दीप प्रज्ज्वलन मंत्र || ज्योति मंत्र||दीप ज्योति स्तोत्रं ||JYOTI MANTRA ||

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  • Опубліковано 14 кві 2023
  • ज्योति मंत्र
    दीपज्योतिः परं ज्योतिः , दीप: ज्योतिर्जनार्दनः ।
    दीपो हरतु मे पापं , दीप: ज्योर्तिनमोऽस्तुते ॥
    अर्थात्:-
    दीप की ज्योति परम ज्योति है, दीपज्योति जनार्दन है।
    हे दीप मेरे सभी पापों को हर लें। हे दीपज्योति आपको प्रणाम।।
    शुभं करोतु कल्याणम् , आरोग्यं सुखसम्पदः ।
    द्वेषबुद्धिविनाशाय , दीप: ज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥
    अर्थ :- हे दीप ज्योति! हमारा कल्याण करो, शुभ करो। आरोग्य और सुख संपात्ति प्रदान करें। मेरे अंदर द्वेष की भावना का विनाश करें। हे दीप ज्योति आपको प्रणाम।

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