यदि कोई उच्च जाति का व्यक्ति 4th ग्रेड नौकरी चपरासी या जमादार बनता है तो कर्म अनुसार वह शुद्र हुआ ना।इसी प्रकार कोई दलित "प्रोफेसर या IAS" बनता है तो वह कर्म अनुसार ब्राह्मण होगा।🎉
बाबा जी पूछना है कि जो वस्तु शरीर को नुक्सान पहुंचाती उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए परन्तु इन वस्तुओं का उत्पादन करके आम जनता के लिए बाजार में उपलब्ध कराते हैं उनके लिए कौन दोषी है और उसके खिलाफ कौन कार्रवाई करेंगे जिससे उनके जीवन एवं अनावश्यक खर्च को बचाया जा सके।इस पर महाराज का क्या विचार है। देश की जनता को बताएं।।
एंकर सहयोगी सेवा केवल शूद्र ही क्यों क्या ब्राह्मण वर्ग सफाई का कार्य करते हैं ये समाज का वर्गीकरण के कारण हीदेश एक हजार साल से ज्यादा गुलाम रहा और वैज्ञानिक सोच , आधुनिक शिक्षाके अभाव में कोई आविष्कार नहीं कर पाया।
जैसे चार भागों में लोगों को बांटा गया है वैसे ही भगवान को मानना ना मानना चार भागों मेंबांटा गया है पहला nastik दूसरा आस्तिक तीसरा भगवान में रमण चौथा भगवानमें समा जाना जैसे इन तीनों में से सबसे घटिया और गंदा नास्तिक कोमाना गया है जोहर बुरे कर्म करता है क्योंकि उसे किसी से डरनहीं पूरे संसार में इसीलिए नास्तिक बुरे इंसान की तरह देखाजाता है वैसे ही यह सब चक्र है
यह कलयुग है। संत महापुरुषो ऩे भविष्यवाणी कर रखी है कि कलयुग मे वे, पुराण व शास्त्रों की बातों को कोई नहीं मानेंगे सब धर्म विरुद्ध मनमाने आचरण करेंगे। वर्तमान में यही सब हो रहा है। धर्म विरुद्ध आचरणों से मर्यादा का विनाश होकर सत्य, अहिंसा, दया, करुणा, प्रेम और आपसी विश्वास की भावनाओं को त्यागकर लालच, स्वार्थ अहंकार, ईर्ष्या, अश्लीलताऔर निर्दयता के वशीभूत होकर मानव हिंसक पशुओं की तरह जीवन यापन करेगा। पाखंडियों और अज्ञानीयों की ही पूजा होगी। सत्य को असत्य और असत्य को सत्य माना जायेगा। यही सब तो हो रहा है। कलयुग अंत के कागार पर है। प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दीखाना शुरू कर दिया है। प्रकृति ही कल्की अवतार है। तृतीय विश्वयुद्ध का शंखनाद हो चुका है।
ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र यह व्यवस्था है किसी कारपोरेट जगत में जितने वर्कर हैं उच्च अधिकारी को निम्न अधिकारी बना दीजिए निम्न अधिकारी को उच्च अधिकारी बना दे क्या फैक्ट्री चलपाएगी इस तरीके से जो ब्राह्मणों पर सवाल उठाते हैं पहले उंगलियों को पता होना चाहिए की जाति प्रथा पहले थी नहीं बाद में आई और वेदों में जो लिखा है उसमें चिंतन मनन ना करके तोड़ मरोड़ कर पेश करते हैं क्योंकि भारत का संविधानभी उसको बढ़ावा देता है जैसे कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में संस्कृत जो पढ़ाई जाती है किन शर्तों में पढ़ाई जाती है संस्कृत को जितनी बुराई कर सकते हैं तोड़ मरोड़कर
Ham log to kisi Ko shudra nahin mante ham log to sabko ek saman mante Hain guruji bilkul sahi bole ki bhuja aur mastak aur janha aur paon alag nahin kiya ja sakta hai vaise hi yah ham sab ek hai koi alag nahin kar sakta hai paon jo hai usi ko ham log pahle sir jhuka ke chhute Hain
Anchor ko pata nahi he 33 karod devta bol raha he ll jabki 33 koti devta bola gaya he ll anchor bhai ko anurodh he chadi pahen ke anchoring karen achha hoga ll Jab pata nahi kya achha kya galat anchoring karte ho khud hi confused ho ll lagta he sanatan birodhi ho ll
यार आधी स्क्रीन घेर के तुम बैठे हो और बीच बीच में वीडियो रोक कर या बोल कर disturb कर रहे हप बिलकुल अच्छा नहीं लगा अरे फेमस होना है tallent से ना के इस तरह वीडियो लगाकर फ़ालतू में
Anirudhhacharya Ji se.. Me bhot baato me ahsehmat rehta hu Kyuki Ye Janm se jati mante hai... Kyuki madhavacharya Ji ki ideology mante hai ye.. Shankrachrya Ji ke baad jo aaye te... Ye bhrman jo paida hua usko bhrman hi mante hai.. Baaki jawab acha diya..
@@humansonearth891 , important is the intension. Intention is to increase respect or decrease respect. Getting knowledge of art transfer from father is easer then other ? Issue is people consider birth as small thing. Birth is a very big event .
@@Bharti-sswe Intention yehi se hi galat hojati hai.. Kbhi ye bol dena ki bhrman pier se huye hai or shudr sar se huye hai... Tb mt intenstion dekhna.. Or Ved mantra ka.. puri tarah sahi nahi bataya hai.. Annirudhacharya nay.. Refrence mujhse le lena.. Janm se jatti nahi hoti..
@@humansonearth891 , you are born 60 years back. If you have power to choice for the birth. I think you should be son of Ambani. Don’t justify your free things. All four varn are superior. You can read garud Purna. You should verifying it. This material world is not fair. Did you people got equality by practising reservation ? What is creamy layer then ?? Talking is easy , but putting human behaviour weakness on Dharma Sastra is easy.
@@humansonearth891 , Birth give you opportunities due to your past karma. Yes you can become Big Saint by your future karma. It’s the freedom you get from almighty. But you cannot justify your birth as mear accident. If you do soo you are disrespecting your existence itself. Whether other give you respect or not. It’s there problem, but by putting all your failure on Bharmins is just your justification for free things.
@@Bharti-sswe AM talking about changing varna ... A shudr can become bhrman if he achieve knowledge.. I believe in it.. But annirudhhacharya doesnt believe in this he believes.. That shudrr will always be shudrr.. He cant be Bhrmn
VED ME... SHOLK NAHI HAI.. MANTRA HAI.. Ye audience sawal krna janti hai bs yehi nahi pata mantr hai sholk nahi Ye sawaal krne se pehle.. Krte kese hai
Bidyaddan,mantra bolne wala brahman ll Doctor,collector, nursh,pilol,washerman,driver,barber sab shudra shreni me aate he ll bhale hi lakho rupiye salary ho ll 10000mahinakamane wale security guard kshtriya sheni me aayega ll business man baishya ll
भागवत गीता मे भी चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागशः। तस्य कर्तारमपि मां विद्धयकर्तारमव्ययम्॥ ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र- इन चार वर्णों का समूह, गुण और कर्मों के विभागपूर्वक मेरे द्वारा रचा गया है। इस प्रकार उस सृष्टि-रचनादि कर्म का कर्ता होने पर भी मुझ अविनाशी परमेश्वर को तू वास्तव में अकर्ता ही जान ॥13॥
PAIDA NAHI HUYE HAI.. USKE HI PEECHLAY MANTR NE LIKHA HAI KI KALPIT KRO YANI KALPANA KRO KI ESE BHRM VAISHYA SHUDDR ETC.. HAI.. TO VO SACHME PAIDDA NAHI HUYE .. KALPIT KIYE HAI
अनिरुद्ध बाबा बिना तथ्य के कुछ भी बोल सकता है। आप उसको डिफेंड कर रहे हो। अनिरुद्ध बाबा भी अज्ञानी ही है। बाबा अनिरुद्ध भी समाज को संस्कार देने की सेवा/सर्विस दे रहा है। यह भी शूद्र ही है। भगवान ने ही समाज को बांटा हुआ है ऊंच/नीच का विभेद भगवान पर थोपना इनकी कुत्सित सोच को दर्शाता है। ये ब्राह्मण की साजिशों को संस्कार और धर्म का जामा पहनाने की कोशिश है। ग्रंथ भगवान ने नहीं लिखा है। अगर भगवान लिखते तो गलत तथ्य नहीं लिखते। धरती शेषनाग के फन पर टिकी हुई है। एवं कोई धरती को पाताल लोक में ले गया। और भी बहुत सारे तथ्य गलत हैं।
Ek baat bta du mai aplog ko apple company wali baat bilkul sach hai jab apple company ki sthapna huyi thi us time neem karoli baba sanyash le chuke the 3 saal pahle Apple company ke malik 3 saal pahle neem karoli baba se mile honge isme kyu sandeh hai koi bhi baat ese hi nahi aati hai Aap log jise question karna chahiye usse nhi karte jha htyaye ho rahi hai hospital me rape ho rha hai, Jane kya kya ho rha hai wha ke log ko adalat me khda kro questions pucho wo log gunah karke maje me hai Jo log hjaro log ki sewa kar rahe hai vridh ashram , anathalay chha rahe ved ka gyan de rahe taki samaj me thoda badlao ho sake uske piche pde ho Aajkal ke navjwan thoda pdh kya lete hai ved par prashn utha rahe hai are jaahilo ved se hi sabhi gyan nikla hai ye saty hai hmare pas pura ved nhi hai vedvyas ji ne jitna ved Mila usko hamlog pdhte hai pure ved me sabhi sriti ki sacchai hai
एक वैज्ञानिक को ड्राईवर बोला जा सकता है क्या? ब्राह्मण वो व्यक्ति होता था जो वेदों का ज्ञान रखता हो अर्थात् बुद्धि से जीवनयापन करता हो तो उसकी मन व बुद्धि स्वस्थ होना आवश्यक है जिसका सम्बन्ध सर से है । जबकि क्षत्रिय से आशय जो युद्ध करके दूसरे की रक्षा करके जीवनयापन करना है तो वो हाथ का इस्तेमाल तो करेगा। वैश्य एक जगह बैठ कर व्यवसाय करेगा तो देर तक बैठने के लिए जंघा का स्वस्थ होना आवश्यक है और शूद्र शारीरिक श्रम द्वारा जीवनयापन करता है तो उसको शारीरिक रूप से पुष्ट होना चाहिए और श्रमिक के जब तक पैर मजबूत नहीं होंगे वो श्रम कैसे करेगा । धार्मिक रूप से सम्पूर्ण सार यह है कि व्यक्ति को भगवान ने क्या आन्तरिक गुण दिया है उसी अनुसार उसका विकास होगा । शास्त्र के अनुसार जन्मना जायेत शूद्र अर्थात जन्म से सभी शूद्र होते हैं । बाबा रामदेव आदि तमाम सन्त क्या आज की जाति के हिसाब से ब्राह्मण हैं , उत्तर है नहीं फिर भी कितनों ब्राह्मणों व अन्य के लिए पूज्य हैं उसी प्रकार पहले भी विभिन्न लोग पूज्य थे। लोगों को ग़लत इतिहास पढ़ा कर विद्वेष फ़ैलाने का प्रयास है। आज के समय क्या कोई शूद्र जीवित है ।सारे शूद्र लोगों को तो मुगलों ने बेच दिया। आज के OBC SC St के किसी समय में शासक भी थे इसलिए कोई भी सवाल से पहले सवाल के इतिहास व भविष्य दोनों को समक्षना होगा ।
While you are right that many people look down upon priests in society today, you have to accept that most of the priestly class is corrupt. One cannot visit a temple without being hoarded by so called pandits. You are forced to pay every where. Moreover the process of donation to only Brahmins means their survival is taken care of. Compare it to a lower caste person who have to do menial jobs just to survive. You cannot deny the caste lines are very rigid and most inhumane treatment is meted out to lower castes. While I agree that the system is not scripture sanctioned and that it is a societal distortion. However, the societal changes are necessary across Hindu society.
भाई मेरे तेरा कहना है। अच्छी फिल्म क्यूं नहीं बनाते ये दुष्ट अच्छे मार्ग पर क्यूं नहीं चलते मैं बताता हूं तुझे एक बात बता दुनियां में दो तरह के लोग हैं दो विचार धाराएं हैं । अब तू मुझे बता जो शराब का ठेका चलाता है । उसको दूध में कितने गुण हैं । उसको हम डेयरी चलाने कि शिक्षा दे । वो कैसे चलाएगा । भाई वो जितने प्रचार करेगा वो शराब के करेगा । चोरों के गुरु को हम शास्त्र का ज्ञान दे वो कभी नहीं लेगा क्यूं कि उसका पैसे कमाने का उसके लिए सबसे सरल तरीका है। सजा होगी आखरी में पकड़ा जाएगा फांसी हो जाएगी ये हमें पता है । उसको पता होते हुए भी पता नहीं होता । वो तो भाई अपने जैसे और हजार जेब कतरे तयार करेगा क्यूं कि उसके लिए जो करता है वही सही होता है। अच्छे मार्ग पर वो ही चलेगा जिनको अपने मां बाप से अच्छे संस्कार मिले हुए हैं। जिनकी थीबचपन में अच्छी संगत होती है। बहुत से अच्छे मां बाप होते हुए भी जानवर बन जाते हैं। क्यूं कि वो गलत संगत में चले जाते हैं। अब भाई इसमें मां बाप भी गलत नहीं होते । आज मैं देखता हूं । लोग जानवर बन रहे हैं । लोग अपने जीवन को जंगली बना रखा है। जिनकी के जीवन में कोई संस्कार नहीं कोई मर्यादा नहीं कोई भक्ति नहीं कोई सिस्टम नहीं। और क्या क्या कहूं में इन इन जानवरों के लिए सरे आम राक्षस बन रहे हैं। भाई मेरे को तो वो हर आदमी पसंद है । जो संस्कारी है । जो संस्कार और संस्कृति का सम्मान करता है।संतो का सम्मान करता है। । ईश्वर और हमारे शास्त्रों के सिस्टम से चलता है। वो इंसान किसीभी समाज का हो किसी भी धर्म का हो मेरे को वो अच्छे लगते हैं। भाई मैं उस हर भारतीय को आगे बढ़ाने कि कोशिश करूंगा जो ईश्वरीय सिस्टम से चलेगा। और भाई मेरी बात को याद रखना अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो समय ज्यादा दूर नहीं है। जहां हर घर में जंगल राज होगा ।। सब कुछ तहस नहस हो जाएगा । हर घर में जंगली जानवरों का राज होगा । अगर सुधार हो जाए तो अच्छा रहेगा।
Ankar ko ghar se he sanskar nahi mile ye o ankar hai jo 1200 saal pahle gaye.par 1992 ka ajmer kand bhool gaye pach hajar fir ke baad mafi magni padi moorkh ankar.
Mere Bhai agar kisi ka Aashirwad Lena hota hai to aap kya chhute uska pair chhute Hain kya uska sar😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂 aur pairon ke niche man ke pairon ke niche Jannat bhi hoti hai😂😂😂😂😂😂
गुरुजी का की वार्ता वो ही समझ सकता है जो शास्त्रों को जानता है या सच्चा सनातनी ही। बाकी बात का बतंगड़ ही बनाते है।
Baki,,,lapadjhannu,,,pakhandi,,,jhandu,,,,dhaporsanki,naporsanki,,sudra,ha
मैं कार्यक्रम संचालक से अनुरोध करता हूँ कि वो लंँगोट पहन स्टुडियो मे आएं!
@@surendrabahadurshahi3670 और महिला एंकर बिकनी में🙈🙈
@@surendrabahadurshahi3670 😂
यदि कोई उच्च जाति का व्यक्ति 4th ग्रेड नौकरी चपरासी या जमादार बनता है तो कर्म अनुसार वह शुद्र हुआ ना।इसी प्रकार कोई दलित "प्रोफेसर या IAS" बनता है तो वह कर्म अनुसार ब्राह्मण होगा।🎉
100/,sahi
Jay shree ram ❤❤
बाबा जी पूछना है कि जो वस्तु शरीर को नुक्सान पहुंचाती उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए परन्तु इन वस्तुओं का उत्पादन करके आम जनता के लिए बाजार में उपलब्ध कराते हैं उनके लिए कौन दोषी है और उसके खिलाफ कौन कार्रवाई करेंगे जिससे उनके जीवन एवं अनावश्यक खर्च को बचाया जा सके।इस पर महाराज का क्या विचार है। देश की जनता को बताएं।।
शासन व्यवस्था में चार प्रकार के कर्मचारी हैं क्या सब समान हो सकते हैं? क्या इस के बिना शासन चल सकता है अपनी योग्यता के अनुसार सभी आजीविका वरण करते हैं
एंकर सहयोगी सेवा केवल शूद्र ही क्यों क्या ब्राह्मण वर्ग सफाई का कार्य करते हैं ये समाज का वर्गीकरण के कारण हीदेश एक हजार साल से ज्यादा गुलाम रहा और वैज्ञानिक सोच , आधुनिक शिक्षाके अभाव में कोई आविष्कार नहीं कर पाया।
जैसे चार भागों में लोगों को बांटा गया है वैसे ही भगवान को मानना ना मानना चार भागों मेंबांटा गया है पहला nastik दूसरा आस्तिक तीसरा भगवान में रमण चौथा भगवानमें समा जाना जैसे इन तीनों में से सबसे घटिया और गंदा नास्तिक कोमाना गया है जोहर बुरे कर्म करता है क्योंकि उसे किसी से डरनहीं पूरे संसार में इसीलिए नास्तिक बुरे इंसान की तरह देखाजाता है वैसे ही यह सब चक्र है
Aniruddh charya ji bilkul sahi kaha rahe hai
यह कलयुग है। संत महापुरुषो ऩे भविष्यवाणी कर रखी है कि कलयुग मे वे, पुराण व शास्त्रों की बातों को कोई नहीं मानेंगे सब धर्म विरुद्ध मनमाने आचरण करेंगे। वर्तमान में यही सब हो रहा है। धर्म विरुद्ध आचरणों से मर्यादा का विनाश होकर सत्य, अहिंसा, दया, करुणा, प्रेम और आपसी विश्वास की भावनाओं को त्यागकर लालच, स्वार्थ अहंकार, ईर्ष्या, अश्लीलताऔर निर्दयता के वशीभूत होकर मानव हिंसक पशुओं की तरह जीवन यापन करेगा। पाखंडियों और अज्ञानीयों की ही पूजा होगी। सत्य को असत्य और असत्य को सत्य माना जायेगा। यही सब तो हो रहा है। कलयुग अंत के कागार पर है। प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दीखाना शुरू कर दिया है। प्रकृति ही कल्की अवतार है। तृतीय विश्वयुद्ध का शंखनाद हो चुका है।
वह कैसा पिता है जो एक को रोटी देता है खाने के लिए दूसरे को छीन के पता नहीं हो सकता
हमारा संविधान भी समाज को st sc obc एवं gen मे बांटता है तो क्या हमे संविधान को नही मानना चाहिए?
Best analysis 🎉
ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र यह व्यवस्था है किसी कारपोरेट जगत में जितने वर्कर हैं उच्च अधिकारी को निम्न अधिकारी बना दीजिए निम्न अधिकारी को उच्च अधिकारी बना दे क्या फैक्ट्री चलपाएगी इस तरीके से जो ब्राह्मणों पर सवाल उठाते हैं पहले उंगलियों को पता होना चाहिए की जाति प्रथा पहले थी नहीं बाद में आई और वेदों में जो लिखा है उसमें चिंतन मनन ना करके तोड़ मरोड़ कर पेश करते हैं क्योंकि भारत का संविधानभी उसको बढ़ावा देता है जैसे कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में संस्कृत जो पढ़ाई जाती है किन शर्तों में पढ़ाई जाती है संस्कृत को जितनी बुराई कर सकते हैं तोड़ मरोड़कर
@@KuldeepShukla-d7r अगर कोई ब्राह्मण 4th grade चपरासी या जमादार की नौकरी लगता है तो कर्म अनुसार वह भी शुद्र होगा।
Ham log to kisi Ko shudra nahin mante ham log to sabko ek saman mante Hain guruji bilkul sahi bole ki bhuja aur mastak aur janha aur paon alag nahin kiya ja sakta hai vaise hi yah ham sab ek hai koi alag nahin kar sakta hai paon jo hai usi ko ham log pahle sir jhuka ke chhute Hain
जानवरों को कपड़े पहनने जरुरत नहीं वे अपने परिवार में सब नंगे ही रहे तब जाने
जय श्री राम जो लोग बालीवुड बाले उन लोगो को अपनी माँ बहिन घरवाली को लाना चाहिए और ऐसे कपड़े पहनकर शो दिखाना चाहिए
इसी कारण दलित और आदिवासी आज ईसाई बन रहे है।😢
100/,sahi
Thanks Commentator jee for your comments.
सलमान खान ने भी बोला है कि लड़कियों को पूरे कपड़े पहनने चाहिए l
Anchor ko pata nahi he 33 karod devta bol raha he ll jabki 33 koti devta bola gaya he ll anchor bhai ko anurodh he chadi pahen ke anchoring karen achha hoga ll
Jab pata nahi kya achha kya galat anchoring karte ho khud hi confused ho ll lagta he sanatan birodhi ho ll
शोभीकरना्््््हैअशृलीलता। भीकरनाहैमतलब। हमचोरीकरेपरहमे। चोरमतकहो
यार आधी स्क्रीन घेर के तुम बैठे हो और बीच बीच में वीडियो रोक कर या बोल कर disturb कर रहे हप बिलकुल अच्छा नहीं लगा अरे फेमस होना है tallent से ना के इस तरह वीडियो लगाकर फ़ालतू में
अब मिले कबूतरों तुम नहीं सुधरोगे अगर हैलेलुजाह वाले होते तो अब तक तो गिरधर शरीर से जुदा हो जाता
Anirudhhacharya Ji se.. Me bhot baato me ahsehmat rehta hu
Kyuki Ye Janm se jati mante hai... Kyuki madhavacharya Ji ki ideology mante hai ye.. Shankrachrya Ji ke baad jo aaye te... Ye bhrman jo paida hua usko bhrman hi mante hai.. Baaki jawab acha diya..
@@humansonearth891 , important is the intension. Intention is to increase respect or decrease respect.
Getting knowledge of art transfer from father is easer then other ?
Issue is people consider birth as small thing. Birth is a very big event .
@@Bharti-sswe Intention yehi se hi galat hojati hai.. Kbhi ye bol dena ki bhrman pier se huye hai or shudr sar se huye hai... Tb mt intenstion dekhna..
Or Ved mantra ka.. puri tarah sahi nahi bataya hai.. Annirudhacharya nay.. Refrence mujhse le lena.. Janm se jatti nahi hoti..
@@humansonearth891 , you are born 60 years back. If you have power to choice for the birth. I think you should be son of Ambani.
Don’t justify your free things.
All four varn are superior. You can read garud Purna. You should verifying it.
This material world is not fair.
Did you people got equality by practising reservation ?
What is creamy layer then ??
Talking is easy , but putting human behaviour weakness on Dharma Sastra is easy.
@@humansonearth891 , Birth give you opportunities due to your past karma.
Yes you can become Big Saint by your future karma. It’s the freedom you get from almighty.
But you cannot justify your birth as mear accident. If you do soo you are disrespecting your existence itself.
Whether other give you respect or not.
It’s there problem, but by putting all your failure on Bharmins is just your justification for free things.
@@Bharti-sswe AM talking about changing varna ... A shudr can become bhrman if he achieve knowledge.. I believe in it..
But annirudhhacharya doesnt believe in this he believes.. That shudrr will always be shudrr.. He cant be Bhrmn
Very.nice Very.nice
VED ME... SHOLK NAHI HAI.. MANTRA HAI.. Ye audience sawal krna janti hai bs yehi nahi pata mantr hai sholk nahi Ye sawaal krne se pehle.. Krte kese hai
Jay sanatan ❤
शादी के बाद टपा टप के चक्कर में रहते हैं 😊😊😊
@@ChandanKumar-yb6zk yah Kalyug hai Dharm ke anusar chhodkar Dharm ke anusar ulta chalenge usko hi log sab Sahi kahega
@@ChandanKumar-yb6zk thyfjsghjhfp4fkhygkgxsglahlff
Rfhhihitn
Service class is shudra
Commentator jee aapne meri baat kahi ,Anchor jee ko kachcha pahankar apne show m aaye.
Har har mahadev
Bidyaddan,mantra bolne wala brahman ll
Doctor,collector, nursh,pilol,washerman,driver,barber sab shudra shreni me aate he ll bhale hi lakho rupiye salary ho ll
10000mahinakamane wale security guard kshtriya sheni me aayega ll business man baishya ll
This is the very sisetiv sabajekat hort tachi
With the leg we kick and sanatanis also start their day with touching the feet of their elders and sitting at the feet of the wise
Aniruddh Aacharya ji galat Arth Bata rahe hain shudra to har Insan paida hota hai parantu karm se . Wesy Brahman chatriya shudra banta hai
Agar 5 shudra hai to sabse pahle ham apni badon ka Bhagwan ka Mata pita ka sabse pahle to per hi puchte Hain to pahle to shudra ko hi na puje
Bina paon ke koi chalta hai kya Bina hath ke koi khata hai kya Bina sir ko koi soch hota hai kya dekh sakta hai kya
भागवत गीता मे भी चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागशः।
तस्य कर्तारमपि मां विद्धयकर्तारमव्ययम्॥
ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र- इन चार वर्णों का समूह, गुण और कर्मों के विभागपूर्वक मेरे द्वारा रचा गया है। इस प्रकार उस सृष्टि-रचनादि कर्म का कर्ता होने पर भी मुझ अविनाशी परमेश्वर को तू वास्तव में अकर्ता ही जान
॥13॥
PAIDA NAHI HUYE HAI..
USKE HI PEECHLAY MANTR NE LIKHA HAI KI KALPIT KRO YANI KALPANA KRO KI ESE BHRM VAISHYA SHUDDR ETC.. HAI..
TO VO SACHME PAIDDA NAHI HUYE .. KALPIT KIYE HAI
Hume sharam ani chahiye jo humne galti ki vo hum apne bacho ko sikhate hai honey moon Jana chahiye yehi rah gaya hai
Brhmano ne jati banayee hai sosan ke liye.
अनिरुद्ध बाबा बिना तथ्य के कुछ भी बोल सकता है। आप उसको डिफेंड कर रहे हो। अनिरुद्ध बाबा भी अज्ञानी ही है।
बाबा अनिरुद्ध भी समाज को संस्कार देने की सेवा/सर्विस दे रहा है। यह भी शूद्र ही है।
भगवान ने ही समाज को बांटा हुआ है ऊंच/नीच का विभेद भगवान पर थोपना इनकी कुत्सित सोच को दर्शाता है। ये ब्राह्मण की साजिशों को संस्कार और धर्म का जामा पहनाने की कोशिश है।
ग्रंथ भगवान ने नहीं लिखा है। अगर भगवान लिखते तो गलत तथ्य नहीं लिखते। धरती शेषनाग के फन पर टिकी हुई है। एवं कोई धरती को पाताल लोक में ले गया। और भी बहुत सारे तथ्य गलत हैं।
Aap ne bilkul sahi kaha.
Ek baat bta du mai aplog ko apple company wali baat bilkul sach hai jab apple company ki sthapna huyi thi us time neem karoli baba sanyash le chuke the 3 saal pahle Apple company ke malik 3 saal pahle neem karoli baba se mile honge isme kyu sandeh hai koi bhi baat ese hi nahi aati hai
Aap log jise question karna chahiye usse nhi karte jha htyaye ho rahi hai hospital me rape ho rha hai, Jane kya kya ho rha hai wha ke log ko adalat me khda kro questions pucho wo log gunah karke maje me hai
Jo log hjaro log ki sewa kar rahe hai vridh ashram , anathalay chha rahe ved ka gyan de rahe taki samaj me thoda badlao ho sake uske piche pde ho
Aajkal ke navjwan thoda pdh kya lete hai ved par prashn utha rahe hai are jaahilo ved se hi sabhi gyan nikla hai ye saty hai hmare pas pura ved nhi hai vedvyas ji ne jitna ved Mila usko hamlog pdhte hai pure ved me sabhi sriti ki sacchai hai
एक वैज्ञानिक को ड्राईवर बोला जा सकता है क्या?
ब्राह्मण वो व्यक्ति होता था जो वेदों का ज्ञान रखता हो अर्थात् बुद्धि से जीवनयापन करता हो तो उसकी मन व बुद्धि स्वस्थ होना आवश्यक है जिसका सम्बन्ध सर से है ।
जबकि क्षत्रिय से आशय जो युद्ध करके दूसरे की रक्षा करके जीवनयापन करना है तो वो हाथ का इस्तेमाल तो करेगा।
वैश्य एक जगह बैठ कर व्यवसाय करेगा तो देर तक बैठने के लिए जंघा का स्वस्थ होना आवश्यक है और शूद्र शारीरिक श्रम द्वारा जीवनयापन करता है तो उसको शारीरिक रूप से पुष्ट होना चाहिए और श्रमिक के जब तक पैर मजबूत नहीं होंगे वो श्रम कैसे करेगा ।
धार्मिक रूप से सम्पूर्ण सार यह है कि व्यक्ति को भगवान ने क्या आन्तरिक गुण दिया है उसी अनुसार उसका विकास होगा ।
शास्त्र के अनुसार जन्मना जायेत शूद्र अर्थात जन्म से सभी शूद्र होते हैं ।
बाबा रामदेव आदि तमाम सन्त क्या आज की जाति के हिसाब से ब्राह्मण हैं , उत्तर है नहीं फिर भी कितनों ब्राह्मणों व अन्य के लिए पूज्य हैं उसी प्रकार पहले भी विभिन्न लोग पूज्य थे।
लोगों को ग़लत इतिहास पढ़ा कर विद्वेष फ़ैलाने का प्रयास है। आज के समय क्या कोई शूद्र जीवित है ।सारे शूद्र लोगों को तो मुगलों ने बेच दिया। आज के OBC SC St के किसी समय में शासक भी थे इसलिए कोई भी सवाल से पहले सवाल के इतिहास व भविष्य दोनों को समक्षना होगा ।
While you are right that many people look down upon priests in society today, you have to accept that most of the priestly class is corrupt. One cannot visit a temple without being hoarded by so called pandits. You are forced to pay every where. Moreover the process of donation to only Brahmins means their survival is taken care of. Compare it to a lower caste person who have to do menial jobs just to survive. You cannot deny the caste lines are very rigid and most inhumane treatment is meted out to lower castes. While I agree that the system is not scripture sanctioned and that it is a societal distortion. However, the societal changes are necessary across Hindu society.
Bhai saheb logout kou Sanskrit nahi aatee isiliye use mantra ka arth samajh nahi aata aur apni sanskriti ka nuksan hou raha hai
भाई मेरे तेरा कहना है। अच्छी फिल्म क्यूं नहीं बनाते ये दुष्ट अच्छे मार्ग पर क्यूं नहीं चलते मैं बताता हूं तुझे एक बात बता दुनियां में दो तरह के लोग हैं दो विचार धाराएं हैं । अब तू मुझे बता जो शराब का ठेका चलाता है । उसको दूध में कितने गुण हैं । उसको हम डेयरी चलाने कि शिक्षा दे । वो कैसे चलाएगा । भाई वो जितने प्रचार करेगा वो शराब के करेगा । चोरों के गुरु को हम शास्त्र का ज्ञान दे वो कभी नहीं लेगा क्यूं कि उसका पैसे कमाने का उसके लिए सबसे सरल तरीका है। सजा होगी आखरी में पकड़ा जाएगा फांसी हो जाएगी ये हमें पता है । उसको पता होते हुए भी पता नहीं होता । वो तो भाई अपने जैसे और हजार जेब कतरे तयार करेगा क्यूं कि उसके लिए जो करता है वही सही होता है। अच्छे मार्ग पर वो ही चलेगा जिनको अपने मां बाप से अच्छे संस्कार मिले हुए हैं। जिनकी थीबचपन में अच्छी संगत होती है। बहुत से अच्छे मां बाप होते हुए भी जानवर बन जाते हैं। क्यूं कि वो गलत संगत में चले जाते हैं। अब भाई इसमें मां बाप भी गलत नहीं होते । आज मैं देखता हूं । लोग जानवर बन रहे हैं । लोग अपने जीवन को जंगली बना रखा है। जिनकी के जीवन में कोई संस्कार नहीं कोई मर्यादा नहीं कोई भक्ति नहीं कोई सिस्टम नहीं। और क्या क्या कहूं में इन इन जानवरों के लिए सरे आम राक्षस बन रहे हैं। भाई मेरे को तो वो हर आदमी पसंद है । जो संस्कारी है । जो संस्कार और संस्कृति का सम्मान करता है।संतो का सम्मान करता है। । ईश्वर और हमारे शास्त्रों के सिस्टम से चलता है। वो इंसान किसीभी समाज का हो किसी भी धर्म का हो मेरे को वो अच्छे लगते हैं। भाई मैं उस हर भारतीय को आगे बढ़ाने कि कोशिश करूंगा जो ईश्वरीय सिस्टम से चलेगा। और भाई मेरी बात को याद रखना अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो समय ज्यादा दूर नहीं है। जहां हर घर में जंगल राज होगा ।। सब कुछ तहस नहस हो जाएगा । हर घर में जंगली जानवरों का राज होगा । अगर सुधार हो जाए तो अच्छा रहेगा।
Bakuf Walli Sabal !
Sabke crester n bata hai samaj ko kisi n 75 firko m kisi n do m catholic or dusre m
Anrudhachaay.jo jabab deta hai.o.jalat.dete.hai..aj.ke.samay.me.ensan..muh.se. hath se..pear.se.pada kai nahi hote.hai
Baba ko anda deke bhejo please sab baba ayse hai jhut bolna
Ye repotar bhai ki molana se aise sawal jawab kyo nhi karta
Ye anchor v pagal lgta hai r jo do char log faltu k questions kr rahe hai wo v . Mansikta gir chuki hai inki.
तुम तो वीडियो में सवाल उठता है तुझे कुछ पाता भी है या फिर टपटप ही है तुम्हारे पास कुछ टैलेंट हैं ओ दिखा
Pair bhagwan k hai Charan kamal bando harirai
Kuran pr bolkr dk ek bar
भागवत गीता का असली ज्ञाता कबीर दास जी है
कबीर मेरा चेला था मुझसे पूछ
Murkhta ki bate mat Karo
@@sumitsingyadav8558 मूर्ख लोग कबीर को भगवान बता रहे हैं इस से बड़ी मूर्खता क्या होगी यह कबीर और उनके भगवान का अपमान है
😂
Rishi Dayanand Ke Kitabe Padho
शुद्रबुद्धि हमेशा शुद्रबुद्धि ही रहेंगे।
ये मनुवादी चैनल है
सुनना है तो सुनो नहीं तो भागो।
Ankar ko ghar se he sanskar nahi mile ye o ankar hai jo 1200 saal pahle gaye.par 1992 ka ajmer kand bhool gaye pach hajar fir ke baad mafi magni padi moorkh ankar.
Kabhi kisi maulana ko bhi bulao unki betuki bato ke liye jamin chapti hai.
Mere Bhai agar kisi ka Aashirwad Lena hota hai to aap kya chhute uska pair chhute Hain kya uska sar😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂 aur pairon ke niche man ke pairon ke niche Jannat bhi hoti hai😂😂😂😂😂😂
ये एंकर का प्रश्नोत्तर महराज से स्तरहीन और घटिया है।
सवाल जवाब नही, प्रश्न उत्तर.