान आपका द्वारा परमेश्वर के गीत गाने, ताली बजाकर महिमा करने, कलाम पढ़ने, दुआ करने और लोगो को बताने यीशु मसीह के बारे में और एक परमेश्वर जो भावता हुआ जिंदगी जीने में ये सारे बलिदान का हिस्सा है ) अब कोई और बलिदान की जरूरी नहीं है जागो अब भी वक़्त है आँखे खोलिये. परमेश्वर आपको आशीष दे.
❤❤❤❤❤ mashaallah, Allah hazrat ki umar me barkat de
ماشاءاللہ سبحان اللہ🤲🤲💖🆗💯❤️👍
Jazak.allaha
SubanAllah ❤❤❤
❤ ماشاللہ ❤
Jazakallah🤲🤲🤲
JazakAllah Khair
1) Subahanallahi wabihamdihi 2)Istegfaar ,. 3) Darood sharif
Masha Allah zaberdust hazrat ji ❤❤dua ki guzarish hai ❤❤ jazakallah khair ❤❤
Assalamu alecum.
Subhan allah jazak allah Masha Allah hazrat mare or mare bachchon ka leye dua kegea
Assalamalikum wr wb
Aap se request hai plzz mere knee pain ke liye koi wazifa dijiye taake hame pain se najat mile.Bahut mayoos hoo .bahut ealaj karai .plzz mere liye Dua kijiye.
Mere sohar ka cenar me enteral ho Gaya me bohot paresan hal hu kya karu
Assalamu alaikum,
Assalmualikum dua me yaad rakhna
Assalamalaikum. Lekin jiska miya hi na ho toh woh iss neki se kya gaflat rahega, aur duryodhan kaunsa padhna chahiye pls reply 😊
Assalamualaikum.. plz don't put video if you don't have...u can use still images also with audio.
Aapse duaon ki darkhast hai, wassalam
Aap ka kaam ab wajifa hi batana rah gaya hs
इसका मतलब Brother,
आपका पूरा कोम या सारे Muslims
कितने बड़ी confusion में है.
तोरह, जबूर और इंजिल
तोरह, जबूर में यीशु मसीह के बारे में भविष्यवाणी दी है अलग अलग समय अलग अलग prophets के द्वारा उन्होंने जिक्र भी मगर उस समय के लोगों को पूरी तरह से पता नहीं होता था की हो क्या रहा है? क्युंकि उसका खुलासा या उन prophets के कहे बातों का पूरा होना
इंजिल में दी गयी है इसलिए New Testament कहते है ( नया नियम )
तो सुसमाचार या Gospel क्या है?
यीशु मसीह इस दुनिया में पापियों को बचाने और उनका उद्धार करने और रिश्ता जो पहले से उसे कायम करने.
आदम और हव्वा ने जो fruit खाये थे और जिसे परमेश्वर ने खाने मना किया था, मगर इब्लीस (शैतान है - धूर्त सांप)
उसने बहकाया हव्वा को और तब से पाप पूरी दुनिया में आ गया
और परमेश्वर से रिश्ता टूट गया.
और उसी रिश्ते को बनाने के लिए शुरू से मूसा के वक़्त में लोगों द्वारा गुनाहो की माफ़ी के लिए क़ुरबानी जरूरी हो गया था.
((([(मगर फिर यीशु मसीह एक ही बार मरकर सूली पर पापी जगत के लिए परमेश्वर से रिश्ता जोड़ दिया और कहा
अब से जो कोई ये मानेगा और मुहं से अंगीकार मैं एक पापी व्यक्ति हूँ और यीशु ही प्रभु है या परमेश्वर है. या परमेश्वर का पुत्र है
और सूली पे चढ़ाया गया, फिर दफनाया गया और तीसरे दिन
फिर जिन्दा हुआ. ऐसा कुबूल करेगा तो (((उद्धार )))) होगा.
और फिर दुबारा उस पर ईमान लाने वालो को और उस पर चलने वालो को लेने आएगा
इस सुसमाचार (Gospel ) पर ईमान लाएगा वो अनंत जीवन पायेगा और उसका संतान बन जायेगा मतलब स्वर्ग का वारिस भी.)))))
मगर बाइबिल 100AD में पूरा हो गया था. और पूरा Gospel के साथ.
=================≠=========
मगर क़ुरान का Gospel मतलब फिर जरूरत पढ़ी लिखने वो भी कब अल्लाह ने भेजा
((((क़ुरान 600-700AD ))) इतने अरसे बाद. की ये अल्लाह से
भूल थी या क्या कहूं? समझना होगा.
अब इस Gospel को क़ुरान मैं छीपा दी गयी.
और कहा अल्लाह का कोई बेटा नहीं होता, न वो मरा, न जिंदा हुआ.
मगर लेने आएगा
किसे लेने आएगा बाइबिल उस ईमान लाने वालो और उसके कलाम पर चलने वालो के लिए आएगा.
जब क़ुरान का यीशु मसीह मरा ही नहीं, न जिन्दा हुआ, न वो परमेश्वर का बेटा है.पर सिर्फ और सिर्फ एक नबी थे
मगर क़ुरान कहता है वो दुबारा
आएगा. कोई वजह तो होगा न.
और इसका मतलब एक पापी व्यक्ति का उद्धार भी नहीं हुआ.
क्युंकि वो तो उसके लिए न मरा, न गाड़ा गया, न जिन्दा हुआ.
किस बात पर ईमान लाएगा )
मतलब वो मरके नर्क ही जायेगा.
क्युंकि (((यीशु ने कहा मार्ग, सत्य, और जीवन मैं ही हूँ बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास (अर्थात स्वर्ग ) मैं नहीं जा सकता.)))
आपका gospel पूरी तरह से बदल दी गयी है)
आपको समझना होगा
Gospel जिसे सुसमाचार कहते है
पुरे ईसाई यीशु मसीह के दुनिया पापियों के लिए आकर मरने, गाड़ा जाना, फिर जिन्दा होना
और वही उद्धारकर्ता और परमेश्वर का पुत्र है ऐसा मानना
यही Gospel है और इसी से ही आपका उद्धार होता है.
मगर क़ुरान किसी का उद्धार का संदेश देता ही नहीं क्युंकि उसके लिए न वो परमेश्वर का बेटा है, न सूली चड़ा, न दफनाया गया.
न जिन्दा हुआ.
मगर मानती है
वो फिर आएगा मोहम्मद क्यों नहीं
अगर वो इतना ही बड़ा नबी था
समझीये बहस करते रहने से जीत हार नहीं होगी बल्कि मौत कब आ जाये पता नहीं है इसलिए वक़्त रहते एक बार इंजिल की किताब भी पढ़िए. और गुनाह से तोबा करियेगा.
और एक और बात अबसे तुम्हें कोई सा भी बलि चढ़ाने की जरूरत नहीं है.
क्योंकि तुम खुद एक बलि के भेट हो कहाँ लिखा है
रोमियों 12:1
इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ (( बलिदान करके चढ़ाओ:)) यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।
गौर करियेगा बलिदान आपका द्वारा परमेश्वर के गीत गाने, ताली बजाकर महिमा करने, कलाम पढ़ने, दुआ करने और लोगो को बताने यीशु मसीह के बारे में और एक परमेश्वर जो भावता हुआ जिंदगी जीने में ये सारे बलिदान का हिस्सा है ) अब कोई और बलिदान की जरूरी नहीं है
जागो अब भी वक़्त है आँखे खोलिये.
परमेश्वर आपको आशीष दे.