मैं आपको सरकार हजरत हैरत शाह वारसी के ताल्लुक से कुछ बताना चाहता हूं शायद ये बात आपको न पता हो,,,,, सरकार हैरत शाह वारसी सन 1950 मे शहर नजीबाबाद के ग्राम अलीपुरा भी तसरीफ लाए थे और आप काफ़ी वक्त अलीपुरा में रहे और आपके हाथ पर काफ़ी लोग बेत भी हुए एक बार का वाक्या हैं आपके मुरीदो ने आपसे कहा सरकार मस्जिद में लोग हमसे कहते हैं आपके पीर नमाज़ नहीं पढ़ते,,, फिर आपने फरमाया वो लोग आपसे अगर ये कहेंगे तो आप उनसे कहना "बस रहा है जानोतन हर रगो रेशे में वो लुफ्त तभी हैं जब गैर पैदा न हो" आप काफ़ी वक्त अलीपुरा में रहे फिर आप वहां से वापस आ गए और फिर सन 1981 में हज़रत बाबा रफीक शाह रब्बानी क़ादरी शुत्तारी अलीपुरा तशरीफ लाए ,,,,,, सरकार रफीक शाह रब्बानी के खलीफा हज़रत सूफ़ी बशीर अहमद शाह ने अपने पीरो मुर्शिद से बताया सरकार यहां हज़रत हैरत शाह वारसी भी तसरीफ लाए थे,,,फिर बाबा रफीक शाह रब्बानी ने फ़रमाया हज़रत हैरत शाह अलीपुरा में दीने मोहम्मदी का बाग लगा गए हैं मैं उसे पानी देने के लिए आया हूं ,,,,,
ماشاء اللہ
🌹❤🌹Ya waris🌹heqq🌹waris🌹❤🌹
ماشاءاللہ
Ma sha allah
Jaza kallah
Subhanallah
MashaAllah subhan Allah
Masha Allah ❤
Ya waris bhai
Nice
MashaAllah ❤
Good
MASHAALLAH ❤️
मैं आपको सरकार हजरत हैरत शाह वारसी के ताल्लुक से कुछ बताना चाहता हूं शायद ये बात आपको न पता हो,,,,,
सरकार हैरत शाह वारसी सन 1950 मे शहर नजीबाबाद के ग्राम अलीपुरा भी तसरीफ लाए थे और आप काफ़ी वक्त अलीपुरा में रहे और आपके हाथ पर काफ़ी लोग बेत भी हुए
एक बार का वाक्या हैं आपके मुरीदो ने आपसे कहा सरकार मस्जिद में लोग हमसे कहते हैं आपके पीर नमाज़ नहीं पढ़ते,,, फिर आपने फरमाया वो लोग आपसे अगर ये कहेंगे तो आप उनसे कहना
"बस रहा है जानोतन हर रगो रेशे में वो
लुफ्त तभी हैं जब गैर पैदा न हो"
आप काफ़ी वक्त अलीपुरा में रहे फिर आप वहां से वापस आ गए और फिर सन 1981 में हज़रत बाबा रफीक शाह रब्बानी क़ादरी शुत्तारी अलीपुरा तशरीफ लाए ,,,,,,
सरकार रफीक शाह रब्बानी के खलीफा हज़रत सूफ़ी बशीर अहमद शाह ने अपने पीरो मुर्शिद से बताया सरकार यहां हज़रत हैरत शाह वारसी भी तसरीफ लाए थे,,,फिर बाबा रफीक शाह रब्बानी ने फ़रमाया हज़रत हैरत शाह अलीपुरा में दीने मोहम्मदी का बाग लगा गए हैं मैं उसे पानी देने के लिए आया हूं ,,,,,
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