Manyavar yah batane ki kripa Karen kisanon ki Puja ka prachalan kab se shuru hoga Kyunki bahut pahle Rahul ki Puja Nahin Hoti thi takat ki Puja hoti thi yadi Ram Deta Hai ismein Paida Ho Gai to Tab Se Ram ki Puja honi chahie lekin Aisa Nahin
सामंत वाद के समय थी जाति व्यवस्था लेकिन अब आप लोग सर इसका खुलकर विरोध किजिए जाति व्यवस्था का ताकि ये खत्म हो जाय अब तो नही सामंतवाद ताकि भारत एक ऊंचाई पर सके और भारत में ये छुआ छूट खत्म हो जाय और सब लोगों में समानता का भाव आ जाय हमे विश्वाश है की आप जाति व्यवस्था का के विरोध में आंदोलन खड़ा कर सकते हैं और भारत को ये जाति के नाम पर होने वाले हत्याचार को रोका जा सके
सर आपने बताया बताया कि ऋषियों ने शबरी का सिर फोड़ दिया क्योंकि वहां निचली जाति की थी मतलब जातिगत भेदभाव राम जी के समय से चला आ रहा है क्या राम जी ने कभी इस भेदभाव का विरोध किया है ?
वर्णन ब्यावस्था के पद ।ब्रहमण क्षत्रिय वैश्य शूद्र अब यह जन्म जातीय होगए पहले ऐसा नही था ।बगैर वेद पढ़ाई के ब्रहमण हो जाते है बगैर युद्ध लड़े क्षत्रिय कहते बगैर ब्यापार किए बैश्य कहलाते है शूद्र कुछ भी करे शूद्र ही रहता है ।यही खराबी थी । वर्ण ब्यावस्था मे ।
सर आज के समय को देख कर लग रहा है हम लोग फिर से सामंतवादि युग मे चले जायेंगे इसका एक ही रास्ता है ईस देस से जातिवाद के साथ साथ धरम वाद भी खतम करना पडेगा
अद्भुत है संप्रेषण। ऐतिहासिक ज्ञान की तार्किक प्रस्तुति पहली बार देखा। प्रत्येक ब्रह्म बिवाह में समग्र जातियों की जजमान के रूप में उपस्थिति व उनका इसरार प्रतिक्रिया स्वरूप मनुहार एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते रहे हैं। सामाजिक एकीकरण के इन लक्षणों का विलुप्तीकरण भी त्रासद् है।
जब _जब ब्राम्हणो का वर्चस्व शासन व्यवस्था में रहा है तब _तब शिक्षा का अधिकार निम्न वर्ग से छीना गया है । आप इसे नकार नहीं कर सकते हैं सर वर्ण व्यवस्था को कभी आप माता शबरी के समय से जोड़ते हैं कभी आधुनिक काल से ये तर्क उचित नहीं लगता । Next Episode me eska Answer Aap digiye.
बुद्ध का जो उदाहरण दिया गलत है बुद्ध ब्राह्मण नहीं थे वे शिष्य मे भेदभाव क्यों करते और कुछ निम्न वर्ग के लोगों के सम्मान से क्यों अन्य वर्गों को बहला रहे
ओझा साहब आप भी अपनी जातीय चेतना की अभिव्यक्ति कर दिए इस एपिसोड में.... जातिवाद का सारा दोष ब्रिटिशर्स पर डालकर निकल लिए? श्रीमान जाति व्यवस्था अवश्य ही आर्थिक तंत्र का उत्पाद है, लेकिन इस व्यवस्था को जातिवाद में परिणीत करने का कार्य हम लोगों ने, हमारे समाज ने ही किया है। मध्यकालीन और उसके पहले के साहित्य अनिवार्य रूप से जाति की ऊंच नीच का वर्णन करता है, पुराण, रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य ही नहीं बल्कि अलग अलग समय में आए विदेशी यात्रियों के वृतांत से भी यह स्पष्ट होता है। अतीत में हुई गलतियों को नकारने/छुपाने से नहीं, स्वीकार करने से परिवर्तन आएगा। महाकवि तुलसीदास हों या संत कबीर, उनके काव्य में उस काल की झलक अवश्य दिखाई देगी, उसको छुपाने का कोई अर्थ नहीं है... दूसरी ओर.... इसके लिए तुलसीदास जी को गरियाना, या रामायण जैसे कलजयी ग्रंथ का विरोध भी निरर्थक ही नहीं, विध्वंसक होगा। इससे जातीय वैमनस्य कम होने की बजाय बढ़ने ही वाला है। इसे दोनो ओर के विद्वानों को समझना चाहिए।
सही कहा भाई पर क्या करें इनका दोगलापन है कि जाता नहीं !! जैसे हिन्दू धर्म और हिन्दूत्व को अलग- अलग परिभाषित कर के चक्रव्यूह रच रखा है वैसा ही ये श्रीमान जाति व्यवस्था और जातिवाद को अलग अलग परिभाषित करके जाति व्यवस्था की बुराईयों को ढ़कने का प्रयास कर रहा हैं और कुतर्क देकर सारा आरोप अंग्रेजों पर लगा रहा हैं !!
Vivekananda v sab varg ko Sanskrit padaney ki baat ki thi. " From Colombo to Almira" Vivekananda speech & travel series. Economy pey Invaders ki control hone sey Chaos hui. Chaos hui , Scarcity ney Jativaad ki negativity ko jyaada ujagar kiyaa. British yaa unke pehle aaye invaders ney isko badaawa hua.
Jaatiwad ko panditon ne nahi banaya. Manusmriti ek Manu Raja dwara likhi gayi thi aur we khatriye the Naa ki brahman. Ye brahman ke Priti tumari nafarat tumhe dubara Ghulam banaygi,
@@Likeusforlife और जाति व्यवस्था को महाराज मनु ने कर्म के आधार पर रखा था ना कि जन्म के आधार पर, यही वजह है कि ब्राह्मणो को प्रथम स्थान। और राजा मनु ख़ुद क्षत्रीय थे फिर भी उन्होने क्षत्रियों का स्थान ब्राह्मणों के बाद रखा। ब्राह्मणों ने सदैव ही समाज में एक उच्च स्थान प्राप्त किया है ये उनके महान कर्मों का परिणाम है। और आप पहले भी अछूत थे और आज भी ये तुम्हारे कर्मो का परिणाम है।
😀😀😀 bohot hi badiya itihas hai sir hamare desh ke bramhno ka 1000 salo se chale aa rahe jatiwad se koi lena dena nahi tha Bramhan to jatiwad ke khilaf the unhone to jatiwad ke virudh bohot uthhav kiye the lekin wo afsos unka jatiwad me uchha sthan hone ke baad bhi wo kuch jati vyavastha or jativad ke khilap kuch nhi kar paye .......... Mai desh ke aise bhramhanoko salam karata hu
ब्राह्मण है अपनी हेरा फेरी से बाज थोड़ी आयेगा सोच रहा है मैं बहुत महान हूँ बहुत बड़ा इतिहासकार हूँ लेकिन है चूतिया एक नंबर का सच्चाई कौन नहीं जानता आज के समय इसके छुपाने से सच्चाई छुप जाएगी क्या
Good afternoon sir सामंत व्यवस्था में मुद्रा व्यवस्था का हास हो गया परन्तु जो मुद्रा पहले के काल से चली आ रही थी वो बाजार से क्यू हटी होगी? क्या व्यापार में गिरावट से विदेशी सोना आना बंद हो गया और भारत का सोना राजकोष में रख लिया गया?
Waaah sir ji ,upper caste ke jaativaad aur brahmano ki bnaayi jaati vyavastha ko bde kayde se उस समय की व्यवस्था का नाम देकर justify किया है, सारा जातिवाद तो बस आज का ओबीसी एससी ही करता है ना सर!कभी science journey you tube channel par aa jaiye un sir से debate करने तब आपको पता चलेगा असली ज्ञानी क्या होता है।
सर जैसे बुद्धिजीवी ही बहुत चालाकी और समझदारी से ब्राह्मणवाद को बढ़ाते हैं धीरेन्द्र शास्त्री जैसे पाखंडी ढोंगी की महिमा और गुणगान करना और विकास दिव्यकीर्ति सर के कंट्रोवर्सी पर मुंह बंद रखना और स्पोर्ट न करना साफ अवध ओझा सर के ब्राह्मणवादी मानसिकता को सपोर्ट करना और बढ़ावा देना दिखाता है।
Sir apka bhoot bda follower hu m bhoot bda apke liye logo se ldta hu bhoot BUT SIR JO JO KURITIYA APNE BTAII SB BHARAMANOO KI DEN H AP KITNA HE CHUPA LIJIYE WO APKI BATOO M HE SMJHII JA SKTI HAI.
बहुत ही अच्छी इतिहास की जानकारी दें रहें है मैं प्रभावित हूं आप के वक्तव्यों से और मैं आप का आदर करता हूं। परंतु कुछ बातों में विरोधाभास सा प्रतित होता है जैसे कि आपने क ई जगह पर ब्रहामणों को गाली देने की बात कही है तो क्या ब्रहामण दूसरे जाति के लोगों को गाली नहीं देते।माफ किजिए सर आप को दोनों ही समुदायों के ऊपर टिप्पणी करनी चाहिए। दूसरी बात यह है सर कि आप के कथना अनुसार समाज एवं राष्ट्र के निमार्ण या देश की आजादी में सभी वर्गों को सहयोग रहा है बहुत ही अच्छी बातें कही हैं परन्तु सोसल मीडिया पर या कई जगहों पर तो ब्रहामण अपने ही पूर्वजों के नाम गिनाते नज़र आते रहते हैं। तिसरी बात निम्न जाति के लिए अलग संस्कृति स्कूल क्यों? यहां कौन सा ईस्ट इंडिया कंपनी डिवाइड एंड रूल लागू कर रहा है। क्या ऐसा नहीं लगता कि ईस्ट इंडिया कम्पनी के डिवाइड एंड रूल को आगे बढ़ाने का काम हमारे उच्च वर्ग के साथी कर रहे हैं माफ़ कीजिए सर मैं किसी भी वर्ग के साथीयों को जानबूझकर हृदय पर आघात करने के उद्देश्य से यह प्रशन नहीं कर रहा।पर प्रशन तो निकल कर आ रहा है उत्तर जानने के लिए। चौथा प्रशन untouchability की है जो आज भी समाज में व्याप्त है और इसका जबाव देही हमारे उच्च वर्ग के साथीयों पर है अंग्रेज़ों के डिवाइड एंड रूल का उत्तराधिकारी कौन है। अगर मेरा प्रशन कष्टदायक है तो क्षमा करें पर क्या करें प्रशन तो प्रशन है उत्तर पाने के लिए। आपका प्रोग्राम बहुत ही अच्छा है काफी ज्ञानवर्धक है मैं बार बार आपका प्रोग्राम देखता रहूंगा ज्ञान प्राप्त करने के लिए। प्रशन पुछता रहूंगा उत्तर पाने के लिए। 🌹नमस्कार 🌹
व्याव्स्था व्यक्ति ही बनाता है, सारी जिम्मेदारी उस समय के समर्थ व्यक्तियों की है I
आजकल लोगों में नफरत फैलाई जा रही है || यह मुस्लिम यह हिन्दू..
यह जाटव.. यह मौर्य ...यह कुर्मी..
हा लगे रहो भाईयो सरकारे भी यही चाहती है||
Thank u Sir
Ye bahut jhudh bolte hain aur ulta pulta padhate hai ye pure desh me Brahman wadi phailana chahte hain
भाई दुनिया से धर्म और जाति का नामो निशान खत्म होना चाहिए.
@@UP-45pp jai bhim jai nim Wale ko inki bat jhuti hi lagega
गुरु जी अपने तो ऐसा ज्ञान देना शुरू किया कि भारत के सभी समस्या खत्म हो जाए। इसे प्रत्येक भारतीय को सुनना चाहिए। गुरु जी आपके इस show के लिए 🙏🙏🙏🙏
हम खुद को भाग्यवान मानते है जो हमारे पास ओझा सर है, सर जी हमारे गर्व है,, में पूरे दिल से भारत समाचार को धन्यवाद देता हूँ जो सर हमारे लिए ले 🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤❤
Ye sab inki chal hai ojha ji ke bare me agar sahi janna hai to (Science jouney Chanel) par inka video dhekho
Ye sare pandit log Uresia desh se aye hain aur Hinduo ko लड़वाना चाहते हैं
@@UP-45pp tum jaise logon ko har insan me Kami najar ati hai
Manyavar yah batane ki kripa Karen kisanon ki Puja ka prachalan kab se shuru hoga Kyunki bahut pahle Rahul ki Puja Nahin Hoti thi takat ki Puja hoti thi yadi Ram Deta Hai ismein Paida Ho Gai to Tab Se Ram ki Puja honi chahie lekin Aisa Nahin
फैंटास्टिक!
इतिहास की ब्राह्मणवादी खामियों को खूबियों की तरह पढ़ाने की कला सीख ली है अवैध बोझा जी ने !! ऐसे ही कपटी ज्ञानियों को ब्राह्मण कहा जाता है !!!
यदि ओ गलत पढा रहा है तो तुम अपना पेले यदि अवध ओझा सर ने गलत बताए तो सच काय है।
सामंत वाद के समय थी जाति व्यवस्था लेकिन अब आप लोग सर इसका खुलकर विरोध किजिए जाति व्यवस्था का ताकि ये खत्म हो जाय अब तो नही सामंतवाद ताकि भारत एक ऊंचाई पर सके और भारत में ये छुआ छूट खत्म हो जाय और सब लोगों में समानता का भाव आ जाय हमे विश्वाश है की आप जाति व्यवस्था का के विरोध में आंदोलन खड़ा कर सकते हैं और भारत को ये जाति के नाम पर होने वाले हत्याचार को रोका जा सके
ऊँ दैवाथिदेव महादेव की साधना, माँ सरस्वती की कृपा, गुरु वशिष्ठ जी का आशिर्वाद अद्भुत अवझराज!
Itna acha program maine aj tk kisi samacha channel pe nahi dekha
Thank you so much Bharat sanchar channel
And Awadh Ojha sir 🙏
प्रणाम guruvar 🙏🏼
राजपूत और ब्राह्मणों ने बहुत अत्याचार किया हैं छोटे जातियों पर खासकर यूपी बिहार में
Bsdk ojha sir ji itni der se samjha rhe h teri baat samjh nhi aa rhi kya
Itni easy method seh sayad aajtak koi nahi samjaya hoga, Thank you 🙏
अछा लगा सुनकर पर अब प्राचीन भारत नही है! अब आधुनिक भारत हे! अब हमे education चाहिए!
ली: शुद्र
धन्यवाद सर🙏
Great gurudev !!!!
Ab tak to sirf padte the. Lekin aapse thoda_2 sikha rhe h!!!!!! Thanks a lot.
इतिहास से ज्यादा प्रपंच प्रवचन करते हो सर जी
Ati SundAr, Dhanyawad
भारत समाचार और ओझा सर को दिल की गहराइयों से धन्यवाद आभार 🙏🙏🙏
Parnam guruji 🙏🙏🙏🙏🙏
Jabardast
सटीक
I have Watched every episode and waiting upcoming episodes with very curiosity,
sir's Powerful Lines - Zinda Dimaag Hamesa Takatwar Banati hai
बूढ़े भारत में सबसे विश्वसनीय प्रस्तुति
Thanks Bharat Samachar team and Awadh sir 🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय भीम
Join alive breath utube channel to know koitoor times history again tab stri k naam se ghar chalta tha
Bahut hi krantikari insaan hai ojha Sir 🙏🙏🙏
Thank you Sir Pranam Charan Sparsh 👏🙏🌼🌸🏵👏🙏
Pranam guru ji...aap se bahut kuch sikhe hn sir
Apki jay ho prabhu
सर आपने बताया बताया कि ऋषियों ने शबरी का सिर फोड़ दिया क्योंकि वहां निचली जाति की थी मतलब जातिगत भेदभाव राम जी के समय से चला आ रहा है क्या राम जी ने कभी इस भेदभाव का विरोध किया है ?
Dr. ramroop thanks sir ji 🙏🙏
Jai hind jai hindustan
बहुत बहुत धन्यवाद सर संत रविदास काशी नगरी के रहने वाले थे। कहन. के राजा काशी नरेश हुआ करते थे।
apke charno main naman
🙏🙏Sir.
Everyone is feeling enlightend through your lectures. Indescribable Gurudev
Bahut sahi sir
Pandit Ji kya khoob padhaate
Great job bharat samachar,,,,,
वर्णन ब्यावस्था
के पद ।ब्रहमण क्षत्रिय वैश्य शूद्र
अब यह जन्म जातीय होगए पहले ऐसा नही था ।बगैर वेद पढ़ाई के ब्रहमण हो जाते है
बगैर युद्ध लड़े क्षत्रिय कहते बगैर ब्यापार किए बैश्य कहलाते है शूद्र कुछ भी करे शूद्र ही रहता है ।यही खराबी थी । वर्ण ब्यावस्था मे ।
Great work by awadh sr and bharat samachar team
वर्ण व्यवस्था किसकी देन है और इसके खिलाफ़ बुद्ध ने आंदोलन क्यों चलाया था?
Valmiki was a bhramin
Becoz of aspirations of ksatriyas against Brahman domination
Iska jabab aap bhi aur baba sahab
Thanks for you sir
u r the great
सर आज के समय को देख कर लग रहा है हम लोग फिर से सामंतवादि युग मे चले जायेंगे
इसका एक ही रास्ता है ईस देस से जातिवाद के साथ साथ धरम वाद भी खतम करना पडेगा
उसका मार्ग बतायें।अर्न्तजातिय, धर्मीय विवाहों को आरक्षण।
Gurudev ❣️❣️❣️
JAI HIND SIR
अद्भुत है संप्रेषण। ऐतिहासिक ज्ञान की तार्किक प्रस्तुति पहली बार देखा। प्रत्येक ब्रह्म बिवाह में समग्र जातियों की जजमान के रूप में उपस्थिति व उनका इसरार प्रतिक्रिया स्वरूप मनुहार एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते रहे हैं।
सामाजिक एकीकरण के इन लक्षणों का विलुप्तीकरण भी त्रासद् है।
Guru ji 🙏🙏🙏
Ek revolution ki jarurat hai tabhi sab equal ho payege
Sach kahne ka sahas nhi hai
ओझा जी,शबरी की जो कथा आपने कही,उसका शास्त्रीय स्रोत क्या है?
और यदि मनगढंत है, तो आपकी चेष्टा पर सिर्फ हंसा जा सकता है ।
Pranam Guruji ji 🙏🙏
Pandit Ji ham Apne anusar vishleshan kar liye
Sirji aap mahan he naman he aapko
Jai gurudev
Great Sir
Thanks sir
जब _जब ब्राम्हणो का वर्चस्व शासन व्यवस्था में रहा है तब _तब शिक्षा का अधिकार निम्न वर्ग से छीना गया है । आप इसे नकार नहीं कर सकते हैं सर वर्ण व्यवस्था को कभी आप माता शबरी के समय से जोड़ते हैं कभी आधुनिक काल से ये तर्क उचित नहीं लगता । Next Episode me eska Answer Aap digiye.
Ye Brahman hai aur ye pure desh me Brahman wadi phailana chahte hai
Ye bahut jhudh bolte hain aur ulta pulta padhate hai
बुद्ध का जो उदाहरण दिया गलत है बुद्ध ब्राह्मण नहीं थे वे शिष्य मे भेदभाव क्यों करते
और कुछ निम्न वर्ग के लोगों के सम्मान से क्यों अन्य वर्गों को बहला रहे
आज भी ब्राह्मण उच्च पद पर ही है,
जरा सर्वे करो,
ओझा सर ग्रेट
Love you sir
Thank you so much sir
😊😊😊😊😊😊Thank you sir❤
Sari bate sunkar easa lagta he ki aap sb ko khus rakna chahte ho srr aap bhot chatur ho 🧐🤨🧐🤨
You're leagend of India sir ji luv u sir god bless you sir
गुप्त काल से कई साल पहले गौतम बुद्ध ने ब्राह्मणवाद के खिलाफ आवाज उठाया था जाति व्यवस्था गुप्त काल में आई तो बौद्ध धर्म जैन धर्म किसकी परिणाम
जातिवाद तो महाभारत काल में भी था. एकलव्य और कर्ण के साथ क्या हुआ था. क्या वह जातिवाद का परिणाम नहीं था.
ओझा साहब आप भी अपनी जातीय चेतना की अभिव्यक्ति कर दिए इस एपिसोड में....
जातिवाद का सारा दोष ब्रिटिशर्स पर डालकर निकल लिए? श्रीमान जाति व्यवस्था अवश्य ही आर्थिक तंत्र का उत्पाद है, लेकिन इस व्यवस्था को जातिवाद में परिणीत करने का कार्य हम लोगों ने, हमारे समाज ने ही किया है। मध्यकालीन और उसके पहले के साहित्य अनिवार्य रूप से जाति की ऊंच नीच का वर्णन करता है, पुराण, रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य ही नहीं बल्कि अलग अलग समय में आए विदेशी यात्रियों के वृतांत से भी यह स्पष्ट होता है।
अतीत में हुई गलतियों को नकारने/छुपाने से नहीं, स्वीकार करने से परिवर्तन आएगा।
महाकवि तुलसीदास हों या संत कबीर, उनके काव्य में उस काल की झलक अवश्य दिखाई देगी, उसको छुपाने का कोई अर्थ नहीं है...
दूसरी ओर.... इसके लिए तुलसीदास जी को गरियाना, या रामायण जैसे कलजयी ग्रंथ का विरोध भी निरर्थक ही नहीं, विध्वंसक होगा।
इससे जातीय वैमनस्य कम होने की बजाय बढ़ने ही वाला है।
इसे दोनो ओर के विद्वानों को समझना चाहिए।
सही कहा भाई पर क्या करें इनका दोगलापन है कि जाता नहीं !! जैसे हिन्दू धर्म और हिन्दूत्व को अलग- अलग परिभाषित कर के चक्रव्यूह रच रखा है वैसा ही ये श्रीमान जाति व्यवस्था और जातिवाद को अलग अलग परिभाषित करके जाति व्यवस्था की बुराईयों को ढ़कने का प्रयास कर रहा हैं और कुतर्क देकर सारा आरोप अंग्रेजों पर लगा रहा हैं !!
Vivekananda v sab varg ko Sanskrit padaney ki baat ki thi. " From Colombo to Almira" Vivekananda speech & travel series. Economy pey Invaders ki control hone sey Chaos hui. Chaos hui , Scarcity ney Jativaad ki negativity ko jyaada ujagar kiyaa. British yaa unke pehle aaye invaders ney isko badaawa hua.
Great and satisfying explanation
35:02 exactly
good story
Sir you should participate in Ted talk
👍👍🚩🚩
पंडितों द्वारा बनाई गई जातिव्यवस्था को एक पंडित आज सर्टिफिकेट दे रहा है। माता सबरी को नीच जाति बोलकर पंडित अपनी मानसिकता दिखा रहा है
Jaatiwad ko panditon ne nahi banaya.
Manusmriti ek Manu Raja dwara likhi gayi thi aur we khatriye the Naa ki brahman.
Ye brahman ke Priti tumari nafarat tumhe dubara Ghulam banaygi,
@@Likeusforlife और जाति व्यवस्था को महाराज मनु ने कर्म के आधार पर रखा था ना कि जन्म के आधार पर,
यही वजह है कि ब्राह्मणो को प्रथम स्थान।
और राजा मनु ख़ुद क्षत्रीय थे फिर भी उन्होने क्षत्रियों का स्थान ब्राह्मणों के बाद रखा।
ब्राह्मणों ने सदैव ही समाज में एक उच्च स्थान प्राप्त किया है ये उनके महान कर्मों का परिणाम है।
और आप पहले भी अछूत थे और आज भी ये तुम्हारे कर्मो का परिणाम है।
व्यवस्थाएं चाहे जो भी रही हों, क्या आप विश्वास के साथ कह सकते हैं कि इन व्यवस्थाओं के शिकार हुए लोग आज के भारत में भी सुरक्षित हैं ?
Thanks Bharat Samachar Team for such a great revolution in history by Adarniya Awadh Ojha sir.....🙏Love from Nepal
Ye log pure desh me Brahmanwad phailana chahte hain ye bahut jhudh bolte hain aur ulta pulta padhate hai
आप एक बदतरीन इतिहास कर हो लेकिन बेहतरीन मोटीवेटर हो !
41:30 extreme thoughts
#OJHA SIR is #GOD
😀😀😀 bohot hi badiya itihas hai sir hamare desh ke bramhno ka 1000 salo se chale aa rahe jatiwad se koi lena dena nahi tha Bramhan to jatiwad ke khilaf the unhone to jatiwad ke virudh bohot uthhav kiye the lekin wo afsos unka jatiwad me uchha sthan hone ke baad bhi wo kuch jati vyavastha or jativad ke khilap kuch nhi kar paye
.......... Mai desh ke aise bhramhanoko salam karata hu
ब्राह्मण है अपनी हेरा फेरी से बाज थोड़ी आयेगा सोच रहा है मैं बहुत महान हूँ बहुत बड़ा इतिहासकार हूँ लेकिन है चूतिया एक नंबर का सच्चाई कौन नहीं जानता आज के समय इसके छुपाने से सच्चाई छुप जाएगी क्या
जय भीम द्रोणाचार्य
राजा राम मोहन रॉय को भी आज अंग्रेजों का एजेंट बताया जा रहा है।
बहुत ही कंफ्यूज़अन है,
इसीलिए हम मानव-मानव एकसमान की व्यवस्था में विस्वास रखते हैं।
Very niece
मेरे मन में एक बिस्वासा, राम से बड़ा राम के दासा ❤
शत प्रतिशत सहमत, कृपा करें समाधान भी प्रस्तुत करे हम आपके आभारी रहेंगे
"Indian village system" is least studied and taught and appreciated in Indian schools.
राजस्थान में निम्न जाति से उच्च जाति मे विवाह करने पर सरकार व्यक्ति को 10 लाख रूपये देती है
फालतू बाते है,कोई सबूत नहीं, कहानी से कोई सच नही हो जाता।
Animated video is good of history 🙏🙏
कहानी सुना रहा है।
Good afternoon sir
सामंत व्यवस्था में मुद्रा व्यवस्था का हास हो गया परन्तु जो मुद्रा पहले के काल से चली आ रही थी वो बाजार से क्यू हटी होगी? क्या व्यापार में गिरावट से विदेशी सोना आना बंद हो गया और भारत का सोना राजकोष में रख लिया गया?
ब्राह्मणी व्यवस्था का अंत, समय की मांग है
Dharm vo hai jo samaj me santi, sambradhi, manavta ka vikas kare
Angrez ke nam per aapni vyavastha ka bachav kya khub kiya
Valmiki was not a shudra.agar prove kr diya to 50 lakhs ka inaam
He was a bhramin
स्वतंत्रता आंदोलन को मानने को तैयार तो हिन्दुवादी संगठन नहीं है न सर🙏🙏🙏
उन्हें तो संविधान से नफरत है.
Nice 🙏👍🏻
Sir, i proud of you,
Very very thankful to you, that you made such episodes
You are making society enlightened
Waaah sir ji ,upper caste ke jaativaad aur brahmano ki bnaayi jaati vyavastha ko bde kayde se उस समय की व्यवस्था का नाम देकर justify किया है, सारा जातिवाद तो बस आज का ओबीसी एससी ही करता है ना सर!कभी science journey you tube channel par aa jaiye un sir से debate करने तब आपको पता चलेगा असली ज्ञानी क्या होता है।
ये नाम के पीछे सिंह चौहान क्यू लगा रखा है, खाली दूसरो को ज्ञान देना आता है।
अब science journey जैसे घृणित मानसिकता के लोग एक शिक्षक को सिखाएंगे।
Science journey pure stupid hai
You are not a Chauhan,Mr Quotajeevi
सर जैसे बुद्धिजीवी ही बहुत चालाकी और समझदारी से ब्राह्मणवाद को बढ़ाते हैं धीरेन्द्र शास्त्री जैसे पाखंडी ढोंगी की महिमा और गुणगान करना और विकास दिव्यकीर्ति सर के कंट्रोवर्सी पर मुंह बंद रखना और स्पोर्ट न करना साफ अवध ओझा सर के ब्राह्मणवादी मानसिकता को सपोर्ट करना और बढ़ावा देना दिखाता है।
साइंस जर्नी नंगा कर देगा इन को। !
Sir apka bhoot bda follower hu m bhoot bda apke liye logo se ldta hu bhoot BUT SIR JO JO KURITIYA APNE BTAII SB BHARAMANOO KI DEN H AP KITNA HE CHUPA LIJIYE WO APKI BATOO M HE SMJHII JA SKTI HAI.
Love u guru ji 🙏🙏
Mai kb se wait kr raha tha ki kb sir ka naya episode ayega
Brother ye sab pandit logo ki chal hai
Ye log भारतीयों को बर्बाद करना चाहते हैं
BJP government sab ko lut rahi hai
BJP government brahmano ki hai
Ojha ji ke bare me agar sahi janna hai to ( Science jouney Chanel) par inka video dhekho
बहुत ही अच्छी इतिहास की जानकारी दें रहें है मैं प्रभावित हूं आप के वक्तव्यों से और मैं आप का आदर करता हूं। परंतु कुछ बातों में विरोधाभास सा प्रतित होता है जैसे कि आपने
क ई जगह पर ब्रहामणों को गाली देने की बात कही है तो क्या ब्रहामण दूसरे जाति के लोगों को गाली नहीं देते।माफ किजिए सर आप को दोनों ही समुदायों के ऊपर टिप्पणी करनी चाहिए।
दूसरी बात यह है सर कि आप के कथना अनुसार समाज एवं राष्ट्र के निमार्ण या देश की आजादी में सभी वर्गों को सहयोग रहा है बहुत ही अच्छी बातें कही हैं परन्तु सोसल मीडिया पर या कई जगहों पर तो ब्रहामण अपने ही पूर्वजों के नाम गिनाते नज़र आते रहते हैं। तिसरी बात निम्न जाति के लिए अलग संस्कृति स्कूल क्यों?
यहां कौन सा ईस्ट इंडिया कंपनी डिवाइड एंड रूल लागू कर रहा है। क्या ऐसा नहीं लगता कि ईस्ट इंडिया कम्पनी के डिवाइड एंड रूल को आगे बढ़ाने का काम हमारे उच्च वर्ग के साथी कर रहे हैं माफ़ कीजिए सर मैं किसी भी वर्ग के साथीयों को जानबूझकर हृदय पर आघात करने के उद्देश्य से यह प्रशन नहीं कर रहा।पर प्रशन तो निकल कर आ रहा है उत्तर जानने के लिए। चौथा प्रशन untouchability की है जो आज भी समाज में व्याप्त है और इसका जबाव देही हमारे उच्च वर्ग के साथीयों पर है अंग्रेज़ों के डिवाइड एंड रूल का उत्तराधिकारी कौन है।
अगर मेरा प्रशन कष्टदायक है तो क्षमा करें पर क्या करें प्रशन तो प्रशन है उत्तर पाने के लिए।
आपका प्रोग्राम बहुत ही अच्छा है काफी ज्ञानवर्धक है मैं बार बार आपका प्रोग्राम देखता रहूंगा ज्ञान प्राप्त करने के लिए। प्रशन पुछता रहूंगा उत्तर पाने के लिए। 🌹नमस्कार 🌹
🙏🙏❤️