जीवन मे उन्नति कैसे हो:- आचार्य चन्द्रेश आर्य जी

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  • Опубліковано 28 вер 2024

КОМЕНТАРІ • 20

  • @rameshwarduttarya3838
    @rameshwarduttarya3838 Рік тому

    धन्य है आर्यवीर आपको धन्य है करबद्ध

  • @babulalbabulalrathor6115
    @babulalbabulalrathor6115 Рік тому +3

    आचार्य जी को बहुत-बहुत धन्यवाद नमस्ते प्रणाम

    • @prasannkumari1088
      @prasannkumari1088 Рік тому +1

      पूज्य स्वामी जी को मेरा कोटि-कोटि नमन बहुत सुंदर उपदेश दिया धन्यवाद

  • @arjundhindsa3083
    @arjundhindsa3083 Рік тому +2

    ओ३म् सादर नमस्ते स्वामी जी।🙏

  • @sarvandhull3114
    @sarvandhull3114 Рік тому +2

    आचार्य जी नमस्ते

  • @shyamprakash4741
    @shyamprakash4741 Рік тому +6

    ओ३म् का झण्डा ऊंचा रहे
    वेद की ज्योति जलती रहे
    🙏🙏

  • @anilrazak8541
    @anilrazak8541 Рік тому +1

    o

  • @ptech9857
    @ptech9857 Рік тому +1

    🙏🙏

  • @gajanandsharma6247
    @gajanandsharma6247 Рік тому +1

    🙏

  • @aaloksahu1330
    @aaloksahu1330 Рік тому +1

    सादर नमस्ते जी ✅🚩🔥💥🌺☀️🙏🏼

  • @bappipaul9918
    @bappipaul9918 Рік тому +1

    Jai hind.

  • @swarnkantakhanna7596
    @swarnkantakhanna7596 Рік тому +2

    आचार्य श्री जी सादर नमस्ते जी

  • @lalbabu8309
    @lalbabu8309 Рік тому +2

    Jay ram ji ki🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @ramnarayanprajapati1708
    @ramnarayanprajapati1708 9 місяців тому

    आचर्य जी आपको नमस्कार

  • @kdrathod6836
    @kdrathod6836 Рік тому +2

    ગુરુ દેવ ને વંદન છે 🙏🙏🙏

  • @KalpanaSaxena-k6m
    @KalpanaSaxena-k6m Рік тому

    आचार्य जी को बहुत बहुत धन्यवाद। बहुत ही सरल ढंग से समझाया जीवन में उन्नति के बारे में। 🙏

  • @lover593
    @lover593 Рік тому

    ओम

  • @baburam-qy3hf
    @baburam-qy3hf Рік тому

    श्रद्धा=श्रेय+धा (चित्त वृत्ति निरोध=विधि अर्थात् ईश्वर ने जिन कर्मों को कर्तव्य बताया उन्हें करना और निषेध अर्थात् जिन कर्मों को करना अकर्तव्य बताया है उन्हें न करना हि व्यक्ति का लक्ष्य है। ) या जो कर्म अपने प्रतिकूल हैं अन्यों को उनसे गुजारने में अपनी भूमिका न हो ।। यही आपका उपदेश है जो वेद विहित होने से हमारे लिए बहुत ही कल्याणकारी उपदेश है। मेरी भी ऐसी ही जिज्ञासा है । ईश्वर मेरी यह जिज्ञासा शीघ्र पूर्ण करें। हे ईश्वर मुझे आर्य बनाकर अपनी शरण में ले लो।