आर्य समाज जेसे आचार्यों को जरूरत हे इस आर्यवत को जो हिंदुओ को सही मार्गदर्शन दे सके कथावाचक सिर्फ गुमराह करते हे लोगो को पर आर्य समाज के आचार्य की कथा तर्क पूर्ण और सत्य होती हे आनंद आ जाता हे सुने के बाद
लगता है आप उनकी वीडियो पहली बार देख रहे हैं और पहला वीडियो ही देख रहे हैं विराट पैदा करने का भी इनके अंदर बहुत अच्छा ज्ञान है और साहस है विस्तार सेन की सभी वीडियो देखना फिर बताना
वेदों में गीता में निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है। इसी बात को कबीर जी कह रहे हैं। नाम लिया तिन सब लिया सब वेदों का भेद। बिना नाम नरके पढा पढ पढ चारों वेद।। वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।। व्यास जी ने चार वेद छह शास्त्र 18 पुराण का अध्ययन किया लेकिन मन को शांति नहीं मिली। जब भागवत का निर्माण हुआ तब मन को शांतिमिली। भागवत बिना कोई पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद घोषित नहीं कर सकता। लेकिन पंडित लोग भागवत द्वारा बिजनेस करते हैं इसलिए यमराज उनके मुंह के द्वारा मार मार कर प्राणीनिकलेंगे। भागवत को कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से खोला है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है।❤❤❤❤❤
@@ULMRajasthan संसार द्वंद्व पर आधारित है सुख के साथ दुख जुड़ा है, सम्मान के साथ अपमान जुड़ा है, जीवन के साथ मृत्यु जुड़ी है। पूरे जीवन भर मनुष्य इस द्वंद्व में ही रहता है। लेकिन वास्तव में इस द्वंद्व से परे जाकर ही मनुष्य अपना मूल स्वरूप समझ सकता है
@@Ankitsharma-gk2nr सम्मान के साथ तुम जबरदस्ती जोड़ रहे हो।सम्मान और अपमान अभी के खराब व्यवस्था में महत्व रखते हैं,वास्तव में ऐसा कुछ नहीं होता। वास्तव में तो किसी चीज से दुःख या सुख होता है।दुःख से हम बचना चाहते हैं और सुख को पाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस संसार में परमात्मा ही एकमात्र स्थाई है लेकिन वास्तव में परमात्मा क्या है वो उन्होंने नहीं बताया। संसार परिवर्तनशील है इससे दुःख का कोई वास्ता नहीं लेकिन वक्ता महोदय कह रहे थे कि इससे दुःख का वास्ता है जोकि गलत है।
आर्य समाज जेसे आचार्यों को जरूरत हे इस आर्यवत को जो हिंदुओ को सही मार्गदर्शन दे सके कथावाचक सिर्फ गुमराह करते हे लोगो को पर आर्य समाज के आचार्य की कथा तर्क पूर्ण और सत्य होती हे आनंद आ जाता हे सुने के बाद
Sadar naman aacharya ji
आपके तुलनात्मक उदाहरणों से जल्दी समझ मे आता है। 🙏
Satya Sanatan ki Jay
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो
bhagwan apki mata ko moksh pradaan kare apko lambi umar aur swasth jivan de 6.9.2024
आचार्य जी को सादर प्रणाम 🚩🙏
ओ३म्
सादर नमस्ते जी 🙏🙏💐💐🪷🪷🚩🚩🙏🙏
Bilkul 👍🏻👍🏻
जी सादर अभिवादन नमो नमः ❤️🙏 आचार्य जी
बहुत सुन्दर प्रस्तुति श्रीमान
Namaste guruji 🙏
Namaste acharya ji
वाह आचार्य जी बहुत अच्छा बोलते हैं आप 🙏
जय आर्य, जय आर्यवत।
Arya samaj amar rahe ❤❤
Pranam guruji dhanyawad Anand aagaya
बहुत अच्छा लगा ❤
नमन है आपको आचार्य जी
Guru Ji Maharaj Ji ko pranam
Jaigurudev
acharya ji namaste
Aadarniy Aacharya Bhardwaj ji ko Sadar namaste
🙏🙏🙏🙏
Sukh, dukh dono hai, agar sirf dukh hota to ishwar sansaar bnata hi nhi 🙏
Namaste aacharya ji🙏🙏🙏🙏💐
भाई जी इन बच्चों को वीर और वीरांगना बनने की प्रेरणा करें। सब सुख प्राप्त करने केलिए ईश्वर की तरफ ही चल देंगे तो देश का क्या होगा ॽ
लगता है आप उनकी वीडियो पहली बार देख रहे हैं और पहला वीडियो ही देख रहे हैं विराट पैदा करने का भी इनके अंदर बहुत अच्छा ज्ञान है और साहस है विस्तार सेन की सभी वीडियो देखना फिर बताना
नमस्कार आचार्य जी
Great sir
❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Acharya Ji Pranam, aap bahut gyaani hai...apko sunna bahut accha lagta hai
Bhut hi mast jayan h
Next part
Please ek video Rajnish Osho par bhi banayiye 🙏
❤🙏
8:25 Sukh ke pichhe hai dukh 12:50 15:30 Vairagya
Mano ya n mano dukh sukh sda ate hai rhege hmesa nhi rhege bs isvr prkrti me koyi bhed btaye
Koi batayega me aary samj se aur inke gurukul se sir se kaise judu
Swami ji se sampark kese kare
Jitne log isvr ki trf mud gye to vo kya usko dukh bhukh mrtyu bimari nhi hoti hai btaye
Jab parmatma me shukh h to unhone ye dukh wala sansar kyo bnaya
Parmatma nhe chate ki hm is sansar me shukhe rhee
Guru ji apsa kasa sampark kara
वेदों में गीता में निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।
इसी बात को कबीर जी कह रहे हैं।
नाम लिया तिन सब लिया सब वेदों का भेद।
बिना नाम नरके पढा पढ पढ चारों वेद।।
वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश।
गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।।
व्यास जी ने चार वेद छह शास्त्र 18 पुराण का अध्ययन किया लेकिन मन को शांति नहीं मिली। जब भागवत का निर्माण हुआ तब मन को शांतिमिली।
भागवत बिना कोई पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद घोषित नहीं कर सकता।
लेकिन पंडित लोग भागवत द्वारा बिजनेस करते हैं इसलिए यमराज उनके मुंह के द्वारा मार मार कर प्राणीनिकलेंगे।
भागवत को कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से खोला है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है।❤❤❤❤❤
Aapka baat ekdum sanatani h
@@adatyakumar1997 जय श्री कृष्णा
छोटे बच्चो की गलत conditioning कर रहे हैं।
कैसे???
@@Ankitsharma-gk2nr परमात्मा ने ऐसा संसार बनाया ही क्यों जिसमें हर सुख के पिछे दुःख हो?
@@ULMRajasthan संसार द्वंद्व पर आधारित है सुख के साथ दुख जुड़ा है, सम्मान के साथ अपमान जुड़ा है, जीवन के साथ मृत्यु जुड़ी है। पूरे जीवन भर मनुष्य इस द्वंद्व में ही रहता है। लेकिन वास्तव में इस द्वंद्व से परे जाकर ही मनुष्य अपना मूल स्वरूप समझ सकता है
@@Ankitsharma-gk2nr सम्मान के साथ तुम जबरदस्ती जोड़ रहे हो।सम्मान और अपमान अभी के खराब व्यवस्था में महत्व रखते हैं,वास्तव में ऐसा कुछ नहीं होता। वास्तव में तो किसी चीज से दुःख या सुख होता है।दुःख से हम बचना चाहते हैं और सुख को पाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस संसार में परमात्मा ही एकमात्र स्थाई है लेकिन वास्तव में परमात्मा क्या है वो उन्होंने नहीं बताया। संसार परिवर्तनशील है इससे दुःख का कोई वास्ता नहीं लेकिन वक्ता महोदय कह रहे थे कि इससे दुःख का वास्ता है जोकि गलत है।
@@ULMRajasthanparmatma kya ha unhone bataya ha please dekh lo video
Namaste aacharya ji ❤️