❤❤ डंके की चोट ❤❤❤❤❤ सतलोक की भक्ति पूर्ण भक्ति नहीं है सतलोक की मुक्ति अखंड मुक्ति नहीं है सतलोक का ज्ञान पूर्ण ज्ञान नहीं है सतलोक का गुरु पूर्ण गुरु नहीं है। क्योंकि सतलोक भागवत प्रमाण से प्राकृतिक प्रलय में उड़ जाएगा सावधान जिसे सतलोक कहते हैं वह भी झूठ लोक है ऐसा यह ब्रह्मांड है।❤❤
@@SunilGugrwal_vlogs इसका प्रमाण आपके सामने है भागवत में चार प्रलय का वर्णन है नित्य प्रलय नेमैटिकपरलय प्राकृतिक प्रलय और आत्यंतिक महाप्रलय। आत्यंतिक महाप्रलय में आदि नारायण समेत पुरा क्षर ब्रह्मांड समाप्त हो जाएगा। जिसे सतलोक कहते हैं वह भी झूठ लोक है जो क्षर नाशवान ब्रह्मांड में १४वां लोक सतलोक है। दूसरा प्रमाण तुम्हारे मुक्ति दाता वेदों का और गीता का प्रमाण दे रहे हैं। गीता और वेदों में अखंड का ज्ञान नहीं है केवल निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९। वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।। और क्या प्रमाण चाहिए। सतलोक में मुक्ति है जो सतयुगादि से चली आ रही है। अखंड मुक्ति केवल कलयुग में आई है श्री विजय अभिनंदन बुद्ध निष्कलंक द्वारा। क्योंकि जिसे मुक्ति कहते हैं यह भी अवधि में है।
Anmol gyan
👍
राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट अंतकाल पछताएंगे जब प्राण जाएंगे छूट
👍🙏🙏
धरती पर अवतार है संत रामपाल जी भगवान है
🙏🙏
❤❤ डंके की चोट ❤❤❤❤❤
सतलोक की भक्ति पूर्ण भक्ति नहीं है सतलोक की मुक्ति अखंड मुक्ति नहीं है सतलोक का ज्ञान पूर्ण ज्ञान नहीं है सतलोक का गुरु पूर्ण गुरु नहीं है।
क्योंकि सतलोक भागवत प्रमाण से प्राकृतिक प्रलय में उड़ जाएगा सावधान जिसे सतलोक कहते हैं वह भी झूठ लोक है ऐसा यह ब्रह्मांड है।❤❤
सतलोक की भक्ति पूर्ण भक्ति नही है इसका क्या प्रमाण है आपके पास
@@SunilGugrwal_vlogs इसका प्रमाण आपके सामने है भागवत में चार प्रलय का वर्णन है नित्य प्रलय नेमैटिकपरलय प्राकृतिक प्रलय और आत्यंतिक महाप्रलय।
आत्यंतिक महाप्रलय में आदि नारायण समेत पुरा क्षर ब्रह्मांड समाप्त हो जाएगा। जिसे सतलोक कहते हैं वह भी झूठ लोक है जो क्षर नाशवान ब्रह्मांड में १४वां लोक सतलोक है।
दूसरा प्रमाण तुम्हारे मुक्ति दाता वेदों का और गीता का प्रमाण दे रहे हैं। गीता और वेदों में अखंड का ज्ञान नहीं है केवल निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९।
वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।।
और क्या प्रमाण चाहिए।
सतलोक में मुक्ति है जो सतयुगादि से चली आ रही है। अखंड मुक्ति केवल कलयुग में आई है श्री विजय अभिनंदन बुद्ध निष्कलंक द्वारा। क्योंकि जिसे मुक्ति कहते हैं यह भी अवधि में है।
Gita me praman hai Kabir saheb bhagwan hai
🙏🙏