Shabdo se mahima karna mushkil hai Sabine team air Hindi Urdu flagship ko mubark aur thanks is program me liye wah! Wah! Kahe labor shabad ki dori satlok pugewa
Prahlad Singh Tipaniya Jee ke hardhik naman. Aapke karnapriye swar se gaya huwa kabir bhajan bahut achha laga. Bar bar sunne se bhi man nai man raha hai. Aapka bahut bahut dhanyabad.
Mane bhajan bout suna hai aur thoda bout gaya hai magar kabir jessy kathni aur Gorkh jeesa gaiyan dunia me hai nahi sanshar me marag batane ke lee aur mera koti koti pirnam prahalad singh ji ko jino ne aaj ess kalyug me apne sureli awaz me gaya hai Jai mahakalevshir jai shree maa harsiddhi ......
क्या आपको पता है (पू.गांधी जी के शहर) पोरबंदर के पास भी हरसिद्धि देवी (माता) का मंदिर है? 'हरसिद्धि' शब्द का अपभ्रंश होकर वहाँ के लोगों में "हरसद्ध"और फिर "हर्शद"/"हर्षद" हो गया है और "हर्षद माता का मंदिर" नाम प्रचलित हो गया है! यह ग़लत है क्योंकि इस नाम की कोई देवी नहीं है और वैसे भी 'हर्षद' शब्द पुरुषवाचक है जो किसी देवी/माता के लिए अनुपयुक्त है।
Lovely to see the collaboration between Shabnam Virmani and Prahlad Singh Tipanya and the musicians ...Thankyou .. Kabir's songs are alive to us many centuries later !blessings
Hriday aur Aatma se Naman hai Mahaan Bhaarat is Sanskruti ko, Sangeet ko aur un sabhi Gurujano ko Jinhone use Sahej kar Rakhaa jo aaj ham uska Anand Sopaan Prapt kar paa rahe hain... Sammaniy Prahlad ji aur unki mandali ko hamara aatmiy Aabhaar, Aaj is Manmohak Sangeet ko sunkar mano jaise Aatma ko Trupti si prapt hui hai use shabdon me bayaan karna asambhav hai....Jai Bhaarat
Prabhuvar.... Hame Brahangayaniyon ke samaksh koi Gyaan nahi hai..... Ham to Maatra ik Tuch Praani hain, Tuch maatra ik Kalakaar hain jo apne Bhaarat ke Lok Geet ka anand lete hain aur uske sivaay kachu bhi naahi Prabhu +++++
Agar Hamse kuch anuchit vaakya anjaane me nikal gaya ho to ham aapse Kshama Maangte hain Prabhu...Ham yahaan maatra Lok Geet ke Anand ka sopaan prapt karne aye hain....aur kuch bhi nahi Prabhu ++++++
Bhagwaan Shri Krushna ne kaha hai ki Vartmaan me hi reh kar Vartmaan ka Anand lena chaiye...Chaliye agar ham ye maan lein ki hame vo Brahmgyaani mil gaya jo 50 minutes ke baad ki baat bata de, ...to kya ham us Samay to Achha ya Bura banaa kar badalne ki kshamta rakhte hai ? Agar ham Bhavishya ko 50 minute pehle hi jaan kar badal ki kshamta rakhte hain to ham Brahmgyaani hi nahi Bhagwaan ban gaye...aur agar ham Bhavishya ko 50 min pehle hi Jaankar badalne ki kshamta nahi rakhte....to hamara yah vichaar hai ki ham Bhagwan nahi hain balke Bhagwan Shri Krushna ki us vaakya ko Angikaar kar lein ki ham Mrityu lok ke Manushyon ko Vartmaan me hi rehkar Jeena chahiye.....
Kabir is beyond language....I'm Kannadiga, didn't know Hindi. An enlightened man called Basaveshwara in Karnataka wrote Vachanas in Kannada like Kabir..Once I heard Kabir's Doha in which he compared his body to Rabab. Same comparison made by Lord Basaveshwara comparing his body to Tamboora. So, I astonished and starded to understand Kabir and started to understand Avadhi language. Now I comprehend Kabir songs better than Hindi people. Now, I came to know that Avadhi is different from Hindi....Lots of love to Kabir from Lord Basaveshwara's land Karnataka....🙏🙏🙏
Sant Kabir , One of the greatest Avatar ever walked on the earth..To understand the true meaning of the words of these bhajans , one has to be Sant him/herself.
सूक्ष्म वेदकी वाणीकेशबदो में गुप्त ज्ञानछिहुआहै है परमेश्वर कविर धरतीमे१२०वरष रहे परनतू संसार के लोग पहचान नहीं सके कविर ही भगवान है संतों कीशरण से पता चलता है संत साहेब बंदगी
Kabir understood all and everything. he knew he is not this human body. he understood this very clearly. His grateness still remains even the western world can yearn to hear his experience with TRUTH.
My Tributes,,,,of the recitation,,,PLUS she did her Home work well, she is reading Like a script, that Shows she has done her Home work,,Well,,,,, Hats Off to Urdu Hindi Forum, to Bring Sense to words, of Old sanskrit is Not easy,, specially Language translated is only for PHD Holders, to get the Rhythm Divine into it,,,we are all Blessed to have a Hand full of GREAT friends,,,Bohat Bohat Dhanevaad, Shukriya, all the best,,, proud to have seen this,,,,
thank you for uploading!!! bhajans are really awesome and touches directly bottom of heart. I listen this bunch of bhajans atleast once a day. VERY ENERGETIC!!!, and that beautiful lady also sings very good!!
घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग । घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग । पहले सोयो माता के गर्भ में उंधा मुख तु झूला.. अरे काॅल किया था भजन करूंगा, वचन दिया था तुझे भजूंगा बाहर आकर भूला जनम तेरा हो गयो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग ।। घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग… दूजा सोया माता के गोद में दूध पिया मुस्काया अरे बहन भुआ थारा लाड़ लड़ावे झूला दिया बंधाय बधावो थारो हो गयो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग… तीजा सोया तीरीया की सेज पे बाहों में बय्या डाली अरे मोह मद मे फसी गयो रे मोह-माया में उलझ गयो रे भूल गयो सब तोल ब्याव तेरो हो गयो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग… चिता को सोणो बाकी रईग्यो सब जग लियो है तू सोई अरे कहे कबीर थारी जाजण की तू जाग्यो नहीं गवार मरण तेरो हो गयो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग…
Great job spreading the essence of Indian philosophy of life soul stirring messages which are paramount to self realization peace human brotherhood tranquility and enlightenment of self my adulations and regards
Kabir the great his bhajans has many hidden meaning not for human but for god for example ghanadin so liyo abto jaag.shabd ki chot lagi jeevan badla tane kab lage... beautiful meaning poems...
चार कीमती रत्न ..... मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप इससे जरूर धनवान होंगे । 1~पहला रत्न है: "माफी" तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ़ कर देना। 2~दूसरा रत्न है: "भूल जाना"🙂 अपने द्वारा दूसरों के प्रति किये गए उपकार को भूल जाना, कभी भी उस किए गए उपकार का प्रतिलाभ मिलने की उम्मीद मन में न रखना। 3~तीसरा रत्न है: "विश्वास"🤗 हमेशा अपनी मेहनत और उस परमपिता परमात्मा पर अटूट विश्वास रखना । यही सफलता का सूत्र है । 4~चौथा रत्न है: "वैराग्य" हमेशा यह याद रखना कि जब हमारा जन्म हुआ है तो निशिचत हि हमें एक दिन मरना ही है। इसलिए बिना लिप्त हुवे जीवन का आनंद लेना । वर्तमान में जीना।
म्हारा सतगुरु बणीया भेदिया म्हारा सतगुरु बणीया भेदिया रे ओ म्हारी नाड़ी रे पकड़ी हाथ अरे उण नाड़ी में लेहर उपजे, हियो हिलोरा खाई गुरू म्हने ज्ञान दईग्या हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या हो म्हारा सतगुरू आंगण रूखडी रे हरे लिजो रे सब कोई अरे अवगुण ऊपर गुण करे म्हारा सभी पाप झड़जाय गुरु म्हने ज्ञान दईग्या हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या हो म्हारा सतगुरू सोना सोलमो रे अरे रती नी लागे दाग अरे सतगुरू भाला रोपीया म्हारा लागा कलेजा रा माई गुरू म्हने घायल करग्या हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या हां भाव रूख फैले घणो रे हरे फेली रयो रे चोफेर अरे भरी सभा मे बांटजो म्हारी अनंद सभा में बांटजो म्हारा बांट्या घडैला होई गुरु म्हने ज्ञान दईग्या हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या हा मन मोईणो चोरलो रे ईने सुरतारो करलो तार अरे सेवा गुरू अमृत रो प्यालो पियो के म्हने पिलाव गुरु म्हने ज्ञान दईग्या हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या हो म्हारा सतगुरु बणीया भेदिया रे ओ म्हारी नाड़ी रे पकड़ी हाथ अरे उण नाड़ी में लेहर उपजे, हियो हिलोरा खाई गुरू म्हने ज्ञान दईग्या हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या
I appreciate the job well done by the translator but the deep message of meditating on the "Anhad Nad" or divine soundcurrent in the last shabad, is lost in translation to our American friends and all who don't understand Hindi. This technique of listening to the Anhad Vaaja is what Prahlaad Ji is talking about starting from 49:25 and the "Oham-Soham" (at Trikuti Chakra) he refers to when he says "Kaisi Awaaz?" at 45:05. This is what Kabir Ji is pointing to in saying - "sunta hai koi guru gyani gagan mein awaaz howe jhina-jhina" ( translation: some rare disciple of the true guru hears this sound inside his mind sky which sounds like jhina jhina ...). All things said and sung :) this is the hidden message of Satguru Kavir Dev. Sat Saheb. Sat Sri Akaal.
कोई सुणता है गुरू ग्यानी गगन में कोई सुणता है गुरू ग्यानी गगन में आवाज हो रही झीणा झीणा ओहं सोहं बाजा बाजे त्रिकुटी शब्द निशाणी इंगला पिंगला सुखमन सोवे, अरे सुन ध्वजा फहरानी गगन में आवाज हो रही झीणा झीणा पहिले आये नाद बिंदु से पीछे जमाया पाणी सब घट पूरण बोली रहा है, अलख पुरूष निरबाणी गगन में आवाज हो रही झीणा झीणा वाहां से आया पता लिखाया तृष्णा नाहीं बुझाई अमृत छोड़ विष रस पीवे, उलटी फांस फसाणी गगन में आवाज हो रही झीणा झीणा दनभर रे जो नजर भर देखे अजर अमर हो निशाणी कहे कबीरा सुनो भाई साधो अगम निगम की या बाणी गगन में आवाज हो रही झीणा झीणा
जरा हलके गाड़ी हांको जरा धीरे धीरे गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले, जरा हलके गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले, जरा हौले हौले गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले।। है जी गाड़ी म्हारी रंग रंगीली, पहिया है लाल गुलाल, गाड़ी म्हारी रंग रंगीली, पहिया है लाल गुलाल, हाकण वाली छेल छबीली, बैठण वालो राम, रे भैया धीरे धीरे गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले।। है जी गाड़ी अटकी रेत में, म्हारी मजल पड़ी है दूर, गाड़ी अटकी रेत में, मेरी मजल पड़ी है दूर, धर्मी धर्मी पार उतर गया, पापी चकना चूर, रे भैया धीरे धीरे गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले।। है जी देस देस का वेद बुलाया, लाया जड़ी और बूटी, देस देस का वेद बुलाया, लाया जड़ी और बूटी, जड़ी बूटी तेरे काम ना आई, जब राम के घर की टूटी, धीरे धीरे गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले।। है जी चार जणा मिल माथे उठायो, बाँधी कांठ की घोड़ी, चार जणा मिल माथे उठायो, बाँधी कांठ की घोड़ी, ले जाके मरघट पे रखदि, फूंक दीन्ही जस होरी, रे भैया धीरे धीरे गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले।। बिलख बिलख कर तिरिया रोवे, बिछड़ गई मेरी जोड़ी, बिलख बिलख कर तिरिया रोवे, बिछड़ गई मेरी जोड़ी, कहे कबीर सुनो भई साधु, जिन जोड़ी तीन तोड़ी, रे भैया धीरे धीरे गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले।। जरा धीरे धीरे गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले, जरा हलके गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले, जरा हौले हौले गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले।।
शब्द को जान ले शब्द को पहचान ले शब्दों शब्द चल भाई शब्द आकाश है शब्द पाताल है शब्द ही गुरु है शब्द ही ज्ञान है शब्द ही वो शिक्षा है जो गुरु ने शिष्य को पढ़ाई है कबीर जी बार बार बोल रहे हैं पूर्ण इंसान बन आगे फिर चलेंगे पर समस्या ये होती आईं है की पहली को पास किए बिना दूसरी को जाना चाहते हैं जो असम्भव है शब्द तो परीक्षा है बिना दिए कैसे पास होगे असम्भव है परीक्षा मान लिया कठिन तो है पर ये सोच कर छोड़ देना या छोड़ते है वास्तव में शब्द ज्ञान कोई जीविका का साधन नहीं है इससे से इच्छा ही ही नहीं रहती बल्कि पूर्ण हो जाती है शब्द तो तुलना है भेद है करो कहीं जाना ही नहीं पड़ेगा ये जरूरी ही नहीं की जो आपको बताए उसे ज्ञान ही हो उसका जीविका का साधन ही हो शब्द में इतनी शक्ति है अगर समझ आ जाए तो दुबारा आप उसे बोल सके ये संभव ही नहीं है आप इसे तव तक ही रिपीट करते हो जब तक आपको ज्ञान नहीं है जब तक आप की जीव है तव तक ही हो रहा है जब अंदर चला जाएगा फिर आप इसे उगल नहीं सकते हो आपको देखने मात्र से ही सब कुछ पता चल जाता है और प्रचार कि जरूरत ही नहीं रहती ये लुटने की प्रक्रिया नहीं है ये लूटने कि है इसका सीधा सीधा संबद्ध भौतिक से फिर बही आध्यात्मिक में बदल जाएगा फिर उसी शब्द पर जाना होगा या तो वो आपको ले गया या नहीं तो क्यों नहीं आपने स्वय जाना है औरों का ठेका आपका नहीं है हम ठेकेदार बन जाते हैं परिणाम सामने है कबीर अपने को बोल रहा है और उसी को ही समझ आया है क्योंकि अंदर वो ही लेे गया गुरु जी जो भी बोल रहे वो आपकी सोच जांच रहे है अब तुलना या शोध तो हमें करना है पहले सुनना फिर जीव पर लाना यहां तक बहुत पहुंचे पर अंदर नहीं ले जा पाए मै विरोध नहीं कर रहा हूं गुणगान कर रहा हूं पर कितने लोग सही मानेगे ये है शब्द भेद इसे भेदी ही जान सकता है दोस्तो शब्द निर्माण क्या है शब्द से जो शब्द निकलेगा वो निर्माण है वो आपका होगा फिर आप उसकी जांच करोगे तव सिद्ध होगा हां अगर आप करते है तो अर्थात ये वो परीक्षा है जिसका प्रश्न भी आपने डालना है उस परीक्षा के सब कुछ भी आप हो आपको ही ज़बाब देना है आपको ही मार्किग करना है अपने को ही परिणाम देना है आपकी मर्जी है आप जो मर्जी निर्णय दे दो कितना आसान है पर समझ आए तव क्योंकि दूसरे से आप बिधी तो पूछ सकते हो पर गुजरना तो हमें ही होगा रास्ता पूछने या बताने से सफर तय नहीं होता है ज्यादा लम्बा या भारी तो नहीं है पर चलोगे ही नहीं तो असम्भव ही असम्भव है ये मेरा अपने शोद है किसी की भी बुराई नहीं है गलती के लिए माफ करना जय गुरु देव
प्रल्हादजी मनसे नमन...मला खुप भावते ही भजन गायकी...मन प्रफुल्लित होते... पुणे येथे हा कार्यक्रम व्हावा असे खुप वाटते..
T 😮,to❤e
इस भजन को सुनने से मेरा मन प्रफुल्लित हो उठा।
प्रल्हादजी का मधुर गायन और संत श्री कबीर की रचनाओं में नादब्रह्मा का और शब्द ब्रह्म का अनुभव हुआ है । प्रह्लाद जी को सादर प्रणाम हार धन्यवाद्
नशःनःशःनःशःःशः
नौनौशौःःःः
@@भवरबारिया😅. ..
Shabdo se mahima karna mushkil hai Sabine team air Hindi Urdu flagship ko mubark aur thanks is program me liye wah! Wah! Kahe labor shabad ki dori satlok pugewa
Prahlad Singh Tipaniya Jee ke hardhik naman. Aapke karnapriye swar se gaya huwa kabir bhajan bahut achha laga. Bar bar sunne se bhi man nai man raha hai. Aapka bahut bahut dhanyabad.
Brahangayani kon hai? Kaya aapko woh Brahangayani mila jo 50 minutes ke baad ki baton ka jawab de sakta ho
Mane bhajan bout suna hai aur thoda bout gaya hai magar kabir jessy kathni aur Gorkh jeesa gaiyan dunia me hai nahi sanshar me marag batane ke lee aur mera koti koti pirnam prahalad singh ji ko jino ne aaj ess kalyug me apne sureli awaz me gaya hai Jai mahakalevshir jai shree maa harsiddhi ......
Kabir's Gyan is of higher calibre than GORAKHNATHJI..
क्या आपको पता है (पू.गांधी जी के शहर) पोरबंदर के पास भी हरसिद्धि देवी (माता) का मंदिर है? 'हरसिद्धि' शब्द का अपभ्रंश होकर वहाँ के लोगों में "हरसद्ध"और फिर "हर्शद"/"हर्षद" हो गया है और "हर्षद माता का मंदिर" नाम प्रचलित हो गया है! यह ग़लत है क्योंकि इस नाम की कोई देवी नहीं है और वैसे भी 'हर्षद' शब्द पुरुषवाचक है जो किसी देवी/माता के लिए अनुपयुक्त है।
@@SadguruPrernaTrust kabeer barahm or paarparahm dono hi hn jabki gorkhnath paarbaraham nhi hn...
शब्दों का ज्ञान एक नया शब्द उत्पन्न करता है उससे जो आनंद आता वह ईश्वर के दर्शन कराता है
Lovely to see the collaboration between Shabnam Virmani and Prahlad Singh Tipanya and the musicians ...Thankyou .. Kabir's songs are alive to us many centuries later !blessings
Hriday aur Aatma se Naman hai Mahaan Bhaarat is Sanskruti ko, Sangeet ko aur un sabhi Gurujano ko Jinhone use Sahej kar Rakhaa jo aaj ham uska Anand Sopaan Prapt kar paa rahe hain... Sammaniy Prahlad ji aur unki mandali ko hamara aatmiy Aabhaar, Aaj is Manmohak Sangeet ko sunkar mano jaise Aatma ko Trupti si prapt hui hai use shabdon me bayaan karna asambhav hai....Jai Bhaarat
Brahangayani kon hai?Kaya aapko woh Brahangayani mila jo 50 minutes ke baad ki baton ka jawab de sakta ho
Prabhuvar.... Hame Brahangayaniyon ke samaksh koi Gyaan nahi hai..... Ham to Maatra ik Tuch Praani hain, Tuch maatra ik Kalakaar hain jo apne Bhaarat ke Lok Geet ka anand lete hain aur uske sivaay kachu bhi naahi Prabhu +++++
Agar Hamse kuch anuchit vaakya anjaane me nikal gaya ho to ham aapse Kshama Maangte hain Prabhu...Ham yahaan maatra Lok Geet ke Anand ka sopaan prapt karne aye hain....aur kuch bhi nahi Prabhu ++++++
+Amit Chauhaan yeh hi to problem hai hum sirf man ko khush Kar rahe hain baat nahin samaj rahe
Bhagwaan Shri Krushna ne kaha hai ki Vartmaan me hi reh kar Vartmaan ka Anand lena chaiye...Chaliye agar ham ye maan lein ki hame vo Brahmgyaani mil gaya jo 50 minutes ke baad ki baat bata de, ...to kya ham us Samay to Achha ya Bura banaa kar badalne ki kshamta rakhte hai ? Agar ham Bhavishya ko 50 minute pehle hi jaan kar badal ki kshamta rakhte hain to ham Brahmgyaani hi nahi Bhagwaan ban gaye...aur agar ham Bhavishya ko 50 min pehle hi Jaankar badalne ki kshamta nahi rakhte....to hamara yah vichaar hai ki ham Bhagwan nahi hain balke Bhagwan Shri Krushna ki us vaakya ko Angikaar kar lein ki ham Mrityu lok ke Manushyon ko Vartmaan me hi rehkar Jeena chahiye.....
Kabir is beyond language....I'm Kannadiga, didn't know Hindi. An enlightened man called Basaveshwara in Karnataka wrote Vachanas in Kannada like Kabir..Once I heard Kabir's Doha in which he compared his body to Rabab. Same comparison made by Lord Basaveshwara comparing his body to Tamboora. So, I astonished and starded to understand Kabir and started to understand Avadhi language. Now I comprehend Kabir songs better than Hindi people. Now, I came to know that Avadhi is different from Hindi....Lots of love to Kabir from Lord Basaveshwara's land Karnataka....🙏🙏🙏
Nanu panjabaninda idini. Nanna dharma sikh. Sikh dharmanallu namma gurugalu Sant Kabirna tumba sanmaana kottidru. Karnatakada sate song nallu helide - "Nanak Ramanand Kabirara bharat jananiye tanujate". Nanu basaweshwara bagge hechu gottu tagbeku.
Un @@mistersingh6470
ek pita janam dene wala,dosra Guru -gyaan dene wala.
🌹🙏🙏🌺🌻 aderyan prahladgi बहुत सुंदर प्रसूति मन प्रफुल्लित हो गया साधुवाद मोहनभाई जी पटेल ना जय परमात्मा धन्यवाद 👈🌹🙏🙏🏽🙏🏼🌺🌻🥀🌷👋👋👈🤘🇬🇶👋🏼👈
Sant Kabir , One of the greatest Avatar ever walked on the earth..To understand the true meaning of the words of these bhajans , one has to be Sant him/herself.
सूक्ष्म वेदकी वाणीकेशबदो में गुप्त ज्ञानछिहुआहै है परमेश्वर कविर धरतीमे१२०वरष रहे परनतू संसार के लोग पहचान नहीं सके कविर ही भगवान है संतों कीशरण से पता चलता है संत साहेब बंदगी
सत्यमेव जयते
Kabir के ही अवतार संत रामपाल जी महाराज आए है उनको सुन कर देखो जीवन बचा लो मेरे भाइयों
Qqq
@@krishnaverma4324❤😊l fr
@@ramnarayanchauhan9413😊
😊
😊 pol pol😊 op😊 po plop 00 pop lol pop pop lp LL lp p plop lol plop P po
India is proud of you for representing it across the world 😊
Kabir understood all and everything. he knew he is not this human body. he understood this very clearly. His grateness still remains even the western world can yearn to hear his experience with TRUTH.
💗
🙏
उत्कृष्ट प्रस्तुतीकरण आनंददायक सराहनीय आदरणीय..🎉🎉🎉🎉
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Great translation by the lady, such command over both hindi/urdu and english, such clarity. AWESOME.
Rubbish.. That is not the true translation..Words for the audience.
My Tributes,,,,of the recitation,,,PLUS she did her Home work well, she is reading Like a script, that Shows she has done her Home work,,Well,,,,, Hats Off to Urdu Hindi Forum, to Bring Sense to words, of Old sanskrit is Not easy,, specially Language translated is only for PHD Holders, to get the Rhythm Divine into it,,,we are all Blessed to have a Hand full of GREAT friends,,,Bohat Bohat Dhanevaad, Shukriya, all the best,,, proud to have seen this,,,,
गुरु ऐंड शिष्य....क्या बात है... कोटी कोटी नमन आपको
Sha mark tu Narayani Jagat ki mata hai
Thanks
❤ सुन कर आनद ही नहीं आनद का बाप भी आता है।❤ SONA GARH se ❤️
heart touching saint kabir , thanks prahlad Singh tipaniyal to share is saint kabir bhajan
बहुत बहतरीन! आदरणीय शबनम जी! बधाई!
साहेब बंदगी।बार बार सुनने में भी बड़ा मज़ा आता है।
Thank u Prahladji , can't express my feelings. Awesome ..,........
You make India shine internationally ..... 😊
Prahladji's voice is excellent,viraniji explain nicely in English,good combination
Nice to hear and good interpretation by Madam Virmani.
thanks a lots to uplooader,,....very nice
thank you for uploading!!!
bhajans are really awesome and touches directly bottom of heart. I listen this bunch of bhajans atleast once a day. VERY ENERGETIC!!!, and that beautiful lady also sings very good!!
उस महिला मै साहेब का वास है
Congratulations All Team Of Prahlad Tipaniya Sir !!
बहुत सुंदर वाणी की गुरु वंदना हमें बड़ी प्यारीलगी जयगुरुदेव री सा
Stolen heart performance, thank you so much all the hand and hearts,
घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग ।
घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग ।
पहले सोयो माता के गर्भ में उंधा मुख तु झूला..
अरे काॅल किया था भजन करूंगा,
वचन दिया था तुझे भजूंगा बाहर आकर भूला
जनम तेरा हो गयो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग ।।
घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग…
दूजा सोया माता के गोद में दूध पिया मुस्काया
अरे बहन भुआ थारा लाड़ लड़ावे झूला दिया बंधाय
बधावो थारो हो गयो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग…
तीजा सोया तीरीया की सेज पे बाहों में बय्या डाली
अरे मोह मद मे फसी गयो रे मोह-माया में उलझ गयो रे
भूल गयो सब तोल ब्याव तेरो हो गयो रे
अब तो जाग मुसाफिर जाग
घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग…
चिता को सोणो बाकी रईग्यो सब जग लियो है तू सोई
अरे कहे कबीर थारी जाजण की तू जाग्यो नहीं गवार
मरण तेरो हो गयो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग…
बहोत अच्छे जी कबीर जी का अति सुन्दर कार्यक्रम ऐसे कार्यक्रम भारत में भी होने चाहिए
Danya aapke mata VA pita Ko
@@umeshkumarprajapati2406 x CT FYI) $4th ^
😁
@@umeshkumarprajapati2406 c6 ft f
Shabnam, you did good job by translating ..... Artists/Singers.... wonderful experience...
khub saras prahladji tame kabir gava mate peda thaya chho
Satnam
Best bhajan Kabir ji ke
JAI GOPAL,Sadar NAMAN, Man trapt ho gaya. ANANDMAY~DIVAS
Satyanam Paylagu Bandagi Saheb. So Good lage raho
bus nonstop sunte he jao awesome
Great job spreading the essence of Indian philosophy of life soul stirring messages which are paramount to self realization peace human brotherhood tranquility and enlightenment of self my adulations and regards
one of the best series of songs Shabhnam made possible with her project Kabir, 4 dvd's..
बहुत बहुत सुन्दर गुरुदेव
BHUT MITHA BHJN LGA ME 21 SAL SE AAPKA BHJN ROJ SUNTA HU
Kabir the great his bhajans has many hidden meaning not for human but for god for example ghanadin so liyo abto jaag.shabd ki chot lagi jeevan badla tane kab lage... beautiful meaning poems...
સાહેબ
Amazing.....bless you all for sharing Kabir philosophy >>
क्या आलाप भरा है! वाह!
Feels peace of mind listening such Bhajan
Jai guru dev ji
चार कीमती रत्न .....
मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप इससे जरूर धनवान होंगे ।
1~पहला रत्न है: "माफी"
तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ़ कर देना।
2~दूसरा रत्न है: "भूल जाना"🙂
अपने द्वारा दूसरों के प्रति किये गए उपकार को भूल जाना, कभी भी उस किए गए उपकार का प्रतिलाभ मिलने की उम्मीद मन में न रखना।
3~तीसरा रत्न है: "विश्वास"🤗
हमेशा अपनी मेहनत और उस परमपिता परमात्मा पर अटूट विश्वास रखना । यही सफलता का सूत्र है ।
4~चौथा रत्न है: "वैराग्य"
हमेशा यह याद रखना कि जब हमारा जन्म हुआ है तो निशिचत हि हमें एक दिन मरना ही है। इसलिए बिना लिप्त हुवे जीवन का आनंद लेना । वर्तमान में जीना।
these bhajan have very strong massage and they have power to change the whole life thanks to tipaniya Ji
:-S S charan
Simply superb , God bless us all .
Nice...sang by team..and shabnamji...Thanks to all ..
❤️
🙏
आदरणीय आनंददायक प्रस्तुतीकरण आदरणीय सराहनीय..🎉🎉
.
Nomoskar
Nomoskar 0
पूज्य संत श्री गुरु कबीर जी के चरणों में मेरी माता जी, भाई ओर मेरी तरफ से कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏!!
T
जय श्री साहेब बंदगी
Waahhh ! Pralaad ji saaheb Waahh ! Shabnam ji aapne to kammaal hee kar didaa !
भजन गाने वाले सभी आदरणीय लोगों के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏!!
म्हारा सतगुरु बणीया भेदिया
म्हारा सतगुरु बणीया भेदिया रे
ओ म्हारी नाड़ी रे पकड़ी हाथ
अरे उण नाड़ी में लेहर उपजे, हियो हिलोरा खाई गुरू म्हने ज्ञान दईग्या
हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या
हो म्हारा सतगुरू आंगण रूखडी रे
हरे लिजो रे सब कोई
अरे अवगुण ऊपर गुण करे म्हारा सभी पाप झड़जाय
गुरु म्हने ज्ञान दईग्या
हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या
हो म्हारा सतगुरू सोना सोलमो रे
अरे रती नी लागे दाग
अरे सतगुरू भाला रोपीया म्हारा लागा कलेजा रा माई
गुरू म्हने घायल करग्या
हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या
हां भाव रूख फैले घणो रे
हरे फेली रयो रे चोफेर
अरे भरी सभा मे बांटजो म्हारी अनंद सभा में
बांटजो म्हारा बांट्या घडैला होई
गुरु म्हने ज्ञान दईग्या
हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या
हा मन मोईणो चोरलो रे
ईने सुरतारो करलो तार अरे सेवा गुरू अमृत रो प्यालो पियो के म्हने पिलाव
गुरु म्हने ज्ञान दईग्या
हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या
हो म्हारा सतगुरु बणीया भेदिया रे
ओ म्हारी नाड़ी रे पकड़ी हाथ
अरे उण नाड़ी में लेहर उपजे, हियो हिलोरा खाई गुरू म्हने ज्ञान दईग्या
हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या
Devine words and music.
What a joy to listen to!!!! absolutely lovely.. 💕🌻🌿🍂🐯🐰🌸💙
bhajan ki duniya ke siempre he tipniyaji saheb
बहुत ही गजब शब्द है साहब
enjoysome,one can understand the greatness of kabir
Prahlad Ji Ke Vani me Satyata Hai isleye anand se periporan hai
Periporan ! nahi . Sadhak /sadhu walking the path of the Master.
shabd kam padenge....bohat khoob..!!bohat khoob...!!
Jay Ho Kabir ki
Jay ho
बहुत ही गजब मस्त गायन है साहब
Sat saheb ji
Beautiful, soulful music!
Koti Koti Naman Gurudev
Very nice bhajan
beautiful!
Vah tippani ji vah Kabir
जय हो 🚩🙏
Very nice video thanks
jay sat guru de❤❤❤❤❤❤❤❤
It's so amazing to hear kabir
God bless you
अतिउत्तम, साहेब बंदगी।
बहुत सुंदर स्वामी जी
Ilove your songs
कबीर दास जी के भजन बहुत ही बेस्ट
I appreciate the job well done by the translator but the deep message of meditating on the "Anhad Nad" or divine soundcurrent in the last shabad, is lost in translation to our American friends and all who don't understand Hindi. This technique of listening to the Anhad Vaaja is what Prahlaad Ji is talking about starting from 49:25 and the "Oham-Soham" (at Trikuti Chakra) he refers to when he says "Kaisi Awaaz?" at 45:05. This is what Kabir Ji is pointing to in saying - "sunta hai koi guru gyani gagan mein awaaz howe jhina-jhina" ( translation: some rare disciple of the true guru hears this sound inside his mind sky which sounds like jhina jhina ...). All things said and sung :) this is the hidden message of Satguru Kavir Dev. Sat Saheb. Sat Sri Akaal.
This is your 3rd eye. Also called Agya chakra
Paaji Brahangayani ka pata laga jo 50 minutes ke baad baat ho rehi hai
Jagan Ji iska maram toh khud koi brahmgyani hi batayega. Uski khoj keejiye aur apna guru dhaariye. Sat Saheb.
kabir bhajan mohanlal Songara
kabir bhajan mohanlal Songara
जय गुरुदेव
कोई सुणता है गुरू ग्यानी गगन में
कोई सुणता है गुरू ग्यानी गगन में
आवाज हो रही झीणा झीणा
ओहं सोहं बाजा बाजे त्रिकुटी शब्द निशाणी
इंगला पिंगला सुखमन सोवे, अरे सुन ध्वजा फहरानी
गगन में आवाज हो रही झीणा झीणा
पहिले आये नाद बिंदु से पीछे जमाया पाणी
सब घट पूरण बोली रहा है, अलख पुरूष निरबाणी
गगन में आवाज हो रही झीणा झीणा
वाहां से आया पता लिखाया तृष्णा नाहीं बुझाई
अमृत छोड़ विष रस पीवे, उलटी फांस फसाणी
गगन में आवाज हो रही झीणा झीणा
दनभर रे जो नजर भर देखे अजर अमर हो निशाणी
कहे कबीरा सुनो भाई साधो अगम निगम की या बाणी
गगन में आवाज हो रही झीणा झीणा
Soul nourishing music!!!
Can someone give words on Hindi for the first Bhajan please or all of them please
साहेब बंदगी
Jay satguru dev..🌹🌹🙏🙏🙏🌹🌹..jay kabir saheb
जरा हलके गाड़ी हांको
जरा धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले,
जरा हलके गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले,
जरा हौले हौले गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले।।
है जी गाड़ी म्हारी रंग रंगीली,
पहिया है लाल गुलाल,
गाड़ी म्हारी रंग रंगीली,
पहिया है लाल गुलाल,
हाकण वाली छेल छबीली,
बैठण वालो राम,
रे भैया धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले।।
है जी गाड़ी अटकी रेत में,
म्हारी मजल पड़ी है दूर,
गाड़ी अटकी रेत में,
मेरी मजल पड़ी है दूर,
धर्मी धर्मी पार उतर गया,
पापी चकना चूर,
रे भैया धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले।।
है जी देस देस का वेद बुलाया,
लाया जड़ी और बूटी,
देस देस का वेद बुलाया,
लाया जड़ी और बूटी,
जड़ी बूटी तेरे काम ना आई,
जब राम के घर की टूटी,
धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले।।
है जी चार जणा मिल माथे उठायो,
बाँधी कांठ की घोड़ी,
चार जणा मिल माथे उठायो,
बाँधी कांठ की घोड़ी,
ले जाके मरघट पे रखदि,
फूंक दीन्ही जस होरी,
रे भैया धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले।।
बिलख बिलख कर तिरिया रोवे,
बिछड़ गई मेरी जोड़ी,
बिलख बिलख कर तिरिया रोवे,
बिछड़ गई मेरी जोड़ी,
कहे कबीर सुनो भई साधु,
जिन जोड़ी तीन तोड़ी,
रे भैया धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले।।
जरा धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले,
जरा हलके गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले,
जरा हौले हौले गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले।।
अति सुन्दर❤🎉
😅😊
Beautiful bhajan thanks to all of you
मे.होनी.पे.विशवास.रखताहु.विशवास.ओर.सच.की.हमेचा.जीत.होती.है
Sabnam bahin sat saheb
Prahladji guguji ko bhi sat saheb
Wah Sabnamji ,
शब्द को जान ले शब्द को पहचान ले शब्दों शब्द चल भाई शब्द आकाश है शब्द पाताल है शब्द ही गुरु है शब्द ही ज्ञान है शब्द ही वो शिक्षा है जो गुरु ने शिष्य को पढ़ाई है कबीर जी बार बार बोल रहे हैं पूर्ण इंसान बन आगे फिर चलेंगे पर समस्या ये होती आईं है की पहली को पास किए बिना दूसरी को जाना चाहते हैं जो असम्भव है शब्द तो परीक्षा है बिना दिए कैसे पास होगे असम्भव है परीक्षा मान लिया कठिन तो है पर ये सोच कर छोड़ देना या छोड़ते है वास्तव में शब्द ज्ञान कोई जीविका का साधन नहीं है इससे से इच्छा ही ही नहीं रहती बल्कि पूर्ण हो जाती है शब्द तो तुलना है भेद है करो कहीं जाना ही नहीं पड़ेगा ये जरूरी ही नहीं की जो आपको बताए उसे ज्ञान ही हो उसका जीविका का साधन ही हो शब्द में इतनी शक्ति है अगर समझ आ जाए तो दुबारा आप उसे बोल सके ये संभव ही नहीं है आप इसे तव तक ही रिपीट करते हो जब तक आपको ज्ञान नहीं है जब तक आप की जीव है तव तक ही हो रहा है जब अंदर चला जाएगा फिर आप इसे उगल नहीं सकते हो आपको देखने मात्र से ही सब कुछ पता चल जाता है और प्रचार कि जरूरत ही नहीं रहती ये लुटने की प्रक्रिया नहीं है ये लूटने कि है इसका सीधा सीधा संबद्ध भौतिक से फिर बही आध्यात्मिक में बदल जाएगा फिर उसी शब्द पर जाना होगा या तो वो आपको ले गया या नहीं तो क्यों नहीं आपने स्वय जाना है औरों का ठेका आपका नहीं है हम ठेकेदार बन जाते हैं परिणाम सामने है कबीर अपने को बोल रहा है और उसी को ही समझ आया है क्योंकि अंदर वो ही लेे गया गुरु जी जो भी बोल रहे वो आपकी सोच जांच रहे है अब तुलना या शोध तो हमें करना है पहले सुनना फिर जीव पर लाना यहां तक बहुत पहुंचे पर अंदर नहीं ले जा पाए मै विरोध नहीं कर रहा हूं गुणगान कर रहा हूं पर कितने लोग सही मानेगे ये है शब्द भेद इसे भेदी ही जान सकता है दोस्तो शब्द निर्माण क्या है शब्द से जो शब्द निकलेगा वो निर्माण है वो आपका होगा फिर आप उसकी जांच करोगे तव सिद्ध होगा हां अगर आप करते है तो अर्थात ये वो परीक्षा है जिसका प्रश्न भी आपने डालना है उस परीक्षा के सब कुछ भी आप हो आपको ही ज़बाब देना है आपको ही मार्किग करना है अपने को ही परिणाम देना है आपकी मर्जी है आप जो मर्जी निर्णय दे दो कितना आसान है पर समझ आए तव क्योंकि दूसरे से आप बिधी तो पूछ सकते हो पर गुजरना तो हमें ही होगा रास्ता पूछने या बताने से सफर तय नहीं होता है ज्यादा लम्बा या भारी तो नहीं है पर चलोगे ही नहीं तो असम्भव ही असम्भव है ये मेरा अपने शोद है किसी की भी बुराई नहीं है गलती के लिए माफ करना जय गुरु देव
Beautiful deep explanation
अति सुंदर