मांसाहार करने के बाद भी सेवक सेविका शाम की प्रार्थना कर सकते हैं क्यों? परमात्मा एक। बाबा जुमदेवजी

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  • Опубліковано 3 гру 2024

КОМЕНТАРІ • 69

  • @yogeshatkar975
    @yogeshatkar975 Рік тому +3

    🙏🌺🌹💐 Bhagwan baba hanumanji ko pranam mahan Tyagi baba jumdevji ko pranam Parmatma ek 🌹🌺💐🙏

  • @dileshvardahake7478
    @dileshvardahake7478 10 місяців тому

    Namshkar ji 🙏 baba

  • @SamitaRoshanGhatorkar
    @SamitaRoshanGhatorkar 8 місяців тому

    Namshakar ji

  • @amitumarkar8551
    @amitumarkar8551 Рік тому

    Namashkar ji baba 🙏🙏🙏

  • @gauravrahangdale7512
    @gauravrahangdale7512 5 місяців тому

    Namashkar jii

  • @noharsahu1779
    @noharsahu1779 Рік тому +2

    Namaskar ji🌹🙏

  • @kunalnikhare2741
    @kunalnikhare2741 Рік тому +1

    🙏🙏🌹🌹 Namskar ji 🙏🙏🌹🌹

  • @tusharvlogbhaiya3302
    @tusharvlogbhaiya3302 Рік тому +3

    ek saval or ki शनिवार के दिन हम दाडी कटिंग कर सकते है या नही और किसी भी दिन सेविंग करने के बाद पराथना कर सकते या नही sevak bhaii plz replay karke batana namsakar ji

    • @parmatma.1
      @parmatma.1  Рік тому

      बिल्कुल कर सकते हो

  • @arunkokude4425
    @arunkokude4425 Рік тому

    Namaskarji

  • @anuraut9162
    @anuraut9162 Рік тому

    नमस्कार जी

  • @sumitdayare1690
    @sumitdayare1690 2 місяці тому

    मुझे नियमावली की बुक की pdf चाहिए क्या आप दे सकते हो 🙏🏼📖📝🙏🏼

  • @aakashmane5830
    @aakashmane5830 3 місяці тому

    Namaskar ji mere man me ek prashna hai ki timki aur mandal me kya antar hai kripya jarur bataye

  • @tusharvlogbhaiya3302
    @tusharvlogbhaiya3302 Рік тому +2

    Aapke iiss margdarsan she aaj main or ek galat dharna se nikal gaya आपका बहाेत धन्यवाद मै कभी मासाहार करते प्राथना नही करता था बस ईस डर से कि कुच हाे ना जाये किन्तु इससे गुरु आगया का अपमान नही हाेगा क्योकि हमारे गुरुजी ताे बताते है कि नहाने के बाद हि पराथना करना ऐसी समय मे हम कया करेplz बताई गा

  • @gurudaschudhari7223
    @gurudaschudhari7223 Рік тому

    नमस्कारजी 🙏🙏🌹...........

  • @upjageshwarvarambhe9302
    @upjageshwarvarambhe9302 Рік тому

    Baba Hanuman Ji masahar karte the

  • @SamitaRoshanGhatorkar
    @SamitaRoshanGhatorkar 8 місяців тому

    Ham najar kiu nahi nikal sakte

  • @Shaileshgjbe0o
    @Shaileshgjbe0o Рік тому

    Namskar ji

  • @VivekSonwane-uo5xv
    @VivekSonwane-uo5xv Рік тому +2

    क्या मांस खाना सही है
    क्या बाबा मांस खाते थे
    कृपया मार्गदर्शन करें?

    • @PratikGorbade2
      @PratikGorbade2 8 місяців тому

      बाबा स्वयंः मांस खाते थे.
      इस संसारमें संतुलन हेतु मास खाना सही है.बाबा स्वयंः मांस खाते थे.
      इस संसारमें संतुलन हेतु मास खाना सही है.

    • @VivekSonwane-uo5xv
      @VivekSonwane-uo5xv 8 місяців тому +1

      क्या प्रमाण है कि बाबा मांस खाते थे
      और मांस खाने से क्या संतुलन होता है
      मार्गदर्शन करें?

    • @PratikGorbade2
      @PratikGorbade2 8 місяців тому

      *मोगरकसा तलाव पर बाबा का दौरा गया था उस समय बाबा के साथ कई सारे सेवक गए थे. उनके साथ बाबा ने मांसाहार किया था जी. कई सारे बकरे काटे गए थे. बाबा के समय में सेवकोंने बाबा को खिलाने के लिए अपने घर मुर्गे एवं बकरे पाल रखे थे.*
      *अगर मांस खाने से जीव हत्या होती है तो आप जब चलते हो तब आपके पैर के नीचे कई सारे सूक्ष्मजीव आते हैं और मर जाते हैं.*
      *आप जो अपने उपयोग के लिए पेड़ पौधे काटते हैं, वह कोई निर्जीव चीज नहीं, उनमें भी जान होती है.*
      *भगवान ने इस संसार में तीन प्रकार के प्राणी बनाए हैं:-*
      *_शाकाहारी_*
      *जो लोग मांस नहीं खा सकते. सिर्फ फल एवं सब्जी खा सकते हैं. जैसे गाय बकरी बैल इ.*
      *_मांसाहारी_*
      *जो प्राणी सिर्फ मांस खा सकते हैं, जैसे कि शेर*
      *और तीसरा प्रकार यानी की जो प्राणी फल और सब्जियों के साथ-साथ मांसाहार भी कर सकता है. जैसे कि मानव.*
      *परमात्मा ने कुछ प्राणियों को मांस खाने की परवानगी नहीं दी है. जैसे की बैल बकरी गाय इ. उनके सामने अगर आप मांस रख भी दोगे तो वह नहीं खाएंगे.*
      *लेकिन परमात्माने प्राणियों को मांस खाने की परवानगी दी है . जैसे कि मानव. शाकाहारी प्राणी और मांसाहारी प्राणी इन दोनों में परमात्मा ने एक फर्क दिया है. मांसाहारी प्राणियों में जो नुकीले दांत होते हैं वह शाकाहारी प्राणियों में नहीं होते. लेकिन हम मानव के मुंह में 32 में से चार दांत नुकीले हैं. इससे यह सिद्ध होता है कि हम मानव को परमात्मा ने मांस खाने के लिए छुट दिया है.*
      *शुरुआत में जब परमात्मा ने मानव का आदिमानव के रूप में निर्माण किया उसे समयआदिमानव के लिए खाने को कुछ नहीं था. उसे समय आदिमानव मांस खा कर ही जीवित रहे थे.*
      *इस संसार में एक जीव दूसरे जीव पर निर्भर है. भगवान ने प्राणियों के लिए एक निसर्गनिर्मित अन्नसाखड़ी की निर्मित की है. जिसके जरिए इस संसार में संतुलन बनाए रहता है.*
      *किसी के गर्दन काट देना सिर्फ यही मृत्यु नहीं है. बल्कि किसीको कटु वचन कहकर उसकी आत्मा को दुख पहुंचाना भी मृत्यू के समान है. गौतम बुद्ध ने भी यही कहा है.*
      *गौतम बुद्ध ने भी माँसाहार करने को मनाई नही की थी.*

    • @PratikGorbade2
      @PratikGorbade2 8 місяців тому

      *मोगरकसा तलाव पर बाबा का दौरा गया था उस समय बाबा के साथ कई सारे सेवक गए थे. उनके साथ बाबा ने मांसाहार किया था जी. कई सारे बकरे काटे गए थे. बाबा के समय में सेवकोंने बाबा को खिलाने के लिए अपने घर मुर्गे एवं बकरे पाल रखे थे.*
      *अगर मांस खाने से जीव हत्या होती है तो आप जब चलते हो तब आपके पैर के नीचे कई सारे सूक्ष्मजीव आते हैं और मर जाते हैं.*
      *आप जो अपने उपयोग के लिए पेड़ पौधे काटते हैं, वह कोई निर्जीव चीज नहीं, उनमें भी जान होती है.*
      *भगवान ने इस संसार में तीन प्रकार के प्राणी बनाए हैं:-*
      *_शाकाहारी_*
      *जो लोग मांस नहीं खा सकते. सिर्फ फल एवं सब्जी खा सकते हैं. जैसे गाय बकरी बैल इ.*
      *_मांसाहारी_*
      *जो प्राणी सिर्फ मांस खा सकते हैं, जैसे कि शेर*
      *और तीसरा प्रकार यानी की जो प्राणी फल और सब्जियों के साथ-साथ मांसाहार भी कर सकता है. जैसे कि मानव.*
      *परमात्मा ने कुछ प्राणियों को मांस खाने की परवानगी नहीं दी है. जैसे की बैल बकरी गाय इ. उनके सामने अगर आप मांस रख भी दोगे तो वह नहीं खाएंगे.*
      *लेकिन परमात्माने प्राणियों को मांस खाने की परवानगी दी है . जैसे कि मानव. शाकाहारी प्राणी और मांसाहारी प्राणी इन दोनों में परमात्मा ने एक फर्क दिया है. मांसाहारी प्राणियों में जो नुकीले दांत होते हैं वह शाकाहारी प्राणियों में नहीं होते. लेकिन हम मानव के मुंह में 32 में से चार दांत नुकीले हैं. इससे यह सिद्ध होता है कि हम मानव को परमात्मा ने मांस खाने के लिए छुट दिया है.*
      *शुरुआत में जब परमात्मा ने मानव का आदिमानव के रूप में निर्माण किया उसे समयआदिमानव के लिए खाने को कुछ नहीं था. उसे समय आदिमानव मांस खा कर ही जीवित रहे थे.*
      *इस संसार में एक जीव दूसरे जीव पर निर्भर है. भगवान ने प्राणियों के लिए एक निसर्गनिर्मित अन्नसाखड़ी की निर्मित की है. जिसके जरिए इस संसार में संतुलन बनाए रहता है.*
      *किसी के गर्दन काट देना सिर्फ यही मृत्यु नहीं है. बल्कि किसीको कटु वचन कहकर उसकी आत्मा को दुख पहुंचाना भी मृत्यू के समान है. गौतम बुद्ध ने भी यही कहा है.*
      *गौतम बुद्ध ने भी माँसाहार करने को मनाई नही की थी.*

    • @PratikGorbade2
      @PratikGorbade2 8 місяців тому

      @@VivekSonwane-uo5xv दादा
      बाबा के समय के माँसाहार संबंधी कई सारे अनुभव है जी🙏

  • @ajaynandanwar741
    @ajaynandanwar741 10 місяців тому +1

    Mashahar nhi krna chiye jiv hatya krke madh khna pasp hai bhgwan ne iski permission diya kya

    • @PratikGorbade2
      @PratikGorbade2 8 місяців тому

      *बाबा जुमदेवजीच्या काळातील कित्येक तरी सेवकांकडून ऐकिवात आहे की, त्यांनी स्वतः बाबांसोबत मांसाहार केले होते. त्यांनी स्वतः बाबांना आपल्या डोळ्यांनी माणसावर करतांनी पाहिले.*
      *या जगामध्ये प्रत्येक जीव दुसऱ्या जीवावर अवलंबून आहे. परमेश्वराने अन्नसाखळी तयार केलेली आहे. मानवाला परमेश्वराने जन्म दिले तेव्हा मानव आदिमानवाच्या रूपात असताना तो मांसाहार करायचा.*
      *आपण रस्त्याने चालत असताना आपल्या पायाखाली कितीतरी सूक्ष्मजीव जंतू येत असतात आणि मरत असतात. मग तेव्हा पण जीव आहे तेच होते ना!!*
      *जेवणापूर्वी आपण हात धुतो तेव्हा आपल्या हातावरील किटाणू मरतात. तेव्हा पण आपण जेव्हा त्याच करतो.*
      *शेतामध्ये कोणतीही औषध फवारणी देत असताना झाडावरील किटानुंना आपण मारतच असतो म्हणजेच जीव हत्या करत असतोच.*
      *आपण वनस्पती झाडे तोडतो तेव्हा त्या वनस्पती झाडांमध्ये पण जीव असतो मग काय जीवन त्या रोखण्यासाठी झाडे पण नाही तोडायची का??*
      *परमेश्वराने या जगामध्ये काही जीव मांसाहारी जसे की वाघ, सिंह, तर काही जीव शाकाहारी जसे की गाय बैल शेळी तर काही प्राणी असे बनविलेले आहेत की जे मांसाहारी पण आहेत आणि शाकाहारी पण आहेत, जसे की मानव.*
      *परमेश्वराने ज्या प्राण्यांना शाकाहारी बनवलेले आहेत त्यांच्या समोर मास ठेवले तरी ते तोंड सुद्धा लावत नाही. पण ज्यांना मास खाण्याचे परवानगी येते तोंड लावतात. जसा की मानवाला परमेश्वराने चार टोकदार दात दिलेले आहेत. यावरून हे सिद्ध होते की मानवाला परमेश्वराने मांस खाण्याची परवानगी दिली आहे.*
      *हे सर्व जुने विचार जुने भावना आहे. जी बाबांनी या मार्गात बंद केलेली आहे. मार्गातील ज्या लोकांना सत्य मर्यादा प्रेमाचे पालन करणे जमत नाही शब्द नियमाचे पालन करणे जमत नाही ते लोक असे फालतूचे मानवनिर्मित स्वमताचे नियम सुरू करून पालन करतात.*

  • @PratikGorbade2
    @PratikGorbade2 8 місяців тому

    *साधे कार्य में मांसाहार करना कैसे गलत है जी🤔 जबकि नियमावली में मार्गदर्शक के लिए दिए गए नियम में बताया गया है कि, साधे कार्य में त्याग का कोई भी बंधन नहीं दे सकते.*

  • @KomallalSahu-nf3od
    @KomallalSahu-nf3od Рік тому

    Mansahar kr sakte hai ki nahi

    • @PratikGorbade2
      @PratikGorbade2 8 місяців тому

      *महानत्यागी बाबा जूमदेवजी यांचा मोगरकसा तलावावर दौरा गेला होता. तेव्हा तिथे खूप लोक उपस्थित होते. म्हणून तिथे कितीतरी बकरे कोंबडे कापण्यात आले होते.*
      *संतोषरावजी वानखेडे आबाजी यांच्या एका घराशेजारच्या रिश्तेदाराने घरी जेवण करायला बोलावले तेव्हा बाबांनी त्यांना सांगितले की, मला पुरणाची पोळी खायची आहे. मला प्रत्येक सेवक मांसच खायला बोलावितो. कितीतरी सेवकांनी माझ्यासाठी आपल्या घरी बकरे पोसलेत.*
      *१]. जसे तुम्ही म्हणता तसेच एका अनेक वाल्या व्यक्तीने बाबांना कुठल्यातरी दौऱ्यावरती विचारले होते की, तुम्ही बाबा असून मांस मटन कसे खाता?? याचा अर्थ तुम्ही ढोंगी असाल. कारण तो व्यक्ती तुमच्यासारखाच खूप शाकाहारी होता. तो मांस खत नव्हता. तेव्हा बाबांनी तिथे तितक्या लोकांमध्ये विचारले की, इथे कोणी आहे का असं की जो बिमार आहे. ज्याची तब्येत बरोबर नाही. तेव्हा एक व्यक्ती समोर आला आणि त्याने सांगितले की मला ताप आहे आणि आंग पाय दुखत आहे. तेव्हा बाबांनी जो व्यक्ती कधीच मास मटन खात नाहीत त्या व्यक्तीला तीर्थपाणी बनवायला सांगितले. त्या व्यक्तीने तीर्थपपाणी बनवून दिल्यानंतर त्या व्यक्तीला काहीच आराम झाला नाही. त्यावेळेस सर्वांचे जेवण झाले होते. आणि उपस्थित सर्व सेवकांनी बाबांसोबत मांसाहार केला होता. तेव्हा बाबांनी एका सेवकाला ज्याने बाबा सोबत बसून मांसाहार केला होता, त्याला बाबा हनुमान जी च्या नावाचे फुक मारून तीर्थ बनवायला सांगितले. त्या व्यक्तीने तीर्थ बनून देताच काही वेळातच त्या व्यक्तीला बरे वाटायला लागले आणि समाधान मिळाले. हा एक सत्य अनुभव आहे.*
      *२]. असाच एका दौऱ्यावरती सेवकांची मटन खाण्याची इच्छा झाली. तेव्हा बाबांनी सेवकांना गावातील लोकांकडे कोणाकडे बकरा वगैरे असेल तर विचारायला सांगितले. पण कुठे मिळालेले नाही. पण मांस खाण्याची इच्छा झाली होती. तेव्हा जी उपलब्ध होते ती भाजी म्हणजेच आलू वांग्याची भाजी बनवण्यात आली. पण परमेश्वराच्या चमत्कार किती भाजी खात असताना सेवकांना मटन ची चव येत होती. इच्छा नुसार भोजन वर आधारित अनुभव आहे.*

    • @PratikGorbade2
      @PratikGorbade2 8 місяців тому

      *बाबा जुमदेवजीच्या काळातील कित्येक तरी सेवकांकडून ऐकिवात आहे की, त्यांनी स्वतः बाबांसोबत मांसाहार केले होते. त्यांनी स्वतः बाबांना आपल्या डोळ्यांनी माणसावर करतांनी पाहिले.*
      *या जगामध्ये प्रत्येक जीव दुसऱ्या जीवावर अवलंबून आहे. परमेश्वराने अन्नसाखळी तयार केलेली आहे. मानवाला परमेश्वराने जन्म दिले तेव्हा मानव आदिमानवाच्या रूपात असताना तो मांसाहार करायचा.*
      *आपण रस्त्याने चालत असताना आपल्या पायाखाली कितीतरी सूक्ष्मजीव जंतू येत असतात आणि मरत असतात. मग तेव्हा पण जीव आहे तेच होते ना!!*
      *जेवणापूर्वी आपण हात धुतो तेव्हा आपल्या हातावरील किटाणू मरतात. तेव्हा पण आपण जेव्हा त्याच करतो.*
      *शेतामध्ये कोणतीही औषध फवारणी देत असताना झाडावरील किटानुंना आपण मारतच असतो म्हणजेच जीव हत्या करत असतोच.*
      *आपण वनस्पती झाडे तोडतो तेव्हा त्या वनस्पती झाडांमध्ये पण जीव असतो मग काय जीवन त्या रोखण्यासाठी झाडे पण नाही तोडायची का??*
      *परमेश्वराने या जगामध्ये काही जीव मांसाहारी जसे की वाघ, सिंह, तर काही जीव शाकाहारी जसे की गाय बैल शेळी तर काही प्राणी असे बनविलेले आहेत की जे मांसाहारी पण आहेत आणि शाकाहारी पण आहेत, जसे की मानव.*
      *परमेश्वराने ज्या प्राण्यांना शाकाहारी बनवलेले आहेत त्यांच्या समोर मास ठेवले तरी ते तोंड सुद्धा लावत नाही. पण ज्यांना मास खाण्याचे परवानगी येते तोंड लावतात. जसा की मानवाला परमेश्वराने चार टोकदार दात दिलेले आहेत. यावरून हे सिद्ध होते की मानवाला परमेश्वराने मांस खाण्याची परवानगी दिली आहे.*
      *हे सर्व जुने विचार जुने भावना आहे. जी बाबांनी या मार्गात बंद केलेली आहे. मार्गातील ज्या लोकांना सत्य मर्यादा प्रेमाचे पालन करणे जमत नाही शब्द नियमाचे पालन करणे जमत नाही ते लोक असे फालतूचे मानवनिर्मित स्वमताचे नियम सुरू करून पालन करतात.*

    • @pratikgorbade
      @pratikgorbade 5 місяців тому +1

      हा कर शकते है जी🙏🙏

  • @shatrughansahu2104
    @shatrughansahu2104 Рік тому +1

    भगवान बाबा हनुमानजी को प्रणाम
    महानत्यागी बाबा जुमदेवजी को प्रणाम
    परमात्मा एक
    परमात्मा एक मार्ग के सेवक सेविका को मांसाहार भोजन नहीं करना चाहिए
    नमस्कार जी 🙏🙏🙏

    • @tusharvlogbhaiya3302
      @tusharvlogbhaiya3302 Рік тому +1

      Kyo nahi Karna chahiye bhaii

    • @shatrughansahu2104
      @shatrughansahu2104 Рік тому +2

      परमात्मा हर संजीव आत्मा में वास है तो अपने आत्मा जैसे सभी आत्मा को जानना चाहिए हमें
      परमात्मा एक।
      नमस्कार जी 🙏🙏🙏

    • @VivekSonwane-uo5xv
      @VivekSonwane-uo5xv Рік тому

      आपके अनुसार अगर कोई व्यक्ति भी मृत हो गया तो उसका भी मांस खाना सही है. बोलिए?

    • @PratikGorbade2
      @PratikGorbade2 8 місяців тому

      *महानत्यागी बाबा जूमदेवजी यांचा मोगरकसा तलावावर दौरा गेला होता. तेव्हा तिथे खूप लोक उपस्थित होते. म्हणून तिथे कितीतरी बकरे कोंबडे कापण्यात आले होते.*
      *संतोषरावजी वानखेडे आबाजी यांच्या एका घराशेजारच्या रिश्तेदाराने घरी जेवण करायला बोलावले तेव्हा बाबांनी त्यांना सांगितले की, मला पुरणाची पोळी खायची आहे. मला प्रत्येक सेवक मांसच खायला बोलावितो. कितीतरी सेवकांनी माझ्यासाठी आपल्या घरी बकरे पोसलेत.*
      *१]. जसे तुम्ही म्हणता तसेच एका अनेक वाल्या व्यक्तीने बाबांना कुठल्यातरी दौऱ्यावरती विचारले होते की, तुम्ही बाबा असून मांस मटन कसे खाता?? याचा अर्थ तुम्ही ढोंगी असाल. कारण तो व्यक्ती तुमच्यासारखाच खूप शाकाहारी होता. तो मांस खत नव्हता. तेव्हा बाबांनी तिथे तितक्या लोकांमध्ये विचारले की, इथे कोणी आहे का असं की जो बिमार आहे. ज्याची तब्येत बरोबर नाही. तेव्हा एक व्यक्ती समोर आला आणि त्याने सांगितले की मला ताप आहे आणि आंग पाय दुखत आहे. तेव्हा बाबांनी जो व्यक्ती कधीच मास मटन खात नाहीत त्या व्यक्तीला तीर्थपाणी बनवायला सांगितले. त्या व्यक्तीने तीर्थपपाणी बनवून दिल्यानंतर त्या व्यक्तीला काहीच आराम झाला नाही. त्यावेळेस सर्वांचे जेवण झाले होते. आणि उपस्थित सर्व सेवकांनी बाबांसोबत मांसाहार केला होता. तेव्हा बाबांनी एका सेवकाला ज्याने बाबा सोबत बसून मांसाहार केला होता, त्याला बाबा हनुमान जी च्या नावाचे फुक मारून तीर्थ बनवायला सांगितले. त्या व्यक्तीने तीर्थ बनून देताच काही वेळातच त्या व्यक्तीला बरे वाटायला लागले आणि समाधान मिळाले. हा एक सत्य अनुभव आहे.*
      *२]. असाच एका दौऱ्यावरती सेवकांची मटन खाण्याची इच्छा झाली. तेव्हा बाबांनी सेवकांना गावातील लोकांकडे कोणाकडे बकरा वगैरे असेल तर विचारायला सांगितले. पण कुठे मिळालेले नाही. पण मांस खाण्याची इच्छा झाली होती. तेव्हा जी उपलब्ध होते ती भाजी म्हणजेच आलू वांग्याची भाजी बनवण्यात आली. पण परमेश्वराच्या चमत्कार किती भाजी खात असताना सेवकांना मटन ची चव येत होती. इच्छा नुसार भोजन वर आधारित अनुभव आहे.*

    • @PratikGorbade2
      @PratikGorbade2 8 місяців тому

      *महानत्यागी बाबा जूमदेवजी यांचा मोगरकसा तलावावर दौरा गेला होता. तेव्हा तिथे खूप लोक उपस्थित होते. म्हणून तिथे कितीतरी बकरे कोंबडे कापण्यात आले होते.*
      *संतोषरावजी वानखेडे आबाजी यांच्या एका घराशेजारच्या रिश्तेदाराने घरी जेवण करायला बोलावले तेव्हा बाबांनी त्यांना सांगितले की, मला पुरणाची पोळी खायची आहे. मला प्रत्येक सेवक मांसच खायला बोलावितो. कितीतरी सेवकांनी माझ्यासाठी आपल्या घरी बकरे पोसलेत.*
      *१]. जसे तुम्ही म्हणता तसेच एका अनेक वाल्या व्यक्तीने बाबांना कुठल्यातरी दौऱ्यावरती विचारले होते की, तुम्ही बाबा असून मांस मटन कसे खाता?? याचा अर्थ तुम्ही ढोंगी असाल. कारण तो व्यक्ती तुमच्यासारखाच खूप शाकाहारी होता. तो मांस खत नव्हता. तेव्हा बाबांनी तिथे तितक्या लोकांमध्ये विचारले की, इथे कोणी आहे का असं की जो बिमार आहे. ज्याची तब्येत बरोबर नाही. तेव्हा एक व्यक्ती समोर आला आणि त्याने सांगितले की मला ताप आहे आणि आंग पाय दुखत आहे. तेव्हा बाबांनी जो व्यक्ती कधीच मास मटन खात नाहीत त्या व्यक्तीला तीर्थपाणी बनवायला सांगितले. त्या व्यक्तीने तीर्थपपाणी बनवून दिल्यानंतर त्या व्यक्तीला काहीच आराम झाला नाही. त्यावेळेस सर्वांचे जेवण झाले होते. आणि उपस्थित सर्व सेवकांनी बाबांसोबत मांसाहार केला होता. तेव्हा बाबांनी एका सेवकाला ज्याने बाबा सोबत बसून मांसाहार केला होता, त्याला बाबा हनुमान जी च्या नावाचे फुक मारून तीर्थ बनवायला सांगितले. त्या व्यक्तीने तीर्थ बनून देताच काही वेळातच त्या व्यक्तीला बरे वाटायला लागले आणि समाधान मिळाले. हा एक सत्य अनुभव आहे.*
      *२]. असाच एका दौऱ्यावरती सेवकांची मटन खाण्याची इच्छा झाली. तेव्हा बाबांनी सेवकांना गावातील लोकांकडे कोणाकडे बकरा वगैरे असेल तर विचारायला सांगितले. पण कुठे मिळालेले नाही. पण मांस खाण्याची इच्छा झाली होती. तेव्हा जी उपलब्ध होते ती भाजी म्हणजेच आलू वांग्याची भाजी बनवण्यात आली. पण परमेश्वराच्या चमत्कार किती भाजी खात असताना सेवकांना मटन ची चव येत होती. इच्छा नुसार भोजन वर आधारित अनुभव आहे.*

  • @saurabhwalke3498
    @saurabhwalke3498 8 місяців тому +1

    Namaskar ji band Kara beacouse mahan tyagi jumdevji baba ni kadi jiv hattya karnyala permission nahi dili ahe he lok Swata hun suru kel ahe jiv hatya band Karo

    • @PratikGorbade2
      @PratikGorbade2 8 місяців тому

      *बाबा जुमदेवजीच्या काळातील कित्येक तरी सेवकांकडून ऐकिवात आहे की, त्यांनी स्वतः बाबांसोबत मांसाहार केले होते. त्यांनी स्वतः बाबांना आपल्या डोळ्यांनी माणसावर करतांनी पाहिले.*
      *या जगामध्ये प्रत्येक जीव दुसऱ्या जीवावर अवलंबून आहे. परमेश्वराने अन्नसाखळी तयार केलेली आहे. मानवाला परमेश्वराने जन्म दिले तेव्हा मानव आदिमानवाच्या रूपात असताना तो मांसाहार करायचा.*
      *आपण रस्त्याने चालत असताना आपल्या पायाखाली कितीतरी सूक्ष्मजीव जंतू येत असतात आणि मरत असतात. मग तेव्हा पण जीव आहे तेच होते ना!!*
      *जेवणापूर्वी आपण हात धुतो तेव्हा आपल्या हातावरील किटाणू मरतात. तेव्हा पण आपण जेव्हा त्याच करतो.*
      *शेतामध्ये कोणतीही औषध फवारणी देत असताना झाडावरील किटानुंना आपण मारतच असतो म्हणजेच जीव हत्या करत असतोच.*
      *आपण वनस्पती झाडे तोडतो तेव्हा त्या वनस्पती झाडांमध्ये पण जीव असतो मग काय जीवन त्या रोखण्यासाठी झाडे पण नाही तोडायची का??*
      *परमेश्वराने या जगामध्ये काही जीव मांसाहारी जसे की वाघ, सिंह, तर काही जीव शाकाहारी जसे की गाय बैल शेळी तर काही प्राणी असे बनविलेले आहेत की जे मांसाहारी पण आहेत आणि शाकाहारी पण आहेत, जसे की मानव.*
      *परमेश्वराने ज्या प्राण्यांना शाकाहारी बनवलेले आहेत त्यांच्या समोर मास ठेवले तरी ते तोंड सुद्धा लावत नाही. पण ज्यांना मास खाण्याचे परवानगी येते तोंड लावतात. जसा की मानवाला परमेश्वराने चार टोकदार दात दिलेले आहेत. यावरून हे सिद्ध होते की मानवाला परमेश्वराने मांस खाण्याची परवानगी दिली आहे.*
      *हे सर्व जुने विचार जुने भावना आहे. जी बाबांनी या मार्गात बंद केलेली आहे. मार्गातील ज्या लोकांना सत्य मर्यादा प्रेमाचे पालन करणे जमत नाही शब्द नियमाचे पालन करणे जमत नाही ते लोक असे फालतूचे मानवनिर्मित स्वमताचे नियम सुरू करून पालन करतात.*

    • @pratikgorbade
      @pratikgorbade 5 місяців тому +1

      *🙏बाबांना स्वतः मांस खातांनी सेवकांनी पाहिले आहे जी. असे हायातीतील सेवकांकडून ऐकिवात आहे🙏*

  • @harshakhadgi4761
    @harshakhadgi4761 4 місяці тому +1

    Namaskar ji 🙏🙏

  • @latachandekar2745
    @latachandekar2745 Рік тому

    Namskarji

  • @kishorkitadikar500
    @kishorkitadikar500 Рік тому

    Namaskar ji

  • @Tejasxanime
    @Tejasxanime Рік тому

    Namskar ji 🙏

  • @lkcreation2384
    @lkcreation2384 7 місяців тому

    Namaskar ji

  • @PranayUike-s3i
    @PranayUike-s3i Рік тому

    Namskar ji 🙏

  • @AmarMadavi-cq8ie
    @AmarMadavi-cq8ie Рік тому +1

    Namskar ji 🙏

  • @RoshanDhurve-sh4do
    @RoshanDhurve-sh4do 6 місяців тому

    Namaskar ji

  • @prahladjhade2400
    @prahladjhade2400 25 днів тому

    Namaskar ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @NitinSayam-e9l
    @NitinSayam-e9l 3 місяці тому

    Namaskar ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🙏

  • @JitendraSarve-g1g
    @JitendraSarve-g1g 5 місяців тому +1

    Namaskar ji

  • @ritiklanjewaar6933
    @ritiklanjewaar6933 9 місяців тому

    Namaskar ji 🙏🌹🙏

  • @NashikAgashe
    @NashikAgashe 3 місяці тому

    Namskar ji

  • @surajbante4405
    @surajbante4405 3 місяці тому

    Namaskar ji 🌹🙏🙏🌹

  • @AashuMandpe
    @AashuMandpe 2 місяці тому

    Namskar ji

  • @RAJUSatimadave
    @RAJUSatimadave Місяць тому

    Namaskar ji