स्वामी जी सादर प्रणाम आज देश को आप जैसे संत की बड़ी आवश्यकता है आपकी बातें बिल्कुल साफ स्पष्ट और वेद मार्गी होती है शुद्ध ज्ञान की बात आप करते हैं इससे पाखंडी लोगों के हम को चोट लगती है ईश्वर आपको दीर्घायु रखें मेरी उम्र भी आपको लगा जाए
@@shreeprakashmishra7268 mishra ji ye mahashaya ji ne kosa vaid ki digree li h v konsa hamara Granth study kiya hai ye Arya samaji hi Jo barbar Dayanand Saraswati ki bat karta h v apjaise log bhi Inka anu saran karne lage baise ap sanatani brahamin ho cmnt pls.
परम आदरणीय स्वामी जी हमारा आपकोप्रणाम आपने जो ज्ञान दिया हमें कृष्णा राधेके बारे में और मूर्ति पूजा के बारे में जो ज्ञान समझाया यही सत्य है आपकी बड़ी मुझे बहुत सच्ची लगी आपके लिए और आपके ज्ञान के लिए हाथ जोड़कर प्रणाम आपके लिएसत सत नमन
मुझे बड़ा कष्ट होता था ढोंगी और पाखंडी को सुनकर . मैं सोचता था कि आर्यसमाज मृतप्राय हो गया है. आपके वीडियो देखकर थोड़ी उम्मीद नजर आने लगी है. कम से कम आप जैसे 1000 आर्य समाज के संयासियों को आप जैसा कार्य करना चाहिए. जिससे समाज का उद्धार हो सके.
जय श्रीकृष्ण। स्वामी जी मां शारदे की आप पर विशेष कृपा है। आप अपना पक्ष प्रभावी ढंग से रख पाने में समर्थ हैं। आपका वेदों एवं सनातन धर्म ग्रंथों का अध्ययन भी श्लाघनीय है। आपको अपना ज्ञान बांटने का अधिकार भी है। लेकिन अन्य सनातन धर्मावलंबियो विशेषतः ईश्वर के सगुण साकार विग्रह का आश्रय लेकर परमात्म दर्शन का विरोध और खंडन करने का दुस्साहस एवं अपराध मत कीजिए। मूर्ति मंदिर भगवान ने नहीं बनाए इसलिए आपके मतानुसार मूर्ति पूजा पाखंड अथवा मूर्खतापूर्ण कृत्य है। अतः आपके एक पक्षीय अपूर्ण ज्ञान के अनुसार त्यागने योग्य है। क्यों कि मूर्ति मंदिर परमात्मा ने नहीं किसी कारीगर मनुष्य द्वारा बनाए गए हैं । इसलिए इसको स्वीकार करना गलत है, पाखंड है। तो आपने जो पगङी और धोती कुर्ता आदि वस्त्र धारण कर रखे हैं वे भी तो किसी मनुष्य कारीगर द्वारा ही बनाए गए हैं। क्यों पहन रखे हैं? त्याग दो इन वस्त्रों को । सब पाखंड है। आपके भोजन के पदार्थ भी किसी मनुष्य कारीगर द्वारा निर्मित हैं। यह पाखंड की रोटी खा कर आप परमात्मा का निरादर ही तो कर रहे हैं । विद्यालय, अस्पताल, आश्रम,यातायात सब मनुष्य के दिमाग की उपज है, पाखंड है। आपकी दाढी मूंछ को करीने से संवारने वाला नाई भी मनुष्य है। यह पाखंड क्यों स्वीकार है? और भी अनेकानेक पाखंड का सहारा आपने ले रखा है। सब त्याग दीजिए। जिनका ज्ञान खंड खंड होता है उनको सब पाखंड नजर आता है। आप बेशक अपने मत का प्रचार प्रसार कीजिए परंतु हम सगुण साकार परमात्म स्वरूप की पूजा करने वालों को अपमानित करने के अपराध मत कीजिए। यदि आपने अपने हृदय मंदिर में परमात्मा को प्राप्त कर लिया होता तो मूर्ति में ईश्वर का साक्षात्कार क्यों नहीं होता। अवश्य होता। जो प्रेम की राह चला ही नहीं वह प्रियतम का ठिकाना क्या जाने। हवा तो सभी जगह है , परंतु गाङी के ट्यूब/टायर में हवा भरने के लिए यंत्र का सहारा लेना आवश्यक है। प्यास पानी से बुझती है पर साकार पात्र का सहारा उचित है। वायु सर्वत्र प्रवाहित है पर वृक्ष की छाया में विलक्षण आनंद है। अतः मूर्ति एवम् मंदिर का महत्व कमतर नहीं है। इतिहास साक्षी है अनेकानेक भक्तों ने मूर्ति के माध्यम से ईश्वर का साक्षात्कार किया है। मेरे लड्डू गोपाल की सेवा की महिमा आप नहीं जानते। और जिस क्षेत्र में आपका ज्ञान नहीं, अनुभव नहीं उस विषय में नकारात्मक सोच को थोपने का अधिकार आप को किसने दिया? बंद कर दीजिए यह कुप्रचार। जिस विषय विशेष का आपको ज्ञान है उसका गुण गाइये परंतु जिस विषय का बोध ही नहीं उस पर टिप्पणी करने से शरमाइये। बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद। हमारी आस्था और भावना से खेलने का आपको कोई अधिकार नहीं है। जय श्रीकृष्ण।
ऐसे बाबा जल्दी ही भारत को गुलाम बनाने जा रहे मूर्ति पूजक एवम् निराकार दोनों ही भगवान के भक्त हैं अपनी मर्जी है जैसे भजन करना है करीये जय भारत जय सनातन जय गुरु रविदास जी की
गुरू जी ये बात सही है की भगवान सब जगह है, लेकिन मंदिर का बहिष्कार न करे। और अगर बहिष्कार कर्वाइएगा तो और हिंदू सौ जाएगा। आपका हिंदू जागो अभियान वैर्थ चला जायेगा।आज जितने भी धर्म आगे है तो इसका सिर्फ एक ही कारण है धर्म स्थल और धर्म स्थल में प्रचार।
@@LearningWithNarendra123 Karauli Shankar Mahadev Dham ka name hai .Ham to Sudhre hain . Agar Waha ke Guru ji se Kuchh Praman Chahiye to Tum bhi Chale Jana Apne aap pata Cnal Jayega Ki Kon hain Karauli Shankar Mahadev. Wah tum logo ka hi Inzjaar kar rahe hain.
आदरणीय आचार्य जी एक बात बताएं कि जब आप भगवान की शक्ल सूरत और आकार आकृति अथवा मूर्ति बनाने का विरोध करते हैं तो फिर मन मंदिर अथवा हृदय में भी बिना किसी स्वरूप के भगवान के दर्शन अथवा कल्पना कैसे की जा सकती है। कल्पना करने और दर्शन करने के लिए कोई न कोई स्वरूप तो होना ही चाहिए
भगवंजी ने परम प्रकाश रूप भी बताया लेकिन विराट रूप(निराकार) को अर्जुन ने जब देखा तो वह घबरा गया अर्जुन हाथ जोड़कर बोलता है की ही भगवान आप अपने उसी रूप को दिखाइए मै घबरा रहा हूं फिर भगवान ने अपना चतुर्भुज दिखाया और फिर मनुष्य रूप दिखाया और कहा कि ही अर्जुन ये मेरा चतुर्भुज तेरे से अलावा किसी ने नहीं देखा ने@@vinaysharswat6322
नही होते कण कण में, किसने देखे. कई बरसों पहले समाज में रहने का एक सिस्टम बनाया गया, जो महान ज्ञानी थे उन लोगो ने साइंटिफिक और प्रूवन,फ्यूटिरिस्टिक समाजिक सिस्टम बनाया जिसमे अध्यात्म को एड किया, जिसे धर्म बोला गया sanatan धर्म सबसे प्राचीन है जिसमे कृष्ण जी राम जी दुनिया में आए. उनको फॉलो करते है हम लोग. यही धर्म है. बाकी ज्यादातर संकृति ,सभ्यताएं खत्म कर दी गई जिहादियों के हाथो, हम बचे है तो wait करो, जालीदार टोपी में होंगे हम, हम मर गए तो हमारे बच्चे होंगे.अभी तो मस्त रहो जी.😂😂😂😂😂
मान्यवर,सादर अभिवादन। सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु आपका समर्पित संकल्प सर्वथा अभिनंदनीय है।परम पिता परमेश्वर आपकी सृजनात्मक सामाजिक उत्प्रेरणात्मक कार्यक्षमता को द्विगुणित करें। एतदर्थ हार्दिक मंगलकामनाएं।शुभं भूयात्।शुभास्ते पंथानः संतु। भवद्सद्भावी आचार्य ओम् शास्त्री- अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद् -जयपुर
भावनाओं से बड़ा सत्य इस संसार में कोई नहीं है।.. यदि भगवान कण कण में है तो मूर्ति में क्यों नहीं??? ठाकुर जी ने कहा है कि मैं तुम्हारे ह्रदय में हूं... ये तो नहीं कहा कि अन्य जगह नहीं हुं।
Radhey Radhey chant hare krishna hare krishna krishna krishna hare hare hare Ram hare Ram Ram Ram hare hare minimum 16 round daily 108×16 read Bhagwad gita nd alwaysbehappy gurantee u see the difference within 2 month
काश लड्डू गोपाल को छोड़कर लोगो ने श्री कृष्ण को महाभारत के कृष्ण के रूप में पूजा होता तो पाकिस्तान भी बच जाता ओर अक्साई चीन भी श्री लंका भी नेपाल भी बच जाता
माया जिस पर हावी हो जाए माया किसी भी रूप में आकर दर्शन दे देती है साधक को भ्रमित कर देती है। ईश्वर पांच इंद्रियों से नहीं देखा जा सकता जो देखा जा रहा है वह ईश्वर नहीं हो सकता। जय योगेश्वर श्री कृष्णा
@@GURULetsFACTtum samjho na drama dusro ko kyu force karre ho dramebaazi hai? Tum kya bhagwan ho jo dusro k astha vishwas ko drama ghosit karre ho?or agar Krishna ki poojne ki baat h toh btao saboot do bhagwan kesa h kaha milta h? Tumne dekha h?sach btana.......
Aap bilkul maanye , hriday se Mann se , agar aap aisa karengi to aap pakka maanye ki usme aapko bhagwan ke darshan honge , baat rahi arya samaj ki toh mai jitna samjha hu arya samaj ho uske according ye ek dhakosla aur jhootha sampradaya hai jo ki vedo ki mala toh japta hai lekin uske sache Gyan se dur bhagta hai, ye ved vyas ji ke vedo ko maanta hai lekin is baat ko nahi maanta ki Krishna hi swyam bhagwan hai, jo ye nahi maanta ki kalyug me Krishna naam aur bhakti ke saaman aur koi dusra nahi hai, dhanya hai Prabh aapke Gyan ka ,,,
"•°जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत तिन देखी तेसी •°" मूर्ति तोह माध्यम है ईश्वर के पास सम्पर्क करने का , इंसान मूर्ति को देखकर मन मे हि प्राथना करता है मूर्ति के अंदर जाकर नही , हमारे यहां निराकर और साकर दोनो हि चलता है दोनो हि उचित है जो इंसान अपने कार्यो मे व्यस्त रहता है वो अपने अंतर मन द्वारा भी ईश्वर को याद कर सकता है जो मूर्ति सेवा करता है वो बस अपने भावो को साकार रूप देता है । हरे कृष्ण ❤❤
@@advocateankurpradhan829 tumhe logo ki aastha pakhand lag rhi hai ,waah bewkoof aadmi hmare yha toh bhagwan toh vigrah unki iccha k bina koi hila bhi nhi pata ,
@@advocateankurpradhan829इनके जैसे ढोंगी ही आकर सनातन धर्म को बांट कर चले जाते है और तू ज्यादा ज्ञान बांट रहा है जब प्रत्येक कण कण में भगवान है तो मूर्ति में क्यों नहीं जय श्री राम❤❤
आप भेद वाली बात कर रहे हैं ! भगवान हर जगह है यह सत्य है भाव और भावना मनुष्य के अंदर है वह उनके सहारे ही भगवान को महसूस करता है और भज ता है ! भगवान हर जगह हैं लेकिन मनुष्य एक स्थान बनाकर सब एक जगह मिलकर भगवान को याद करते हैं ! मैं आपकी सभी बातों से सहमत नहीं हूं , श्रद्धा विश्वास अनुराग अच्छी बातें अच्छे शब्द अच्छे विचार अच्छा और सही दृष्टिकोण ग्रहण करने योग्य यह सभी भगवान स्वरूप है! भगवान के नाम पर लोग अपने अपने विचार मनुष्यों में डालकर भ्रमित करते हैं अपनी संस्था बनाना चाहते हैं चलाना चाहते हैं!
ऐसे लोग ही भाई हमारे हिंदू देवी देवताओं और सत्य सनातन धर्म को और धर्माचार्यों को बदनाम करके अपनी संस्था को बढ़ावा देने वाले लोग है जो हमारे हिंदू देवी देवताओं की निंदा करने में कोई शर्म महसूस नहीं करते ये लोग जब भगवान की निंदा करते है तो दिल में बहुत दुख होता है ऐसे चैनल को हमेशा को बंद कर देना चाहिए और किसी हिंदू सनातनियों को भगवान की निंदा और बुराई नहीं सुनना चाहिए, जय श्री राम, हर हर महादेव,जय श्री राधे कृष्णा
Maaf karna sabke ek main bhagwan hai..Jinko hum allah or Jesus ke naam se jaante hai lekin apki line me hi teen hai..esse kaise aap log apna bachav kar paayenge bhavisha me
@@yajkumar161 आप भगवान शिव या किसी भी भगवान को नहीं मानते हो में समझ सकता हूं कि आप नास्तिक हो या हिंदू सनातनी नहीं हो या अल्ला को मानते हो हमको कोई मतलब नहीं,लेकिन हम सच्चे सनातनी हिंदू हैं और अनगिनत युगों से जिसकी कोई गिनती नहीं कर सकता जब से सूर्य चंद्रमा हैं तब से हमारा सत्य सनातन धर्म है इसके हजारों सबूत और साक्ष्य भरे पड़े हैं बेद पुरान रामायण श्रीमद भागवत,गीता, और बहुत युगों पुराना इतिहास जैसे राम सेतु लेकिन में जरूरी नहीं समझता की आपको प्रमाण दूं और आपको खोजना ही है तो आचार्य धीरेंद्र शास्त्री जी के पास जाइए वो आपके पूर्वजों का भी इतिहास खोल कर रख देंगे और आपके जो अंदर की जो आंखें हैं वो भी खुल जाएंगी और श्री मान आप कोई भी हों आज के बाद हमारे भगवान के बारे में कुछ भी मत कहना ये ही ठीक रहेगा आप अल्लाह या किसी को भी मानो हमको कोई मतलब नहीं है लेकिन लास्ट बार आपसे निवेदन है कि हमारे हिंदू देवी देवताओं के बारे में बिल्कुल भी गलत मत बोलना ओके धन्यवाद जय श्री राम
आदरणीय जी, मूर्ति पूजा से भगवान नही मिलते यह सत्य है, परंतु बिना किसी मूरत के भगवान की उपासना करना भी सम्भव नही है। भगवान की प्रतिमा चाहे किसी भी रूप में सामने हो वो हमें सदैव कल्याण और सत्कर्म करने की और ध्यान दिलवाती है। हम किसी भी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा के आगे से निकलते तो एक बार अवश्य सिर झुकाते है और प्रभु सिमरन करते है। जो हमे अपने अंदर को झांकने को कहता है, मेरे अनुसार यही मूरत है।
M yahi sunne k liye ayi ap practically sahi hi bolre ho ye log boltey h roop sabhi jhuthe h kisne dekha?or agar dekha bhi toh hm log kisiko bhi proof nahi de saktey h kyuki hm jis karan kripa se bhagwan dekhre hongay wo hm logo ko nahi dikha sakte kyuki unhone kbhi abyaas nahi kiya naam ka na kbhi bhagwan k roop ko sahi thehraya hindu log bs alochana hi karte the hai or karengay......
महराज जी भक्त को भगवान ने लड्डू खाते हुए अपने रूप को दिखाया भक्त के पिता के आ जाने पर उसी रूप मे रह गये भक्तो ने उसी रूप मे मान लिया और पूजा करने लगे।ऐसा भी वृत्तांत आया है भगवान को भक्त जिस रूप मे पूजा करे करने दो। सनातन मे पूजा करने के लिए किसी आधार की जरूरत होती है। वेसे आपकी कथा मै बराबर सुनता हू मगर आज आपकी कथा आज मुझे अच्छी नही लगी आप मुझे मूरख समझे या कुछ और आपकक मर्जी जय श्रीराम जय श्रीकृष्ण हर हर महादेव जय हिंदुस्थान।
काश लड्डू गोपाल को छोड़कर लोगो ने श्री कृष्ण को महाभारत के कृष्ण के रूप में पूजा होता तो पाकिस्तान भी बच जाता ओर अक्साई चीन भी श्री लंका भी नेपाल भी बच जाता
बहुत ही अच्छी ज्ञानवर्धक बातें बताई आपजी ने, बिल्कुल सत्य है कि भगवान् का कोई रूप रंग, जात पात, वर्ण चिन्ह नहीं है फिर भी इन्सान दर दर भटकते फिर रहा है उसको खोजने के लिए। आजकल यह सच कोई साधू संत, फकीर बताना भी नहीं चाहते कयोंकि अगर कोई यह सच बताये तो लोग उसी के खिलाफ हो जाते हैं। आप जी ने बहुत बड़ा सच बोला है।
मीरा कहती हैं मेरे तो कृष्ण भगवान दूसरा न कोई, राम कृष्ण परमहंस जी माता काली से बात करते हैं। धना भगत और भगवान कृष्ण की कहानी। निराकार साकार क्यों नहीं बन सकता है। निराकार को साकार बनने से कौन रोक सकता है। ये सवाल अपने आप से पूछें.
जो लोंग आंखें खोलकर भगवान या भूत-प्रेत से बात करने का दावा करते है, वो hallucination से पीड़ित होते है। hallucination क्या है, इसकी जानकारी आपको youtube में मिल जाएगा।
स्वामी जी नमस्कार मीरा ने दुनिया का बनाया हुआ मन्दिर में ही भगवान श्री कृष्ण के दर्शन भी हुए और मुरती में ही समा गई थी कोई माई का लाल झुठला नहीं सकता सबसे बड़े हमारे ग्रंथ है रामचरितमानस गीता श्री मदभागवत गीता शिव पुराण पढों और आगे बड़ो गुरु घंटालों से बचों ये तो अपने भी नहीं होते दुनिया का क्या भला करेंगे धन्यवाद
अति सुन्दर तरीके से वेद वाणी से वेदों का प्रचार प्रसार करते हुए जनमानस में जागृति पैदा कर रहे हैं।शत शत नमन
Aryasamaji pakhandi pagal hai
Yah vedvani Nahin Hai daitya Vani hai
परम आदरणीय स्वामी जी आपके चरणों में हमारा सादर नमस्कार, आपके ज्ञानवर्धक मार्गदर्शन के लिए तहे दिल से आभार🎉🎉🎉
Love you so much darling
आज स्वामी जी की बातें उनका ज्ञान आत्मसात करने का समय है जागो हिंदू जागो
शत् शत् नमन🙏 मेरे गुरुवर महान आत्मा आपकी वेद वाणी हमें बहुत अच्छी लगती है 🙏☺
ઋષિકીભાસાપરોછહોતેહેસજનાકઠીનહૈ
Pakhandi aryasamaji
स्वामी जी सादर प्रणाम आज देश को आप जैसे संत की बड़ी आवश्यकता है आपकी बातें बिल्कुल साफ स्पष्ट और वेद मार्गी होती है शुद्ध ज्ञान की बात आप करते हैं इससे पाखंडी लोगों के हम को चोट लगती है ईश्वर आपको दीर्घायु रखें मेरी उम्र भी आपको लगा जाए
@@shreeprakashmishra7268 mishra ji ye mahashaya ji ne kosa vaid ki digree li h v konsa hamara Granth study kiya hai ye Arya samaji hi Jo barbar Dayanand Saraswati ki bat karta h v apjaise log bhi Inka anu saran karne lage baise ap sanatani brahamin ho cmnt pls.
परम आदरणीय स्वामी जी हमारा आपकोप्रणाम आपने जो ज्ञान दिया हमें कृष्णा राधेके बारे में और मूर्ति पूजा के बारे में जो ज्ञान समझाया यही सत्य है आपकी बड़ी मुझे बहुत सच्ची लगी आपके लिए और आपके ज्ञान के लिए हाथ जोड़कर प्रणाम आपके लिएसत सत नमन
Right
Om
मुझे बड़ा कष्ट होता था ढोंगी और पाखंडी को सुनकर . मैं सोचता था कि आर्यसमाज मृतप्राय हो गया है. आपके वीडियो देखकर थोड़ी उम्मीद नजर आने लगी है. कम से कम आप जैसे 1000 आर्य समाज के संयासियों को आप जैसा कार्य करना चाहिए. जिससे समाज का उद्धार हो सके.
जय हो बाबा जी की
❤वेदो में प्रमाणित ,न तस्य प्रतिमा अस्ति ,स्वामी जी को सादर नमस्ते
Protima mane tulna sanskrit ka kuch knowledge nehi hei tera
बहुत अछा महराज जी आपको कोटि कोटि नमन एवं प्रणाम 🙏
Jai siyaram jai siyaram jai siyaram🙏🙏🙏 bahut sundar🎉🎉🎉
Arya samaj sare Vishva ka margdarshak hai
जय श्रीकृष्ण। स्वामी जी मां शारदे की आप पर विशेष कृपा है। आप अपना पक्ष प्रभावी ढंग से रख पाने में समर्थ हैं। आपका वेदों एवं सनातन धर्म ग्रंथों का अध्ययन भी श्लाघनीय है। आपको अपना ज्ञान बांटने का अधिकार भी है। लेकिन अन्य सनातन धर्मावलंबियो विशेषतः ईश्वर के सगुण साकार विग्रह का आश्रय लेकर परमात्म दर्शन का विरोध और खंडन करने का दुस्साहस एवं अपराध मत कीजिए। मूर्ति मंदिर भगवान ने नहीं बनाए इसलिए आपके मतानुसार मूर्ति पूजा पाखंड अथवा मूर्खतापूर्ण कृत्य है। अतः आपके एक पक्षीय अपूर्ण ज्ञान के अनुसार त्यागने योग्य है। क्यों कि मूर्ति मंदिर परमात्मा ने नहीं किसी कारीगर मनुष्य द्वारा बनाए गए हैं । इसलिए इसको स्वीकार करना गलत है, पाखंड है। तो आपने जो पगङी और धोती कुर्ता आदि वस्त्र धारण कर रखे हैं वे भी तो किसी मनुष्य कारीगर द्वारा ही बनाए गए हैं। क्यों पहन रखे हैं? त्याग दो इन वस्त्रों को । सब पाखंड है। आपके भोजन के पदार्थ भी किसी मनुष्य कारीगर द्वारा निर्मित हैं। यह पाखंड की रोटी खा कर आप परमात्मा का निरादर ही तो कर रहे हैं । विद्यालय, अस्पताल, आश्रम,यातायात सब मनुष्य के दिमाग की उपज है, पाखंड है। आपकी दाढी मूंछ को करीने से संवारने वाला नाई भी मनुष्य है। यह पाखंड क्यों स्वीकार है? और भी अनेकानेक पाखंड का सहारा आपने ले रखा है। सब त्याग दीजिए। जिनका ज्ञान खंड खंड होता है उनको सब पाखंड नजर आता है। आप बेशक अपने मत का प्रचार प्रसार कीजिए परंतु हम सगुण साकार परमात्म स्वरूप की पूजा करने वालों को अपमानित करने के अपराध मत कीजिए। यदि आपने अपने हृदय मंदिर में परमात्मा को प्राप्त कर लिया होता तो मूर्ति में ईश्वर का साक्षात्कार क्यों नहीं होता। अवश्य होता। जो प्रेम की राह चला ही नहीं वह प्रियतम का ठिकाना क्या जाने। हवा तो सभी जगह है , परंतु गाङी के ट्यूब/टायर में हवा भरने के लिए यंत्र का सहारा लेना आवश्यक है। प्यास पानी से बुझती है पर साकार पात्र का सहारा उचित है। वायु सर्वत्र प्रवाहित है पर वृक्ष की छाया में विलक्षण आनंद है। अतः मूर्ति एवम् मंदिर का महत्व कमतर नहीं है। इतिहास साक्षी है अनेकानेक भक्तों ने मूर्ति के माध्यम से ईश्वर का साक्षात्कार किया है। मेरे लड्डू गोपाल की सेवा की महिमा आप नहीं जानते। और जिस क्षेत्र में आपका ज्ञान नहीं, अनुभव नहीं उस विषय में नकारात्मक सोच को थोपने का अधिकार आप को किसने दिया? बंद कर दीजिए यह कुप्रचार। जिस विषय विशेष का आपको ज्ञान है उसका गुण गाइये परंतु जिस विषय का बोध ही नहीं उस पर टिप्पणी करने से शरमाइये। बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद। हमारी आस्था और भावना से खेलने का आपको कोई अधिकार नहीं है। जय श्रीकृष्ण।
👌
Satya vachan ❤Radhe Radhe 🦚
ऐसे बाबा जल्दी ही भारत को गुलाम बनाने जा रहे मूर्ति पूजक एवम् निराकार दोनों ही भगवान के भक्त हैं अपनी मर्जी है जैसे भजन करना है करीये जय भारत जय सनातन जय गुरु रविदास जी की
Mishra ji sayd baat ko smjhe nai aap
@@kbhushan2449Gulam to tum bna rahe ho isaio aur katafats ka
जा की रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।
अर्थ बता प्रमाण के साथ।😅😅😅😅😅
Amrit samajh ke jahar khaa ke dekho malum ho jayega
Jai siyaram jai siyaram jai siyaram🙏🙏🙏
रात के 12:00 मैंने यह वीडियो देखा लेकिन वीडियो में बहुत सच्चाई है ऐसे वीडियो और डालो धन्यवाद
जय हो संस्कृति के रक्षक जय हो महापुरुष
इसे संस्कार कहते है जो मंदिर जाके महसूस होता है मदिरालय में नहीं
बहुत सुंदर संदेश ❤
गुरू जी ये बात सही है की भगवान सब जगह है, लेकिन मंदिर का बहिष्कार न करे। और अगर बहिष्कार कर्वाइएगा तो और हिंदू सौ जाएगा। आपका हिंदू जागो अभियान वैर्थ चला जायेगा।आज जितने भी धर्म आगे है तो इसका सिर्फ एक ही कारण है धर्म स्थल और धर्म स्थल में प्रचार।
ਇਹਿ ਸੁਆਮੀ ਜੀ ਬਹੂਤ ਹੀ ਬਧੀਆ ਕਥਾ ਤੱਥਾਂ ਸਮੇਤ ਸੁਨਾਤਾ ਹੈ ਜੋ ਅਸਲੀਅਤ ਇਹ ਹੈ
कोटि कोटि नमन🙏बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏
न काष्टे विद्यते देवो न पाषाणे न म्रनमये
भावो ही विद्यते देव: तस्मात भावो ही कारणम्
सत्यार्थ प्रकाश
Ye bhul jagannath kath se hi bone hei mr jadhamurkha
स्वामी जी आप जगाते चलो एक दिन सनातनी हिंदू जरूर जगेगा करौली शंकर महादेव धाम की जय
Jai BABA ki. Karauli Shankar Mahadev ki Jai 🔱🙏
तुम कभी नहीं sudhrogi करौली शंकर mahadev कहाँ से आ गए
@@LearningWithNarendra123 Karauli Shankar Mahadev Dham ka name hai .Ham to Sudhre hain . Agar Waha ke Guru ji se Kuchh Praman Chahiye to Tum bhi Chale Jana Apne aap pata Cnal Jayega Ki Kon hain Karauli Shankar Mahadev. Wah tum logo ka hi Inzjaar kar rahe hain.
@@LearningWithNarendra123 Aur Jo Kuchh Arya Samaj ke Sant kah hain Main unka Poori tarah Samarthan Karta hun
Aap ki baat satya he....me maan tahu...
आदरणीय आचार्य जी एक बात बताएं कि जब आप भगवान की शक्ल सूरत और आकार आकृति अथवा मूर्ति बनाने का विरोध करते हैं तो फिर मन मंदिर अथवा हृदय में भी बिना किसी स्वरूप के भगवान के दर्शन अथवा कल्पना कैसे की जा सकती है।
कल्पना करने और दर्शन करने के लिए कोई न कोई स्वरूप तो होना ही चाहिए
भाई गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन से स्वयं कहा है मैं परम प्रकाश रूप हूं
भगवंजी ने परम प्रकाश रूप भी बताया लेकिन विराट रूप(निराकार) को अर्जुन ने जब देखा तो वह घबरा गया अर्जुन हाथ जोड़कर बोलता है
की ही भगवान आप अपने उसी रूप को दिखाइए मै घबरा रहा हूं फिर भगवान ने अपना चतुर्भुज दिखाया और फिर मनुष्य रूप दिखाया और कहा कि ही अर्जुन ये मेरा चतुर्भुज तेरे से अलावा किसी ने नहीं देखा ने@@vinaysharswat6322
@@vinaysharswat6322wo sahi bolre h matlb samjho
Bhai ji mai aap se sahmat hun.without aim,targate,kaise man akagra hoga.
भगवान मेरे हृदय में निवास करते हैं जो मंदिर मेरे परमपिता पर ब्रह्म ने मुझे बनकर दिया है मैं उसी में अपने परमात्मा के दर्शन करती हूं
ATI Sundar
Ye Arya samaji h
ऐसे ही संसार में किसी भी वस्तु से कोई भी आकृति बनाई जाए उसमें में जीवन है
❤भाव का भूखा हूं मैं भाव ही एक सार है❤
जिस भी भाव से भगवान को भज लो, पर प्रेम से भजन तो कर लो, भगवान मिल जाएंगे ज्ञान अभिमान से कभी नहीं मिलेंगे।।।
Jai siya ram
महाराज जी भगवान तो कड़कड़ में होते हैं पर अपनी श्रद्धा और विश्वासहोनी चाहिए❤
नही होते कण कण में, किसने देखे.
कई बरसों पहले समाज में रहने का एक सिस्टम बनाया गया, जो महान ज्ञानी थे उन लोगो ने साइंटिफिक और प्रूवन,फ्यूटिरिस्टिक समाजिक सिस्टम बनाया जिसमे अध्यात्म को एड किया, जिसे धर्म बोला गया sanatan धर्म सबसे प्राचीन है जिसमे कृष्ण जी राम जी दुनिया में आए. उनको फॉलो करते है हम लोग. यही धर्म है. बाकी ज्यादातर संकृति ,सभ्यताएं खत्म कर दी गई जिहादियों के हाथो, हम बचे है तो wait करो, जालीदार टोपी में होंगे हम, हम मर गए तो हमारे बच्चे होंगे.अभी तो मस्त रहो जी.😂😂😂😂😂
Pahle achhe se sunu unhone kya bola h ,kaan saaf karke sunu
मान्यवर,सादर अभिवादन। सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु आपका समर्पित संकल्प सर्वथा अभिनंदनीय है।परम पिता परमेश्वर आपकी सृजनात्मक सामाजिक उत्प्रेरणात्मक कार्यक्षमता को द्विगुणित करें। एतदर्थ हार्दिक मंगलकामनाएं।शुभं भूयात्।शुभास्ते पंथानः संतु। भवद्सद्भावी आचार्य ओम् शास्त्री- अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद् -जयपुर
स्वामी जी को कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏🇳🇵
Jay Siyaram Jay Siyaram
मस्त महाराज जी. आपके charsnome कोटी कोटी धन nirankarji.. निरंकार की भक्ती निरंकारी मिशन मे हैं.
आपकी बातें सही हैं वैदिक हैं परंतु भाव भी कुछ होते हैं
जय श्री राधे
भावनाओं से बड़ा सत्य इस संसार में कोई नहीं है।.. यदि भगवान कण कण में है तो मूर्ति में क्यों नहीं??? ठाकुर जी ने कहा है कि मैं तुम्हारे ह्रदय में हूं... ये तो नहीं कहा कि अन्य जगह नहीं हुं।
Right
Fir to mere ander bhi h poojo mere ko
pujne ogye kaam karoge to puja bhi ho jayegi aapki
Bhagwaan sab jagah hai prantu yadi apne andar hi Mahsoos nahi kar paye to baaki jagah kya mahsoos karenge ???Self realization before God realization
Correct..
बहुत तर्क संगत प्रवचन। धन्य है आप।
जो बोले सो अभय, वैदिक धर्म की जय।।
बाबा जी आपका प्रवचन मैं हृदय से सुनता हूं। कोई भी इंसान अगर आपका प्रवचन सुन ले तो उसका दिमाग बदल जाएगा। आपके बातों में सच्चाई है।
जिन्होंने मंदिर को बनाया उसमें भी तो भगवान है
अति सुन्दर उद्बोधन श्री
Arya samaj se hi सनातन धर्म की रक्षा हो सकती है
स्वामी ji आम आदमी इस तरह भगवान से अपने को जोड़ता है,सभी ज्ञानी नहीं होते
Radhey Radhey chant hare krishna hare krishna krishna krishna hare hare hare Ram hare Ram Ram Ram hare hare minimum 16 round daily 108×16 read Bhagwad gita nd alwaysbehappy gurantee u see the difference within 2 month
Maine tumhari soch ko samajhkar tume subscribe Kiya abhi
आचार्य जी कोटि कोटि नमन...👏
काश लड्डू गोपाल को छोड़कर लोगो ने श्री कृष्ण को महाभारत के कृष्ण के रूप में पूजा होता तो पाकिस्तान भी बच जाता ओर अक्साई चीन भी श्री लंका भी नेपाल भी बच जाता
Jai laddu gopal
100 percent Satya vachan,
Dukandari aur Rajniti se pare.
आप की सोच इस्लामी संगठन से मिलती है। क्यों कि इस्लाम की बुराई खुद मुसलमान नहीं करता। किन्तु हिन्दू धर्म की बुराई मुसलमान जरूर करता है।
Right 👍🏽
Tumhari soch h islamio jaisi.. Aryasamaj quran aur bible ko expose krta h aur tum jaiso ko..Tumhari tarah ni h jo bhagwano ko badnaam kre
आदरणीय स्वामी जी सादर नमस्ते।
अति उत्तम सरल के समझाया इसलिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
Hamko to mandir jakar hi accha lagta hai
Aapko apna mn mandir hi achha nhi lga , vha kya khak krega
भगवान।ने।गीता।में।लिखा।है।जो।मुझे।जिस।भव।से।देखता।पूजत।है।में।उसी।भव।से।प्रत्यक्ष।हूं।।तो।ये।सगुण।सकाम।पूजा।शृंगार।रस।प्रेम।रस।की।है।।ये।पूजा।न्यारी।है।जगत।में।तभी।तो।सभी।ब्रज।में।आते।हैं।बल।रूप।लीला।भजन।कीर्तन।आदी।।।और।धर्म।में।सिर्फ।गुरु।तक।ही।सिमित।हैं।।कोई।मुर्ति।कोई।मस्जिद।कोई।दरगाह।समाधि।आदी।।हमारे धर्म।में।भगवान।को।पहले।प्रत्यक्ष।कर।साथ।में।गुरु।की।पूजा।का।चलन।है।।सरल।सरस।आनन्दमयी
बहुत ही सुन्दर वचन
माया जिस पर हावी हो जाए माया किसी भी रूप में आकर दर्शन दे देती है साधक को भ्रमित कर देती है। ईश्वर पांच इंद्रियों से नहीं देखा जा सकता जो देखा जा रहा है वह ईश्वर नहीं हो सकता। जय योगेश्वर श्री कृष्णा
Ye aryasamaji pakhandi hai ye bhagwan ko galat bolte hai
जैसा भाव ऐसा भगवान आप गलत है
Wahh, Ishwar ko vedo ke gayn se nahi prapt kiya jaa sakta hai, praman chahiye to bolna bataunga kaha likha hai
Sahi baat aapki ji ek dam
भगवान सर्वत्र व्याप्त है किन्तु मंदिर में में इसलिए जाते कि हमारी श्रद्धा भक्ति भाव सहज ही मंदिर में प्रकट हो जाते हैं।
वहां मूर्ति को ईश्वर माना जाता है
आर्यसमाज सनातन का समर्थक है विरोधी नहीं , सच यह है कि हम समाज में व्याप्त रूढ़ियों को त्यागना नही चाहते है
अगर हम मंदिर जाते हैं मूर्ति पूजा करते हैं तो मुसलमान मस्जिद में लास को चादर चढ़ाते हैं ईसाई मरे हुए लटके हुए को मानता है उनको भी बोलो
असली मंदिर तो अपना शरीरहै हनुमान जी ने सीना फाड़ किस लिए दिखाया है इस मंदिर में मांस मदिरा बीड़ी सिगरेट मत डालो इसमें राम बैठेहैं
🤔🌺हरि ॐ 🌺🙏
@@AbhaKiran-ou6oqagar yah Sanatan ke virodhi nahin hai to yah Radha Rani ke liye ulta sidha kyon bolate Hain
जय गुरुदेव
बाबा तुम्हारी इस बात से हम सहमत हैं कि परमात्मा इतने छोटे नहीं है जो हमारे जगाने से जगैं
🎉🎉🙏
बहुत सुन्दर विवेचन
100% सत्य बाते बताई है।
hum to sewa karenge laddu gipal ki ghr mai or bhajan kirtan bhi unke aage gayege mere to girdhar gopal hai dusro na koi
Karni chahiye ase logo ki bato main na faso jo dusro ko nicha dikha kar khud ko bhut gyani samjh rhe h
Krishan ko maano bhai lekin laddugopal to drama hai
@@GURULetsFACTtum samjho na drama dusro ko kyu force karre ho dramebaazi hai? Tum kya bhagwan ho jo dusro k astha vishwas ko drama ghosit karre ho?or agar Krishna ki poojne ki baat h toh btao saboot do bhagwan kesa h kaha milta h? Tumne dekha h?sach btana.......
Mai to nirakar god ko maanta hu jisko jo manna hai mano
Aap bilkul maanye , hriday se Mann se , agar aap aisa karengi to aap pakka maanye ki usme aapko bhagwan ke darshan honge , baat rahi arya samaj ki toh mai jitna samjha hu arya samaj ho uske according ye ek dhakosla aur jhootha sampradaya hai jo ki vedo ki mala toh japta hai lekin uske sache Gyan se dur bhagta hai, ye ved vyas ji ke vedo ko maanta hai lekin is baat ko nahi maanta ki Krishna hi swyam bhagwan hai, jo ye nahi maanta ki kalyug me Krishna naam aur bhakti ke saaman aur koi dusra nahi hai, dhanya hai Prabh aapke Gyan ka ,,,
Jai ho mere aryavert ki 🤍🙏🏻
Bhut hi sunder guri ji Jai Ho sanatan Dharm ki
જય ઞોમાતા. જયરાષટૃમાતા
Satya ka Satsang sirf Arya Samaj Mein Hota Hai🙏🕉🕉🕉🕉🙏
Thanks for putting factual points ....... keep it up for saving our religion.
Jai ho guruji very nice.
बहुत सुंदर व उचित विचार
क्या बात है स्वामी जी आपके जैसे करोडो लोगों की जरूरत है आज देश को ...❤ 🙏
Naman 🙏
परम आदरणीय स्वामी जी के चरणों में हमारा सादर प्रणाम
मूर्ख गुरु मूर्ख चेला
दोनों नर्क मे ठेलमठेला
जय हो संतो का कि सारे फरोडो पर कटाक्ष!!💐!!.
वास्तव में जब से सनातनों ने मूर्ति पूजा की तभी से भटक गये।
जब निर्गुण है तो मन मे दर्शन कैसे होगा
भाई अर्जुन गीता पढ़िए आप हमारे शरीर में जो आत्मा है वह ईश्वरका अंश है अगर हमने उसका साक्षात्कार कर लिया तो हमने ईश्वर का भी साक्षात्कार कर लिया
Granth gadi jyot Murti kabar fronsh ne roti..pargat guru vina sarve vaato khoti...jay guru dev
अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर के बारे में क्या विचार है आप के सभी आर्यसमाजियों से पूछना चाहता हु कृपया बताएं ????
इन को पाकिस्तान जाना चाहिए जहा मूर्त पूजन नही।
@@prabhudanratnu3411 वाह री गंदिगी में पड़े हुए । सुअर ।😂
Pesa verth hai us pase se kitne garibo ka bhala ho jata
यह परम ज्ञान मजार और मस्जिद और चर्च बनाने वालो को क्यों नही देते सबसे . ज्यादा गरीवी उसी समुदायो में है तुम्हारा भी भला हो जायेगा@@malhanvlogs7746
Bhala tou ho rha hai log dukane lga rhen hai unka saman bik rha hai
❤❤❤
"•°जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत तिन देखी तेसी •°" मूर्ति तोह माध्यम है ईश्वर के पास सम्पर्क करने का , इंसान मूर्ति को देखकर मन मे हि प्राथना करता है मूर्ति के अंदर जाकर नही , हमारे यहां निराकर और साकर दोनो हि चलता है दोनो हि उचित है
जो इंसान अपने कार्यो मे व्यस्त रहता है वो अपने अंतर मन द्वारा भी ईश्वर को याद कर सकता है
जो मूर्ति सेवा करता है वो बस अपने भावो को साकार रूप देता है ।
हरे कृष्ण ❤❤
उचित होता तो देश नही लुटता तुम जैसे लोगों की सोच ने ऐसा पाखंड आगे बढ़ाया है।
@@advocateankurpradhan829 tumhe logo ki aastha pakhand lag rhi hai ,waah bewkoof aadmi hmare yha toh bhagwan toh vigrah unki iccha k bina koi hila bhi nhi pata ,
@@advocateankurpradhan829इनके जैसे ढोंगी ही आकर सनातन धर्म को बांट कर चले जाते है और तू ज्यादा ज्ञान बांट रहा है जब प्रत्येक कण कण में भगवान है तो मूर्ति में क्यों नहीं
जय श्री राम❤❤
Hare Krishna 🙏🏽
@shivakarsingh5848 right 👍🏽
सही बात है गुरु जी....
आप भेद वाली बात कर रहे हैं ! भगवान हर जगह है यह सत्य है भाव और भावना मनुष्य के अंदर है वह उनके सहारे ही भगवान को महसूस करता है और भज ता है ! भगवान हर जगह हैं लेकिन मनुष्य एक स्थान बनाकर सब एक जगह मिलकर भगवान को याद करते हैं ! मैं आपकी सभी बातों से सहमत नहीं हूं , श्रद्धा विश्वास अनुराग अच्छी बातें अच्छे शब्द अच्छे विचार अच्छा और सही दृष्टिकोण ग्रहण करने योग्य यह सभी भगवान स्वरूप है! भगवान के नाम पर लोग अपने अपने विचार मनुष्यों में डालकर भ्रमित करते हैं अपनी संस्था बनाना चाहते हैं चलाना चाहते हैं!
ऐसे लोग ही भाई हमारे हिंदू देवी देवताओं और सत्य सनातन धर्म को और धर्माचार्यों को बदनाम करके अपनी संस्था को बढ़ावा देने वाले लोग है जो हमारे हिंदू देवी देवताओं की निंदा करने में कोई शर्म महसूस नहीं करते ये लोग जब भगवान की निंदा करते है तो दिल में बहुत दुख होता है ऐसे चैनल को हमेशा को बंद कर देना चाहिए और किसी हिंदू सनातनियों को भगवान की निंदा और बुराई नहीं सुनना चाहिए, जय श्री राम, हर हर महादेव,जय श्री राधे कृष्णा
@@C.MSharma-o5rबात सही है आपकी
Agar Mandir me bhagwan hai to Somnath temple do bar kyu lootne ne safal hue.. Maryada purushottam shir Ram ka Mandir kaise gir gaya..
Maaf karna sabke ek main bhagwan hai..Jinko hum allah or Jesus ke naam se jaante hai lekin apki line me hi teen hai..esse kaise aap log apna bachav kar paayenge bhavisha me
@@yajkumar161 आप भगवान शिव या किसी भी भगवान को नहीं मानते हो में समझ सकता हूं कि आप नास्तिक हो या हिंदू सनातनी नहीं हो या अल्ला को मानते हो हमको कोई मतलब नहीं,लेकिन हम सच्चे सनातनी हिंदू हैं और अनगिनत युगों से जिसकी कोई गिनती नहीं कर सकता जब से सूर्य चंद्रमा हैं तब से हमारा सत्य सनातन धर्म है इसके हजारों सबूत और साक्ष्य भरे पड़े हैं बेद पुरान रामायण श्रीमद भागवत,गीता, और बहुत युगों पुराना इतिहास जैसे राम सेतु लेकिन में जरूरी नहीं समझता की आपको प्रमाण दूं और आपको खोजना ही है तो आचार्य धीरेंद्र शास्त्री जी के पास जाइए वो आपके पूर्वजों का भी इतिहास खोल कर रख देंगे और आपके जो अंदर की जो आंखें हैं वो भी खुल जाएंगी और श्री मान आप कोई भी हों आज के बाद हमारे भगवान के बारे में कुछ भी मत कहना ये ही ठीक रहेगा आप अल्लाह या किसी को भी मानो हमको कोई मतलब नहीं है लेकिन लास्ट बार आपसे निवेदन है कि हमारे हिंदू देवी देवताओं के बारे में बिल्कुल भी गलत मत बोलना ओके धन्यवाद जय श्री राम
Bahut sahi
आदरणीय जी, मूर्ति पूजा से भगवान नही मिलते यह सत्य है, परंतु बिना किसी मूरत के भगवान की उपासना करना भी सम्भव नही है।
भगवान की प्रतिमा चाहे किसी भी रूप में सामने हो वो हमें सदैव कल्याण और सत्कर्म करने की और ध्यान दिलवाती है। हम किसी भी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा के आगे से निकलते तो एक बार अवश्य सिर झुकाते है और प्रभु सिमरन करते है। जो हमे अपने अंदर को झांकने को कहता है, मेरे अनुसार यही मूरत है।
M yahi sunne k liye ayi ap practically sahi hi bolre ho ye log boltey h roop sabhi jhuthe h kisne dekha?or agar dekha bhi toh hm log kisiko bhi proof nahi de saktey h kyuki hm jis karan kripa se bhagwan dekhre hongay wo hm logo ko nahi dikha sakte kyuki unhone kbhi abyaas nahi kiya naam ka na kbhi bhagwan k roop ko sahi thehraya hindu log bs alochana hi karte the hai or karengay......
🕉🙏परमपूज्यस्वामीजीकेचरणोंमेंसतसतनमनकाशलोंगोंकीसमझमेयहघुसजाता
अकाट्य तर्कों और सत्य पर आधारित प्रवचन।
आर्य समाज मे बगवा रंग बाले स्वामी जी होता है और दूसरे रंग बाले अचार्य होता है
स्वामी जी प्रणाम,,, कुछ बात मनुस्मृति को लेकर हमारे हिंदू भाइयो को भी जगा दिजीय।
महराज जी भक्त को भगवान ने लड्डू खाते हुए अपने रूप को दिखाया भक्त के पिता के आ जाने पर उसी रूप मे रह गये भक्तो ने उसी रूप मे मान लिया और पूजा करने लगे।ऐसा भी वृत्तांत आया है भगवान को भक्त जिस रूप मे पूजा करे करने दो। सनातन मे पूजा करने के लिए किसी आधार की जरूरत होती है। वेसे आपकी कथा मै बराबर सुनता हू मगर आज आपकी कथा आज मुझे अच्छी नही लगी आप मुझे मूरख समझे या कुछ और आपकक मर्जी जय श्रीराम जय श्रीकृष्ण हर हर महादेव जय हिंदुस्थान।
Ye Arya samaji h cmnt pls
ये आर्यसमाजी सगुण उपासना का विरोधी है ।
काश लड्डू गोपाल को छोड़कर लोगो ने श्री कृष्ण को महाभारत के कृष्ण के रूप में पूजा होता तो पाकिस्तान भी बच जाता ओर अक्साई चीन भी श्री लंका भी नेपाल भी बच जाता
Aap snatan dharm ko nahin jante hae
@@Ravindra_Sastri क्या मतलब
Jai Guru dev ji bohut vadhia siksha di aapp ne ji hme
जय श्रीराम
बहुत ही अच्छी ज्ञानवर्धक बातें बताई आपजी ने, बिल्कुल सत्य है कि भगवान् का कोई रूप रंग, जात पात, वर्ण चिन्ह नहीं है फिर भी इन्सान दर दर भटकते फिर रहा है उसको खोजने के लिए। आजकल यह सच कोई साधू संत, फकीर बताना भी नहीं चाहते कयोंकि अगर कोई यह सच बताये तो लोग उसी के खिलाफ हो जाते हैं। आप जी ने बहुत बड़ा सच बोला है।
मीरा कहती हैं मेरे तो कृष्ण भगवान दूसरा न कोई, राम कृष्ण परमहंस जी माता काली से बात करते हैं।
धना भगत और भगवान कृष्ण की कहानी। निराकार साकार क्यों नहीं बन सकता है।
निराकार को साकार बनने से कौन रोक सकता है।
ये सवाल अपने आप से पूछें.
जो लोंग आंखें खोलकर भगवान या भूत-प्रेत से बात करने का दावा करते है, वो hallucination से पीड़ित होते है।
hallucination क्या है, इसकी जानकारी आपको youtube में मिल जाएगा।
@@aryamgs2926paramhangs ji ko jante ho ,,,tantra ka tuje a b c nehi pota
In logo ki bato m n aao ye log aary smaj wale pgla gye h 😂
@@aryamgs2926 aap hi adhormi kahi ka
❤❤
Swami ji aap k vachan 100%truth
Bilkul sahi ji jamu dipe aarya varte bharat varse ek nagri hai ayodhya dham ki
Radhe radhe mere laddu gopal har kathinaiyo me himmat dete h
स्वामी जी की बातों में सच्चाई है
Right Guru ji
स्वामी जी नमस्कार मीरा ने दुनिया का बनाया हुआ मन्दिर में ही भगवान श्री कृष्ण के दर्शन भी हुए और मुरती में ही समा गई थी कोई माई का लाल झुठला नहीं सकता सबसे बड़े हमारे ग्रंथ है रामचरितमानस गीता श्री मदभागवत गीता शिव पुराण पढों और आगे बड़ो गुरु घंटालों से बचों ये तो अपने भी नहीं होते दुनिया का क्या भला करेंगे धन्यवाद
Shree Krishna ke drsan nhi kiye , krishan ke yog koapnaya tha murakh prani
100% true logical talks
आदरणीय स्वामी जी सादर नमस्ते जी