मैं आर्य पुत्र हिन्दू मेरा धर्म सत्य सनातन वैदिक धर्म। मेरा गुरु माता पिता आचार्य गुरु मंत्र गायत्री। ओउम्।। उपासना सृष्टि कर्ता विश्व कर्मा भगवान्। प्रेरणा सत्यार्थ प्रकाश।।
अबे बेवकूफ यह कुशाग्र बुद्धि नहीं इसकी चालाकी है, दर असल परमात्मा क्या है, कहां है कैसा है, ईसे पता है नहीं है, संस्कृत भाषा की जानकारी होने से परमात्मा की जानकारी नहीं होती,
आर्य जी आप 1 बंदर को नहीं मना सकते ये समझा कर के यदि वो अपने हाथ का केला आपको दे देवे, तो उसे स्वर्ग में अथाह केले मिलेंगे, पर समाज में सबको ये समझाया जाता है के सब छोड़ दो मोक्ष में सुख मिलेगा, ये बड़ा मुर्खतापूर्ण लगता है
भौतिक जगत सभी चीजें/मान्यता सापेक्षिक है । मानव कल्याण के लिए जो आवश्यक हो उसी पर बोला जाए। समग्र रूप से देखें तो पाएंगे। ज्ञान ,कर्म ,योग, साधना और कीर्तन ही पर्याप्त है
आर्य समाज को महर्षि दयानंद के स्त्यार्थ प्रकाश में लिखी बातों पर अमल करना चाहिए आप लोगो से प्रार्थना करता हूं कि अपने घर बचो को स्त्यार्थ प्रकाश पढ़ाए जिंदगी नर्क बनाए आर्य समाज जय हिन्द
सभी बातें आपकी बहुत अच्छी और बहुत सुंदर है लेकिन एक बात हमको पसंद नहीं आई वह यह है कि आप पुरानी भाई पुरानी भाई ऐसा का करके सनातन समाज को दो हिस्सों में बांट रहे हैं
@@AnitaSaxena-l1d जी वेद को तो मानते हैं सभी सनातनी मानते हैं लेकिन कुछ बातें सही नहीं लग रही जिसको हम अवतार मानते हैं उसमें क्या विशेषता है किस कारण से वह अलौकिक है यह बातें अच्छी तरह से समझाइए यह अलौकिक प्रभा परमात्मा से आई है तो उसे ही तो अवतार कहते हैं अच्छी तरह समझाइए ताकि सभी लोग इस बात को एक्सेप्ट कर सके
करोड़ों साल से देश का नाम आर्य वर्त था लाखों साल से देश का नाम भारत है हजारो साल से देश का नाम हिन्दू स्थान है सैंकड़ों साल से इण्डिया यहाँ के मूल निवासी आर्य थे और आर्य पुत्र हिन्दू कहलाते हैं। सत्य सनातन वैदिक धर्म।।
स्वामी जी आपने गायत्री मंत्र के श्लोक ॐ से ईश्वर रक्षा करता है कहकर प्रश्नार्थ में कई उदाहरण दिए कि कहां रक्षा करता है ? लेकिन समीक्षा में ईश्वर कैसे रक्षा करता है ये भेद नहीं बताया😊
सृष्टि की रचना तो बाद में पृथ्वी पृथ्वी कैसे बनी सृष्टि रची थी कौन था देखने वाला उसे प्राकृतिक किसी को कोई पता नहीं है में ब्राह्मण कोजैसा मन में आया वैसा लिख दिया किसी को कोई पता नहीं है
महाभारत 5000हजार साल पहले हो नहीं सकता, क्यूंकि लोहे की खोज 4000हजार से पहले की नहीं हैं। सिंधु घाटी सभ्यता में लोहे और घोड़े के अवशेष नहीं मिले हैं, तो रामायण और महाभारत पहले की नहीं हैं।
Sir logo ko kaise samjhaye lekin galti unki bhi nahi vedo ko gyan khali gyani ko hi prapt ho sakta hai. Janna manne se müshkil jo seedhe bina Ved padhe bas man lete hai woh bhi agyani hai !
Everything is happening in dream. Nothing ever existing. Unconditional love is all there is I don't exist You don't exist No meaning of anything. Everything is illusion.
Bed she bhi age ek bed hai hamara samvidhan jo nicle tabko ko upar udhaya jab unke upar julm ho raha tha tab koi bed puran sath nahi diya Jai bhim namo budhdhay Alahabad up she
Thanks. Rigved is a combination of Zend Avesta and Pali Prakrit Jainism and Buddhism ☸️ Languages. Agamas is the oldest Faith of Jambudweep Bharat India. We all must Unite together and stop sleeping 😊 😴 😌 💤 for 432,000 years miscalculated mahayuga (Kalpanic Kaliyuga by Tulsi Krit Ramayan 1631AD) wake ⏰️ up and protect our Motherland, Culture of Humanity and our Future Generations Welfare from Mitanni, Medes, Hittitie, Hurrian, Assyrian, Yanmya Marauding Mukh-Putras Brahminvad Propaganda Invasion 5,000 years ago and is still going on. Jay Bheem Namo Buddhaye.
Vedas is written in such order and language there is no other scriptures in that order like Vedas no one can change original text not even a full spot in such well organised way in which they were written so Buddhism and Jainism all from Sanatan Dharma. If you think your Buddhist scholer think like that he can debate or shastrarth with Arya Samaj if you are real one then prepare your highest level of scholer otherwise stop your propagating
कैसे हुई ससटी की रचना क्या जब रचना हुयी तब आपनदेखा या आप साथ मे थे या फिर आपके हाथो से हुयी नही न तो कयु बरगला रहे हो सिर्फ शास्त्र की बात बताते हो तो शास्त्र भी आप ही जैसे लोगो ने लिखा और मान लिया यही बात है न यह सत्य नहीं
Are bai kehna kya chahte ho sabhi gyani ko challenge hai isi baat ka utter do मन विचलित ni hona chahiye to प्रेरणा kyu hui aur की या हुई और जो है इसका अर्थ विकृति में परमात्मा का वश नहीं ,अगर की तो परमात्मा ने प्रेरणा की jesa tha vesa rehna chahiye tha bhagvan ka bhi mn mei Vash nahi ek se bohot ho jau aur hua to hona ghatna hai vo hoga hi
सृष्टि की उत्पत्ति स्वप्न से हुई है। सृष्टि एक सपना है। सपने में ही ब्रह्मा विष्णु महेश ओउम अकार उकार मकार सतोगुण रजोगुण तमोगुण ब्रह्मा विष्णु महेश यह सब सपन की उत्पत्ति है। पूर्ण ब्रह्म में से अलग है। वेद कह रहे हैं उसे ही जानो। वेद ज्ञान -जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं। लेकिन वह वेदों से नहीं मिलेगा। वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।। निष्कलंक ब्रह्म वाणी।।🎉🎉
विश्व में संत रामपाल जी महाराज के द्वारा दिया गया ज्ञान ही सत्य है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अवश्य पढे संत रामपाल जी महाराज के द्वारा लिखित आध्यात्मिक पुस्तक "ज्ञान गंगा "
कोई भी मनुष्य सतगुरु या परमात्मा नहीं हो सकता है सतगुरु का अर्थ है जो सबको ज्ञान देने वाला लख चौरासी जीवों को कौन ज्ञान देता है वही सतगुरु है। जिसकी कोई मूर्ति नहीं बनाई जा सकती वह सबके घट घट में विराजमान है। गुरु और परमात्मा एक है दो नहीं हो सकते। सत्य सनातन वैदिक धर्म।।
महर्षि दयानंद जी के सपनों को साकार करने वालों में आपका स्थान सामान्यीय है शत-शत नमन आचार्य योगेश जी 🙏👍🌹
इस देश को आर्य समाज की जरूरत है
सबको आर्य समाज से जुड़ना चाहिए
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त
बहुत सुंदर प्रवचन 🎉
बहुत ही ज्ञानवर्धक व्याख्यान
अत्युत्तम जानकारी आचार्य जी।
धन्यवाद व नमन
आर्य समाज के विचारों से मैं सहमत हूं
धन्य है वो माता पिता जिन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज जैसे परोपकारी संत को जन्म दिया।बस एक ही बात मन में आती हैं धन्य है धन्य है।❤❤❤❤❤❤❤ॐ
मैं आर्य पुत्र हिन्दू मेरा धर्म सत्य सनातन वैदिक धर्म। मेरा गुरु माता पिता आचार्य गुरु मंत्र गायत्री। ओउम्।। उपासना सृष्टि कर्ता विश्व कर्मा भगवान्। प्रेरणा सत्यार्थ प्रकाश।।
आचार्य जी आपकी कुशाग्र बुद्धि को कोटि कोटि नमस्कार
अबे बेवकूफ यह कुशाग्र बुद्धि नहीं इसकी चालाकी है, दर असल परमात्मा क्या है, कहां है कैसा है, ईसे पता है नहीं है, संस्कृत भाषा की जानकारी होने से परमात्मा की जानकारी नहीं होती,
गुरु जी बेहतरीन
धन्यवाद जी मैं म्यांमार देश आर्य समाज तठे गौं
मैने जब से सत्यार्थ प्रकाश पड़ी है मुझे समझ आ गया कि क्या सही है और क्या गलत है। ईश्वर एक है।
Sir ji aapki ek ek baat Diamond ke samaan hai ❤🎉 kitne achhe se explain krte ho ❤
ओउम्🎉🎉🎉🎉🎉 प्रणाम् आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏 अति आनंद प्रभु जी 🌹🌹🌹🌹🌹 जय आर्यावत, जय देव दयानंद जी, जय सत्यार्थ प्रकाश, वेदो की ओर चलो
Pujya acharya ji ko Sadar Naman Abhinandan Om Om Jay Arya Jay aryavart
नमस्ते पूज्य आचार्य जी 🙏
ओ३म् नमस्ते जी 🙏🏻🍹🙏🏻
सादर नमस्ते जी 🔥☀️💥🚩🙏🏻🌺🙏🏿
जी सादर अभिवादन नमो नमः ❤️🙏 आचार्य जी
सच्चिदानंद रूपाय, यानि जिस सत्य को आध्यात्म की गहराई में देखकर चेतना आत्मा आनंदित हो जाती है।
सत, चित्, आनंद
सृष्टि बचेगी ओम्
आचार्य जी को प्रणाम
🙏🏻🙏🏻🚩🚩
🕉 नमस्ते आचार्य जी 🙏
Jay gurudev
आर्य जी आप 1 बंदर को नहीं मना सकते ये समझा कर के यदि वो अपने हाथ का केला आपको दे देवे, तो उसे स्वर्ग में अथाह केले मिलेंगे, पर समाज में सबको ये समझाया जाता है के सब छोड़ दो मोक्ष में सुख मिलेगा, ये बड़ा मुर्खतापूर्ण लगता है
नमस्ते आचार्य जी ज्ञानी हो आप
नमस्तेजी आचार्य जी
भौतिक जगत सभी चीजें/मान्यता सापेक्षिक है । मानव कल्याण के लिए जो आवश्यक हो उसी पर बोला जाए। समग्र रूप से देखें तो पाएंगे। ज्ञान ,कर्म ,योग, साधना और कीर्तन ही पर्याप्त है
🕉️
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आर्य समाज को महर्षि दयानंद के स्त्यार्थ प्रकाश में लिखी बातों पर अमल करना चाहिए आप लोगो से प्रार्थना करता हूं कि अपने घर बचो को स्त्यार्थ प्रकाश पढ़ाए जिंदगी नर्क बनाए आर्य समाज जय हिन्द
नर्क न बनाएं
Arya samaj ke maharsi dayañañd ki likhi satyarth prakash bachho ko padhàne se jeevan ssvarga banega om 😅
Nark ni swarg banega samjha
शत्रु के धार्मिक किताबें पढ़ाओ बच्चे अच्छे होंगे आपके
आपने अंतिम लाइन में जीवन को नर्क बनाने केलिए सत्यार्थ प्रकाश पढ़ने की बात को यदि भूलवश लिखा है तो एडिट करके सुधार दीजिए।
🙏🙏👌👍,ओ३म्🚩🚩
सभी बातें आपकी बहुत अच्छी और बहुत सुंदर है लेकिन एक बात हमको पसंद नहीं आई वह यह है कि आप पुरानी भाई पुरानी भाई ऐसा का करके सनातन समाज को दो हिस्सों में बांट रहे हैं
जो सत्य हो उसे अपना लो। वेद को नहीं मानते तो अलग बात है।
@@AnitaSaxena-l1d जी वेद को तो मानते हैं सभी सनातनी मानते हैं लेकिन कुछ बातें सही नहीं लग रही जिसको हम अवतार मानते हैं उसमें क्या विशेषता है किस कारण से वह अलौकिक है यह बातें अच्छी तरह से समझाइए यह अलौकिक प्रभा परमात्मा से आई है तो उसे ही तो अवतार कहते हैं अच्छी तरह समझाइए ताकि सभी लोग इस बात को एक्सेप्ट कर सके
@@BHSengvaसच कहा आपने।
बहुत सुंदरी प्रवचन
आचार्य जी आपने कहा 3 चतुर्युगी निर्माण में तथा 3 चतुर्युगी प्रलय में आती है तो आचार्य जी मेरी शंका है की प्रलय की छह चतुर्युगी किस श्रेणी में रखें।
करोड़ों साल से देश का नाम आर्य वर्त था लाखों साल से देश का नाम भारत है हजारो साल से देश का नाम हिन्दू स्थान है सैंकड़ों साल से इण्डिया यहाँ के मूल निवासी आर्य थे और आर्य पुत्र हिन्दू कहलाते हैं। सत्य सनातन वैदिक धर्म।।
तीन तीन नहीं किन्तु छह,छह चतुर्युग सृष्टि के निर्माण और विनाश में लगते हैं जी। रामकला आर्य स्नातक सिविल इंजीनियर
Ap.ko.sat.sat.naman
केरल में हमें गोसाई बोलकर बहुत प्रताड़ित किया. केरल पाकिस्तान बन चुका हैं. पलायन करना पडेंगा.
आर्य बनो तभी एक होंगे शत्रु भागेंगे ओम
सादर नमस्ते आचार्य जी महाराज कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏❤️🌺🌺🥀🥀🌺❤️❤️🙏👍
0k
❤❤❤
जीवात्मा के इंद्रियों से भले ही
दुनिया सत्य लगती हो ,वह
परमात्मा का विराट सपना है।
लेकिन परमात्मा सोया नही
बल्कि जागृत है सृष्टि चलाता है।
इस संसार में तीन प्रकार के ज्ञान होतेहैं पवित्र ज्ञान मुल ज्ञान आत्मज्ञान
सुंदर प्रवचन
आचार्य जी college में अब भी जुलाई अगस्त में प्रवेश होता है।
अच्छा है
1982 तक विद्यालय में भी 08/7 को ही शुरू होता था उसके बाद मालूम नही
स्वामी जी आपने गायत्री मंत्र के श्लोक ॐ से ईश्वर रक्षा करता है कहकर प्रश्नार्थ में कई उदाहरण दिए कि कहां रक्षा करता है ? लेकिन समीक्षा में ईश्वर कैसे रक्षा करता है ये भेद नहीं बताया😊
Om
Jai Nepal
Om=sab kise ki raksha karne wala.
महाराज नासा के लोगोसे भी आप हूशार है 😅😅😅😅😅😅😅
सृष्टि की रचना तो बाद में पृथ्वी पृथ्वी कैसे बनी सृष्टि रची थी कौन था देखने वाला उसे प्राकृतिक किसी को कोई पता नहीं है में ब्राह्मण कोजैसा मन में आया वैसा लिख दिया किसी को कोई पता नहीं है
❤ प पू दयानंद सरस्वती जी की काल गणना संपूर्ण है। धन्यवाद दयानंद बाबा आप भारत और सनातन का गौरव है। आभार!!!❤
સચ પરિવર્તન શીલ નહિ હે
Maine kiya
Mukesh Kumar
महाभारत 5000हजार साल पहले हो नहीं सकता, क्यूंकि लोहे की खोज 4000हजार से पहले की नहीं हैं। सिंधु घाटी सभ्यता में लोहे और घोड़े के अवशेष नहीं मिले हैं, तो रामायण और महाभारत पहले की नहीं हैं।
ये आखिरी सभ्यता हैं, इसके वाद कही कुछ भी नही है कैसे पता चला ?
Lakh of year kaliyuga is difficult to to say right. It seems 5000 cycle of BK may be right. OM.
Sir logo ko kaise samjhaye lekin galti unki bhi nahi vedo ko gyan khali gyani ko hi prapt ho sakta hai. Janna manne se müshkil jo seedhe bina Ved padhe bas man lete hai woh bhi agyani hai !
Everything is happening in dream.
Nothing ever existing.
Unconditional love is all there is
I don't exist
You don't exist
No meaning of anything.
Everything is illusion.
आर्य समाजी पक्के काल के दूत हैं। ओम् भगवान् नहीं वो राक्षस है
Bed she bhi age ek bed hai hamara samvidhan jo nicle tabko ko upar udhaya jab unke upar julm ho raha tha tab koi bed puran sath nahi diya
Jai bhim namo budhdhay
Alahabad up she
Sir aap agar muslim hote to isi confidence ke saath hindu sharam ki kiamia nikal dete. Insaan jis dharam me paida hota hai usi ko logical manta hai❤
आचार्य जी जिज्ञासा शांत करें। धरती माता के गर्भ से एक बार मनुष्य को पुनः उत्पन्न करने का कष्ट करें। अन्यथा आप भी मौलानाओं की तरह फेक रहें हैं।
You are a good teacher
Thanks.
Rigved is a combination of Zend Avesta and Pali Prakrit Jainism and Buddhism ☸️ Languages.
Agamas is the oldest Faith of Jambudweep Bharat India.
We all must Unite together and stop sleeping 😊 😴 😌 💤 for 432,000 years miscalculated mahayuga (Kalpanic Kaliyuga by Tulsi Krit Ramayan 1631AD) wake ⏰️ up and protect our Motherland, Culture of Humanity and our Future Generations Welfare from Mitanni, Medes, Hittitie, Hurrian, Assyrian, Yanmya Marauding Mukh-Putras Brahminvad Propaganda Invasion 5,000 years ago and is still going on. Jay Bheem Namo Buddhaye.
Vedas is written in such order and language there is no other scriptures in that order like Vedas no one can change original text not even a full spot in such well organised way in which they were written so Buddhism and Jainism all from Sanatan Dharma. If you think your Buddhist scholer think like that he can debate or shastrarth with Arya Samaj if you are real one then prepare your highest level of scholer otherwise stop your propagating
नया साल श्रावणी पर करें या चैत में😂
आचार्य जी आप का मोबाइल नम्बर बदल गया है क्या
time ओैर space किसने रचना कि ? ईश्वर ने ? जब time ओैर space था हि नही तब creator(ईश्वर )ने कहाँ रहकर ओैर कब रचना कि ? दरअसल ईश्वर है ही नही।
शब्द प्रमाण के अलावा और क्या है आपके पास?
बक्वास अन्ध बिस्वास
आप अपने धर्मपर ही बाते कर रहे है परमेश्वर है तो कैसा है नहि है तो कैसा नही यही सच्चाई बताओ
स्वामी जी ने सत्यार्थ प्रकाश मे लिखा हैं सृष्टि बनाने में इतना ही समय लगता है जितना मनुष्य को कल्पना करने में लगता है
ब्राह्म ji ki jai ho
सम्माननीय आचार्य जी भगवान राम का जन्म किस मन्वंतर की किस चतुरयुगी के सतयुग के किस वर्ष एवम किस तिथि को हुआ था ?
यदि इस तरह से प्रश्न पूछ रहे हैं तो उत्तम यदि व्यंग कर रहे हैं तू मूर्खता
केवल मिट्टी तत्व से सृष्टि नहीं है यह सृष्टि पांच तत्व के सहयोग से परमात्मा ने रचा है।
जै सच्चिदानंद जी 🙏🏼🎉
Bakavas
Kyo fukta hai fir hane kyo paresan kr rakha hai ye batao na
कैसे हुई ससटी की रचना क्या जब रचना हुयी तब आपनदेखा या आप साथ मे थे या फिर आपके हाथो से हुयी नही न तो कयु बरगला रहे हो सिर्फ शास्त्र की बात बताते हो तो शास्त्र भी आप ही जैसे लोगो ने लिखा और मान लिया यही बात है न यह सत्य नहीं
तो आप बताने की कृपा करें। रेल का इंजन किसने बनाया?? आपने देखा क्या? या किसी ने देखा हो उसे ले आओ।
Insanon ki banai Hui har baat mujhe to kahani lagti hai Satya bolane ke liye swayam upar se kisi Ko utar kar aana hoga
Are bai kehna kya chahte ho sabhi gyani ko challenge hai isi baat ka utter do मन विचलित ni hona chahiye to प्रेरणा kyu hui aur की या हुई और जो है इसका अर्थ विकृति में परमात्मा का वश नहीं ,अगर की तो परमात्मा ने प्रेरणा की jesa tha vesa rehna chahiye tha bhagvan ka bhi mn mei Vash nahi ek se bohot ho jau aur hua to hona ghatna hai vo hoga hi
जिंदगी एक रोल रील की तरह चलती जा रही है जैसा सिनेमा हॉल मे दिखाया गया है
Sant rampal ji maharaj ka gyan se sab bekar gyan hai
Chaitra mass ke bad vaisakha aata hai achariyji
आप अनावश्यक बात कर रहे
आचार्य श्री ने उस विषय पर कुछ नही कहा
🙏🙏
जब सब महततत्व के बाद सब विकृति ही है
तो फिर सत रज तमस् तो है ही नहीं
सब उलझने है सृष्टि रचना का कोई प्रमाणित ज्ञान नहीं हैं। कबीर सागर संपूर्ण ग्यारा भाग मे सृष्टि रचना का सही एवम सटीक ज्ञान हैं बाकी सब धंधा हैं।
Kbir ki gyaan ganga ko manege kya ab ved chod ke ved se parman de ya upnishad se
Wah Kabir ji 😂😂😂😂 wah
आदिमानव के टाइम भगवान कहा था 👌
तर्क अच्छा लगता है
कुतर्क नही
कुतर्क बताता है कि हम कितने मूर्ख है
तर्क बताता है हम कितने जिज्ञासु है
जिज्ञासु बनिए, मूर्ख नही
Aadimanv ka ek kakaal Mila hai pura kese pta chala koi aadimanav rha hoga search kr
सृष्टि की उत्पत्ति स्वप्न से हुई है। सृष्टि एक सपना है। सपने में ही ब्रह्मा विष्णु महेश ओउम अकार उकार मकार सतोगुण रजोगुण तमोगुण ब्रह्मा विष्णु महेश यह सब सपन की उत्पत्ति है। पूर्ण ब्रह्म में से अलग है। वेद कह रहे हैं उसे ही जानो।
वेद ज्ञान -जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं। लेकिन वह वेदों से नहीं मिलेगा।
वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।। निष्कलंक ब्रह्म वाणी।।🎉🎉
Kaha pr Mila gi yaha to bata da app logo ko kis na pagel bana Diya h.
@@nanukumar7732 सच्चाई को ग्रहण नहीं कर पा रहे। इसलिए पागल बता रहे हो।
Parnam ji 👍
@@bhanwarsingh2671 प्रणाम जी
सत्य गुरु एक ही परमात्मा है जो सृष्टि कर्ता ईश्वर है जो सब के अंदर और बाहर सर्वत्र विराजमान है। वही सबका गुरु हैं।
आचार्य जी फिर जो ये धार्मिक बाबा कहते हैं कि महाभारत का युद्ध 5000 बीसी पहले हुआ था, तो ये तो कलयुग में ही हुआ
कलयुग प्रारंभ कब हुआ
और कब तक रहेगा
शायद यह सूचना अधिक ध्यान देने वाली है
Nhi 5140 saal phele draparyug ke last mai hua tha
विश्व में संत रामपाल जी महाराज के द्वारा दिया गया ज्ञान ही सत्य है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अवश्य पढे संत रामपाल जी महाराज के द्वारा लिखित आध्यात्मिक पुस्तक "ज्ञान गंगा "
पढ़ लिया है बकवास है
यह पुस्तक बहुत ही बकवासहै।
😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Sb apni apni dukan chla rhe he.hoihi wahi jo ram rachi rakha...............
कोई भी मनुष्य सतगुरु या परमात्मा नहीं हो सकता है सतगुरु का अर्थ है जो सबको ज्ञान देने वाला लख चौरासी जीवों को कौन ज्ञान देता है वही सतगुरु है। जिसकी कोई मूर्ति नहीं बनाई जा सकती वह सबके घट घट में विराजमान है। गुरु और परमात्मा एक है दो नहीं हो सकते। सत्य सनातन वैदिक धर्म।।
Snatan ka gyan itna annt hi koi bhi aam insaan uska vyakhya nhi kr sakta jiska sato chakra jagrit na ho