ओशो के नव- संन्यास की दीक्षा कार्यक्रम है,ध्यान योग देखे विडियो में ओर सिखे।

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  • Опубліковано 11 лют 2025
  • यह ओशो के नव-संन्यास की दीक्षा कार्यक्रम है | इस मे ओशो की प्रगाढ़ ऊर्जा और कृपा की वर्षा होती है जिसको शक्तिपात कहा जाता है | प्रत्येक व्यक्ति इस ऊर्जा को अपने ढंग से ग्रहण करता है और आनंद के अतिरेक में अपने अचेतन में दबी हुई भावनाओं को अभिव्यक्त करता है | रोना, हंसना, चीखना, चिल्लाना, नाचना इत्यादि मन की स्वभाविक वृत्ति है | थोड़ी देर मे यह सब अपने आप शांत हो जाता है और लोग मौन होकर बैठ जाते है | यहाँ किसी को भी कोही शारीरिक तकलीफ नहीं हो रही है | स्त्रियों ग्रहणशील होती है इसलिए उनको इस शक्तिपात की ऊर्जा के माध्यम के रूप में रखा जाता है | ओशो ने भी शक्तिपात के प्रयोग किये थे जिस मे ऐसी ही अदभुत ऊर्जा और भावुक अभिव्यक्ति होती थी | इसको और गहराई से समझने और अनुभव करने के लिए ओशो के साहित्य का अध्यन करे और अपके नज्दिकी ओशो आश्रम मे जाए या काठमाडौँ के तपोबन आश्रम मे आए और ध्यान करें |

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