नारद जी की काम वासना

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  • Опубліковано 7 лис 2024
  • महादेव जी की कृपा से नारद मुनि पर कामदेव का कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। पहले उस आश्रम में भगवान शिव ने भी तपस्या की थी। उसी स्थान पर उन्होंने ऋषि-मुनियों की तपस्या का नाश करने वाले कामदेव को भस्म कर डाला था। कामदेव को भस्म देखकर उनकी पत्नी रति ने बिलखते हुए भगवान शंकर से उन्हें जीवित करने की प्रार्थना की तथा सभी देवता भी शिवजी से प्रार्थना करने लगे तो भगवान महादेव जी ने कहा था कि कुछ समय पश्चात कामदेव स्वयं जीवित हो जाएंगे।

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